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दो सवाल?

दो सवाल?


प्रिय मित्रों,
मै कोई बहुत प्रतिष्ठित प्राणी तो नहीं हूं इस कायनात का पर यहां जो भी मैंने आपको बताया है वो मेरा गहन अध्ययन ही है अगर कोई बात अंदर तक लगती है तो लगने देना जब तक अन्दर स्वाभिमान और आत्मा को ना झकझोर दे वो बात दिल तक नहीं जाती। बस दो सवाल की बात है -
लक्ष्य पाने के लिए आपका , दो सवाल खुद से करना बहुत जरूरी है ।
1. क्यों ?
2. कैसे ?
जी हां दोस्तों यही,
क्यों ? आपको हर वक़्त लक्ष्य के बीच आने वाली रुकावटों से लड़ने की क्षमता या शक्ति को बढ़ाने में सहायक होगा। आप जब- जब थक जायेंगें और जब आप टूट जाएंगे तब - तब ये क्यों ही आपको उठ कर फिर से लड़ने का सामर्थ देगा ।
और कैसे? ये ही आपको जीत तक ले जाने में आपकी रणनीति को , आपके किए प्रयास के बारे में बताएगा की वो कामयाब था या फिर नहीं था? और कितना कामयाब था , कैसे और कामयाब आप उसको बना सकते है।
लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत तो सभी करते है, पर ये मेहनत सही दिशा में हो, ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है, और ये आपको कोई सक्सेसफुल पर्सन कभी नहीं बता सकता । जो हरता है उसके पास अनुभव होता है, गुरु और शिष्य में जितना का अंतर होता है, बस इतना सा ही अंतर हार और जीत का होता है ,और इतना ही अंतर जीतने वाले और हारने वाले के बीच भी होता है।
हा मगर ये बात भी ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि वो कोशिश लगातार , निरंतर चलते रहने वाला होना चाहिए, जो रुके तो हो सकता है आप बहुत पीछे चले जाओगे।
जीवन बहुत कठिन है उनके लिए जिनका कोई लक्ष्य होता है और लक्ष्य बड़ा हो तो फिर जीवन में कठिनाइयों का लेवल आपके PUBG के लेवल से भी ज्यादा होता है।
बहुत से लोग तो ये समझ ही नहीं पाते कि शुरुआत कैसे हो, यदि आप एक अनुभवहीन है तो मेरे तरफ से आपके लिए इससे बेहतरीन लेख हो ही नहीं सकता -
सबसे पहले कुछ पल शांत होकर बैठ कर ये विचार करें कि आपका जीवन आपके परिवार के सदस्यों के लिए कितना कीमती है , आप क्या दे सकते है अपने तरफ से परिवार, समाज, राज्य, और इस देश को। कोई एक लक्ष्य जरूर आपको दिखेगा बस इस लक्ष्य को ही अपनी हथेली की लकीरों में आपको अपनी मर्जी से सजाना है । फिर क्या वहीं दो सवाल कीजिए ,अपने आप से
क्यों पाना है ये लक्ष्य ?
जवाब बहुत सारे होंगे यकीन मानिए काफी दिलचस्प जवाब होंगे आपके पास और उस वक़्त आपकी आंखों में बहुत ही कीमती मोती बाहर की तरफ रास्ता बना रहे होंगे। यही क्यों का जवाब आपको आपके लक्ष्य तक ले जाएगा।
अब आपको दूसरा सवाल करना है,
कैसे पहुंचना है लक्ष्य तक?
इसका जवाब भी रोचक होगा आपके लिए क्योंकि आप पहली बार एक साथ परिवार, समाज, राज्य, और इस देश के बारे में सोच रहे है जिसको आप अपना कुछ खुशी खुशी दे रहे है।
इस सोच के साथ ही आपका नया जन्म हुआ है ।
अब लक्ष्य को पाने के लिए आपको जो करना पड़े आप करेंगे यही से आपकी मुलाकात होगी त्याग से कुछ पाने के लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। आपको अपने अंदर की आग को धीरे धीरे बारूद बनाना पड़ेगा। इस लक्ष्य से जुड़े कोई एक आदर्श व्यक्ति को आदर्श मान कर आगे की ओर अग्रसर होने की कोशिश लगातार (निरंतर) प्रयासरत रहना पड़ेगा। ये इसलिए भी जरूरी है कि आपने एकलव्य के बारे में सुना होगा। अब एक प्लान तैयार करें कि उस लक्ष्य तक पहुंचने में क्या क्या रुकावट आपको आ सकती है। और उसका कैसे आपको मुकाबला करना है याद रहे एक बार जो ये शुरू हो गया तो बिना मंजिल को पाए ना थकना है और ना रुकना है। जो भी कमी है उसका पता लगाइए और एक निश्चित समय सीमा में उस कमी को पूरा करने का दृढ़ निश्चय।
इच्छाशक्ति प्रबल होगी तो वो लक्ष्य आपके करीब होगा । इस अद्भुत क्षमता की घड़ी में आपको बहुत सारा धीरज की, त्याग की, जरूरत होगी कुछ नजंदाज करने की आदत भी विकसित करनी पड़ेगी । लोग आपका मजाक उड़ाएंगे , आपको पीठ पीछे गालियां देंगे , आपको परेशान करेंगे , आपको अपने लक्ष्य से भटकाने का प्रयास भी करेंगे , आपके ध्यान को बांटने का भी प्रयास करेंगे यही आपको सही /गलत का फैसला लेना पड़ेगा और जो गलत है उनका साथ छोड़ अपने कर्म पर आगे बढ़ना पड़ेगा ।
करम करता जा फल की चिंता मत कर इसे अनुसरण करना पड़ेगा , आप लक्ष्य तक पहुंचने में कई बार असफल होंगे, आपके ऊपर कई प्रकार की बाधाएं आएंगी और ये सिर्फ आपके हौसले और आपकी शक्तियों का परिचय लेने का भगवान की परीक्षा होगी। दरअसल वो ये देखना चाहते है इस पल की आप इस लक्ष्य के लायक है भी या नहीं, और इस पल न तो आपको टूटना है और न ही रुकना उस असफलता का क्या कारण था पता लगा कर उसे सुधारना ही आपका एक मात्र उद्देश्य होना चाहिए।
कोई एक बार की गई गलती, गलती नहीं होती बल्कि गलती का जान बुझ कर दुहराना ही गलती है। और यही आदत आपको लक्ष्य से दूर कर सकती है सावधान हर छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें।
आपके इसी निरंतर प्रयासरत रहने कि वजह से आप एक दिन अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे।

और अनततः भगवान को वो लकीर आपकी हथेली पर आपकी मन मर्जी से सजानी पड़ेगी।

आपके जीवन को एक नई दिशा देने के लिए मेरा छोटा सा प्रयास।
अगर मेरा ये लेख किसी एक कि भी दुनिया बदलने में कामयाब हो जाए तो मै अपनी लेखनी का कर्ज उतारने में अपने आपको सफल मानूंगा।
आपका, आपके परिवार का कल्याण हो।
धन्यवाद।
Arjuna Bunty.


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