- स्टडी टेबल
अल सुबह खिड़की से बाहर उगते सूर्य को देखना, हवा में उड़ती हुई पेड़ की पत्तियों में ताजगी को महसूस करना, सुबह ही खुशनुमा एहसास के लिए हमें प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिए। देर रात सोना और देर सवेर उतना आम बात है, लेकिन देर रात सोकर भी सुबह जल्दी उठ जाना आम बात नहीं है।
रात को जब सोया था, मोबाइल अपने से थोड़ी दूर ही रखा था। सुबह नींद खुली धरती को नमन करते, खिड़की से सूर्योदय देखना दिन की खूबसूरत शुरुआत के लिए फायदेमंद होता है। खिड़की के बगल में ही मिट्टी का मटका रखा हुआ है, मन किया पानी पीना चाहिए, लेकिन मन वापस बिस्तर वाले रूम में आने का किया, सूर्योदय देखने के लिए किचन में आना पड़ता है। जब वापस रूम में आया अलमारी में ध्यान गया, एक कैरी बैग में कुछ किताबें रखी हैं, जिसमें से एक दो देखने के बाद, कमलेश्वर जी की "लौटे हुए मुसाफिर" किताब पढ़ने के लिए निकाल ली और बिस्तर पर ही बैठे किताब पढ़ने लगे।
कुछ पन्ने पढ़ने लगे, किसी किताब का शुरू से ही पाठक को बांधे रहना भी एक लेखक की काबिलियत होती है। तभी एक हमारे रूममेट बगल में अपने बिस्तर में लेटे हुए मोबाइल में olx पर कुछ सामान देख रहे थे, टेबल की तलाश ने ध्यान आकर्षित किया स्टडी टेबल पर, साफ सुथरी सी टेबल पिंक कलर की थी, वैसे रंग देखकर लगा जरूर किसी लड़की की हो सकती है।
अब किसी चीज़ की आवश्यकता हो तो रंग और डिज़ाइन का क्या करना, बस अच्छा हो और काम आए। चैट का विकल्प आया और दोस्त बतियाने लगे, टेबल की कीमत 200 ₹ ही थी, डन कर दिए और शाम को उसके पते पर पहुँच गए। स्टडी टेबल लिए और पाँच सौ का नोट दिए। लड़की जब रूम से निकली थी, hii कहती! उस समय ही दिल में एंट्री मार दी। और फिर जब तक वो बात रही, मैं देखता रहा। दोस्त ने उसको पांच सौ का नोट दिया और 200 काटकर 300 मांगने लगा तो और उतनी ही असहज स्थिति में बोली, सॉरी चेंज नहीं है। मैं तुरंत ही कह दिया, ऑनलाइन पेमेंट कर दें ? उसके चेहरे पर ऐसी मुस्कान मानो मैंने कहा हो! क्या हम दोस्त बन सकते हैं ? और उसने मुस्कुराते हुए, हाँ में जवाब दिया हो।
नीले रंग का सूट पहने, कान में इयरफोन और हाथ में स्टडी टेबल लिए जब वह अपने रूम से बाहर गेट पर आई, क्या कहने "पहली नज़र ने कैसा जादू कर दिया" दिल में ट्यून बजी थी। जब उसने कहा, "फोन पे" कर दीजिए और वो शांत खड़े बाहर छोटे बच्चों को देखने लगी। मैंने कहा जी, नंबर ? उसने बोलना शुरू किया, और नंबर के साथ नाम फ्लैश हुआ, नूरी।
फिर दिल में एक और गाना ट्यून किया। ये रात और ये दूरी तेरा मिलना है ज़रूरी, ये दिल मेरा धक- धक डोले, दीवाना लिए जाए हिचकोले।
पूरी कहानी पढ़ें आप ? पढ़ लिए न! कैसी लगी ? प्रतिक्रिया देंगे न आप ?
- - तेज साहू