बात एक रात की - 27 Aashu Patel द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

बात एक रात की - 27

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 27 )

‘दिलनवाझ की बॉडी का पोस्टमोर्टम करने वाले डॉक्टर वाडिया के साथ मेरी बातचीत हुई| उसने कहा कि दिलनवाझ की मौत पानी में डूबने से नहीं हुई, लेकिन गर्दन पर हुए प्रहार से हुई| उसके ब्रैन के सबसे नीचे के हिस्से और स्पाइनल कोड के पहले जोईन्ट पर जख्म से इंटरनल ब्लीडिंग हुआ था| गर्दन के उपरी हिस्से के बीचों बीच ब्रैन के पार्ट मेड्युला ओब्लेगेंटा में सभी वाइटल सेंटर्स होते हैं, जो हार्ट पम्पिंग और रेस्पिरेशन सहित महत्व की क्रियाओं को कंट्रोल करते हैं| इस अत्यंत संवेदनशील पार्ट पर प्रहार होने से दिलनवाझ की तत्काल मौत हो गई|’

जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार पुलिस कमिशनर पटनायक को कह रहे थे|

अमोल कुमार लगातार सिनियर इंस्पेक्टर विश्वास और डेप्युटी कमिशनर नरेश सिन्हा से अपडेट्स ले रहे थे और कमिशनर पटनायक को ब्रीफ करते थे|

‘अर्थात किसी ने दिलनवाझ का मर्डर कर के उसकी लाश समुद्र में फेंक दी |’ पटनायक का चेहरा तंग हो गया|

-------

‘दिलनवाझ की घड़ी में एक बाल फंसा हुआ मिला जो किसी महिला का है| ये बाल और यॉट की गैलरी में से दिलनवाझ का मोबाइल फोन मिला था इन दोनों चिजो को जाँच के लिए फोरेंसिक सायंस लेबोरेटरी में भेज दिया गया है लेकिन मोबाइल से अभी डेटा रिकवर नहीं हुआ| मोबाइल दिलनवाझ की फिंगर या पासवर्ड से ही ओपन होता था| उसकी वाइफ को भी पासवर्ड का पता नहीं|‘

डेप्युटी कमिशनर नरेश सिन्हा जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार से कह रहे थे|

‘फोरेंसिक सायंस लेबोरेटरी के डिरेक्टर से रिकवेस्ट कीजिए कि हो सके इतनी जल्दी मोबाइल से डेटा रिकवर कर के दे|‘ अमोल कुमार ने ताकीद की|

---------

‘यॉट पर दो टेण्डर गर्ल्स, दो कूक और छह वैटर्स भी थे, लेकिन इनमें से कोई भी हॉल में नहीं गये थे| कूक किचन में था और उसके लिए किचन के एक छौर पर बाथरुम है इसलिए उसे हॉल के बाथरूम का उपयोग करने की जरुरत नहीं थी| वैटर्स भी किचन और स्विमिंग पुल के आसपास में आ-जा रहे थे| किचन और हॉल को जोड़ने वाला कोई दरवाजा नहीं है| अत: कूक अथवा वैटर्स में से किसी की हॉल में जाने की संभावना नहीं है| इस लिए स्पष्ट है कि दिलनवाझ द्वारा आमंत्रित लोगों में से ही किसी ने उसका मर्डर किया है|

सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार डेप्युटी कमिशनर नरेश सिन्हा को कह रहे थे|

...................

‘सर, पार्टी के दौरान दिलनवाझ का शैली सागर के साथ बड़ा झगडा हुआ था| उसने कहा था कि शैली मेरे साथ बेड शेर करती थी इससे शैली गुस्सा हो गई थी| उसने दिलनवाझ को शूट करने के लिए पर्स से पिस्तौल निकाली थी| उस वक्त डॉन सैयद मलिक के भाई अहेसान ने शैली का हाथ उँचा कर दिया था इस लिए हवाई फायर हो गया और दिलनवाझ बाल – बाल बच गया था| तब मैंने शैली के हाथ से पिस्तौल ले ली थी| इसके बाद भी शैली चिल्ला रही थी कि आई विल किल यु बास्टर्ड|‘

एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर जॉइंट पुलिस कमिशनर अमोल कुमार को कह रहा था|

‘यॉट पर फायरिंग हुई और दिलनवाझ के मर्डर की कोशिश हुई इसको तुमने इतने हल्के में क्यों लिया?’ अमोल कुमार ने तीखे स्वर में कहा|

‘सोरी सर| इसके बाद दिलनवाझ ने शैली की माफी माँगी थी और दोनों के बीच मनमुटाव हो गया था|‘

‘दिलनवाझ जैसे सुपरस्टार और संसद सभ्य के मर्डर का प्रयास हुआ ये घटना तुम्हें सामान्य लगी?

अमोल कुमार के पाटणकर पर चार हाथ थे, लेकिन अभी उन पर चीफ मिनिस्टर और पुलिस कमिशनर का भारी प्रेशर था ऐसे में यह बात जानकर वह बौखला गये थे|

‘सोरी सर|‘ पाटणकर अस्वस्थ होने लगा था|

------

‘दिलनवाझ के मर्डर केस में नम्बर वन हिरोइन शैली सागर गिरफ्तार हुई| दिलनवाझ के मर्डर से पहले ही शैली सागर ने उसके मर्डर की कोशिश की थी| उसने दिलनवाझ पर गोली भी चलाई थी|‘

टीवी चेनल पर ब्रेकिंग न्युझ देखकर जॉइंट कमिशनर अमोल कुमार की भावभंगिमा तंग हो गई| उसने सिनियर इंस्पेक्टर इनामदार को कॉल लगाया|

‘सर’, इनामदार ने कहा|

‘इनामदार, अभी केस सोल्व करने पर ध्यान दो| मीडिया के मित्रों के साथ दोस्ती निभाने में नहीं|’ अमोल कुमार ने नाराजगी व्यक्त की|

-------

एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट पाटणकर जॉइंट कमिशनर को मिलकर बाहर निकला तब टेन्स था| उसका मोबाइल फोन लगातार वाइब्रेट हो रहा था| लगातार किसी का फोन कॉल आ रहा था, लेकिन वह जॉइंट कमिशनर के सामने कॉल रिसिव नहीं कर सकता था|

उसने बाहर निकलकर कॉल बेक किया|

सामने वाली व्यक्ति ने कॉल रिसिव कर के जो कहा यह सुनकर पाटणकर को पसीना छूट गया|

*******