बात एक रात की - 2 Aashu Patel द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बात एक रात की - 2

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 2 )

'दीदी, माय स्ट्र्गल इझ ओवर! केन यु बिलिव, 'ध' अमन कपूर सिलेक्टेड मी एझ हीरोइन फॉर हिझ अपकमिंग फिल्म ! आई कान्ट एक्सप्रेस माय फिलिंग्स |'

 मयूरी माथुर जयपुर में रहती अपनी बहन मोहिनी को फोन पर कह रही थी |

'धेट्स ग्रेट, मयु ! आई न्यु धेट योर ड्रीम विल कम ट्रू टूडे | आय'म सो हॅपी फॉर यु, माय डियर सिस |' मोहिनी ने कहा | 

 'दीदी, दीदी, धेट्स नोट ऑल ! यु नो, हु इझ ध हीरो ऑफ ध फिल्म? सुपरस्टार दिलनवाझ खान! ओह दीदी! आय'म इन सेवन्थ हेवन!' मयूरी थनगन रही थी, अमन कपूर ने साइनिंग की फोर्मालिटी पूरी करने के लिए मुझे कल सुबह ग्यारह बजे उनकी ऑफीस में बुलाया है |'

'आई विश अभी मैं तुम्हारे साथ होती! तो हम साथ मिलकर सेलिब्रेट करते |' मोहिनी ने कहा | 

 'मोंम-डेड आज होते तो कितना खुश होते |' मयूरी ने कहा | बोलते - बोलते उसका गला भर गया और आँखें नम हो गई। 

 मोहिनी भी इमोशनल हो गई | लेकिन फिर तुरंत ही अपने आप पर अकुंश करके वह बोली, 'डोंट क्राय माय स्वीट सिस | मॉम-डेड जहाँ कहीं पर भी होंगे वहाँ से तुम्हें देखते होंगे और तुम्हारे अचीवमेंट से खुश होते होंगे | 

 'दीदी,तुम थोड़े दिन के लिए बम्बई आ जाओ न | आई वोंट टु सेलिब्रेट धीस सक्सेस विथ यु |'

 'क्यों तुम भूल गई? मुझे दो दिन के बाद यु.एस. ओपन मार्शल आर्ट चेम्पियनशिप में हिस्सा लेने न्युयोर्क जाना है | '

 'ओह ! मैं इतनी एक्साइटेड हूँ कि मुझे याद ही नहीं रहा, दीदी | विश यु अ ग्रांड सक्सेस | लेकिन वापस आते वक्त बम्बई होते हुए जयपुर जाना दीदी | '

'मैं थोड़े दिन यहाँ नहीं रहूंगी इसलिए आकर मुझे हॉस्पिटल में वक्त देना पड़ेगा | मैं वापस आ जाऊं फिर तुम थोड़े दिन के लिए जयपुर आ जाना | 

दोनों बहन देर तक बातें करती रही | 

....................

'काव्या, व्हेर आर यु?' मोहिनी के साथ कॉल पूरा होने के बाद मयूरी ने उसकी फ्लेट पार्ट्नर को कॉल किया | उसकी आवाज में उतेजना थी | उसके पैर धरती पर स्थिर नहीं रह रहे थे | वह अपनी खुशी काव्या के साथ शेर करना चाहती थी | कई समय से साथ रहने की वजह से दोनों के बीच अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी | काव्या के साथ वह लंबी बातें करती थी | दोनों कई बार डिनर पर बाहर भी जाते थे | 

'आई बाबा, जस्ट टु मिनट्स अवे | 'ट्यूलिप स्टार' के सिग्नल पर ही हूँ | सिग्नल खुलने की देर |'

 'जल्दी आओ! आई एम इगरली वेटिंग!' मयूरी की आवाज में थनगनाहट थी |  

  'अरे ! अभी तो तुम्हारी आवाज डाउन थी | अब अचानक तुम्हारी आवाज में इतना एक्साइटमेंट कहाँ से आ गया? काव्या ने पूछा | 

  'मुझे जेक्पोट लग गया है! तुम जल्दी आओ | आई वोंट टु शेर समथिंग विथ यु!'

'अरे लेकिन क्या है? इस तरह सस्पेन्स क्रियेट मत कर! मुझे शॉर्ट में बता तो सही |'

   'अमन कपूर सिलेक्टेड मी फॉर हिझ अपकमिंग फिल्म! अपोज़िट दिलनवाझ खान !'

'वॉट!'

    'यस |'

    'ग्रेट! पार्टी दो!’

कल सब फाइनल हो जाएगा फिर मेरियट में जाकर सेलिब्रेट करेंगे |'

.............

तीन मिनट के बाद काव्या 'पृथ्वी' थियेटर में पहुंची तब मयूरी उसे उमंग से गले लग गई | लेकिन काव्या उसे यंत्रवत गले लगी थी | उसने मयूरी से अलग होते हुए कहा, 'कॉंग्रेट्स | आई एम सो हॅपी फॉर यु |’ लेकिन उसके शब्दों में उष्मा नहीं थी और उसकी आँखों में ईर्ष्या दिखाई पड़ रही थी | हालांकि मयूरी इतने उत्साह में थी कि उसने नोंध नहीं ली | 

  काव्या ने कृत्रिम उमंग बताते हुए मयूरी को अभिनंदन दिया था, लेकिन उसके मन में मयूरी के प्रति ईर्ष्या जाग उठी थी | वह भी मयूरी की तरह हीरोइन बनने का सपना लेकर दिल्ही से बम्बई आई थी | उसने नॅशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अभ्यास किया था | वह चार साल से बॉलीवुड में स्ट्र्गल कर रही थी, लेकिन उसे छोटे-छोटे रोल से आगे सफलता नहीं मिल रही थी | मयूरी बम्बई आई तब रहने के लिए जगह ढूँढ रही थी | तब उसकी पहचान काव्या के साथ हुई थी | काव्या उसके जैसी ही एक स्ट्र्गलिंग लड़की के साथ फ्लेट किराए पर रखकर रहती थी | लेकिन वह लड़की को एक सफल टीवी सीरियल में लीड रोल मिल गया तो उसने थोड़े समय के बाद अपना फ्लेट खरीद लिया इसलिए काव्या अकेली पड़ गई थी और मयूरी साथ रहने के लिए आ गयी थी | मयूरी और काव्या दोनों संघर्ष करती थी इसलिए दोनों को एक दूसरे के प्रति सहानुभूति थी | मित्र साथ- साथ संघर्ष करते हो तब एक दूसरे से ज्यादा करीब होते हैं लेकिन दोनों में से एक आगे बढ़ जाता है तो दूसरे मित्र की ईर्ष्या का केन्द्र बन जाता है | काव्या और मयूरी के किस्सें में भी ऐसा ही हुआ था | 

...............

'एण्ड हियर इझ ध चेक ऑफ योर साइनिंग अमाउंट |'

 मयूरी ने अग्रीमेंट साइन किया इसके बाद पाँच लाख रुपये का चेक उसकी ओर बढ़ाते हुए अमन कपूर ने कहा | 

मयूरी ने थरथराते हाथ से चेक लिया | 

'थेंक्यु वेरी मच, सर | धीस इझ ध बिगेस्ट डे ऑफ माय लाइफ!' मयूरी ने कहा | 

अमन कपूर ने अतीत में भी कई नवोदितों को चान्स दिया था इसलिए उसे मयूरी की नर्वसनेस और उतेजना समज में आ रही थी | उसने मुस्कुराते हुए कहा, 'यु आर वेलकम बेबी |' फिर कहा, 'अभी तो मेरी दूसरी कई एपॉइंटमेंट्स है सो कांट स्पेंड मोर टाइम | हम रात आठ बजे हॉटल 'प्लेटिनम प्लाझा' में मिलेंगे | तब मैं तुम्हारी दिलनवाझ खान से भेंट करा दूंगा और 'बॉम्बे ब्ल्यूझ' फिल्म की स्टोरी भी समझा दूंगा |'

............

'दीदी, साइनिंग की फोर्मालिटीझ पूरी करके जस्ट बाहर निकली ही हूँ | मेरे हाथ में साइनिंग अमाउंट का पाँच लाख रुपये का चेक है!’ मयूरी मोहिनी से कह रही थी | 

वाउ! कॉंग्रेट्स, मयु | फिल्म कब शुरू होनेवाली है?'
'ये तो अभी अमन कपूर ने नहीं कहा, लेकिन आज शाम को वह मुझे दिलनवाझ खान के साथ मिलाएगा और स्टोरी भी समजाएगा ऐसा कहा है |'

.............

'वॉट विल यु हेव?' दिलनवाझ खान मयूरी को पूछ रहा था | उसने ब्लु लेबल व्हिस्की का पेग बनाते हुए मयूरी को पूछा | दिलनवाझ, अमन कपूर और मयूरी फाइव स्टार हॉटल 'प्लेटिनम प्लाझा' में दिलनवाझ के स्वीट में बैठे थे | 
मयूरी थोड़ी ज्यादा नर्वस हो गयी थी | उसने हिचकिचाते हुए कहा, 'सॉरी सर, मैं ड्रिंक नहीं लेती |'
'कम ओन! डॉन्ट बीहेव लाइक अ स्मोल टाउन गर्ल!' दिलनवाझ मुस्कुराया | उसने कहा, 'ड्रिंक नहीं लेती तो आज से शुरू कर | यु आर दिलनवाझ खान'स हीरोइन! अब तुझे पार्टीझ के इन्विटेशन मिलने शुरू हो जायेंगे |'
अमन कपूर ने भी मयूरी को ड्रिंक के लिए आग्रह किया | मयूरी इंकार नहीं कर पाई | दिलनवाझ ने उसे ब्लु लेबल का लार्ज पेग बनाकर दिया | 
 'चीयर्स |' दिलनवाझ ने मयूरी और अमन कपूर के ग्लास के साथ ग्लास टकराते हुए कहा | 
 'चीयर्स |' अमन कपूर के साथ मयूरी ने भी कहा | वह संकोच में बैठी थी | 
ब्लु लेबल के पेग के थोड़े घूँट पेट में जाने से मयूरी की नर्वसनेस कम हुई | 
 वे बातें कर रहे थे तब अमन कपूर पर किसी का कॉल आया | उसने फॉन पर बात करके दिलनवाझ को कहा, 'तपन त्रिपाठी कॉफ़ी शॉप में आ गया है | मैं उसे मिलकर आता हूँ।’

 तपन त्रिपाठी एक्टर था | वह कई फिल्मों में सेकेंड लीड रोल में चमक चुका था | वह भी अमन कपूर की तरह 'गे' था | दिलनवाझ को तपन बिल्कुल पसंद नहीं था, लेकिन अमन कपूर तपन के प्रेम में था | इसलिए दिलनवाझ उसके साथ 'हाय-हेलो' तक सम्बन्ध रखता था | 

 अमन के जाने के बाद दिलनवाझ और मयूरी बातें करते रहे | दिलनवाझ ने मयूरी को आग्रह करके उसके लिए दूसरा पेग भी बनाया | 
 आल्कोहॉल की वजह से मयूरी की नर्वसनेस दूर होने लगी थी | अब वह थोड़ी कंफर्टेबल होकर दिलनवाझ से बातें कर रही थी | 
'मयूरी, यु हेव नेचरल ब्युटी एण्ड अ वेरी सेक्सी फिगर | आई विल मेक यु नम्बर वन हीरोइन |'
 'थेंक्यु, सर |' मयूरी ने कहा | 
 'डोन्‍ट युझ 'सर' वर्ड, कॉल मी दिलनवाझ |'
 'बट सर...'
 'अगेन 'सर'! लेट मी मेक यु कंफर्टेबल |'
 बोलते-बोलते दिलनवाझ मयूरी के पास आया | उसने मयूरी का हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया और फिर उसे बाहुपाश में जकड़कर उसके लिप्स पर आवेग से किस की | 
 'आई लव यु, डियर | 'दीर्घ चुंबन करने के बाद वह बोला | अवाक मयूरी कुछ प्रतिक्रिया दे उससे पहले दिलनवाझ उसे उठाकर स्वीट के बेडरूम में ले गया | 
चंद मिनट के बाद मयूरी उसकी वर्जिनिटी गँवा चुकी थी |

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