बात एक रात की - 10 Aashu Patel द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बात एक रात की - 10

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 10 )

'दीदी, दिलनवाझ ने मुझे कहा है कि वह मुझे उसके साथ दूसरी भी एक फिल्म दिलवाएगा|' मयूरी उसकी बड़ी बहन मोहिनी के साथ बात कर रही थी|

'धेटस ग्रेट| आई एम वेरी हॅपी फॉर यु|' मोहिनी ने कहा, लेकिन फिर तुरंत ही सवाल किया, 'तुम्हारी पहली फिल्म कब शुरू होने वाली है?'

'शॉर्ट टाइम में ही शुरू हो जाएगी ऐसा दिलनवाझ ने मुझे कहा है|'

'तु अब उसे दिलनवाझ कहकर बुलाने लगी है? तु तो 'सर' कहती थी न|' मोहिनी ने दूसरा सवाल किया| 

'नहीं, नहीं, दीदी| उसके सामने तो मैं उन्हें 'सर' कहकर ही बुलाती हूँ| ये तो तुम्हारे साथ बात करते समय दिलनवाझ बोलती हूँ|' सचेत होकर मयूरी ने स्पष्टता कर दी| फिर मोहिनी को आगे बोलने का मौका दिए बिना ही उसने कहा, 'दीदी अब तुम भी बम्बई आ जाओ| अब मैं सेटल हो रही हूँ|'

'अरे| मैं वहाँ आ जाऊंगी तो फिर यहाँ हॉस्पिटल का खयाल कौन रखेगा? बीच में यु.एस. की लंबी टूर पे गई थी इसकी वजह से कितना काम बढ़ गया है|'

मयूरी और मोहिनी के माता-पिता जयपुर के प्रसिध्ध डॉक्टर्स थे| उसकी हॉस्पिटल में उसके साथ कई डॉक्टर्स की पेनल थी| वे दोनों की एक एक्सिडंट में अकाल मृत्यु हो जाने के बाद मोहिनी ने उसकी हॉस्पिटल का संचालन संभाल लिया था| वह एम.बी.बी.एस. के बाद हायर मेडिकल एज्युकेशन के लिए अमरिका जाना चाहती थी, लेकिन पेरेंट्स की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसने जयपुर में ही एम.डी. करने का निश्चय किया था| 

'आई मिस यु वेरी मच, दीदी|' मयूरी इमोशनल हो गई| 

'आई मिस यु टु, माय डियर सिस|' मोहिनी की आवाज में भी स्नेह था| फिर उसने तुरंत ही कहा, 'तुम्हारी फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले थोड़े दिन यहाँ पे रुकने आ जा| कब शुरू होगी तुम्हारी फिल्म?'

'फिल्म शुरू होने की डेट्स फिक्स नहीं हुई| हालांकि अभी तो फिल्म के लिए निरन्तर मीटिंग्स होती रहती है लेकिन बीच में समय रहेगा तो मैं आ जाऊंगी|'

'मयु...' मोहिनी कुछ कहने गई लेकिन फिर रुक गई| 

'हा दीदी?'

'जाने दो, कुछ नहीं|'

'नहीं, बोल दीदी | तुम कुछ कहने जा रही थी|'

मोहिनी ने दो-तीन सेकेंड का पोझ लेने के बाद कहा, 'मयु, तुम सब के साथ थोड़ा डिस्टन्स रखना| आई मीन....'

'डोन्‍ट वरी, दीदी| आई नो व्हेर टु ड्रो अ लाइन|' मयूरी ने तसल्ली दी| 

मयूरी को दिलनवाझ खान के सामने हीरोइन के तौर पे ब्रेक मिला इससे मोहिनी बहुत खुश हुई थी, लेकिन आज मयूरी ने कहा की दिलनवाझ खान दूसरी फिल्म भी दिला रहा है इससे मोहिनी को अजीब फीलिंग हुई थी| दिलनवाझ और अमन कपूर मयूरी को इतना महत्व दे रहे हैं इसके पीछे दूसरी कोई वजह तो नहीं होगी न ऐसा  विचार मोहिनी के मन में आ गया था| 

मयूरी ने कहा कि 'डोन्‍ट वरी दीदी| आई नो व्हेर टु ड्रो अ लाइन' ये सुनकर मोहिनी को अच्छा लगा| तब मोहिनी को अंदाज भी नहीं था कि मयूरी सब लाइन क्रॉस कर चुकी होगी|

..............

तुम्हारी दिलनवाझ खान के साथ फिल्म कब शुरू होने वाली है?' मयूरी की फ्लेट पार्ट्नर काव्या पूछ रही थी| 

'थोड़े ही समय में शुरू हो जाएगी|' काव्या के सवाल से थोडी अनकंफर्टेबल हो गई मयूरी ने जवाब दिया| 

तुम तो कहती थी न कि बहुत शॉर्ट टाइम में ही तुम्हारी फिल्म की शूटिंग शुरु हो जाएगी|' अभी तो अमन कपूर या दिलनवाझ ने एनाउंस भी नहीं किया कि उन्होंने तुम्हें हीरोइन के तौर पे साइन किया है| काव्या के स्वर में व्यंग्य था| 

'तुम कहना क्या चाहती हो?' मयूरी गुस्सा हो गई| 

उसे अब समझ में आ गया था कि काव्या उसकी ईर्ष्या करने लगी थी| काव्या बार-बार उसे ताना भी मारने लगी थी, लेकिन मयूरी धैर्य रखती थी| वैसे भी वह अब ज्यादा समय काव्या के साथ रहने वाली नहीं थी| उन्हें फिल्म मिली इसलिए ओलरेडी वह अपने लिए अलग फ्लेट ढूँढने लगी थी| थोड़े ही समय में वह शिफ्ट हो जाने वाली थी| 

'अरे| मैं तो केझ्युअली पूछ रही हूँ| तुम इतना इरिटेट क्यों हो गई?' काव्या ने बात बदल दी| 

उस वक्त मयूरी बाहर जा रही थी इसलिए वे दोनों के बीच आगे कुछ बात नहीं हुई, लेकिन मयूरी के मन में काव्या ने तरंगे पैदा कर दी थी| 

...............

'हमारी फिल्म कब फ्लोर पे जाएगी?' 'प्लेटिनम प्लाझा' के स्वीट में और एक ‘सेशन’ के बाद मयूरी दिलनवाझ को पूछ रही थी| वह आगे भी यह सवाल कई बार दिलनवाझ को पूछ चुकी थी| वह उत्सुकता से फिल्म शुरू होने का इंतजार कर रही थी| 

मयूरी के सवाल से दिलनवाझ थोड़ा खिन्न हो गया| अपनी खिन्नता को छिपाते हुए कहा, 'मैंने तुम्हें कहा न कि बहुत शॉर्ट टाइम में हमारी फिल्म शुरू हो जाएगी|'

'हमारी फिल्म का अनाउन्समेंट भी नहीं हुआ|' मयूरी ने कहा| 

दिलनवाझ को अपनी एक फिल्म का डायलॉग याद आ गया कि चाहे व्यक्ति कितनी ही पावरफुल क्यों न हो किसी औरत के नजदिक जाने के बाद थोड़े ही समय के बाद वह औरत उसके साथ अधिकारपूर्ण बर्ताव करने लगती है| दिलनवाझ को लगा कि यह लड़की उसे 'सर' कहकर संबोधित करती थी, लेकिन उसने ही सामने चलकर उन्हें दिलनवाझ कहकर संबोधित करने के लिए तैयार की थी यह उसकी भूल थी |

'अरे| राइट टाइम पे अनाउन्समेंट भी हो जाएगा| रिलेक्स|' दिलनवाझ ने बात को शॉर्ट करते हुए कहा| 

.........

'आजकल वो शेखर मल्होत्रा की  फिल्म की शूटिंग के लिए रोज़ फिल्मसिटी जाता है| उसका कोई टाइम फिक्स नहीं होता है, पर वो ज्यादातर सुबह ग्यारह बजे के आसपास घर से अपनी कार में निकलता है| उसके पीछे उसका बिझनेस मेनेज़र और एक पी. आर. वाली लड़की दूसरी कार में निकलते हैं| एक कार में उसके सिक्यूरिटी गार्ड्स पीछे आते हैं| उसकी कार में पुलिस का एक कमांडो रहता है| जिसके पास स्टेनगन रहती है| वो चला पाएगा तब तक तो हमारी एके फिफ्टी सिक्स के कई फायर हो चुके होंगे| ड्राइवर के पास कोई वेपन नहीं रहता ऐसा मालूम पड़ा है| उसने गन लायसंस लिया हुआ है, लेकिन वो पिस्तौल या और कोई वेपन साथ लेके घूमता है वो मालूम नहीं पड़ा है| उसके लिए एकाद दिन और लगेगा|' 

बान्द्रा की एक हॉटल के एक रूम में गेंगस्टर येडा शकील उसके इमिजियेट बोस को जानकारी दे रहा था| शकील को किसी ओपरेशन पे भेजा जाये और उसका दिमाग फटके तो वह टार्गेट के अलावा दो-चार व्यक्तियों को मार डालता था| वह बाइक या कार लेकर जा रहा हो और रास्ते में किसी के साथ अनबन हो जाय तो किसी को भी आराम से गोली मार देता था| इसलिए उसका नाम येडा शकील पड़ गया था| उसका दिमाग़ निरंतर गर्म रहता था, लेकिन वह काम में बहुत उस्ताद था| उसे किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने का काम सौंपा जाये तब वह संपूर्ण जानकारी ढूँढ आता था| अभी वो दिलनवाज़ के बारे में जानकारी दे रहा था| 

उसके पास से सारी जानकारी सुनकर उसके इमिजियेट बोस ने उन्हें सूचना दी: 'क्या करना है वो ध्यान से सुन| इसमें ज़रा भी गरबड नहीं होनी चाहिए| मामला सीरियस है...'

येडा शकील उसके बोस की सूचना ध्यान से सुनता था| बोस ने बात पूरी की उसी वक्त उसकी आँखों में चमक आ गई| 'ये तो बहुत सिम्पल काम है, मैं ही कर लूंगा|' वह उत्साह से बोल पड़ा| 

'नहीं, तुम्हें खुद ये काम नहीं करना है| तुम एक टीम बनाओ और उससे ये काम करवाना है| तुम्हें सिर्फ थोड़े मीटर दूर खड़े रहकर सुपरविझन करना है|'

येडा शकील को बोस का हुकम अच्छा नहीं लगा, लेकिन बोस के सामने बोलने की उसकी हिम्मत नहीं थी और औकात भी नहीं थी इसलिए उसे कहना पड़ा, 'जी भाई, आपके हुक्म के मुताबिक ही एक्शन प्लान तैयार हो जाएगा|'

'किसी भी हालात में ये प्लान फेइल नहीं होना चाहिए|'

'टेंशन मत लो भाई, ये तो मेरे बाएँ हाथ का काम है|' येडा शकील बाहर गया इसके बाद बोस ने एक युवान को बुलाकर कहा: 'मिशन फेइल नहीं होना चाहिए और एक भी ज्यादा आदमी नहीं मरना चाहिए और हा, येडा कुछ भी गरबड न करें इसका ध्यान तुम्हें रखना है| वह गरबड करें तो गोली मार देना|'

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