बात एक रात की - 20 Aashu Patel द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बात एक रात की - 20

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 20 )

‘कोंग्रेट्स्।‘

कुछ महीनों के बाद अमन दिलनवाझ से कह रहा था।

लोकसभा चुनाव का परिणाम आना शुरु हो गया था और नोर्थ- सेन्ट्रल बम्बई सीट पर दिलनवाझ उसके प्रतिस्पर्धी को 2 लाख 91 हजार मत से हराकर चुनाव जीता था।

दिलनवाझ का मोबाइल फोन लगातार बज रहा था। सभी उसे अभिनंदन देने के लिए कॉल कर रहे थे।

‘थेंक्यु,अमन।‘

‘अब तुम पर सबकी नजर रहेगी। तुम्हें बहुत केरफुल रहना पड़ेगा। अब तुम सिर्फ सुपरस्टार नहीं, रुलिंग पार्टी के एम.पी. भी हो।‘ अमन ने मुस्कुराते हुए सलाह दी।

‘तो क्या करु?’ एक नये डिरेक्टर का कॉल आ रहा था इसे रिजेक्ट करते हुए दिलनवाझ ने पूछा।

‘अब ‘प्लेटिनम प्लाझा’ के तुम्हारे ‘सेशंस’ बंद करने पडेगे!’ अमन ने आंख मिचौली करते हुए कहा।

‘आई डोन्ट केर ! दिलनवाझ ने कहा, मैं सारी जिंदगी किसी की भी परवाह किये बिना जिया हूँ और आगे भी ऐसे ही जिऊँगा।‘

उसी वक्त दिलनवाझ पर किसी का कॉल आया। दिलनवाझ ने कुछ सेकेंड सोचने के बाद कॉल रिसिव किया।

‘कोंग्रेच्युलेशन्स।‘ डॉन सैयद मलिक कह रहा था।

‘थेंक्यु, भाई।‘ दिलनवाझ ने कहा।

अमन को समझ में आ गया था कि फोन पर सैयद मलिक है।

थोड़ी औपचारिक बातें करने के बाद सैयद ने कहा, ‘अहेसान फिल्म प्रोडक्शन में आ रहा है। वह कहता था कि अगर दिलनवाझ फिल्म में हो तो फिल्म सफल हो जाने की गेरंटी मिल जाती है। मैंने उसे कहा है कि मैं तुम्हें दिलनवाझ के साथ पाँच फिल्म का कोंट्रेक्ट करा देता हूँ। हमने इलेक्शन में मत दिलाने में उसकी मदद की ही है न!’

दिलनवाझ ने थोड़ी सेकेंड्स का पोझ लिया। उसने कुछ सोचा और फिर कहा, ‘लेकिन भाई, मैं तो अगले दो साल तक की डेट्स दे चुका हूँ।‘

दिलनवाझ के जवाब से सैयद को भी धक्का लगा हो इस तरह वह भी थोड़ी सेकेंड्स के लिए चूप हो गया। फिर उसने कहा, ‘अहेसान हमारा भाई है इसलिए हमें कोई रास्ता तो निकालना ही पड़ेगा न? मैंने उसे प्रोमिस दे दिया है कि मैं दिलनवाझ के साथ तुम्हारा कोंट्रेक्ट करा दूंगा। अब उसे ऐसा तो नहीं कह सकते कि तुम्हें दिलनवाझ को साइन करने के लिए दो साल इंतजार करना पड़ेगा !’

सैयद की आवाज में गर्भित धमकी थी ये दिलनवाझ की समझ में आ गया था। उसे थोड़ा टेन्शन हुआ, लेकिन फिर उसे याद आया कि अब वह सिर्फ फिल्मस्टार ही नहीं, संसद सभ्य भी बन चुका है। इस वास्तविकता से उसमें आत्मविश्वास का संचार भी हुआ। फिर भी उसने सम्भलकर कहा: ‘अहेसान मेरे लिए भी भाई ही है। मुझे थोड़ा समय दीजिए। मैं कोई रास्ता निकालता हूँ।

उसके ऐसे शब्दों से सैयद को लगा कि दिलनवाझ थोड़ी पीछे हट कर रहा है तो उसने भार पूर्वक कहा, ‘तुम एक बार कोंट्रेक्ट साइन कर लो डेट्स का बाद में देख लेंगे।‘

दिलनवाझ को एक पल ऐसा हुआ कि सैयद को कह दे कि तुमसे हो सके वो कर ले, मैं तुम्हारे भाई के साथ कोंट्रेक्ट नहीं करुंगा। लेकिन फिर तुरन्त ही उसने अपने मन पर अंकुश कर लिया। उसने कहा, ‘मैं पहले देख लूँ कि मेरी डेट्स किस तरह एडजस्ट हो सकती है। इसके बाद मैं सामने से अहेसान को बुला लूंगा।‘

‘चाहे डेट्स थोड़े महिने बाद एडजस्ट हो एक बार कोंट्रेक्ट तो साइन कर ले अहेसान के साथ।’ सैयद ने फिर भार पूर्वक कहा।

‘कोंट्रेक्ट करने के बाद मैं डेट्स ही नहीं दे पाऊँगा तो आपका ही बूरा लगेगा भाई।‘ दिलनवाझ ने कहा।

सैयद के मन में एक गंदी गाली आ गई लेकिन फिर कुछ सोचकर उसने अपने आप पर अंकुश कर लिया। उसने कहा, ‘ठीक है, लेकिन ध्यान में रखना। अहेसान को मैंने प्रोमिस दे दिया है।‘

‘अरे हम कोई रास्ता निकालेंगे भाई।‘ दिलनवाझ ने कहा।

हालांकि दिलनवाझ की आवाज के टोन पर से सैयद को समझ में आ गया था कि वह अहेसान के साथ कोंट्रेक्ट करने के मूड में नहीं !’

..............

‘मुझे ‘झेड प्लस’ सिक्युरिटी दिलाइए।‘

दिलनवाझ चीफ मिनिस्टर किसनराव पाटिल से कह रहा था। वह पाटिल को मिलने सी.एम. के बंग्लोझ गया था।

‘झेड प्लस’ सिक्युरिटी तो रेर केस में ही मिल सकती है।‘ किसनराव ने कहा।

‘मेरी हत्या का प्रयास हुआ था, मैं सुपरस्टार हूँ और अब संसद सभ्य भी बन चुका हूँ। इतनी वजह काफी नहीं है ‘झेड प्ल्स’ सिक्युरिटी के लिये?’ दिलनवाझ ने बहस की।

‘मैंने आपको ‘वाय’ सिक्युरिटी कवर तो सामने से ही दिलाया था।‘ किसनराव ने कहा।

‘लेकिन ‘वाय’ सिक्युरिटी कवर इनफ नहीं है, सर।‘ दिलनवाझ ने भार पूर्वक कहा।

‘लेकिन मैं आपको ‘झेड प्ल्स’ सिक्युरिटी कवर दिलाऊँ तो फिर दूसरे संसद सभ्य और मिनिस्टर्स भी मेरे पास आकर ‘झेड प्लस’ सिक्युरिटी कवर मांगेगे !’

‘लेकिन मुझ पर खतरा है।‘ दिलनवाझ ने फिर से बहस की।

लम्बी चर्चा के बाद किसनराव दिलनवाझ को ‘झेड प्लस’ तो नहीं लेकिन ‘झेड’ सिक्युरिटी कवर दिलाने के लिए तैयार हुए।

...............

‘मेरी टिकट काटकर वह संसद सभ्य बन गया, लेकिन वह पॉलिटिक्स में किस तरह टिकता है वह मैं देखता हूँ।‘

एम.एल.ए. इश्तियाक अहमद उसके होटेलियर फ्रेंड गांजावाला को कह रहा था।

................

‘आई लव यु, स्वीटी।‘

दिलनवाझ ‘प्लेटिनम प्लाझा’ के स्वीट के बेड पर अपने पास सोई प्रिया प्रधान नामक युवती के मुलायम गाल पर ऊँगली फेरते हुए कह रहा था।

‘आई लव यु टु।‘ प्रिया ने कहा।

‘तुमसे ज्यादा सुंदर स्त्री मैंने मेरी जिंदगी में देखी नहीं।‘

‘थेंक्यु, दिलनवाझ।‘ प्रिया मुस्कुराई।

मयूरी माथुर के सुसाइड और हीना के मिसकेरेज के बाद दिलनवाझ थोड़े दिनों तक स्त्रियों से दूर रहा था, लेकिन फिर से वह ‘प्लेटिनम प्लाझा’ हॉटल के स्वीट में स्वरुपवान युवतियों के साथ समय बीताने लगा था। थोड़े दिन से प्रिया प्रधान उसके नजदिक आई थी।

थोड़ी बातें करने के बाद दिलनवाझ ने कहा, ‘मैं थर्टी फर्स्ट की पार्टी प्लान कर रहा हूँ। इस बार मैं मेरी यॉट में समुद्र के बीच पार्टी करुंगा। इंडस्ट्री और दूसरी फिल्ड के बिग शॉट्स आयेंगे। बट यु विल बी माय स्पेशियल गेस्ट।‘

...............

‘मुझे मेरे पैसे वापस चाहिए। अब मेरा धैर्य खत्म हो रहा है।‘

दिलनवाझ एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर को कह रहा था। वह पुणे में फाइवस्टार हॉटल प्रोजेक्ट में लगाये 250 करोड़ रुपये वापस लौटाने के लिए पाटणकर को पहले भी कई बार ताकीद कर चुका था।

‘मैं कोई नया पार्टनर लाने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन मार्केट की हालत खराब है। ट्राय टु अण्डरस्टैण्ड, प्लीझ।‘ पाटणकर ने कहा।

‘मुझे कुछ नहीं सुनना। तुम कितने समय से कह रहे हो कि मैं नया पार्टनर ढूँढ रहा हूँ। तुम मेरे पैसे लौटा दो वरना मुझे कुछ करना पड़ेगा। हमारी दोस्ती की वजह से मैं अब तक चूप हूँ।‘ दिलनवाझ ने अल्टिमेटम दे दिया।

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‘चांदनी ध्यान से सुन.....’

जुहु की एक फाइव स्टार हॉटल के रूम में एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर स्ट्रग्लिंग एक्ट्रेस चांदनी शर्मा को कह रहा था।

‘लेकिन दिलनवाझ अब मेरा कॉल रिसिव नहीं करता।‘ पाटणकर की बात पूरी होते ही चांदनी ने कहा।

‘वह तुम्हें सामने से कॉल करेगा। सुन....’ पाटणकर ने चांदनी को समझाया।

‘ओके, डन। यु आर जिनियस, डार्लिंग !’ पाटणकर ने बात पूरी की तब चांदनी ने कातिल मुस्कान से कहा।

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