बात एक रात की
Aashu Patel
अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट
( 18 )
मयूरी के सुसाइड से उसकी फ्लेट पार्टनर को सदमा लगा था। मयूरी को दिलनवाझ खान की फिल्म में हिरोइन के तौर पर ब्रेक मिल गया तब उसके मन में मयूरी के प्रति ईर्ष्या जाग उठी थी और मयूरी के साथ बात करते वक्त उसके शब्दों में ईर्ष्या दिखाइ पड़ती थी लेकिन थोड़े दिन पहले मयूरी ने उसे कहा कि अमन कपूर ने उसे कह दिया है कि हमने ये फिल्म बनाने का विचार छोड़ दिया है और तुम्हें साइनिंग अमाउंट वापस देनी पड़ेगी तब उसे मयूरी के प्रति सहानुभूति जाग उठी थी। मयूरी गूमसूम अवस्था में दिन भर बेडरूम में ही पड़ी रहती थी ये देखकर उसे मयूरी के प्रति दया भी आ जाती थी। दिलनवाझ की फिल्म गंवाने की वजह से मयूरी डिप्रेशन में आ गई थी। फिर उसकी बड़ी बहन मोहिनी तीन दिन के लिए बम्बई आई थी, उस वक्त मोहिनी और काव्या मयूरी को बाहर ले जाते थे। मोहिनी थी इतने दिन ऐसा लग रहा था कि मयूरी सदमे से बाहर आ रही है, लेकिन मोहिनी के जाने के बाद मयूरी ने फिर से फ्लेट से बाहर जाना बंद कर दिया था। वह शायद उसकी बड़ी बहन मोहिनी को टेन्शन न हो इसलिए नोर्मल रहने की कोशिश करती थी। मोहिनी के साथ फोन पर बात करते वक्त भी वह नोर्मल रहती थी, लेकिन वह अंदर से एकदम टूट गई थी। मोहिनी जाते वक्त काव्या को कह गई थी कि मयूरी का ध्यान रखना।
काव्या अपने से हो सके इतनी मयूरी की देखभाल कर रही थी, लेकिन वह एक डिरेक्टर को मिलने गई उस वक्त मयूरी ने सिलिंग फेन से टंगकर सुसाइड कर लिया था। काव्या वापस आई तब उसने मयूरी को निश्चेतन अवस्था में टंगी देखकर स्तब्ध हो गई थी। उसने पहले मयूरी की बहन को कॉल किया था। मयूरी के सुसाइड के बारे में मोहिनी को जानकारी देते वक्त उसे बहुत तकलीफ हुई थी। उसने रोते-रोते मोहिनी को कॉल किया था तब मोहिनी टूट गई थी। उसने कहा था कि मैं अभी बम्बई आने के लिए निकलती हूँ। काव्या ने दूसरी कॉल पुलिस को की थी। पुलिस आये इससे पहले काव्या के हाथ में मयूरी की सुसाइड नोट आ गई थी। ये पढ़कर काव्या को झटका लगा था। बाद में उसने ये सुसाइड नोट पुलिस को दे दी थी।
पुलिस ने मयूरी के मृतदेह को पोस्टमोर्टम के लिए भेज दिया था। पुलिस ने काव्या की लंबी पूछ्ताछ की थी। थोड़े घंटे के बाद मोहिनी तीन डॉक्टर्स फ्रेंड के साथ बम्बई आ पहुंची थी। रो-रो के उसकी आंखें सूझ गई थी। मोहिनी पहले तो काव्या से कहती है कि मैं तुम्हारे विश्वास पर मयु को छोड़ के गई थी। मैं तुमसे कह के गई थी कि मयु का ध्यान रखना लेकिन फिर काव्या से लपककर बेशुमार रोने लगी थी। वह टूटती आवाज में कह रही थी कि मुझे भी मयु को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए था। उस वक्त काव्या के मन में भी गुनाहित भाव पैदा हुआ था कि वह मयूरी का अच्छी तरह ध्यान नहीं रख पाई।
मोहिनी मयूरी का डेडबॉडी लेकर जयपुर जाने को निकली तब काव्या एरपोर्ट तक उसके साथ गई थी। एरपोर्ट से फ्लेट पर आने के बाद गूमसूम होकर कई घन्टे तक बैठी रही। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें।
इसी वक्त उस पर प्रसिध्ध कास्टिंग डिरेक्टर राहुल चौधरी का कॉल आया| और किसी वक्त राहुल चौधरी का कॉल आता तो काव्या खुश हो जाती लेकिन अभी वह बहुत उदास थी। उसे लगा कि वह कॉल रिजेक्ट कर दे। वह अभी हृदय से सोच रही थी, लेकिन थोड़ी ही सेकेंड में ही उसके हृदय पर उसका दिमाग हावी हो गया। राहुल चौधरी ने कई एक्टर्स को ब्रेक दिलाया था। वह बॉलीवुड का नम्बर वन कास्टिंग डिरेक्टर था। उसे मिलने के लिए भी अपॉइंटमेंट लेनी पड़ती थी। वह एक बार उसे मिल आई थी, लेकिन फिर उसकी ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिला था।
‘हल्लो’, उसने कॉल रिसिव कर के कहा।
‘एम आई स्पिंकिंग टु काव्या?’ राहुल चौधरी ने पूछा।
‘यस, सर।‘
‘हाय काव्या, हाउ आर यु?’ राहुल चौधरी ने कृत्रिमता दिखाई।
‘आई एम फाइन, सर।‘
‘आई हेव अ गुड़ न्युझ फोर यु, काव्या।‘
इस शब्दों से काव्या के मन में आशा का संचार हुआ। मनुष्य किसी नजदीकी व्यक्ति की मौत देखता है तब थोड़े समय के लिए दु:खी हो जाता है, लेकिन फिर वह बहुत जल्द ही स्वकेंद्री बन जाता है।
‘थेंक्यु, सर।‘ काव्या की आवाज में थोड़ा उत्साह आ गया। चौधरी आगे क्या कहता है ये सुनने के लिए उत्सुक हो गई।
‘मैंने तुम्हारा नाम अमन कपूर को सजेस्ट किया था। उसकी नई फिल्म ’बोम्बे ब्ल्युझ’ में सेकंड लीड रोल के लिए उसने तुम्हें कंसीडर किया है।
अमन कपूर का नाम सुनकर एक पल के लिए काव्या के दिमाग पर हृदय हावी हो गया और उसके मन में विचार भी आ गया कि अमन कपूर ने तो मयूरी को कहा था कि हमने ‘बोम्बे ब्ल्युझ’ फिल्म बनाने का विचार छोड़ दिया है! इसी वजह से तो मयूरी ने सुसाइड किया! लेकिन दूसरी सेकेंड ही उसके दिमाग ने हृदय पर कब्जा ले लिया।
‘हल्लो काव्या, आर यु धेर?’ राहुल चौधरी ने पूछा तब काव्या की समझ में आया कि उसने कुछ सेकेंड्स का पोझ ले लिया था।
‘सोरी सोरी, सर। धेट्स अ ग्रेट न्युझ। थेंक्स अ टन।‘ काव्या ने कहा।
‘अमन कपूर ने आज तुम्हें मिलने के लिए बुलाई है।‘
‘आज?’
‘यस, आज ही।‘
‘आज तो....’ वह कहने वाली थी कि आज तो मैं बहुत डाउन हूँ, लेकिन ये वाक्य पूरा करने से पहले ही उसका विचार बदल गया। वह बम्बई में रहकर कितने सालों से मौके के लिए संघर्ष कर रही थी और आज मौका सामने चलकर मिल रहा था। उसने तुरंत ही कहा, ‘कितने बजे मिलने जाना है मुझे?’
.................
ओला केब में अमन कपूर की ऑफिस की ओर जा रही काव्या के मन में कई विचार झंझावात की तरह घूम रहे थे। एक ओर मयूरी ने दिलनवाझ की वजह से सुसाइड किया था। अमन कपूर और दिलनवाझ ने ‘बोम्बे ब्ल्युझ’ के लिए उसे साइन की थी। दिलनवाझ ने उसके साथ सेक्स्युअल रिलेशन्स भी बांधे थे और थोड़े सप्ताह के बाद सहसा दिलनवाझ ने उसका कॉल रिसिव करना भी बंद कर दिया था। जब मयूरी ने अमन कपूर को कॉल किया तब अमन ने कह दिया कि हमने ‘बोम्बे ब्ल्युझ’ फिल्म का विचार छोड़ दिया है। अब मयूरी के सुसाइड के बाद सहसा अमन कपूर मुझे ‘बोम्बे ब्ल्युझ’ फिल्म के लिए साइन करना चाहता है और राहुल चौधरी ने तीन साल के बाद सहसा फिल्म दिलाई!
काव्या अमन कपूर की ऑफिस की ओर जा रही थी, लेकिन बार-बार उसके मन में सवाल उठ रहा था कि इस फिल्म की ऑफर का स्वीकार करना चाहिए या नहीं? उसे लगता था कि इस फिल्म का स्वीकार करके वह मयूरी का द्रोह कर रही है, लेकिन फिर उसके हृदय पर दिमाग हावी हो जाता था और वह सोचती थी की मयूरी के साथ तो जो होना था वह हो गया। इतने सालों के बाद इतना बड़ा मौका मिल रहा है तो गंवाना नहीं चाहिए।
……………….
‘राहुल ने आपका नाम सजेस्ट किया। हमारी फिल्मों का कास्टिंग राहुल ही करता है। उसने कहा कि उसने आपका काम देखा है। ही इझ इम्प्रेस्ड बाय योर परफोर्मंस। इसलिए हमने आपको हमारी नई फिल्म के लिए सेकेन्ड हिरोइन के रुप में लेने का निर्णय किया।‘ अमन कपूर काव्या को कह रहा था। वह सभी हिरोइन को ‘तुम’ कहकर ही बुलाता था, लेकिन अभी काव्या को ‘आप’ सम्बोधन कर रहा था।
‘थेंक्यु, सर।‘
‘हम इस फिल्म के लिए आपको 50 लाख रुपये फी देंगे।‘
‘थेंक्स अ लोट, सर।‘ काव्या ने अपनी खुशी चेहरे पर दिखाई न दे इसलिए कोशिश करनी पड़ी।
‘हियर इझ ध एग्रीमेंट। साइन इट, प्लीझ।‘ अमन कपूर ने एग्रीमेंट की कॉपी काव्या की ओर बढ़ाई।
काव्या ने एग्रीमेंट साइन करके वापस दिया।
‘और ये आपका साइनिंग अमाउंट का चैक।‘ अमन ने पाँच लाख रुपये का चैक देकर काव्या को और एक प्लेझंट सरप्राइझ दी।
‘आई एम ओब्लाइझड, सर। काव्या ने कहा।
सहसा काव्या के मन में चमक आई। मयूरी की सुसाइड के बाद उसे अमन कपूर और दिलनवाझ की फिल्म के लिए ऑफर मिली ये कोई संजोग था !
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