Baat ek raat ki - 17 books and stories free download online pdf in Hindi

बात एक रात की - 17

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 17 )

दिलनवाझ चांदनी के संग करीबी पलों का मजा ले रहा था तभी उसके मोबाइल फोन की रिंग बजी। दिलनवाझ का ये नम्बर बहुत कम लोगों के पास था।

दिलनवाझ ने बेड से सटी टेबल पर रखे मोबाइल को हाथ लम्बा कर उठाया। पुलिस कमिशनर पटनायक का कॉल था। दिलनवाझ ने तुरंत ही कॉल रिसिव करते हुए कहा, ‘हल्लो सर।’

कमिशनर पटनायक ने ‘हल्लो’ की औपचारिकता के बिना ही बात शुरु कर दी, ‘अंधेरी में मयूरी माथुर नामक एक लड़की ने सुसाइड किया है और उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि दिलनवाझ खान की वजह से मैं जान दे रही हूँ!’

‘ओह नो!’ दिलनवाझ के होश उड़ गये। वह झटके से बेड से खडा हो गया।

उसने लम्बी सी सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘पहली ही मुलाकात में दिलनवाझ ने मुझ पर रेप किया था। इसके बाद फिल्म में हिरोइन बनाने की लालच देकर कई सप्ताह तक सेक्स्प्लोइट करने के बाद दिलनवाझ ने अचानक मुझसे सम्बन्ध खत्म कर दिए और बाद में उसके पार्टनर अमन कपूर ने कहा कि, ‘हमने फिल्म बनाने का विचार छोड़ दिया है। मैं तो दुनिया छोड़ के जाती हूँ, लेकिन और किसी लड़की के साथ मेरे जैसा न हो इसके लिए यह सुसाइड नोट छोड़ रही हूँ।‘ और भी कितना कुछ लिखा है। कमिशनर ने आगे कहा।

‘नहीं नहीं, उस लड़की के साथ मेरा कोई सम्बन्ध नहीं था, सर। अमन ने उसे हमारी नई फिल्म के लिए हिरोइन के रुप में पसंद की थी। उसने उस लड़की के साथ मेरी फोर्मल मुलाकात कराई थी। इसके बाद मैं कभी उसे मिला नहीं।’ दिलनवाझ स्पष्टता करने लगा।

‘उस लड़की ने आपकी और उसकी चेट का रिकार्ड सबूत सहित सुसाइड नॉट के साथ रखा है! उसका मोबाइल फोन भी अंधेरी पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के कब्जे में हैं।‘

पटनायक के शब्दों से दिलनवाझ ज्यादा घबरा गया। उसने अपना बचाव करने की कोशिश की: ‘सर, उसने ही सामने चलकर मेरे साथ रिलेशन बढाये थे। उसके बाद वह जिद कर रही थी कि मैं मेरी पत्‍‌नी से डिवोर्स ले लूँ और उसके साथ शादी कर लूँ। लेकिन मैंने उसे कहा था कि मैं मेरी पत्‍‌नी को नहीं छोड़ सकता। मैंने उसे समझाने की कोशिश की थी कि हमारे रिश्ते का कोई भविश्य नहीं है। लेकिन वह हररोझ मुझे मिलने की जिद करती थी।‘

लेकिन आप दोनों की चेट से पता चलता है कि आप ही उसे रात को ‘प्लेटिनम प्लाझा’ में मिलने के लिए, आई मीन सेक्स्युअल रिलेशन के लिए बुलाते थे !’ पटनायक ने तीक्ष्ण आवाज में कहा।

दिलनवाझ स्मार्ट था लेकिन उसे पता नहीं था कि पुलिस ओफिसर चाहे कितना ही करीबी दोस्त हो तो भी उसके सामने स्मार्टनेस दिखाओगे तो एक बार वह स्मार्टनेस दूर करके ही मदद करने के लिए तैयार होता है।

‘सर सेव मी, प्लीझ।‘ दिलनवाझ गिडगिडाने लगा। केस दर्ज होता तो उसे कानूनी मुश्केली का सामना करना ही पडे़गा। बात फैलने पर लोकसभा की टिकट का पत्ता कट जायेगा। मीडिया भी पीछे पड जायेगी और उसकी इमेज बिगडेगी तो फिल्म के बिजनेस पर भी असर पड़ेगा।

‘लेट मी सी। कितने ऑफिसर्स तक ये बात पहुँची है, बट आई विल ट्राय टु मेनेज।‘ फिर कहा, ‘अगर मीडिया तक बात पहुंच गई होगी तो आपको बचाना मुश्किल हो जायेगा।‘

एकदम हताश दिलनवाझ एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर की सिफारिश पर आई एक्ट्रेस चांदनी शर्मा की मौजूदगी भी भूल गया था और उसे ये भी याद नहीं था कि वह नग्न अवस्था में ही पुलिस कमिशनर से बात कर रहा था! उसकी पीठ चांदनी की ओर थी जब दिलनवाझ मोबाइल पर बात कर रहा था तब चांदनी भी मोबाइल में कुछ कर रही थी!

...............

‘वेल डन, डियर!’ उस रात जुहु की और एक फाइवस्टार हॉटल के रूम में एनकाउंटर स्पेशियालिस्ट प्रशांत पाटणकर ने चांदनी से कहा ! उसके हाथ में चांदनी का मोबाइल था।

................

‘सोरी टु डिस्टर्ब यु, सर। बट आय’म वेरी वरीड।‘

दूसरे दिन सुबह उठते ही दिलनवाझ अपने बंग्लोझ के बेडरूम से पुलिस कमिशनर पटनायक से बात कर रहा था। बैचेनी में रात काटने के बाद सुबह उठते ही उसने पटनायक को कॉल लगाया था।

‘डोन्ट वरी। मैंने ऑफिसर्स को इंस्ट्रक्शन्स दे दी है।‘ पटनायक ने कहा।

‘थेंक्यु वेरी मच, सर। आई विल ओलवेझ रिमेम्बर धिस फेवर।‘

‘लेटस होप कि मीडिया तक बात न पहुंचे।‘

‘प्लीझ सर। कोशिश करना कि मीडिया तक बात न पहुंचे।‘ दिलनवाझ ने विनंती की।

‘मेरे ऑफिसर्स को मैंने कह दिया है, लेकिन उस लड़की के साथ फ्लेट किराये पर रखकर रहनेवाली उसकी फ्रेंड को सब कुछ पता है। उसने ही पुलिस को कॉल किया था कि उसकी फ्लेट पार्टनर ने सुसाइड किया है। उसने मयूरी की सुसाइड नोट भी पढ़ ली है!’

‘ओह नो! दिलनवाझ फिर हताश हो गया।

‘उस लड़की को सम्भाल लेना।‘ पटनायक ने सलाह दी।

‘सर, मुझे उस लड़की का नम्बर दिलायेंगे, प्लीझ? आई विल मैंनेज।‘ दिलनवाझ ने विनंती की।

‘श्योर, अभी भेजता हूँ।‘

सामान्य इंसान को छोटी सी बात पर भी डराने वाले पुलिस अधिकारी अपने दोस्तों के लिए कानून को साइड में रखकर मित्र को बचाने की कोशिश करते हैं। इसमें भी मित्र कोई सेलीब्रिटी या तो पावरफुल पर्सनालिटी हो तब तो वह ज्यादा ही को-ओपरेटिव हो जाते हैं।

कुछ देर तक दिलनवाझ और पटनायक के बीच बातें चलती रही। अंत में कॉल डिसकनेक्ट करने से पहले दिलनवाझ ने फिर एक बार पटनायक के सामने सफाई दी, ‘वह लड़की ही मेरे पीछे पड़ी थी, उसने सुसाइड नोट में मेरा नाम क्यों लिखा वह मैं समझ नहीं पा रहा।‘

दिलनवाझ सफाई दे रहा था तभी उसकी प्रेगनंट पत्‍‌नी हीना बेडरूम में दाखिल हुई। दिलनवाझ ने पुलिस कमिशनर को कहे हुए शब्दों उसके कानों में पड गये थे।

‘किसने सुसाइड किया तुम्हारी वजह से?’ हीना ने दिलनवाझ को तीखी नजरों से देखते हुए कहा।

‘किसी ने नहीं! सुबह सुबह मुझे तंग मत करो।‘ दिलनवाझ ने बात टालने की कोशिश करते हुए कहा। उसके दिमाग में इस समय ये विचार चल रहा था कि मयूरी की फ्लेट पार्टनर को किस तरह मेनेज करें। वह तुरंत ही अमन के साथ बात करके उस लड़की का कोंटेक्ट करना चाहता था।

‘मैंने बेडरूम में आते-आते सुन लिया है। तुम किसी से कह रहे थे कि उस लड़की ने सुसाइड नोट में मेरा नाम क्यों लिखा है मैं समझ नहीं पा रहा हूँ!‘

‘अरे ये तो मैं एक फिल्म की स्क्रिप्ट की बात कर रहा था।‘ दिलनवाझ ने स्पष्टता की।

‘तुम मुझे कब से टेकन फोर ग्रांटेड ले रहे हो। अब तुम मुझे बेवकूफ भी मानने लगे हो?’ हीना की आवाज में व्यंग्य और व्यथा दोनों ही थे। फिर उसने कहा, ‘तु किसी पुलिस ओफिसर को कह रहा था कि मैं उस लड़की को अमन की ऑफिस में मिला था इसके अलावा मेरा उसके साथ कोई सम्बन्ध नहीं था। उस लड़की ने सुसाइड नोट में मेरा नाम क्यों लिखा है मैं समझ नहीं पा रहा हूँ। तुम्हें ऐसा क्यों कहना पड़ें?’

‘मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी। तुम्हारी नोनसेंस बातें सुनने के लिए मेरे पास वक्त नहीं है।‘ दिलनवाझ ने ऊँची आवाज में कहा। बदमाश इंसान झूठ बोलते पकड़े जाये तो बेशर्म होकर आक्रमक हो जाते हैं।

‘मेरे साथ शादी करने से पहले तु दिन में कम से कम दस बार कहता था कि तुम्हारे साथ बात किये बिना मुझे चैन नहीं मिलता! और अब तुम्हें मुझसे बात करने में भी तकलीफ हो रही है!’ हीना की आवाज भी ऊँची हो गई।

‘माइंड योर ऑन बिझनेस।‘ दिलनवाझ भड़का।

‘तु हर दिन नई-नई लड़कियों के साथ सोता फिरे और मैं कुछ नहीं कहूँ। मुझे पता है कि तू ‘प्लेटिनम प्लाझा’ में ही क्यों पड़ा रहता है!’ हीना की आवाज और ऊँची हो गई।

‘यु बीच!’ दिलनवाझ चीख पड़ा।

‘यु बास्टर्ड!’ हीना भी अपना आपा खो बैठी। उसकी दिलनवाझ से पहले भी उग्र बहस हुई थी, लेकिन आज पहली बार दिलनवाझ को गाली भी दी थी।

क्रोधित दिलनवाझ ने उसे जोर से धक्का मारा। हीना ने संतुलन गंवाया, हीना फर्श पर गिर पड़ी और बेहोश हो गई।

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‘मयूरी माथुर के साथ रहने वाली लड़की को आज ही मिलने के लिए बुला ले। मुझे उसके साथ बात करनी है। मैंने उसका कोंटेक्ट तुम्हें भेजा है।‘ हीना को हॉस्पिटल में दाखिल करने के बाद दिलनवाझ अमन के साथ मोबाइल पर बात कर रहा था। उसे एक ओर हीना को नाजुक स्थिति में दाखिल करनी पड़ी थी और दूसरी ओर जल्द से जल्द मयूरी की फ्लेट पार्टनर को मिलकर उसे मौन रहने के लिए समझाना था।

‘व्होट हेपंड?’ अमन ने पूछा।

‘अरे उस बेवकूफ लड़की ने सुसाइड कर लिया है और सुसाइड नोट में मेरा और तुम्हारा नाम लिखकर गई है।‘ दिलनवाझ ने अर्धसत्य कहा।

‘व्होट?’ अमन को धक्का लगा।

‘यस’, उसने लिखा है कि अमन कपूर और दिलनवाझ खान ने मुझे फिल्म में साइन किया और फिर करीबन डेढ़ महिने के बाद सहसा मुझे कह दिया कि हमने फिल्म का विचार छोड़ दिया है इसलिए मैं सुसाइड कर रही हूँ। ये सुसाइड नोट पुलिस के कब्जे में हैं।‘

‘ओह गॉड! अब क्या होगा?’

‘पुलिस का तो टेन्शन नहीं है। मैंने कमिशनर से बात कर ली है। उसने ऑफिसर्स को ऑर्डर दे दिया है कि इस मामले को छिपा देना है, लेकिन मयूरी के साथ रहने वाली लड़की को संभाल लेने को कहा है। वह पुलिस को कुछ कहेगी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वह मीडिया तक नहीं पहुंचनी चाहिए। कमिशनर ने कहा है कि मामला मीडिया तक पहुंच गया तो मैं आपको बचा नहीं पाउंगा।‘

‘इसीलिए ही मैं तुम्हें कहता रहता हूँ कि लड़कियों के चक्कर से दूर ही रहना। चाहे तो हाइ प्रोफाइल कॉलगर्ल्स या कोलेजियन कॉलगर्ल्स को बुला ले। लेकिन तु मेरी बात सुनता ही नहीं और हमेंशा कहता है कि मुझे फ्रेश लड़कियों में ही दिलचस्पी है...’

‘अभी तुम प्रवचन मत दो।‘ दिलनवाझ ने बीच में ही काटते हुए कहा, ‘मैं अभी हॉस्पिटल में हूँ। हीना की तबियत बिगड़ गई है।‌‌’

‘क्या हुआ हीना को?’ अमन की आवाज में चिंता थी।

‘अरे वो बाद में कहता हूँ। तुम उस लड़की का कोंटेक्ट करके अभी ही उसे मिलने के लिए बुला ले। उसे किसी भी तरह समझा दे। उसका मुँह बंद रहे ये हम दोनों के लिए जरूरी है।‘ दिलनवाझ व्यग्र हो गया।

………………….

‘सोरी, हम बच्चे को नहीं बचा सके।‘

डॉक्टर दिलनवाझ से कह रहे थे।

‘ओह नो!’ दिलनवाझ ने कहा।

‘सोरी टु इंफोर्म यु कि आपकी पत्‍‌नी कभी मा नहीं बन पायेगी।‘ डॉक्टर ने और एक झटका दिया।

................

‘तुमने मेरे बच्चे को मार डाला। मैं तुम्हें मार डालूंगी !’

असह्य वेदना का अहेसास कर रही हीना ने हॉस्पिटल के बेड से खड़े होने की कोशिश करते हुए फटी आवाज में कहा। उसके शरीर में वीकनेस थी फिर भी उसने बेड से सटे टेबल पर रखा क्रोकरी का फ्लावरवाझ उठाकर दिलनवाझ की ओर फेंका। दिलनवाझ ने हटकर अपनी जान बचा ली। लेकिन हीना क आक्रोश देखकर वह कांप उठा। रूम में उपस्थित डॉक्टर्स और नर्स भी कांप उठे।

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