बात एक रात की
Aashu Patel
अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट
( 15 )
डॉन सैयद मलिक के कॉल के बाद दिलनवाझ हतप्रभ हो गया था। उसकी पहली फिल्म सुपरहिट होने के बाद दिलनवाझ से किसी ने ऊँची आवाज में बात नहीं की थी। वह खुद को शहेनशाह और बॉलीवुड को अपना साम्राज्य मानकर व्यवहार करता था। सैयद मलिक जैसा डॉन भी अपना फेन है ऐसा समझकर खुद के अहम का पोषण करता था, लेकिन आज सैयद ने जिस तरह बात की इससे उसका अहम चकनाचूर हो गया था। सैयद का कॉल पूरा हो जाने के बाद एक पल के लिए उसके मन मे विचार कौंधा कि चीफ मिनिस्टर और पुलिस कमिशनर से बात करूँ और सैयद मलिक को सबक सीखा सकूँ लेकिन फिर उसे उसकी ओर पिस्तौल दाग कर फायरिंग करते हुए शूटर का द्रश्य याद आ गया और वह नर्वस हो गया। उसे पता था कि बम्बई पुलिस में सैयद की पैठ केसी थी और पोलिटिशियन्स से उसके कैसे सम्पर्क थे और वैसे भी कराची में बैठे हुए सैयद का पुलिस कुछ बिगाड़ नहीं पायेगी। बाहर से आक्रमक दिखने वाला दिलनवाझ वास्तव में अत्यंत गभरु था लेकिन उसकी सफलता की वजह से सब पर रोब जमाता था। आज सैयद ने उसे उसकी औकात दिखा दी थी।
दिलनवाझ को सफलता मिलने के बाद आज पहली बार मज़बूरी और खौफ का एह्सास हो रहा था!
…………
‘अमन हमारी फिल्म के राइट्स सैयद मलिक को दे देते हैं।‘ दिलनवाझ कह रहा था।
अमन कपूर को एक पल के लिए आश्चर्य हुआ। अभी तीन दिन पहले तो दिलनवाझ कह रहा था कि सैयद मलिक को हमारी फिल्म के ओवरसीझ राइट्स नहीं देना। उसने कहा था कि ‘मैं सैयद मलिक से बात कर लूंगा। सैयद एक बार अपने भाई की नहीं सुनेगा लेकिन मेरी बात मानेगा।‘
और अब अचानक वह सैयद मलिक को ओवरसीझ राइट्स देने की बात कर रहा था।
हालांकि दूसरे ही पल अमन के मन में विचार कौंधा। उसने एक और एक दो कर के अंदाज लगा लिया था कि दिलनवाझ का मन कैसे बदल गया होगा। दिलनवाझ पर हमला होने के बाद ही उसका मन बदला था इसका मतलब ये हुआ कि निश्चित ही सैयद ने ही उस पर हमला करवाया था।
अमन दिलनवाझ का चेहरा पढ़ सकता था।दिलनवाझ का चेहरा बता रहा था कि वह कितना डर गया था।
‘ओके।‘ अमन ने कहा। वह दिलनवाझ से बात करना चाहता था। उसने दिलनवाझ पर हुए हमले के बारे में उससे बात करने की कोशिश भी की थी, लेकिन दिलनवाझ ने इतना ही कहा था कि फिर कभी बात करेंगे।
कुछ देर दिलनवाझ चूपचाप सिगरेट फूंकता रहा।
दिलनवाझ का ऐसा स्वरुप अमन पहली बार देख रहा था।
कुछ पलों की खामोशी के बाद अमन पूछ बैठा: ‘आर यु ओलराइट?’
‘हाँ’, दिलनवाझ ने इतना ही प्रतिसाद दिया।
फिर थोड़ी देर खामोशी प्रसर गई।
अचानक दिलनवाझ ने कहा, ‘अमन,वो लड़की को अपनी नई फिल्म से ड्रॉप कर दो।‘ उसने मयूरी माथुर का नाम भी नहीं लिया।
अमन को आश्चर्य हुआ। दिलनवाझ ने ही मयूरी को आग्रह करके साइन कराई थी और अब वह अचानक उसे हटाने के लिए कह रहा था!
उसे लगा कि शायद दिलनवाझ का मन उस लड़की से उतर गया होगा लेकिन उसे तुरंत ही याद आ गया था कि अभी दो दिन पहले तो दिलनवाझ कह रहा था कि मयूरी को आकाश महेरा की फिल्म भी दिला रहा हूँ !
अमन को दिलनवाझ का बर्ताव समझ में नहीं आ रहा था। अमन ने पूछ ही लिया: ‘व्होट हेपंड, दिलनवाझ?’
‘जस्ट डु एझ आई से।‘ अमन के सवाल का जवाब देने के बदले दिलनवाझ ने खिन्न होकर कह दिया। अमन दिलनवाझ की ओर देखता ही रहा।
..................
‘तुम्हारी दिलनवाझ से बात हुई?’ मोहिनी पूछ रही थी।
‘नहीं दीदी। मैंने कितनी बार कॉल किया, लेकिन वह कॉल डिसकनेक्ट करता है या तो रिंग ही बजती रहती है। मैंने मेसेज भी किया लेकिन रिप्लाय नहीं आया।‘ मयूरी की आवाज में व्याकुलता थी।
‘वह शायद टेन्शन में होगा। सभी उसे मिलने आ रहे होंगे। मुझे लगता है कि तुम्हें भी उसे पर्सनली मिलने जाना चाहिए।‘ मोहिनी ने कहा।
‘मैं उसकी ऑफिस पर गई थी, लेकिन वहाँ से पता चला कि वह घर पर ही है और उसने मुझे कह ही रखा है कि वह किसी को घर पर मिलना पसंद नहीं करता। अटेक होने के बाद उसने उसकी फिल्म की शूटिंग भी थोडे दिन के लिए केंसल कर दी है।
................
‘सोल्व हुआ आकाश महेरा की फिल्म का इश्यु?’
रोशनी अहेसान से पूछ रही थी।
‘दिलनवाझ के साथ तुम्हारी फिल्म बहुत शॉर्ट टाइम में शुरु हो रही है, जान।‘ अहेसान मुस्कुराया।
‘मुझे अभी आकाश महेरा का फोन नहीं आया।‘ रोशनी ने कहा।
‘एनी टाइम उसका कॉल आयेगा तुम पर।‘
‘सैयदभाई ने दिलनवाझ को मेसेज दे दिया?’
‘तुम बहुत इनोसंट हो !’ अहेसान के चेहरे पर फिर से स्मित आ गया।
‘क्यों?’
‘दिलनवाझ पर अटेक हुआ यही उन्हें दिया गया मेसेज था।‘
‘यु मीन?’ रोशनी की आंखें विस्फारित हो गई।
‘यस किसी को मेसेज देने की भाई की स्टाइल जरा हटके है ! पहले मौत को नजदिक से दिखा देना और फिर जो आदेश देना हो वो देते हैं।‘ अहेसान ने कहा।
‘माय गॉड!’ रोशनी के चेहरे पर आश्चर्य था, ‘मुझे तो ऐसा लगता था कि सैयदभाई दिलनवाझ को कॉल कर के डांटेंगे कि तुम्हें यह फिल्म करनी ही होगी ! इसके बदले....’
बोलते-बोलते अचानक रोशनी के चेहरे पर भय आ गया। उसने कहा, ‘पुलिस की जांच में कहीं ये बात बाहर तो नहीं आ जायेगी न कि आकाश महेरा ने मुझे दिलनवाझ को समझाने के लिए मदद मांगी थी और मैंने.....’
‘अरे! कम ओन! तुम्हें भाई की ताकत का अंदाजा नहीं। पूरे बम्बई की पुलिस भाई की जेब में हैं।‘ अहेसान की आवाज में गर्व था।
‘लेकिन....’
‘रिलेक्स, जान! तुम अहेसान मलिक की प्रेमिका हो। तुम्हारे सामने कोई ऊँगली उठाने की जुर्रत भी नहीं करेगा।‘
रोशनी के व्यथित चेहरे के सामने देखकर अहेसान ने उसे आलिंगन में लेते हुए कहा, ‘जिस आदमी ने नजर के सामने मौत देख ली हो उसके खौफ की तुम कल्पना भी नहीं कर सकती। बम्बई पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिलेगी कि भाई के आदेश से दिलनवाझ पर फाइरिंग हुआ था और भाई ने जिस तरीके से उसके साथ बात की होगी इसके बाद दिलनवाझ पुलिस के सामने कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं करेगा। तुम देखना अब दिलनवाझ बहुत जल्द डेट्स दे देगा। अब आकाश महेरा उसे कहे कि मेरी और एक फिल्म साइन कर ले और उसमें भी हिरोइन रोशनी ही है तो भी दिलनवाझ किसी भी बहस के बिना तुरंत ही फिल्म साइन कर लेगा!’
व्यक्ति किसी के प्रेम में हो तब अपने प्रिय पात्र को इम्प्रेस करने की कोशिश किये बिना नहीं रह सकता। फिर चाहे वह डॉन हो या किसी देश का प्रेसिडंट या प्राइम मिनिस्टर हो! अहेसान भी इस वक्त ऐसा ही कर रहा था। रोशनी के चेहरे को देखकर वह खुश हो रहा था। हालांकि इस वक्त उसे पता नहीं था कि प्रेमिका को इम्प्रेस करने के लिए उसने ये सारी बातें की थी वह थोड़े समय के बाद उसे परेशान करने वाली थी।
................
मयूरी दिलनवाझ का सम्पर्क करने के लिए डेस्परेटली कोशिश कर रही थी, लेकिन दिलनवाझ कोई प्रतिसाद नहीं दे रहा था।
खयालो में उलझी मयूरी ने अंतत: अमन कपूर को फोन किया।
‘हल्लो सर, मयूरी स्पीकिंग।‘ अमन के कॉल रिसिव करने पर मयूरी ने कहा।
‘यस?’ अमन का स्वर एकदम शुष्क था।
‘मैं दिलनवाझ सर से कोंटेक्ट करने की कोशिश कर रही हूँ पर....
‘डोन्ट डिस्टर्ब हिम।‘
अमन के शब्दों से मयूरी अपसेट हो गई हालांकि इसके बाद अमन कपूर ने जो बात बताई उसे सुनकर मयूरी को लगा मानो किसी ने उसे बहुमंझिला इमारत के ऊपर से नीचे फेंक दिया हो !
******