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बात एक रात की - 14

बात एक रात की

Aashu Patel

अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट

( 14 )

दिलनवाझ के मोबाइल पर आई वह कॉल अंडरवर्ल्ड डॉन सैयद मलिक की थी। वह बर्नर फोन से दिलनवाझ से बात कर रहा था।

‘कैसा है?’ सैयद ने पूछा।

‘ठीक हूँ, भाई।’ दिलनवाझ ने कहा।

उसे लगा कि उस पर फायरिंग हुआ इसलिए हालचाल जानने के लिए मलिक ने फोन किया होगा। सैयद मलिक के साथ उसके अच्छे ताल्लुकात थे। मलिक दुबइ रहता था तब दिलनवाझ उसकी निजी पार्टियों में शरीफ हो चुका था और मलिक के फिल्म फाइनांसर भाई अहेसान के साथ भी अच्छे सम्बन्ध थे। दिलनवाझ की पत्‍‌नी हीना को सैयद से नफरत थी। वह कई बार दिलनवाझ के सामने अपनी नफरत व्यक्त भी कर चुकी थी। हीना को सैयद मलिक अच्छा नहीं लगता था इसकी वजह ये थी कि कई साल पहले हीना जब कॉलेज में पढ़ती थी तब सैयद मलिक के आदमियों ने उसके इन्डस्ट्रियालिस्ट पिता को ये धमकी दी थी कि पांच करोड़ रुपये दीजिये वरना आपकी लड़की को उठाकर ले जायेंगे। हीना के पिता ने पुलिस में शिकायत की थी कि मुझे ऐसी धमकी मिल रही है, लेकिन सैयद के आदमियों को तुरंत ही पता चल गया था कि उसने पुलिस में शिकायत की है। वे पुलिस स्टेशन से बाहर निकले ही थे कि उस पर फोन आया था कि तुम्हें बेटी से ज्यादा पैसे प्यारे हैं इसलिए तुम पुलिस के पास गया। ठीक है तुम तुम्हारे पैसे सम्भालो, तुम्हारी बेटी को हम सम्भाल लेंगे! हीना के पिता डर गये थे और उन्होंने उसी दिन पांच करोड़ रुपये भेज दिये थे। दिलनवाझ पहली बार सैयद की पार्टी में जा रहा था तभी हीना ने उसे रोका था, लेकिन दिलनवाझ ने उसकी बात नहीं सुनी थी। दिलनवाझ ने तो उसे भी साथ आने का आग्रह किया था, लेकिन हीना ने इंकार कर दिया था। उस वक्त हीना ने उसे कहा था कि सैयद मलिक एक दिन तुम्हें रुलायेंगे।

‘ठीक ही रहना है तो औकात में रहना।‘ अचानक मलिक का स्वर अंदाज बदल गया था।

‘मैं समझा नहीं, भाइ क्यों ऐसा कह रहे हो?’ मलिक की बदली आवाज से भयभीत दिलनवाझ ने पूछा। उसने मलिक से ऐसे शब्दों की अपेक्षा नहीं रखी थी।

‘समझाता हूँ। वो मेरे ही आदमी थे! तुझे मारना नहीं था, मैंने शूटर को ऑर्डर दिया था कि मारना नहीं है। बस मेसेज देना है।‘

सैयद मलिक ने ही हमला करवाया है ये सच्चाई हजम करने में दिलनवाझ को देर लगी। वह तो मलिक को अपना दोस्त मानता था।

‘भाई, आप....आपने....’ उसे शब्द नहीं मिल रहे थे।

‘हाँ मैंने ही अटेक करवाया है।‘ मलिक ने कहा।

‘पर....पर क्यूं भाई?’ दिलनवाझ अभी सैयद के शब्दों से लगे सदमे से बाहर नहीं आया था। उस पर हुए हमले से उसे जितना सदमा लगा था उतना ही सदमा उसे यह जानकर हुआ था कि सैयद ने उस पर हमला करवाया था।

‘तेरी फिल्म के ओवरसीझ राइट्स के लिए बोला था वो तू भूल गया तो याद दिलाना पड़ा!’ मलिक की आवाज में व्यंग्य था।

‘भाई, मैंने कहाँ इंकार किया?’ दिलनवाझ भयभीत हो गया।

‘अच्छा? तेरी कितनी फिल्म के राइट्स तूने मुझे दिये?’

‘मैंने अमन को बोल दिया था....’ दिलनवाझ ने खुद को बचाने की कोशिश में अमन को आगे कर दिया।

‘कालिया ने अमन से कल ही बात की थी। अमन ने उसे कहा, दिलनवाझ सैयदभाई से बात कर लेगा।‘

‘भाई .....’

‘पर तुझे तो वक्त ही नहीं मिल रहा है बात करने का! तो सोचा मैं ही याद दिला दूँ!’

‘भाई, मैरी बात तो सुनो...’

‘आगे कुछ मत बोल। अगली बार गोली तेरे बॉडीगार्ड को नहीं तुझे लगेगी। तेरा सी.एम. तुझे ‘वाय’ तो क्या वो खुद रखता है ऐसी ‘झेड प्लस’ सिक्युरिटी देगा तो भी मेरे शूटर्स से तू बचेगा नहीं।‘

दिलनवाझ पसीने से लथपथ हो गया। उसका गला सूख रहा था।

‘भाई आप जैसा बोलो वैसा मैं करने को रेडी हूँ। हमारा रिलेशन.....’

‘रिलेशन की बात छोड़। तू रिलेशन में समझता तो ये सब नहीं होता न?’ मलिक ने बीच में ही टोकते हुए कहा।

‘भाई.....’

‘नेक्स्ट टाइम कॉल नहीं आयेगा गोली ही आयेगी। मलिक ने उसे टोकते हुए फिर कहा, तू अपने आप को बॉलीवुड का भाई समझने लगा है और सबको अपने पांव की जूती समझता है। मत भूलना कि बॉलीवुड में सैयद मलिक जो चाहता है वही होता है। मुझे आकाश महेरा समझने की गलती मत करना! बेचारे को परेशान करके रखा है तूने। उसकी फिल्म के लिए डेट्स दे देना। कल ही उसे कॉल करके डेट्स बता देना नहीं तो शूटर भेज के तुझे फिर याद दिलाना पड़ेगा!’

‘जी भाई। महेरा तो मेरा दोस्त है।‘ बॉलीवुड में सभी से तू-तडाक में बात करने वाला दिलनवाझ काँपते-काँपते डॉन सैयद मलिक से बात कर रहा था।

‘दोस्त है इसीलिए आधी बनी हुई फिल्म डिब्बे में डालकर उसे पचास करोड़ का चूना लगाने जा रहा था तू!’ मलिक ने ताना मारा और फिर कहा, ‘अरे हाँ, वो तेरी नई आइटेम कौन है, जिसको हिरोइन बनाने के लिए तूने महेरा को बोला था?’

‘मयूरी माथुर’

‘अब तू वो लडकी के आसपास भी नजर आया तो तुझे दुनिया से गायब ही कर दूंगा।‘*@*#

‘जी भाई।‘ दूसरों को गाली- गलौज करने वाले दिलनवाझ को डॉन की गाली सहन करनी पड़ी।

सैयद का कॉल पूरा होने के बाद दिलनवाझ ने काँपते हाथों से सिगरेट सुलगाईं। सैयद के पावर और पहुंच का उसे भलीभाँति एहसास था। इसलिए उसने डॉन की सभी बातें मानने का निर्णय कर लिया था, लेकिन डॉन की अंतिम बात पर अमल करने की स्थिति में वह नई मुसीबत में फंसने वाला था जिसकी उसे कल्पना तक नहीं थी !

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