स्टॉकर - 3 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टॉकर - 3



स्टॉकर
(3)




शिव टंडन के ऑफिस और घर के बीच के रास्ते में पड़ने वाले तीन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई गई। एसपी गुरुनूर और इंस्पेक्टर अब्राहम एक एक फुटेज अच्छी तरह से देख रहे थे।
शिव टंडन के पास पर्ल ब्लू रंग की हांडा एकॉर्ड थी। पहला सीसीटीवी कैमरा ऑफिस से कोई पाँच सौ मीटर की दूरी पर था। इस कैमरे की फुटेज में शिव की कार मोड़ पर मुडती दिखाई पड़ी। उसके बाद दूसरा कैमरा मोड़ से करीब एक किलोमीटर दूर था। इसमें भी शिव की कार गुज़रती दिखाई पड़ी। तीसरा सीसीटीवी हरि राय चौराहे पर लगा था। इस चौराहे से बाईं तरफ मुड़ कर करीब डेढ़ किलोमीटर पर टंडन सदन था। लेकिन इस कैमरे की फुटेज में कार बाईं तरफ मुड़ने की जगह सीधे जाती हुई दिखाई पड़ी।
एसपी गुरुनूर ने इंस्पेक्टर अब्राहम से कहा।
"तुम ठीक कह रहे थे। मिस्टर टंडन अपने घर ना जाकर सीधे चले गए। इसका मतलब वह घर जाने के लिए निकले ही नहीं थे।"
"हाँ मैम पर जब उनके फोन पर आखिरी कॉल मिसेज़ टंडन का था। उन्होंने पार्टी में जाने के लिए उन्हें जल्दी घर आने के लिए कहा था। तो फिर वो घर ना जाकर कहीं और क्यों गए ? अगर किसी और ने पहले ही उन्हें बुलाया था तो उन्होंने मिसेज़ टंडन से क्यों कहा कि वह घर आ रहे हैं।"
"सही बिंदु उठाए हैं तुमने। हमें उस दिन मिस्टर टंडन की कॉल डीटेल को अच्छी तरह खंगालना होगा। शायद उससे कोई सुराग मिले।"
"मैम....यू आर राइट..."
एसपी गुरुनूर बहुत ध्यान से कुछ सोंच रही थी। उसे एक नई बात याद आई।
"अब्राहम....मिस्टर टंडन अपनी हांडा एकॉर्ड में थे। पर वो कार गई कहाँ ? क्योंकी जंगल में तो कोई कार नहीं मिली।"
"मैम उस कार को ढूंढ़ना ज़रूरी है। हो सकता है जहाँ लाश मिली कार वहाँ से कुछ और दूर पर हो। इस बारे में ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए कार की तलाश नहीं की गई।"
"अब्राहम हमें कार भी ढूंढ़नी है और यह भी पता करना है कि चौराहे से आगे सीधी जाती सड़क पर ऐसी कौन सी जगह हो सकती है जहाँ मिस्टर टंडन जा सकते हैं।"
"मैम आप एक बार मिसेज़ टंडन से पूँछ कर देखिए। शायद वह कुछ सहायता कर सकें।"
"अब्राहम कंट्रोल रूम में मिस्टर टंडन की गाड़ी का रंग और नंबर बता कर उसे तलाश करने को कहो। मिस्टर टंडन के फोन का उस पूरे दिन का कॉल रिकॉर्ड निकलवाओ।"

इंस्पेक्टर अब्राहम के जाने के बाद एसपी गुरुनूर ने मेघना को फोन कर सीसीटीवी फुटेज वाली बात बताई।
"मिसेज़ टंडन क्या आप बता सकती हैं कि मिस्टर टंडन कहाँ जा सकते हैं ?"
मेघना ने जवाब दिया।
"मुझे तो इसका कोई अंदाज़ा नहीं है। मैंने आपको पहले ही बताया था कि उस दिन मैंने शिव को याद दिलाने के लिए फोन किया था कि वह जल्दी घर आए। हमें पार्टी में जाना है। मैं कुछ नहीं कह सकती कि वह कहाँ गया होगा।"
एसपी गुरुनूर फिर से केस पर विचार करने लगी। उस दिन शिव टंडन को याद कर मेघना का भावुक हो जाना उसके दिल को छू गया था।
शिव और मेघना दोनों ही लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते थे। उन दोनों की जोड़ी एक आदर्श जोड़ी के रूप में जानी जाती थी। दोनों की उम्र में करीब सोलह साल का अंतर था। पर चार साल की उनकी शादी में अभी तक किसी ने ना तो उनके बीच मनमुटाव की कोई खबर सुनी थी और ना ही दोनों में से किसी के बाहर कहीं अफेयर की। जबकी हाई सोसाइटी में अक्सर ऐसी खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोरती थीं।
दोनों की शादी भी बहुत दिलचस्प तरीके से हुई थी। शिव टंडन किसी काम से दिल्ली गए थे। जब वह लौट कर आए तो उन्होंने एक ग्रैंड पार्टी देकर अपने करीबी लोगों को सूचना दी कि दिल्ली में उन्होंने अपना हमसफर चुन लिया है। उसका नाम मेघना है।
शिव टंडन की पहली पत्नी का देहांत हो गया था। उनसे शिव टंडन को कोई संतान नहीं थी। पहली पत्नी की मृत्यु के जब भी लोग उनसे दोबारा घर बसाने की बात पूँछते थे तो वह यह कह कर टाल देते थे कि अपनी पहली पत्नी की यादों के साथ वह सुखी हैं। किसी और को वह अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाना चाहते हैं। इसलिए जब करीब दस साल तक अकेले रहने के बाद शिव टंडन ने मेघना से अचानक शादी कर ली तो सभी आश्चर्य में पड़ गए।
लेकिन उसके बाद चार सालों में मेघना और शिव टंडन सभी के लिए अच्छे पति पत्नी की मिसाल बने रहे।
एसपी गुरुनूर जल्दी इस केस को हल करके मेघना के दुख को कुछ हद तक कम करना चाहती थी। उसने अपना मोबाइल निकाला उस पर हरि राय चौराहे का गूगल मैप देखना शुरू किया।
हरि राय चौराहे से जो सीधी सड़क जाती थी उस पर एक हॉस्पिटल एक रेस्टोरेंट और जन्नत अपार्टमेंट्स नामक एक हाउसिंग कॉमप्लेक्स था।
एसपी गुरुनूर ने अंदाज़ा लगाया कि अगर शिव टंडन किसी से मिलने गया होगा तो दो ही जगह हो सकती थीं। एक रेस्टोरेंट और एक जन्नत अपार्टमेंट्स।
जन्नत अपार्टमेंट्स एक मिडिल क्लास हाउसिंग कॉमप्लेक्स था। वहाँ तीन इमारतें थीं। पहली बिल्डिंग दस मंजिला थी। इसमें चार बेडरूम हॉल किचेन वाले बड़े फ्लैट थे। दूसरी बिल्डिंग बारह मंजिल थी। इसमें तीन बेडरूम वाले फ्लैट थे। तीसरी बिल्डिंग पंद्रह मंजिल थी। इसमें दो बेडरूम वाले छोटे फ्लैट थे।
पहली बिल्डिंग में अपेक्षाकृत बड़े तथा महंगे फ्लैट थे। एसपी गुरुनूर ने तफ्तीश के लिए इसी बिल्डिंग को चुना। क्योंकी अमीर शिव टंडन का वास्ता इस बिल्डिंग में रहने वाले किसी व्यक्ति की संभावना अधिक थी।
एसपी गुरुनूर ने सब इंस्पेक्टर गीता यादव को पूँछताछ के लिए पंच भोग रेस्टोरेंट में भेजा था। सब इंस्पेक्टर गीता पंच भोग रेस्टोरेंट के मैनेजर से मिली। मैनेजर ने बताया कि उनके यहाँ शिव टंडन नहीं आया था।
सब इंस्पेक्टर गीता को लेकर एसपी गुरुनूर जन्नत अपार्टमेंट्स पहुँची। जन्नत अपार्टमेंट्स में दाखिल होने के लिए लगे गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगा था। साथ ही गेट पर बैठा गार्ड विज़िटर बुक में आपार्टमेंट में दाखिल होने वाली कारों का नंबर दर्ज़ करता था। एसपी गुरुनूर ने उस रात की विज़िटर बुक देखी। शिव टंडन की गाड़ी नौ बजकर पैंतीस मिनट पर अपार्टमेंट में घुसी थी। निकलने का समय दस बज कर चौदह मिनट था।
एसपी गुरुनूर ने सीसीटीवी फुटेज देखने की इच्छा जताई। फुटेज में भी कार नौ बजकर पैंतीस मिनट पर दाखिल होते और दस बज कर चौदह मिनट पर निकलते दिखी।
इस बीच सब इंस्पेक्टर गीता पहली बिल्डिंग में जाकर मोबाइल पर शिव टंडन की तस्वीर दिखा कर लोगों से पूँछताछ कर रही थी। उसी बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उस रात वह शिव टंडन के साथ लिफ्ट में थी। शिव टंडन पाँचवें फ्लोर पर उतर गया। जबकी वह सांतवें फ्लोर पर चली गई।
सब इंस्पेक्टर गीता ने पाँचवें फ्लोर पर जाकर पता किया। उस फ्लोर पर दो ही फ्लैट थे। एक फ्लैट पिछले तीन माह से खाली था। दूसरा फ्लैट किसी चेतन शेरगिल का था। पर उस वक्त वह भी बंद था।
जब एसपी गुरुनूर सब इंस्पेक्टर गीता के साथ पुलिस स्टेशन पहुँची तो टेबल पर शिव टंडन के फोन की कॉल डिटेल्स की फाइल रखी थी। एसपी गुरुनूर ने उसे चेक करना शुरू किया।
उस पूरे दिन शिव टंडन के फोन पर कुल छह कॉल्स आई थीं। सुबह दो नंबरों से कॉल आई थीं। तब वह घर पर ही रहे होंगे। एक कॉल दोपहर करीब एक बजे आई थी। उसके कुछ ही देर बाद एक और कॉल थी। बाकी की दो कॉल्स में एक मेघना की थी जो करीब पौने नौ बजे की गई थी। उससे पहले आठ बज कर दस मिनट पर जो कॉल आई थी उस पर सबसे अधिक समय तक बात हुई थी।
एसपी गुरुनूर ने सब इंस्पेक्टर गीता को उस नंबर का पता लगाने का आदेश दिया।

इंस्पेक्टर अब्राहम ने कंट्रोल रूम से शिव टंडन की कार का पता लगाने को कहा था। कुछ ही देर पहले उसे सूचना मिली थी कि नेशनल हाइवे पर जंगल से पहले रामलाल गंज में एक फार्म हाउस में पर्ल ब्लू रंग की हांडा एकॉर्ड कार मिली है। आसपास के लोगों को जब फार्म हाउस से अजीब सी बदबू आने लगी तो उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर सूचना दी।
इंस्पेक्टर अब्राहम फारेंसिक टीम के साथ फार्म हाउस पहुँचा। कार के अंदर एक लाश थी। लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी। लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। फॉरेंसिक टीम ने कार से नमूने इकठ्ठे कर जाँच के लिए भेज दिया।

पुलिस स्टेशन में एसपी गुरुनूर अपने केबिन में सब इंस्पेक्टर गीता के साथ बात कर रही थी। सब इंस्पेक्टर गीता ने उस नंबर का पता लगा लिया था जिससे शिव टंडन के फोन पर लंबी बात हुई थी।
वह नंबर रॉबिन घोष नाम के व्यक्ति का था। पर अब वह नंबर काम नहीं कर रहा था।
दोनों इसी बात की चर्चा कर रही थीं कि इस केस में पहले ही दो नाम थे। अंकित सिन्हा जिस पर मेघना शक ज़ाहिर कर रही थी। दूसरा नाम चेतन शेरगिल का था जिससे मिलने शिव टंडन गया था। अब तीसरा नाम रॉबिन घोष का जुड़ गया था।
शिव टंडन की लाश मिले आठ दिन हो चुके थे। पर केस सुलझने की जगह और उलझ गया था।
एसपी गुरुनूर के चेहरे पर परेशानी झलक रही थी।