वेपिंग कपल
आर 0 के 0 लाल
बिल्डिंग के तीसरे मंजिल पर अच्छा खासा कार्यालय था परंतु सीढ़ियों के सामने ही एक भट्टी में कोयले धधक रहे थे। कार्यालय में जाने वाले किसी बाहरी व्यक्ति ने पूछा यह आग क्यों जल रही है? उनके साथी दयाल ने बताया कि यहां एक हुक्का बार है और हुक्का के चिलम में आग भरने के लिए ही हमेशा आग बनाई रखी जाती है।
इसी बिल्डिंग के समीप लड़कियों का एक हॉस्टल भी है, आसपास काफी प्रतिष्ठित लोगों के रिहायशी आवास हैं। थोड़ी दूर पर कई अन्य छात्रावास एवं प्रशिक्षण संस्थाएं हैं जिनके बीच हुक्का गुड़गुड़ा रहा था। यहां सुबह से देर रात तक पार्टियां होती है। इसमें स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल होतो हैं।
थोड़ी देर में स्कूटी और बाइक पर सवार कई लड़के- लड़कियां वहां पहुंचने लगे। कुछ लड़कियां तो स्कूटी चला रही थी और उनके बी0 एफ0 पीछे बैठे थे। ज्यादातर लड़कियों के चेहरे पर दुपट्टे का आवरण था ताकि धूप और धूल से बचाव हो और साथ ही उन्हें कोई पहचान भी न पाए। यह लोग आज सरकार द्वारा वेपिंग पर प्रतिबंध का विरोध करने के लिए एकत्रित हो रहे थे।
एक जोड़ा केंद्र के सरकार को भला बुरा कह रहा था क्योंकि भारत मे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं उपयोग करते हुए कोई पकड़ा गया तो उसे तीन साल की सजा या फिर पांच लाख का जुर्माना भरना पड़ सकता है। वो कह रहे थे लोगों से हमारी खुशी देखी ही नहीं जाती। जब हम सिगरेट पीते थे तो हमारे घर वाले और समाज वाले हमें भला बुरा कहते थे। हमने सिगरेट छोड़ने के लिए ई सिगरेट पीना शुरू किया जिससे कोई हानि नहीं होती क्योंकि हम निकोटिन की मात्रा को नियंत्रित करके इसका मजा लेते हैं तो यह सब हो रहा है। वैसे तो चाय, काफी में भी निकोटीन होती है, कल के दिन उस पर भी बैन लगा देंगे क्या। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। शायद यह सब सिगरेट कंपनी की साज़िश है क्योंकि उनकी दुकानें बंद हो रहीं थीं।
एक ने बताया कि हम मजे लेने के लिए मुंह से वाष्प के गोले छोड़ते हैं जो बादलों के समान होता है। वैपिंग को हम प्यार से साझा करते हैं, और एक साथ मिल कर आनंद लेते है। इससे हमारा तनाव कम हो जाता है और हमारा पढ़ाई में भी मन लगता है। इस रोक को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि भारत में लगभग कई करोड़ लोग वेपिंग का आनंद लेते हैं और तंबाकू को हाथ नहीं लगाते।
तभी उस कैफे का दरवाजा खोलकर कोई गहक बाहर निकला तो भीतर से अक्षय कुमार की फिल्म खिलाड़ी 786 का मशहूर गाना सुनाई पड़ा- " हो ओ … तेरी अखियों का वार, जैसे शेर का शिकार। तेरा हुस्न धुयंदार, जैसे जलता सिगार।। तेरे प्यार का नशा कभी आर कभी पार। तेरा प्यार प्यार प्यार, हुक्का बार।।" यह सुनकर किसी का भी मन विदक जाएगा और वह अपना काम छोड़कर हुक्का बार की ओर आकर्षित हो जाएगा। वहां खड़े सभी लड़के- लड़कियां भी तेजी से भीतर चले गए।
वहां खड़े एक सज्जन बोले,- "क्या जमाना आ गया है आज लड़कियां भी सिगरेट पी रही हैं ।"
यह सुनकर भीतर जा रही एक युवती तो बिगड़ ही गई। बोली," हम कोई सिगरेट थोड़ी न पीते है। आपको पता होना चाहिए कि ई सिगरेट क्या होती है।" फिर उसने स्वयं ही बताया कि ई सिगरेट या वाष्पीकृत सिगरेट एक बैटरी चालित उपकरण है जो निकोटीन या गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की खुराक प्रदान करता है और सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धुम्रपान वाले तम्बाकू उत्पादों का एक विकल्प है। इसे चीन में ईजाद किया गया था जिसके माउथपीस में एक मसालेदार तरल घोल वाष्पीकृत होता है। इसे "ई-लिक्विड" या "ई-जूस" कहा जाता है। इसमें निकोटिन की मात्रा भी नियंत्रित की जा सकती है।
एक बाबूजी ने पूछा, "जब सरकार हुक्का बार ,चरस, अफीम, हीरोइन जैसे किसी भी प्रकार के मादक द्रव्यों के इस्तेमाल की छूट नही देती तो यह कैसे चल रहा है। इससे तो युवाओं में नशे का शौक लगातार बढ़ता जाएगा और उनका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा।
एकत्रित हुए लोगों में कुछ महिलाएं भी थी।उनमें से एक महिला अपने पुरुष फ्रेंड के साथ बैठी थी। दोनों वेपिंग के दीवाने लगते थे। महिला ने बताया की हम एक शौकीन वेपिंग कपल हैं। हम दोनों को साथ साथ वेपिंग करते लगभग आठ साल हो गए है। फिर उसने अपने पर्स से एक पेन नुमा ई सिगरेट निकाला। उसे मुंह में लगा कर बटन दबाया और धुएं का फौवारा छोड़ दिया। उसके बी0 एफ 0 ने भी उसमें अपना धुवां इस प्रकार मिलाया कि नज़रों के सामने एक सुंदर सी आकृति उभर आई।
दयाल जी ने वाह वाह करते हुए उस व्यक्ति से कहा आप तो बड़े माहिर हैं और फिर उनसे अपने बारे में बताने का अनुरोध किया।
उस व्यक्ति नेअपना नाम रमन बताया। कहा कि ये सुंदर सी लड़की बहुत बेफिक्र और निडर है जो कुछ दिनों पहले सुदूर गांव से आई हुई एक सीधी साधी छात्रा थी। यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहती थी। अक्सर हॉस्टल की अनेक छात्राएं भी धूम्रपान करने की आदत से ग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे में वर्तिका नाम की इस लड़की ने बताया कि अब ई सिगरेट का जमाना आ गया है। उसने उसके फायदे बताएं और ई सिगरेट ला कर छात्राओं को देती। अक्सर सभी कहीं बैठकर वेपिंग का मजा लेते थे। फिर उसकी मुलाकात मुझसे हुई। मैं भी चेन स्मोकर था। वर्तिका ने मुझे स्मोकिंग से होने वाले नुकसान के बारे में समझाया और स्मोकिंग छोड़ने के लिए वेपिंग करने की सलाह दी। कहा कि इसमें कोई तंबाकू नहीं होती और तरह-तरह के फ्लेवर भी होते हैं जिससे बहुत आनंद आता है। हम दोनों साथ साथ वेपिंग का मजा लेने लगे कभी घर में तो कभी क्लब या बार में। कुछ दिनों बाद वर्तिका के पिता ने उसकी शादी किसी बड़े घराने में तय कर दी। वर्तिका कहती रह गई कि मुझे शादी नहीं करनी है, मैं अपनी पसंद के लड़के से शादी करूंगी, मगर उनके घर वालों ने उसकी एक नहीं सुनी। शादी की पहली रात को ही वर्तिका ने अपने पति को स्पष्ट रूप से कह दिया कि उसने दबाव में शादी तो कर ली है मगर हम लोगों के बीच शादी वाला कोई संबंध नहीं रहेगा। दूसरे दिन सुबह ही घर में कोहराम मच गया था। उसके पति ने सबको यह बात बतायी, सभी ने उसे समझाने की कोशिश की परंतु कोई नतीजा नहीं निकला। शाम को वर्तिका ने अपना सामान उठा कर उस घर को हमेशा के लिए गुड बाई कह दिया। उसने मुझे पहले से ही बता रखा था इसलिए मैं वहीं पास के एक बैंक के सामने बाइक लेकर खड़ा उसका इंतजार कर रहा था। तब से ये मेरे साथ ही रह रही है। हमारी कुछ मजबूरी है जिसके कारण हम शादी नहीं कर रहे हैं। इस बीच वर्तिका ने अपने पति से तलाक लेने के लिए कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
वर्तिका और रमन साथ साथ रहते अक्सर घूमने भी पहाड़ों पर चले जाते हैं। कहते हैं कि पहाड़ों में धुएं के छल्ले निकालने का अपना अलग ही आनंद है। वहां एक तरफ से रमन तो दूसरी तरफ से वर्तिका जब वाष्प के छल्ले छोड़ते हैं तो दोनों की धाराएं एक दूसरी में समा जाती हैं और आर पार हो कर एक मनमोहक नजारा निर्मित करती हैं। लगता है जैसे दो आत्माओं का मिलन हो रहा हो और परिणाम स्वरूप प्रकृति भी झूम उठी हो। वे बताते हैं कि फिलहाल तो दोनों लिव इन रिलेशनशिप की तरह अपना जीवन बिता रहे हैं । उनका मानना है कि शादी के अनावश्यक बंधन में क्या बंधना।
वर्तिका बड़ी स्टाइल से बताती है कि बादलों के ऊपर उड़ने का कुछ और ही मजा है। वेपिंग से कमरा जब धुएं से भर जाता है तो लगता है हम बादलों के बीच हैं। कभी मैं उनके ऊपर तो कभी वो मेरे ऊपर चढ़ते उतरते हैं । लगता है धुंए की शक्ल में छाए बादलों में हम तैर रहे हों। हम बहुत रोमांचित हो उठते हैं।
जब हम दोस्तों के साथ वेपिंग करते हैं तो सुरमई बादलों का नजारा अधिक दिलकश हो जाता है। लगता है धुएं में मेरा आंचल उड़ता हुआ हमें कहीं दूर चलने का इशारा कर रहा है। हम सोचते हैं कि बातों में कहीं ये खत्म न हो जाए। रमन भी भावुक हो उठता है और धुएं के बवंडर में से निकल कर बाहों में आने का इजहार करता है। इतना प्यार धुएं के बीच बढ़ता है कि हम अपनी सुध - बुध खो देते हैं। यही तो मजा है जीवन का।
दयाल जी ने पूछा अच्छा यह बताइए कि आपको इतने दिनों से वेपिगं करने का कोई नुकसान हुआ कि नहीं?
दोनों ने कहा यही तो बताने और समझने हम आज यहां आए हैं। उन्होंने कुबूला, " हमें भी इसकी लत पड़ गई है। पहले हम निकोटीन की बहुत कम मात्रा लेते थे जिसे हमने धीरे-धीरे बढ़ा लिया और नतीजा यह हुआ कि हम दोनों को सांस की बीमारी शुरू हो गई है। लगता है हमारे फेफड़े खराब हो रहे हैं। रमन ने बताया कि माना जाता है कि वेपिंग कई लोगों को नुक्सान पहुंचाता हैं क्योंकि वेपिंग में निकोटिन, प्रोपलीन ग्लाइकोल, ग्लिसरीन और फ्लेवर के केमिकल होते हैं जो फेफड़ों को, लीवर को प्रभावित कर सकते हैं, ऐसा लोग बताते हैं। इससे चेहरे पर झाइयां और नींद न आने की समस्या भी हो सकती हैं। अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि ई-सिगरेट की वजह से कम उम्र की महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ता है। मुझे तो कभी कभी चक्कर आते हैं मगर हमारे वैपिग और प्यार में कोई कमी नहीं आई है रमन ने बताया। फिर उन्होंने सभी को इससे बचने की सलाह दे डाली।
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