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दूसरी का चक्कर

“दूसरी का चक्कर”

आर 0 के 0 लाल


उनके घर के सामने बड़ी भीड़ लगी हुई थी। सभी लोग इंतजार कर रहे थे कि चंदन की बॉडी अस्पताल से आ जाए और उन्हें अंतिम श्रद्धा सुमन अर्पित कर दें। लोग खड़े-खड़े तरह-तरह की बातें भी कर रहे थे। कुछ तारीफ कर रहे थे कि बड़ा अच्छा स्वभाव था चंदन का, सब से दोस्ती रखते थे, हमेशा हंसते रहते थे। आज तक उनकी लड़ाई किसी से नहीं हुई । आज विश्वास ही नहीं हो रहा है कि वे हम सब को इतनी जल्दी छोड़कर स्वर्ग सिधार गए। उनकी उम्र 62 -63 वर्ष ही रही होगी,काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। ठीक से इलाज भी नहीं हो रहा था क्योंकि कोई उनका तीमारदार नहीं था।

उन्हीं लोगों में से किसी ने बोला,- " बहुत अच्छे व्यक्ति थे। लेकिन उन्हें जीवन में कभी घर का सुख नहीं मिला। हमेशा पैसे से, बीवी और बच्चों से परेशान रहते थे।"

एक व्यक्ति बोला," परेशानी तो उन्होंने अपने आप ही मोल ली थी। इतनी अच्छी बीवी मिली थी, दो बच्चे भी हो गए थे। माना कि तनख्वाह कम मिलती थी लेकिन बीवी भी स्कूल में मास्टर थी। दोनों का मिलाकर अच्छी तरह खर्चा चल जाता था। मगर दूसरी के चक्कर में सब कुछ गवा बैठे।"

वहां खड़े एक सज्जन रमन ने चंदन के बारे में सबको बताया कि वे बहुत अच्छे गायक भी थे । उन्होंने एक आर्केस्ट्रा ग्रुप भी तैयार किया था। उससे भी उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। उनके आर्केस्ट्रा ग्रुप में दो तीन गायक लड़कियां और कुछ युवतियां भी थी। उनमें से किसी न किसी से उनका कुछ चक्कर चलता ही रहता था। वे खुद भी इसकी चर्चा अपने ग्रुप वालों से करते थे इसलिए यह बात धीरे-धीरे उनके घर तक पहुंच गई।"

उनके एक दोस्त रवि ने बताया कि चंदन खाने-पीने के बहुत शौकीन थे। कपड़ा भी अच्छा पहनते थे। तमाम तरह की शराब भी उनके पास हुआ करती थी । आर्केस्ट्रा में वैसे भी शराब का दौर चलता रहता था। जमकर वह पीते और फिर गिरते पड़ते रात में दो बजे घर पहुंचते थे। उनका कई दफे रास्ते में एक्सीडेंट भी हुआ । रात भर सड़क पर ही पड़े रहते थे, सुबह लोग उन्हें उठाकर अस्पताल पहुंचाते फिर घरवाले पहुंचकर इलाज कराते थे। उनके पास इलाज के पैसे नहीं होते थे क्योंकि ज्यादातर पैसे तो शराब और पार्टी में ही लुटा देते थे इसलिए सरकारी अस्पताल में ही उनका इलाज होता था। फिर भी वे बहुत खुश रहते थे और थोड़ा ठीक हो जाने के बाद पुरानी दिनचर्या में लौट आते थे।

शहर के बड़े-बड़े लोगों से चंदन का संबंध था। कोई शादी ब्याह का फंक्शन हो तभी उनके यहां जाते थे और वहां पर अपना गाना गा कर सभी को अपना लोहा मनवा आते थे। अच्छा स्वर दिया था भगवान ने उन्हें। इस बात से स्थानीय स्तर पर बहुत प्रसिद्ध हो गए थे।

चंदन हमेशा मस्त रहते, लड़कियों का वे बहुत ख्याल रखते, खासतौर से वे लड़कियां जो आर्केस्ट्रा पार्टी में गाना गाती थी। रात में वह लड़कियों को घर पहुंचाने जाते थे बाद में उनके साथ अक्सर बाजार या पिक्चर हॉल में देखे जाते थे। लड़कियां भी उनका खूब फायदा उठाती। उनसे खूब हंसी मजाक करती और पैसा खर्च करवाती थी।

रमन ने कहा,- " प्यार में कौन नहीं पड़ना चाहता है यदि आपका दिल किसी लड़की पर आ बैठा है और आपकी दिली ख्वाहिश है कि वो भी आपसे मोहब्बत करे। किसी के प्रति आकर्षण होना एक अलग चीज है लेकिन उस आकर्षण के चलते अपनी शादीशुदा जिन्दगी को ताक पर रख देना बिल्कुल गलत है।"

रमन ने एक वाकया बताया कि चंदन की एक दूर की रिश्तेदार तनु भी उनके साथ पार्टी में जाती थी। एक दिन चंदन तनु के घर रात में पहुंचे, शराब ज्यादा पिए थे इसलिए लड़खड़ा रहे थे। रात उसी के घर पर रुक गए। दोनों का चक्कर पहले से ही था। उस दिन तो दोनों अपने होश गवा बैठे फिर अक्सर चंदन तनु के घर जाने लगे।

यह सब बातें तनु के घर वालों को पता चली तो कोहराम मच गया। तनु शायद इसके लिए तैयार थी कहने लगी “मैं अपने प्रेमी से मिलती हूं, वह भी शादी-शुदा हैं। हम गुपचुप अपनी खुशियां बांटते हैं। रात दिन मेहनत करती हूं। पैसा कमा कर पूरे परिवार को संभालती हूं। यह हमारे लिए अपने परिवार को चोट पहुंचाए बिना अपने ऊब भरे दैनिक जीवन से निकलने का जरिया है। फिर किसी को क्यूं खराब लगता है?"

रमन की बात सुनकर वहां बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि तनु के बात में दम तो है। आजकल तो ग्लीडेन ऐप के जरिए शादी-शुदा संबंधों से नाखुश लोग अपने लिए पार्टनर ढूंढते हैं।। इस ऐप के 5 लाख से ज्यादा भारतीय भी यूजर्स हैं। खबर है कि इस वेबसाइट पर लाखों लोगों ने विवाहेतर संबंधों की बात स्वीकार की है।

रमन बोले,- “क्या कह रहें हैं भाई साहब? मैंने इस ऐप के बारे में तो नहीं मगर एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर के संबंध में तो सुना है। मेरे पड़ोस की नम्रता और राजेंद्र एक ही कंपनी में काम करते थे और दोनों में प्यार हो गया। दोनों ही विवाहित थे, लेकिन फिर भी एक-दूसरे के साथ रहने लगे। इससे उनकी बहुत बदनामी हुई थी। मगर उनका संबंध बहुत दिनों तक नहीं चला। फिर खुद ही बोले, पहली नजर में तो एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर बहुत रोमांटिक प्रतीत होते हैं फिर जल्दी ही दोनों में असुरक्षा की भावना विकसित होने लगती है। ऐसी स्थिति लोग सोचते हैं कि जो अपने पार्टनर को धोखा दे सकता है वह मुझे भी धोखा देगा। विवाहेतर संबंध कभी सही नहीं हो सकता। आपस में सहमति हो जाए तो क्या व्यभिचार उचित है? इस तरह के संबंधों के कारण समाज विकृत हो सकता है।"

रमन ने बताया, "तनु को लेकर चंदन के घर में पत्नी से बहुत लड़ाई झगड़ा हुआ। घरवाली, बाहरवाली के चक्कर में रोज हंगामा होता था। पुलिस तक शिकायत पहुंची उनकी पत्नी ने अपने पति पर बंधक बनाकर पिटाई करने का आरोप लगाया। उसका कहना था कि उनका पति ऐसा दूसरी महिला के चक्कर में करता है। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट करता है।"

कई दफे इस तरह की घटनाएं सामने आई तो चंदन के बच्चे और पत्नी ने उनका घर छोड़ दिया। अब वह अकेले रह गए। उन्होंने बच्चों और पत्नी को बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन कोई नहीं माना । कुछ दिनों बाद उन्होंने डिवोर्स के लिए आवेदन किया पत्नी की सहमत के कारण न्यायालय ने उन्हें अलग रहने का आदेश दे दिया।

पत्नी के जाने के बाद घर खाली हो गया था और अब चंदन को पूरी आजादी मिल गई थी। फिर क्या था घर पर रोज पार्टी होती। उनका सारा पैसा अय्याशी में खत्म होने लगा। जितना भी वह कमाते सब खर्च हो जाता। धीरे-धीरे उनके ऊपर काफी कर्जा लद गया। अंग्रेजी शराब की जगह देसी ठर्रा से परहेज नहीं रह गया था ।

उस दिन एक बड़े होटल में एक पार्टी आयोजित हुई थी । चंदन भी बहुत खुश थे क्योंकि उन्हें अच्छा गाने का आवार्ड मिल रहा था। उस दिन उस होटल में वह लड़की भी थी जिससे उनका नया चक्कर चल रहा था। वह भी बहुत खुश थी और उनसे कहने लगी कि मुझे भी आपकी तरह ही बनना है। बात कर के उन्हें बहुत अच्छा लगा। उसके साथ एक लड़की और थी उसने लड़की का परिचय करवाया। वह उसकी मामा की लड़की माधुरी थी। कहने लगी कि हम लोग कहीं पर डिनर कर लेते हैं और आपस में बात कर लेते हैं। डिनर के बाद कहने लगी कि माधुरी आपके साथ रहना चाहती है ।इसे पढ़ाई करनी है। बात तय हो गई और माधुरी उनके साथ ही रहने लगी। माधुरी तलाकशुदा है वह अपने नानी के साथ रहती थी। घर का गुजारा मुश्किल से चलता था। नानी के गुजर जाने पर वह अकेली पड़ गई थी। माधुरी के भाइयों में घर की जमीन बेचकर कारोबार किया मगर माधुरी को कुछ नहीं दिया। वह लड़की माधुरी की टोपी चंदन को पहना गई थी। माधुरी के लिए चंदन ने उसके भाइयों से दुश्मनी मोल ले ली थी और कई बार पिट भी चुके थे।

पास बैठे एक सज्जन ने आश्चर्य व्यक्त किया कि न जाने कैसे लोगों के विवाहेत्तर संबंध स्थापित हो जाते हैं जबकि अक्सर लोगों के पास अच्छी पत्नी और बच्चे होते हैं।

रमन ने उन्हें एक कहानी सुनाई कि पत्नी,घर, बच्चों के रहते हुए भी रामचंद्र और संध्या के संबंध न जाने कब, कैसे विकसित हो गये। लोग उनसे पूछते थे कि तुम्हारा घर परिवार बरबाद हो रहा है, मान सम्मान खत्म हो रहा है। आखिर ऐसा उसमें क्या है जो तुम्हारी पत्नी में नहीं? उनका जवाब होता था कि संध्या मुझे बहुत पसंद है मुझे बहुत प्यार करती है। उनका मानना है कि आपसी ऊब, एक दूसरे का तिरस्कार, पति पत्नी के बीच समय का अभाव व संवादहीनता आदि ऐसे कारण है जिससे लोग नया प्यार पाने के लिए भटकने लगते हैं। जहां भी किसी को ज्यादा लगाव, सहानुभूति या भावनात्मक जुड़ाव मिलेगा, उस ओर कोई भी बहकेगा ही।

रमन ने चंदन की बातें आगे बढ़ाई। कहा कि माधुरी को लेकर चंदन के रिश्तेदारों में काफी तनाव था। वे लोग चंदन को समझाते थे लेकिन चंदन कहते थे कि इस उम्र में मुझे कुछ सहारा तो चाहिए। अकेले तो जिंदगी नहीं कट सकती है। माधुरी भी तेज महिला थी वह चंदन की कमाई पर मौज करती थी और उनसे शादी करना चाहती थी।

कुछ दिनों बाद चंदन की तबीयत खराब रहने लगी, दारू पीने के कारण उनका शरीर जवाब दे रहा था। वे बीमार रहने लगे। मगर उन्हें कोई अस्पताल ले जाने वाला नहीं था। माधुरी भी कोई न कोई बहाना कर देती। कभी कहती कि पैसा नहीं है। एक हफ्ते पहले चंदन की तबीयत ज्यादा खराब हुई जिससे उनका देहावसान हो गया। उनके पास जो भी संपत्ति है व न जाने किसको मिलेगी क्योंकि माधुरी की चंदन से कोई शादी नहीं हुई और पहली बीवी से डिवोर्स हो गया था।

यह सब सुन कर लोगों ने कहा चंदन ने पूरा जीवन मौज मस्ती में तो बिता दिया लेकिन उनकी गल्तियों से सभी को सबक लेना चाहिये ।

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