The Seven Doors - 1 Sarvesh Saxena द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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The Seven Doors - 1

स्कूल में परीक्षा खत्म हो चुकी थी और समर वेकेशन शुरू हो गए थे, सारे बच्चे बहुत खुश थे कुछ ना कुछ करने के लिए या फिर कहीं ना कहीं जाने के लिए लेकिन एंजल और रशेल बिल्कुल भी खुश नहीं थे क्योंकि ना ही तो वह कहीं घूमने जा सकते थे और ना ही तो वो कुछ अपनी मर्जी से कर सकते थे क्योंकि उनके मम्मी पापा बहुत व्यस्त थे l

उनके पास एंजल और रशेल के लिए जरा भी समय नहीं था l वो दोनों चुपचाप घर में यही सोच रहे थे कि अब हम करें तो क्या करें, शाम को एंजल और रशेल चर्च गए, उनके घर से थोड़ी ही दूरी पर एक बहुत बड़ा और पुराना चर्च था चर्च था, दोनों चर्च के बाहर बैठकर पेड़ों की ओर देखने लगे तभी रशेल को पेड़ के पास एक किताब दिखी, वह दौड़ कर उस किताब के पास गया और उठाकर ले आया, दोनों किताब देखकर बहुत खुश हुए क्योंकि किताब कहानी की थी, किताब देखने पर पता लगा आधी किताब फटी हुई थी फिर भी एंजल और रशेल उसे खुशी-खुशी घर उठा लाए l

उन्होंने चुपके से उस किताब को छुपा दिया और सोचने लगे कि रात को जब सब सो जाएंगे तो हम दोनों कहानी की किताब पढ़ेंगे l
रात को जब घर पर सभी लोग सो गए तो एंजल और रशेल ने उस किताब को निकाला और उसे ध्यान से देखने लगे तभी एंजल ने कहा, "भैया इस किताब का नाम क्या है?" तो रशेल ने किताब को उलट पलट कर देखा लेकिन किताब का नाम फटा हुआ था तो रशेल ने कहा कि, "पता नहीं, लेकिन हमें नाम से क्या करना है हम इसकी कहानी को पढ़ेंगे और मजे करेंगे तभी घड़ी की घंटी बोल पड़ी रात के 12:00 बज के चुके थे l


एंजल और रशेल किताब पढ़ना शुरू करते कि इससे पहले ही किताब हिलने लगी और उसमें से एक तेज प्रकाश निकलने लगा प्रकाश इतनी तेज हो गया कि उन दोनों की आंखें बंद हो गई और जब आंखें खुली तो उन्होंने अपने आप को एक नई दुनिया में पाया वहां चारों ओर रंग बिरंगे फूल हरियाली और सुंदर नदियां बह रही थी हर पेड़ पर रसीले फल लगे थे पंछी उड़ रहे थे, चारों ओर एक मधुर संगीत बज रहा था रशेल और एंजेल तो जैसे स्वर्ग में आ गए थे, वो एक रास्ते पर चले जा रहे थे कि तभी उन्हें एक छोटा सा घर दिखा, वह दोनों उस घर में चले गए जहां एक बूढ़ी औरत एक तस्वीर के आगे उदास बैठी थी l

उन दोनों ने कहा कि, "आप इतनी अच्छी जगह रहती है, फिर भी आप इतनी उदास क्यों है?", बूढ़ी औरत एक गहरी सांस लेकर बोली, "यह तस्वीर देख रहे हो, यह मेरे पोते की है, यह मुझे बहुत प्यार करता था और इसके सिवा मेरा कोई भी नहीं है, यह मुझे छोड़ कर चला गया" l यह कहकर वो रोने लगी l रशेल ने दुखी होकर कहा," क्या यह मर गया? ", बूढ़ी औरत तुरंत उठ खड़ी हुई और बहुत गुस्से में बोली, "लड़के अभी और इसी वक्त भाग जा, मेरा पोता मरा नहीं है, वह बस खो गया है, उन साथ दरवाजों में... न जाने कहां और किस दरवाजे में???!!! वो खूनी दरिंदे दरवाजे किसी को भी नहीं छोड़ते, वहां से आज तक कोई वापस नहीं आ पाया?"


एंजल और रसूल ने कहा, "क्या आप उन सात दरवाजों के बारे में जानती हैं? "
बुढ़िया ने कहा," सात दरवाजे जादुई दरवाजे हैं, यह बरसों पहले और बरसों बाद के समय में ले जाते हैं और कभी यह बहुत सुंदर तो कभी डरावने और खतरनाक लोगों से मिलाते हैं, अब तक इन दरवाजों के अंदर जाकर कोई नहीं लौटा, पर तुम लोग कहां से आए हो??, यहां तो मेरे अलावा और कोई नहीं रहता, फिर तुम लोग कहां रहते हो?? " उन दोनों ने बताया," हम अमेरिका में रहते हैं, हमारे स्कूल बंद हो चुके थे और हम एक कहानी की किताब पढ़ रहे थे , हम उस किताब को पढ़ने ही वाले थे कि अचानक हम यहां चले आए, क्या आप उस किताब के बारे में कुछ जानती हैं"?


आगे की कहानी अगले भाग मे......



कहानी पढ़ने के लिए
आप सभी मित्रों का आभार l
कृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l

?धन्यवाद् ?

? सर्वेश कुमार सक्सेना