The Author Sarvesh Saxena फॉलो Current Read The Seven Doors - 4 By Sarvesh Saxena हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books यादों की अशर्फियाँ - 21 - बॉयज के साथ बातचीत बॉयज के साथ बातचीत ट्यूशन की सबसे बड़ी खासियत थी... सनातन - 2 (2)घर उसका एक 1 बीएचके फ्लैट था। उसमें एक हॉल और एक ही बेडरू... गोमती, तुम बहती रहना - 7 जिन दिनों मैं लखनऊ आया यहाँ की प्राण गोमती माँ लगभग... मंजिले - भाग 3 (हलात ) ... राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 10 शेयर करे The Seven Doors - 4 (32) 3k 6.8k 2 कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा की एंजेल और रशेल ब्रैवो के साथ दूसरे दरवाजे यानी बर्फीली दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं, जहां उन्हें बर्फीला परिवार कैद कर लेता है l एंजल और रशेल बर्फीले लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह बर्फीली दुनिया को ठीक कर देंगे और उनके आग देवता को आजाद करवाने में उनकी मदद करेंगे, बच्चे अपनी सूझबूझ और बहादुरी से सभी के साथ मिलकर बर्फीली दुनिया को पहले जैसा सामान्य बना देते हैं और उनके आग देवता को आजाद कराकर तीसरे दरवाजे में प्रवेश कर जाते हैं lअब आगे.... तीनों बच्चे बर्फीली दुनिया से पानी में बहते बहते तीसरे दरवाजे में प्रवेश कर जाते हैं और जब होश में आते हैं तो देखते हैं वह एक रेगिस्तान में आ चुके हैं l वो चलते-चलते जा रहे थे कि तभी उन्हें लगा धरती हिलने लगी और वो तीनों लड़खड़ाने लगे उन्हें लगा कि बहुत तेज का भूकंप आने वाला है लेकिन जब उन्होंने सामने देखा तो उनका खून सूख गया क्योंकि वो एक बड़े एनाकोंडा के मुंह के पास आ चुके थे और अब तक ये लोग उसी पर चल रहे थे l तीनों लोग भागने लगे पर एनाकोंडा के आगे भला किसकी हिम्मत की लड़ सके l बचते बचाते वो लोग एक नुकीले पत्थर की चट्टान पर चढ़ गए और नुकीले पत्थरों को पकड़ पकड़ कर ऊपर चढ़ने लगे जिससे कि एनाकोंडा उस पर ना चढ़ पाए, वहां जाकर तीनों कुछ चैन की साँस लेते हैं कि तभी मुंह फैलाते हुए एनाकोंडा तेजी से उनकी ओर आता दिखाई पड़ा बच्चे और तेजी से नुकीली चट्टान पे भागने लगे कि तभी नुकीली चट्टान उड़ने लगी क्योंकि वो चट्टान नहीं एक पैने पंजों और चोंच वाली बहुत बड़ी चील थी जो तीनों बच्चों को चिल्लाते हुए उड़ा कर बड़ी दूर ले गई, बच्चे चुप चाप एक एक नुकीले पंख पकड़ कर बैठ गए और एनाकोंडा पीछे देखता रह गया l वह तीनों अब असमंजस में पड़ गए थे यह कैसी दुनिया है जहां सिर्फ जानवर हैं वो भी इतने विशाल और भयानक तभी एंजेल ने कहा, " भैया लगता है हम तीसरे दरवाजे से अब वापस नहीं आ पाएंगे, ये जानवरों की दुनिया तो बहुत ही खतरनाक है" l बहुत दूर तक उड़ने के बाद उस चील ने उन्हें एक जगह गिरा दिया, गिरते-गिरते वह तीनों अलग-अलग जगह पर गिर गए और काफी देर बाद दोनों ने एक दूसरे को ढूंढ पाया l अब उन्हें बहुत तेज भूख लगी थी पर यहाँ खाने को कुछ नहीं था l वो तीनों फिर चलने लगे, दूर जाकर उन्हें एक नदी दिखाई दी उन्हें पता था कि वो जंगली जानवरों की दुनिया में है फिर भी वह प्यास के कारण नदी के पास गए और पानी पीने के लिए जैसे ही नदी में हाथ डालने लगे तो देखा पानी तो बिल्कुल जमा हुआ लग रहा था, उन्हें बहुत प्यास लगी थी तो पत्थर और लकड़ी से जमे हुए पानी को खोदने लगे पर कुछ नहीं हुआ और तभी अचानक बड़ी तेजी से पानी फिसलने लगा और साथ में बच्चे भी उसके साथ फिसलते गए क्योंकि वह नदी नहीं एक बड़ी विशालकाय नीली मछली थी जो सीधा जाकर समुंदर में चली गई बड़ी मुश्किल से वह उस मछली से अपने आप को बचा पाए और उनकी भूख प्यास सब चली गई वो कुछ और सोच पाते इस से पहले वो विशालकाय मछली समंदर मे कूदने लगी जिस से समन्दर के पानी बच्चों तक आ गया और वो बह कर बड़ी दूर चले गए l अब ब्रैवो एक जगह पर बैठ गया और रोने लगा और बोला कि, "अब मैं नहीं चल सकता, मुझे खाना चाहिए, मुझे खाना चाहिए", एंजेल और रशेल ने उसे बहुत समझाया, "यहां पर खाना नहीं है" लेकिन वो नहीं माना उन्होंने कहा हम ढूंढ रहे हैं पर हमें कुछ मिले तो l तभी उन्हें छड़ी की याद आई, उन्होंने छड़ी निकाली और खाने के लिए कहा, छड़ी आगे आगे चलने लगी और उसके पीछे बच्चे चले गए तभी सामने एक सुंदर पेड़ दिखा जिसमें आम, अनार, सेब, अमरूद केला, संतरा सब एक ही पेड़ में लगे थे ये देख वो बहुत खुश हो गए l उन्होंने जी भरकर पेड़ से फल खाए और आराम करने लगे तभी उन्हें ध्यान आया कि उन्हें चौथे दरवाजे में भी जाना है लेकिन अफसोस उनका दिशा मापी और समय मापी यंत्र बर्फीली दुनिया में बह गया था l वह बैठ कर रोने लगे तब ब्रेवो ने बताया मैं दरवाजे प्रकट होने की तरंगे पहचानता हूं, मैं तुम्हारी मदद करूंगा तब जाकर दोनों बच्चे खुश हुए और आगे बढ़ गए अचानक उनके सामने एक भारी भरकम हाथी चिल्लाता हुआ आ गया और उन को मारने की कोशिश करने लगा तभी बच्चों ने केले के सारे छिलके उस हाथी के नीचे डाल दिए, हाथी बड़ी तेजी से गिरा जिससे कि पेड़ के सारे फल गिर गए, पर यह क्या?? पेड़ तो हिलने लगा, "अरे वह पेड़ नहीं है", बच्चे चिल्लाए, "यह तो एक बड़ा चूहा है, जो कि सारे फल पकड़कर सो रहा था l अब एक तरफ चूहा और दूसरी तरफ हाथी था l एंजेल और रशेल ने हाथी की सूंड मे फल भर दिए जिससे ऊबकर वो चूहे के पूंछ के ऊपर गिर पड़ा, अब चूहे और हाथी में लड़ाई होने लगी और बच्चे भागने लगे हाथी और चूहा लड़ते-लड़ते बच्चों के पास आ गया l हाथी बहुत गुस्से मे था उसने चूहे को उठाकर दूर फेंक दिया, बच्चे और डर गए और भागने लगे धीरे-धीरे उनका समय भी खत्म हो रहा था हाथी उन्हें दौड़ता गया और फिर तीनों बच्चों को सूंड में उठाकर गोल गोल घुमा कर फेंक दिया, वो बहुत दूर ऊपर जाकर उड़ गए, उन्होंने नीचे देखा तो सारे खुंखार जानवर इकट्ठा होके उन्हें देख रहे थे और तभी ब्रैवो चिल्लाया, "दरवाजा आने वाला है, वो देखो" l बच्चे ऊपर से नीचे की ओर गिरने लगे उधर दरवाजा प्रकट हो चुका था और लाल रोशनी से सारे जानवर घबराकर भागने लगे तभी वो बड़ी चील हवा मे उड़ती हुई आई और तीनों बच्चों के बड़ी तेजी से अपने पंख मार गई और तीनों चौथे दरवाजे में जा गिरे और दरवाजा गायब हो गया तीसरी दुनिया भी अब खत्म हो चुकी थी l एंजेल, रशेल और ब्रेवो चौथे दरवाजे में आ चुके थे lआगे की कहानी अगले भाग मे....कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार lकृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l?धन्यवाद् ?? सर्वेश कुमार सक्सेना ‹ पिछला प्रकरणThe Seven Doors - 3 › अगला प्रकरण The Seven Doors - 5 Download Our App