The Author Sarvesh Saxena फॉलो Current Read The Seven Doors - 8 By Sarvesh Saxena हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मोमल : डायरी की गहराई - 32 पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स ने अपने अनोखे होने की सच... Revenge by Cruel Husband चित्रांगदा शर्मा - उम्र 20 साल, बड़ी-बड़ी आँखें, कंधे तक बाल... साथिया - 122 साधना ने दरवाजे पर ही अक्षत और ईशान को रोक दिया और फिर दोनो... 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आग बहुत तेज जल रही थी, इसी आग की रोशनी दूर से वास्को और रशेल को दिख रही थी l इतनी दूर होने के बावजूद भी आग की लपटों की गर्मी से दोनों का शरीर पसीने से लबालब हो गया था l आग के चारों ओर कई सारे शैतान जिनके सिर एक जंगली बकरे की तरह थे, उनके नुकीले सिंह किसी भाले से कम नहीं थे l सारे एक दूसरे का हाथ पकड़कर कोई मंत्र जाप कर रहे थे, कुछ शैतान अपनी ही धुन मे नाचे जा रहे थे l वास्को अपने माथे का पसीना पोछते हुए बोला, "ये तो बहुत सारे हैं, हम कैसे???!!!!" और तभी एक शैतान आग मे कूद गया, आग और ज्यादा भड़क गई lकुछ देर तक देखने के बाद समझ आया कि आग के चारों ओर घूमने वाले ये शैतान, बारी बारी से हर सातवें फेरे मे आग मे एक शैतान कूद कर अपने शैतान देवता को प्रसन्न कर रहे है और जब दस हजार शैतान आग में कूद जाते हैं तो एक बड़ा और विशाल शक्तिशाली शैतान जन्म लेता है, जिसे ये अपना देवता मानते हैं l ये सुनकर वास्को और रशेल सोच मे पड़ गए, दोनों ने ठान लिया कि कैसे भी कर के इन शैतानों को रोकना पड़ेगा वरना इनका शैतान देवता अगर पैदा हो गया तो दुनिया खतरे मे पड़ जाएगी, तभी एक शैतान चिल्लाया, " ऊ ऊ ऊ.... हा हा हा अब कुछ ही समय में हमारा नया जन्म होगा हमारी बली से महाशक्तिशाली शैतान का देवता जन्म लेगा, हा हा हा हा" l अब दोनों और सतर्क हो गए उन्होंने सोचा कि शैतान जन्म ले इससे पहले ही हमें इस दुनिया से निकलना होगा l वो एक खंबे के पीछे छुप गए और धीरे-धीरे छुप कर आगे बढ़ने लगे, आग रह रह कर और भड़क रही थी, मोटी दीवारें भी लोहे सी गर्म होने लगी थीं, रशेल को अब चलना मुश्किल हो रहा था, उसका गला बिल्कुल सूख चुका था, उसने वास्को से कहा, मैं अब और नहीं चल सकता, मुझे प्यास लगी है, पानी दे दो", प्यास तो वास्को को भी लगी थी लेकिन वो अपनी प्यास को दबाये था, वास्को ने रशेल से कहा," बस कुछ देर और फिर हमे पानी मिल जाएगा " रशेल उदास हो कर चलने लगा उसकी आँखे गर्मी से लाल हो चुकी थीं, वो धीमे कदमों से लड़खड़ाते हुए चलने लगा और कुछ दूर जाकर गिर गया lवास्को ने उसे अपनी गोद मे लिटा लिया, उसकी भी हालत बहुत बुरी हो चुकी थी पर रशेल की इस दयनीय हालत को देख कर वास्को रो पड़ा तो रशेल बंद आँखों और हल्की मुस्कान देते हुए बोला," भईया तुम मत रो, तुम जरूर इन शैतानों को रोक सकोगे", वास्को ने रशेल को गले लगा लिया और बोला, "नहीं मै तुम्हारे बिना इनसे नहीं जीत पाऊँगा, तुम यहीं रुको मैं पानी लाता हूँ", रशेल को एंजेल और छड़ी की बहुत कमी महसूस हो रही थी l वास्को ने रशेल को वहीं दीवार के किनारे लिटा दिया और उस पर जानवरों की खाल डाल दी, जिस से उसे आग की लपटें ना लगें, इस शैतानों की दुनिया मे इंसान तो बहुत पहले ही खत्म हो गए थे, तो अब जानवरों को भी ये शैतान मार कर खा जाते हैं और उनकी खाल रख लेते हैं l वास्को पानी की तलाश मे इधर उधर भटकने लगा, उधर शैतानों ने अपने तरह तरह के अजीब बाजे बजाने शुरू कर दिए, सारे शैतान बहुत खुश थे और नाच रहे थे, उसी बीच सारे शैतान सिर झुका कर बैठ गए, लेकिन आग के चारों ओर घूमने वाले शैतान घूमते रहे l"हे शैतानों के राजा हम गुलामों की शहादत कुबूल करो, हमारे लहू का एक एक कतरा तेरे लिए है, ए मेरे मालिक, आइये और इस दुनिया को शैतानी दुनिया बनाने मे हमारी मदद कीजिए ", ये सुनकर शैतानों का राजा खुश हो गया और सब फिर नाचने लगे, शैतानों के राजा ने एक बड़े से मिट्टी के बर्तन से पानी निकाल कर सभी शैतानों मे बांटने लगा lवास्को को ये देखकर कुछ उम्मीद जगी, वो चुपके से पानी तक पहुंचा, सभी शैतान अपने मे मस्त थे, आग और प्रचंड हो चुकी थी l वास्को ने मौका पाते ही जल्दी से कुछ पानी एक वहीं पड़े बर्तन मे भर लिया और जाने लगा, फिर उसने सोचा वो भी तो प्यासा है, क्यूँ ना वो जी भर के पी ले और रशेल के लिए भी ज्यादा पानी ले जाए lयही सोच कर उसने जैसे ही पानी मुहँ से लगाया तो पता चला कि वो पानी नहीं वो तो खून है, घबराहट मे वास्को के हाथों से वो बर्तन छूट गया और जमीन पे गिरकर चकनाचूर हो गया, उसने सर उठा कर देखा तो सारे शैतान और उनका राजा वास्को को घूर रहे थे l शैतानों के राजा ने चिल्लाकर कहा, पकड़ो इसे...... ये इंसान हमारी दुनिया मे कैसे आ गया, इसे पकड़ कर मेरे सामने पेश करो, और आज रात के खाने की तैयारियां करो" l ये सुनते ही शैतानों ने वास्को को पकड़ लिए, वास्को ने बहुत कोशिश की लेकिन वो भाग नहीं पाया l कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार lकृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l?धन्यवाद् ?? सर्वेश कुमार सक्सेना ‹ पिछला प्रकरणThe Seven Doors - 7 › अगला प्रकरण The Seven Doors - 9 Download Our App