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The Seven Doors - Last Part

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा वास्को मौका पाते ही शैतानों को अपनी तलवार से मार देता है और रशेल के लिए पानी लाता है l शैतानों के राजा को इस बात पर बहुत गुस्सा आता है, दोनों मिलकर शैतानों के राजा से युद्ध करते हैं, राजा उनको हराने और सबक सिखाने के लिए आग में कूद जाता है और उसके कूदते ही वहां सब तहस-नहस होने लगता है l

अब आगे....

शैतानो का देवता प्रकट होने वाला था तभी रशेल को याद आया जब वो बेहोश था तो बुढ़िया उस से मदद लेने को कह रही थी, उसने झट से बुढ़िया को याद किया और बुढ़िया प्रकट हो गई, बुढ़िया को देखते ही वास्को बहुत खुश हुआ और बोला, "अरे दादी आप, लेकिन आप यहां कैसे आ सकती है"?, बुढ़िया बोली " ओह मेरे बच्चे, तुम्हें देखने के लिए मैंने कितना इंतजार किया, मैं बहुत खुश हूं तुम मिल गए, मेरे प्यारे बच्चों, यह बहुत शक्तिशाली शैतान है, इसे खत्म करने के लिए बहुत शक्ति चाहिए जो तुम दोनों के पास नहीं है, तुमने छह दरवाजों की छह खतरनाक दुनिया से जंग जीती इसलिए तुम्हें इन शैतानों से लड़ने के लिए मदद जरूर मिलेगी, तुम अपनी मर्जी और समझबूझ से पिछले छह दरवाजों मे से किसी दो दरवाजों के लोगों की मदद ले सकते हो, उनके साथ मिलकर इस शैतानों के देवता को खत्म कर सकते हो, मेरे बच्चों तुम लोग हिम्मत मत हारो, बताओ तुम किसे बुलाना चाहोगे?, अपनी आंखें बंद करो रशेल और जिन दो दुनिया के लोगों को तुम बुलाना चाहते हो उन्हें याद करो, वो तुरंत ही यहां आ जाएंगे " l इससे पहले वास्को या रशेल कुछ और कहते बुढ़िया यह कहकर गायब हो गई l

रशेल और वास्को सोच में पड़ गए और तभी रशेल ने आंखें बंद करके जानवरों की दुनिया और विरान दुनिया को याद किया तभी सब कुछ घूमने लगा और एक बड़ा धमाका हुआ, आसमान मे तेज़ बिजली कौंध गई और आंधी और तेज़ हो गई, उन्होंने देखा एक बड़ा सा शैतान आग से निकल रहा था, वह इतना बड़ा था कि सारा किला टूट गया उसका सर आसमान की ऊंचाईयों को छू रहा था और वह बिल्कुल शैतान राजा की तरह दिखता था पर उससे बहुत ज्यादा शक्तिशाली और बड़ा l

पिछली दुनिया से भी जीव प्रकट होने लगे, वास्को ने तलवार निकाली और शैतान को मारने लगा पर उससे कुछ नहीं हुआ, वास्को ने जंगली पेड़ों से कहा अपनी बड़ी और मोटी जड़ों से शैतान के हाथ जो की जड़ों के जैसे ही थे, बांध लो, पेड़ चिल्लाए और अपनी जड़े फैलाने लगे, पेड़ों की भी बड़ी बड़ी और लंबी जड़ें थी, उन्होंने उस शैतान को जड़ों से जकड़ लिया, शैतान फिर भी बाहर आने लगा l रशेल जंगली चीलों से चिल्लाया, "शैतान की आंखें फोड़ दो" चीलें उड़ कर आसमान मे चली गईं और शैतान देवता के सिर पे मंडराने लगीं, शैतान अपने मुहँ से भयानक आग निकालने लगा, शैतान ने पेड़ों की जड़ों को तोड़ दिया और आजाद हो गया लेकिन पेड़ों ने फिर शैतान देवता के हाथों को अपनी जड़ों से जकड़ लिया और तभी वास्को ने आवाज दी, "पहाड़ों शैतान के हाथों को दबा दो और हाथी से कहा कि पहाड़ों पर बैठ जाओ", और उन लोगों ने ऐसा ही किया अब शैतान के हाथ, पैर और आधा शरीर दब चुका था, उसका मुंह अभी खुला था वास्को ने हाथी पर चढ़कर शैतान पे वार करने लगा, इधर एक चील ने शैतान की आंख फोड़नी चाही लेकिन शैतान ने मुहँ से आग निकाली जिसमें एक चील जल कर राख हो गई l

रशेल को बहुत गुस्सा आया, उसने चील को वापस बुलाया और उस पर बैठकर उड़ गया और शैतान के सिर के पास जाकर उसकी आंख तलवार से फोड़ दी, शैतान और ज्यादा बौखला गया और बार बार मुह से आग निकालने लगा l शैतान ने गुस्से मे सब पेड़ों को तोड़ दिया, पहाड गिरा दिए, बहुत देर तक लड़ाई चलती रही, तभी उन्हें समय का एहसास हुआ कि सातवां दरवाजा खत्म होने वाला होगा और समय रहते ही हमें इस से निकलना भी होगा, दोनों ने फिर चील और हाथियों को आदेश दिया कि टूटे हुए पेड़ों को शैतान के पास इकट्ठा करें और उन्होंने ऐसा ही किया, वास्को ने टूटे पेड़ों को आग लगा दी जिससे शैतान जल जाए पर शैतान का कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि वह शैतान का देवता आग से ही निकला था l

अब रशेल और वास्को समझ चुके थे शैतान को कैसे खत्म करना है, उन्होंने आवाज लगाई कहा, "तैयार हो जाओ" और शैतान के शरीर पर दोनों ने एक साथ तलवार घुसा दी, जिससे शैतान बौखला कर चिल्ला पड़ा और मुंह से भयंकर आग निकालने के लिए जैसे ही उसने मुंह खोला, पूरी नदी उसके मुंह के अंदर घुस गई और शैतानों का देवता तुरंत काला पड़ गया और मर गया क्योंकि वह आग से निकला था और पानी ही उसे मार सकता था l शैतान लकड़ी के कोयले की तरह जलकर खाक हो गया, चारों ओर काला धुन्ध छा गया l

पिछली दुनिया से आए लोग भी गायब हो गए और सब कुछ तबाह होने लगा l वास्को रशेल भागने लगे पर दरवाजा प्रकट ही नहीं नहीं हो रहा था, सारी जगह नष्ट हो रही थी तब उन्हें याद आया कि दरवाजे तो सिर्फ सात थे जो कि पूरे हो चुके थे, अब वो घबराने लगे तभी हवा ने आकर कहा, "वीरान दुनिया से आई मैं हवा अभी यही हूं मैं तुम्हें बाहर ले चलूंगी, वह दोनों हवा पर बैठ गए और तेजी से हवा, आग और तहस-नहस होते हुए किले के ऊपर से उनको उड़ा कर ले गई, वह वापस पिछली दुनिया से ही उन्हें बाहर ले जा रही थी और जिस दुनिया से हवा गुजरती वह दुनिया पूरी तरह से नष्ट होती जाती और हमेशा के लिए खत्म होती जाती l

जब हवा मुर्दों की दुनिया में पहुंची तो रशेल एंजेल को ढूंढने लगा, रशेल ने चिल्लाना शुरू किया, "एंजेल.... एंजेल..... तुम कहां हो?? एंजेल.... एंजेल...." पर कोई नहीं बोला, और आवाज़ सुनकर कुछ मुर्दे उनके पीछे भागने लगे l हवा आगे बढ़ गई, वास्को और रशेल उदास हो गए, अचानक उन्हें आवाज सुनाई दी, "रशेल..... रशेल..." दोनों ने पीछे देखा तो एंजेल हवा को पकड़े लटकी थी, दोनों ने उसे ऊपर चढ़ाकर गले लगाया और खुशी से झूम उठे l

अब उन्हें कोई गम नहीं था, धीरे धीरे सभी दरवाजों की दुनिया खत्म होती जा रही थी, अंधेरी दुनिया से निकलते हुए, बच्चे फिर उदास हो गए, "बेचारा ब्रैवो " कहकर सब आगे बढ़ गए और फिर मशीनों की दुनिया को पार करके, वहीं आ गए जहां से सात दरवाजों का सफर शुरू हुआ था , सामने बुढ़िया का घर था जिसमें बुढ़िया ठीक वैसे ही उदास बैठी अपने पोते वास्को की फोटो देख रही थी l हवा गायब हो गई और फिर तीनों उस बुढ़िया के पास आ गए, बुढ़िया तस्वीर के आगे बैठी तस्वीर को एकटक देख रही थी, वास्को ने जाकर बुढ़िया को गले लग गया लेकिन यह क्या बढ़िया तो मर चुकी थी, तीनों बच्चे बढ़िया से चिपक कर रोने लगे और कहने लगे, "आप क्यों चली गई दादी, आपने हमारी कितनी मदद की, देखिए हम आप के पोते को वापस ले आए हैं" l

वास्को भी रोते हुए कहने लगा "देखो दादी मैं आ गया, तुम मेरा कितना इंतजार कर रही होगी, देखो मैं आ गया, आंखें खोलो", तभी तेज रोशनी हुई और बुढ़िया प्रकट हो गई और बोली, "मेरे बच्चे, तुम तो बहुत बड़े हो गए हो और मेरे प्यारे बच्चों एंजेल, रशेल तुम को बहुत-बहुत धन्यवाद जो मेरे इस पोते को मौत की दुनिया से मौत के दरवाजों से बचाकर लाये" l वास्को ने अपने आँसू पोछते हुए कहा, "आप मुझे छोड़कर क्यों चली गई? तब बुढ़िया ने बताया, "मैं बहुत सालों पहले ही तुम्हें ढूंढती ढूंढती मर चुकी थी, लेकिन मेरी आत्मा को यह उम्मीद थी कि एक दिन तुम जरूर आओगे, सिर्फ तुम्हारे इंतजार में मेरी आत्मा भटक रही थी और वह उम्मीद मेरी इन दोनों बच्चों ने पूरी करी, यही कारण है कि तुम लोगों ने मुझे जब भी याद किया मैं वहां पर आ गई, अगर मैं जिंदा होती तो ऐसा हरगिज ना हो पाता, जब यह दोनों बच्चे मेरे पास आए थे तब भी मेरी आत्मा ने ही इन्हें सात दरवाजों में भेजा था, तुम दोनों को बहुत-बहुत धन्यवाद मेरे बच्चों!!!, हमेशा खुश रहो!!

यह कहकर बुढ़िया गायब हो गई l एंजेल और रशेल वास्को के गले लग गए और ईश्वर का धन्‍यवाद करने लगे और दोनों ने आखें खोली तो देखा वह अपने कमरे में थे दोनों बच्चे बहुत खुश हुए तभी मम्मी पापा आए और चिल्लाए, "कहां थे तुम लोग कितने दिनों से गायब हो, हम लोग कितने परेशान थे, मेरे बच्चों हम तुम्हारे बिना कितने अकेले हो गए थे, हमने तुमको कहां-कहां नहीं ढूंढना और हम कितना पछताए कि हम तुम लोगों को जरा भी वक्त नहीं देते, हमने पुलिस में कंप्लेन भी कराई लेकिन तुम कहीं नहीं मिले, हमें माफ कर दो और वादा करो अब कभी घर से नहीं जाओगे" एंजेल और रशेल ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराने लगे तभी मम्मी बोली," एंजेल आज तुम्हारा बर्थडे है भगवान का शुक्र है बर्थडे के दिन तुम लोग आ गए, लेकिन तुम लोग कहां गए थे"?

बच्चों ने कोई जवाब नहीं दिया और अपने मम्मी पापा के गले लग गए, पापा ने बच्चों को गले लगाते हुए कहा, "हम तुम्हारे लिए एक बहुत स्पेशल गिफ्ट लाए हैं", एंजेल ने बड़ी उत्सुकता से पूछा," पापा क्या है वो "? मम्मी ने उसे दरवाजा खोलने के लिए कहा एंजेल ने दौड़कर दरवाजा खोला तो बिल्कुल दंग रह गई और खुशी से चिल्ला उठी, "भईया....... भईया..... यहां आओ", रशेल भागते हुए आया और वो भी खड़ा का खड़ा रह गया क्योंकि दरवाजे के बाहर और कोई नहीं बल्कि ब्रैवो था, मम्मी पापा बोले, "यह बच्चा अनाथ है और जब हम तुम दोनों को ढूंढ रहे थे , तब हमें ये मिला आज से यह हमारे साथ रहेगा, इसका कोई नहीं है इसलिए हम इसे अपने साथ ले आए" l तीनों बच्चे खुश होकर एक-दूसरे के गले लग गए l बच्चों ने दूर बादलों में वास्को और बुढ़िया को देखा जो मुस्कराते हुए उनका प्यारा ब्रैवो उन्हें लौटा गए थे l


? समाप्त ?

कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार l
कृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l

?धन्यवाद् ?

? सर्वेश कुमार सक्सेना

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