खेल प्यार का... भाग 6 Sayra Ishak Khan द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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खेल प्यार का... भाग 6

प्रस्तावना.....
 कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं!  लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!
मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)

               खेल प्यार का
                     भाग 6

भाग 5 में अपने पढ़ा की कायनात ओर वसीम के बीच संबंध बढ चुके थे ,जो कि मां बाप का भरोसा तोड़ने वाली बात है...। अब आगे.. 
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दूसरे दिन कायनात वसीम को बताती हैं, कि "मम्मी ने अपनी रजामंदी दे दी है घूमने जाने की..!" वसीम खुश हुआ कि अब वो अपने मदसद में आगे बढ़ सकता है..!उसने देर ना करते हुए कायनात को बोला.!
" हम मुंबई चल रहे है घूमने...!"
उनके सिटी से मुंबई काफी दूर नहीं था..! Mp की पनवेल एक सिटी से थी कायनात! वो अपने घर ओर स्कूल के सिवा अपनी सहेलियो के घर आती जाती थी..! बस इससे ज़्यादा उसने कुछ नहीं देखा था तो वो वसीम के इरादे कैसे जान पाती..! मुंबई जाने का सुनते ही वो बहुत खुश हो गई..! लेकिन एक ही पल में कायनात सोच में पड़ गई की "इतनी दूर अम्मी बाबा को पता चला तो वो मना कर देंगे..!"
  वसीम की ओर देखते मासूम से अंदाज़ में कायनात बोली !
"वसीम में आज तक अपने सिटी से दूर नहीं गई..!  मुंबई जाना जरूरी है क्या..? हम यही पास में नहीं जा सकते ..?"
वसीम ने अपने शरारती अंदाज में कायनात को छूते हुए अपनी ओर खींचा..! और बोला!
"क्या मुझपे यक़ीन नहीं मेरी जान को..!
या मुझसे डर लगता है..!
अब कायनात शरमाते हुए धीमी सी आवाज़ में बोली!
" तुम पे यकीन नहीं होता या डर लगता तो उस दिन आपके साथ वो सब नहीं होता जो तुम्हारे ओर मेरे  बीच हुआ..! 
अब इसे ज्यादा क्या करना यकीन के लिए बोलो ..?
वसीम ने कायनात को किस करते हुए कहा !
"कुछ नहीं जान, बस मुंबई चलो घूम के तुम्हे अच्छा लगेगा..!"
कायनात ने फिर से वही कहा..!
" लेकिन अम्मी बाबा..?"
वसीम ने कहा !
"उनको यही बोलो हम शाम को आते आते लेट हो सकते है ..! आप फ़िक्र ना करे..!"
 ठीक है !में देखती हूं !और नूरी को भी बोल देती हूं ! अब ये बताओ चलना कब है?"
 "हम कल चलते है ! स्कूल की छुट्टी भी है हमारी !"
"ठीक है कायनात ने मुस्कुराते हुए कहा! "ठीक है!"
 वो इतना कहते हुए वहा से जाने लगती हैं !तभी वसीम ने उसे खींचा ओर उसे ज़ोर से अपनी बाहों में कस लिया !
 उसे अपने ओर आकर्षित करते हुए किस करने लगा! कायनात को भी ये सब अच्छा लगने लगा था! 
वो अपने होश खोने लगी तभी वसीम ने उसे अपने से दूर किया!
 कहा !"कायनात अब हमें चलना चाहिए, नहीं तो कोई अजाएगा!
 कायनात खुद को संभालती हुई बोली !
"हां मैं जाती हूं!"
 वसीम ने कायनात को इतना बेबस कर दिया था की वो अब वसीम से दूरी नहीं सेह पारी थी !
वो दोनो वहां से चले गए !कायनात ने नूरी को मिल कर कल के बारे में कहा! नूरी भी तैयार थी जाने के लिए!
 क्यूकि उसे पता था की वसीम का दोस्त भी जाने वाला है, जिसे नूरी प्यार करती है! अब कायनात घर पहुंची !चुप बैठी हुई थी, क्यू की उसे कहीं ये बात बुरी लग रही थी कि वो अपने अम्मी बाबा से झूट बोलने लगी है !वसीम के प्यार में पागल हो कर! तभी अम्मी ने आवाज़ देते हुए कहा !
"क्या हुआ बेटा स्कूल में कोई बात हुई है? इतना उदास क्यों हो ?"
कायनात ने मुस्कुराते हुए कहा !"
अम्मी में बिल्कुल ठीक हूं !और स्कूल में कोई बात नहीं हुई ,बस आप काम कर रही थी तो में चुप बैठी थी! आप इतनी फिकर क्यू करती हैं? आपकी बेटी को कुछ नहीं हुआ है ?
अम्मी हस्ते हस्ते बोली !
"अल्लाह तुम्हे ऐसे ही हमेशा खुश रखे! ओर कायनात को गले लगा लिया ! तभी उसके बाबा भी घर में दाखिल हुए! मां बेटी को गले लगा देखा तो बोले !
"क्या बात है मां बेटी में किस बात को लेकर इतना प्यार हो रहा है !
कायनात हस्ते हुई बोली !
"बाबा प्यार तो आपको भी बहुत करती है आपकी बेटी ! बस आप जताने का वक़्त नहीं देते !
इतना कहते हुए बाबा के कंधे पर सर रख दिया! 
कायनात जान थी दोनो की !उसके मां बाबा की ज़िंदगी थी वो !उसे खुश देख के वो जीते थे !अब रात का खाना तीनों लोगो ने साथ में खाया! और अपने कमरे में चले गए !मां बाप को खबर थी की हमारी बेटी हमारी ताकत है! 
और कायनात अपने कल मुम्बई जाने का सोच रही है !उसके लिए मुम्बई जाना जरूरी नहीं ,ज़रूरी था वसीम का पूरा दिन उसके साथ होना !
वो यही सोच कर खुश थी कायनात को नींद नहीं आई !
सुबह कायनात जल्दी उठ गई !ओर जाने की तैयारी करने लगी! उसकी मां ने कायनात ओर उसकी सहेलियों के लिए लंच बॉक्स बना के दिया  !
 खुशी से कायनात को जाने को कहा! अब कायनात नूरी को लेकर रेलवे स्टेशन पर अाई !जहा वसीम ओर उसका दोस्त नूरी का इंतज़ार कर रहे थे !नूरी ओर कायनात को देख के दोनों उनकी तरफ आए !और कहा !
चलो ट्रेन आने वाली है कुछ ही देर में!" लोकल ट्रेन अाई! चारो ट्रेन में बैठ गये! मुम्बई का रास्ता एक से डेढ़ गंटे का था ! लोग अपनी अपनी सीट पर बैठ गए आराम से!
वसीम ने अपने दोस्त से कहा कि ,"अब तुम लोग ये बताओ कहा जाना है मुंबई में घूमने ?
वसीम का दोस्त बोला! नूरी को फिल्म देखना हे हम दोनों फिल्म देखने जाने वाले है !
अब तुम दोनों देख लो कहा जाना है! वसीम बोला!" वो में देख लेगा बस तुम दोनों शाम के 5 बजे तक स्टेशन अजाना! नूरी बोली !
"ठीक है और तुम दोनों भी टाइम पे मिल जाना !"तभी कायनात की सामने वाली सीट पर एक अच्छे घर का पढ़ा लिखा सा नौजवान आकर बैठ गया !और वो बार बार कायनात को देख रहा था !जब की कायनात की नजर वसीम पे थी !और वो चारो अपनी बातों में बिज़ी थे !
सामने बैठा लड़का कायनात को ही देख रहा था! कायनात को ये अंदाजा भी नहीं था कि उसे कोई इतने देर से बार बार देख रहा है !उस दिन कायनात ब्लैक सूट में बहुत खूबसूरत दिख रही थी !जिसके कारण वह सामने बैठा लड़का खुद को उसे देखे बगैर रुक नहीं पा रहा था !लेकिन ये चारो अपनी मस्ती में मस्त थे!
और कायनात के पास वसीम के होने का एहसास उसकी खुशी थी !कायनात इस खुशी के आलावा कुछ ओर नहीं देखना नहीं चाहती! कुछ वक़्त में ही ये लोग मुंबई स्टेशन अा गये !अब नूरी अपने बॉफ्रेंड के साथ चली गई !
जैसा की इन लोगो ने पालन कीया था !अब नूरी फिल्म देखने जाने वाले है और कायनात ये भी नहीं जानती की वसीम उसे कहा लेके जा रहा है! वसीम कायनात को पहले वसीम समन्दर दिखा ने ले गया! जिसे देख के कायनात बहुत खुश हुई! और वसीम के गले से लग गई !कुछ देर दोनो वहा बैठे !बाते की !
पानी में मस्ती भी की ओर कायनात पूरी भीग गई थी !ब्लैक सूट में कयामत ढा रही थी उसे देख वसीम खुद को रोक नहीं पाया और उसे वहा से कहीं ओर जाने को बोला! कायनात बोली !
"वसीम यही कितना मज़ा अा रहा है ?रुको ना वसीम ने कहा !
"मेरी जान इसे ज्यादा मज़ा आने वाला है चलो मेरे साथ !वसीम कायनात को लेकर एक रूम पे जाता है जहां वसीम ने पहले से ही इंतजाम किया हुआ था! और कायनात को अपनी बाजुओं में उठा लिया! उसे बेड पर लेटा दिया !और दोनों ने फिर एक बार अपनी शर्म की दीवार तोड़ दी! वसीम ओर कायनात पूरा दिन उस रूम में ही रहे !जब शाम के 5 बजने वाले थे तब दोनो ने खुद को सभाला! ओर कहा !
'अब घर जाने का टाइम हो गया है रूम से बाहर निकल कर जा रहे थे !तभी रास्ते में एक लड़का कायनात से टकराता है !जेसे ही वसीम की नजर लड़के पर जाती है तो वो बोला !
"वसीम तू यहां क्या कर रहा है ?और साथ में ये कोन है?
 वसीम ने कहा दोस्त है मेरी चाल बाद में मिलता हु बाय!
 बोल कर दोनो चले गए!
 5 से पहले दोनों स्टेशन आ गए !अब ये लोग घर पहुचे ओर इसी तरह वसीम कायनात को दो तीन बार मुंबई ले जाता रहा !
वसीम का दोस्त और नूरी भी साथ ही जाते थे! लेकिन अब वसीम के दिल में कुछ ओर चलने लगा था! एक महीने बाद वसीम ने कायनात को मुंबई जाने का बोला !
लेकिन इस बार वो बिना किसी को बोले कायनात को लेकर जाना चाहता था !उसने कहा !
"इस बार तुम नूरी को भी नहीं बोलोगी !बस ये बात तुम्हारे ओर मेरे बीच ही रहे कायनात को अजीब तो लगा लेकिन वसीम से प्यार इतना गहरा था कि वो उसे मना तो ना कर सकी लेकिन पूछा ज़रूर! "क्यू वसीम ? इस बार नूरी को हम क्यू साथ नहीं के जा रहे ?
वसीम ने बात बनते हुए कहा!
" जब ये लोग साथ होते है तो एक डर सा होता है !तुम्हारे पास हो कर भी लगता है कि हम दोनों को कोई ऐसी हालत में ना देख ले ! बस यही सोच कर तुम्हे दिल भर के प्यार नहीं करता !
कायनात मुस्कुराते हुए बोली! 
"तुम बहुत पागल हो! हर बार मेरे पास रहने का सोचते हो! 
"वो प्यार में अंधी कुछ समझ ही नही पाई कि उसके साथ अब क्या होने वाला है....!!!!!

क्रमशः

       *******सायर खान********