खेल प्यार का... भाग 11 Sayra Ishak Khan द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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खेल प्यार का... भाग 11

पिछले पार्ट मे हमने देखा.....

आज़म ने कहा! 
"अभी तो बस मुझे कायनात की फिक्र है कि उसे किसी ओर को ना सौंप दिया जाए! जिसे उसे किसी और की हवस का शिकार होना पडे! 
मुझे रोज़ रात उसके पास रेहना है !
जब तक कुछ सोच ना ले हम।"
ठीक है बस जल्द ही कुछ करना होगा! 
सबने एक साथ कहा..!
जैसा के अपने भाग 10 में पड़ा कि आज़म को कायनात की फिक्र थी बस की उसे किसी ओर के हाथो ना बेच दिया जाए...अब आगे..!     
            
                          भाग 11
आज़म ये बात अपने दोस्तो को बताने के बाद थोड़ा अच्छा महसूस कर रहा था! 
उसे लगा की उसके साथ उसके दोस्त है! उसकी बात समझते है! और अब उसे रात होने का इंतजार था..! उसने रात का इंतजार ना करते हुए शाम 5 बजे वो उस जगह पहुंच गया !
जहां कायनात थी, मतलब वो दुनिया जिसमें हवस के पुजारियों की लंबी कतारें देखने को मिलती है! वो दुनिया जहां लड़कियां ज़िंदा तो होती है लेकिन मौत से बदतर लाईफ जीती है ! उनको ये पता नहीं होता है कि उनको कब, कहाँ.. किस के साथ हमबिस्तर होना होगा..? ऐसे लोग जो किसी का दर्द.. किसी की मजबूरी.. किसी की मायूसी नहीं समझते..!!
समझते है तो बस इतना कि हमने पैसे दे कर औरत का बदन खरीदा है! उसके साथ हम जो चाहे कर सकते है! एक छोटी सी  कीमत की वो लड़कियां खुद का वजूद खो  बैठती है।
आज़म उस 'चकलाघर' अा गया! 
 वो अकेला ही आया था! उसे डर भी था कि किसी को कुछ पता ना चल जाए, वरना कायनात को परेशानी का सामना करना पड़ेगा! 
आज़म यहां वहां देख रहा था! तभी उसे एक लड़की ने देखा और कहा !
"तुम्हे कायनात के पास जाना है ना.?
उसने डरते हुए कहा!
" हा कल वाली लड़की के पास जाना है!" उसने कहा !
"सामने को ओरत बैठी है ,उसे कीमत दो ओर बोलो मुझे 13 No कमरे में जाना है!" 
आज़म ने कहा !
"ओके!"
 वो उस के पास जा कर खड़ा हो गया!
 वो 'चकले' (कोठे) की मालकिन थी! उसने कहा!
" बोलो साहेब.. क्या चाहिए?"
 आज़म ने बोला.! 
"मुझे 13 नम.. रूम में जाना है!
 मालकिन बोली ! "जा सकते हो.., लेकिन वहीं रूम में क्यू जाना है ?"
तब आज़म मुस्कुराते हुए उस ओरत की ज़ुबान में बोला !
"क्या बताऊं उसनेे बात ही कुछ ऐसी है! मस्त माल है !
आज़म की बात पे वो मुस्कराने लगी !
ओर बोली!
"जा लेले मज़े ज़िदंगी के..! हम अपने कस्टमर को नाराज नही करते..!" 
आज़म देर ना करते हुए कायनात के पास आ गया ! कायनात आज़म को देख के खुश हो उठी!
उसे इस बात का सुकून मिला कि उसे "किसी ओर का शिकार नहीं बनना पडेगा!" 
दोनो बातो में लगे थे तभी आज़म के एक दोस्त का कॉल आया!
" हेल्लो आज़म..! कहा है तू..? मैं तुझसे ज़रूरी बात करना चाहता हु..!"
आज़म बोला !
"हा बोल, क्या बात है..?
तभी उसके दोस्त असलम ने कहा!
"आज़म अब हम कायनात को वहां से बाहर निकाल सकते है! जल्दी ही आज़म ये बात सुन के जैसे खुशी से पागल हो गया!
 उसने कहा!" जल्दी बता करना क्या है?" असलम ने कहा !
"मेरे मामू है रिश्ते में वो सब इंस्पक्टर है! मेने उनको ये सारी बाते बताई ,और कहा! "कुछ भी करके उस लड़की को बचालो..!" 
तब वो बोले!
" उस लड़की के परिवार का पता चल सकता है ? पता लग जाए तो कोई मुश्किल काम नहीं उसे वहां से बाहर निकालना!"
 असलम बोला! "आज़म तू ऐसा कर कायनात से उसकी सारी जानकारी उसकी फैमली कहाँ है सब पता लगा ले!  फिर हम आगे कुछ करते है! 
आज़म ने कहा! "मेरे पास सारी डिटेल है!  मैने कायनात से सब पूछ लिया था !"
असलम बोला! 
"गुड हम कल ही निकलेंगे !कायनात की फैमिली को मिलने !
आज़म ने कहा !
"ठीक है! में सुबह तेरे पास अाता हूं !
"ओके .."
आज़म ने ये सारी बाते कायनात को बताई!
 कायनात खुश हो गई पर दुसरे ही पल  रोने लगी!
 रोते रोते वो बोली!  
"आज़म अगर अम्मी बाबा ने ये सब सच जानने के बाद मुझे अपनाया नहीं तो में क्या करुंगी..? यही सोच के उसकी आंखो के आंसू बंद नहीं हुए! 
कायनात को ये भी फिक्र थी कि मेरी वजह से अब बाबा किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे!  अब वो दुनिया को क्या बोलेंगे? की में इतने दिन से कहां थी? किसके साथ थी ? तभी आज़म ने कहा! "कायनात तुम इस सब की फिक्र ना करो! अम्मी अब्बू अल्लाह की वो नियामत है जो अपने बच्चो को हर हाल में सभालते है !ऐसे ही तुम्हारे अम्मी अब्बू भी तुम से नाराज़ तो हो सकते है लेकिन तुम्हे छोड़ नहीं सकते!!
 वो ये जान के बहुत खुश हो जाएगे की तुम सही सलामत हो !ओर उनके लिए यही काफी होगा तुम अब सोचो नहीं ओर रोना बंद करो, अल्लाह है हमारे साथ सब ठीक होगा ! इसी तरह उनकी रात गुजरी !सुबह होते ही आज़म वहां से सीधे असलम के पास आया! असलम आज़म को अपने मामू के पास ले आया ! आज़म ने मामू को सारी जानकारी दी कायनात की! उनके मामू ने उसी वक़्त एक टीम को कायनात के घर भेजा ! ओर उनको बुलाया वो दोनो पुलिस वालो के साथ मुंबई आ गया! और बोला कहाँ है ? हमारी बच्ची कायनात इंस्पेक्टर ने कहा अभी आपकी बेटी हमारे पास नहीं है , लेकिन आप फिक्र ना करे वो सुब्हा तक आपको मिल जाएगी !
कायनात के मां बाप दोनो ज़ार ज़ार रो रहे थे! उनको आज़म ने सब कुछ बता दिया था ! कि कैसे वसीम ने उसे इस गंदगी में फेंका है ? ये सब सुनते ही कायनात की मां रोते हुए बोली !
"मेरी बच्ची क्यू अपने मां बाप के बारे में एक बार नहीं सोचा ? ओर ऐसे उस लड़के पे भरोसा कर लिया..?" इतना कहते हुए वो वसीम को कोस रही थी ! तभी कायनात से बाबा ने कहा !
"अब ये सब बातो से कोई फायदा नही! खुद को संभालो ओर अल्लाह का शुक्र करो की हमारी इकलौती बेटी हमें मिल जाएगी ! उसके बाद आज़म असलम ओर मामू ने मिल कर वहां जाने की तैयारी की! आज़म ओर असलम वहां पहले गए ! मामू की टीम सिविल ड्रेस में पीछे थी ,क्यू की उनको डर था कि वहां किसी ने पुलिस कि वर्दी में देख लिया तो कायनात को निकलना मुश्किल हो जाएगा ! सो आज़म असलम दोनो ही अंदर गए !ओर कहा की हमे 13no रूम में जाना है ? वो 'चकले' वाली को कुछ गडबड लगी तो बोली !"नहीं आज 13no के फिमेल की तबीयत ठीक नहीं! किसी दूसरे कमरे में चले जाओ ! आज़म ने बड़े प्यार से कहा! कैसे जा सकता हूं? मुझे उसके सिवा किसी में नशा नहीं मिलता! तब उस ओरत को लगा कि शायद लड़का रोमियो टाइप है! तो बोली!
" ठीक है जाओ!" आज़म कायनात के रूम में गया ! मामू को कॉल किया! कि आप अब अंदर आइए !वो लोग अंदर आए! 
10 12 लोगो को देख के वो ओरत हैरान रह गई !
 पूछा कोन हो आप लोग ?ओर क्या चाहिए एक पुलिस वाला बोला! हम सबको लडकी चाहिए ! कीमत बोलो !
ओर सबके लिए होगा ना..!वरना  हम कहीं ओर देखे ?"
वो बोली !
"अरे साहब आप तो सिर्फ 10 12 लोग है! बोलो तो आपके लिए पूरी बारात का इंतजाम कर दे !" 
असलम के मामू ने कहा !
"सबको सामने बुलाओ! जिसको जो पसंद होगी मुंह मांगी कीमत मिलेगी ! उस लालची औरत। ने सारी लड़कियों को बुलाया जिसमें कायनात भी थी !
पीछे खड़ा आज़म वहां एक पल में कई सारी लड़कियां आ गई!  फिर क्या था ,मामू ने कहा ! "डालो सबको गाड़ी में ओर इस बेशर्म औरत को भी!
 इस तरह कायनात ओर बाकी ओर भी लड़कियां वहां से आज़ाद हुई! 
कायनात अपने अम्मी अब्बू को मिल कर खुश हुई ! बहुत रोई !
अपनी नादानियों की माफी मांगी !
जिसकी उसे इतनी बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी !
दोस्तो.. आज  कायनात ओर आज़म की शादी हो चुकी है! कायनात आज़म के साथ बहुत खुश हैं! 
लेकिन उस दरिंदे वसीम का अब तक कुछ पता नहीं चला है ! वो अब किसी और को अपना शिकार बना रहा होगा..!"
          समाप्त... 


दोस्तो ये भाग इस कहानी का लास्ट भाग है !
आप सभी को मेरी ये पहली कहानी कैसी लगी? प्लीज़ मुझे अपनी समीक्षा के जरिए जरूर बताएं!  ताकि में आगे भी कुछ अच्छा लिखने की कोशिश करती रहुं..!

                     *****सायरा******