"देखो रानो अब निखिल को तुम्हे ही संभालना है और ये कैसे होगा ये तुम्हें सोचना है" प्रमिला अपनी बात कह कर जाने के लिए उठ गई 'और एक बात का आगे से ध्यान रखना अपने झगड़े को अपने कमरे तक ही सीमित रखना.... मैं नहीं चाहती कि इस घर की बातें नौकरों के जरिए बाहर निकले" प्रमिला ने जाते हुए सख्ती से कहा। और रानो चाह कर भी कुछ नहीं बोल पाई!!
निखिल अपने काम के चक्कर में ये भूल चुका था कि उसकी एक पत्नी भी है जो उसका घर में बेसब्री से इंतजार करती है। उसके मुंह से अपने लिए प्यार के दो बोल सुनना चाहती है। प्रमिला की सख्ती के बाद रानो निखिल से लड़ती तो नहीं थी लेकिन दबी जबान में शिकायत जरूर करती थी। लेकिन निखिल पर इस बात का भी कोई असर नहीं होता था और रानो बस कुढ़ कर रह जाती। अपने खालीपन को देख कर रानो ने निखिल से बच्चे की मांग की थी पर निखिल ने उसे छिड़क दिया था ये कहकर कि मुझे बच्चे पसंद नहीं है और हमें बच्चों की जरूरत भी नहीं है। निखिल की बात सुनकर रानो को निखिल के ज़हनी दिमाग पर शक हुआ था कि क्या कोई इस दुनिया में ऐसा भी मर्द होगा जो बाप बनना नहीं चाहेगा। रानो की ये आस भी टूट चुकी थी। इन हालातों को कबूल करने के अलावा अब रानो के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था क्योंकि ये रास्ता भी उसने खुद ही चुना था और ऐसे ही पांच साल का अरसा बीत गया!!
आज बहुत दिनों बाद रानो शॉपिंग के लिए निकली थी। शॉपिंग करने के बाद एक कॉफी शॉप में बैठी वो कॉफी पी रही थी कि उसे राहुल दिखाई दिया!!
"रानो.....कैसी हो तुम" राहुल ने कहा!!
"बहुत अच्छी हूं" रानो को अपनी ही आवाज अजनबी सी लगी!!
"क्या हम बैठ सकते हैं"
"हांं क्यों नहीं" रानो शर्मिंदा से अपनी चेयर से खड़ी हो गई!!
"ये मेरी वाइफ है रूबी... और ये मेरी जान.... मेरी बेटी!!
"हेलो"
"हाय" रूबी ने रानो के हेलो का जवाब दिया!!
"ये बताओ मेरी शादी में क्यों नहीं आई थी तुम" राहुल के पूछने पर रानो कहीं खो सी गई। उसे याद था उसकी शादी के दो महीने बाद ही राहुल की शादी भी हो गई थी। रानो राहुल की शादी में जा नहीं सकी थी या ये कह लो कि वो जानबूझकर राहुल की शादी में नहीं गई थी क्योंकि वो तो निखिल की संगत में सब को भूल चुकी थी!!
राहुल के फोन की आवाज से रानो अपने ख्यालों से वापस आ गई। राहुल अपनी बेटी को रूबी की गोद में देकर फोन सुनने के लिए बाहर चला गया क्योंकि यहां नेटवर्क की प्रॉब्लम थी!!
"मैंने आपके बारे में बहुत सुना है... लेकिन आपसे मिलना आज पहली बार हुआ है" रूबी ने रानो को देखते हुए कहा!!
"मेरे बारे में.... किससे सुना है" रानो ने राहुल की बेटी को देखते हुए कहा!!
"राहुल से.... राहुल ने मुझे आपके बारे में शादी की पहली रात ही सब बता दिया था... राहुल उस वक्त बहुत टूटे हुए थे। शादी के बाद भी वो मुझ से उखड़े उखड़े ही रहते थे लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी... मैंने राहुल को अपनी तरफ से पूरी मोहब्बत देने की कोशिश की... और बहुत जल्द ही मैं राहुल का प्यार पाने में कामयाब हो गई" रानो रूबी के चेहरे की चमक को देख रही थी "कभी कभी मैं तुम्हारा नाम लेकर राहुल को चिढ़ाती हूं तो राहुल मेरे दोनों हाथ थाम कर मुझसे कहते हैं "रूबी... वो मेरा पागलपन था... मेरा सच्चा प्यार तो तुम ही हो.... और आने वाले सात जन्मों में भी मैं तुम्हरा ही साथ चाहूंगा"
"मैं तुम्हें थैंक्स कहना चाहूंगी कि अगर तुम राहुल को रिजेक्ट नही करती तो राहुल जैसा जीवन साथी मुझे कभी ना मिलता"
ड्राइविंग करते हुए रानो अपने पिछले पांच सालों के बारे में सोच रही थी कि मैंने क्या खोया है और क्या पाया है। सच कहूं तो मैंने सिर्फ खोया ही खोया है। सपने देखना गुनाह नहीं है लेकिन मैंने अपने सपनों की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। सब कुछ होते हुए भी मेरे पास कुछ नहीं है... ना पति का प्यार ना औलाद का सुख। आज मैं बिल्कुल खाली हाथ हूं। ये सोचते हुए रानो अपनी गाड़ी के साथ बंगले में दाखिल हुई के अब उसे अपनी पूरी जिंदगी अपने खालीपन के साथ इस बंगले में गुजारनी है!!