ऐक्वामैन Mayur Patel द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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ऐक्वामैन

फिल्म रिव्यू'ऐक्वामैन'

मानव विरुद्ध मत्स्य का वैश्विक जंग… एक्शन का ओवरडॉज…

(Film Review by: Mayur Patel)

होलिवुड फिल्मों के सुपरहीरो की बात चले तो केवल दो ही युनिवर्स याद आते है. पहला, मार्वेल और दूसरा, डीसी कॉमिक्स. दोनों के बीच मार्वेल का पलडा हमेशा से भारी रहा है. एक से बढकर एक सुपरहीरो एक्शन फिल्में देकर मार्वेल ने डीसी को कहीं पीछे छोड दिया है. 2017 में आई ‘वन्डर वुमन’ ने डीसी को धमाकेदार सफलता दिलाई और कुछ हद तक डीसी की लाज बचाई, ऐसा कहा जा सकता है. अब डीसी आया है एक नये सुपरहीरो 'ऐक्वामैन' को लेकर. और मानना पडेगा की 'ऐक्वामैन' भी डीसी के तरकश से निकला एक सटिक हथियार साबित हुआ है.

फिल्म की कहानी आज के माहोल में बहोत ही प्रस्तुत है. दुनियाभर के समंदरो में ईन्सान प्रतिदिन लाखो टन कचरा डालता रहेता है जिससे पर्यावरण पर बेहद प्रतिकूल असर पडता है. तरक्की की यह ईन्सानी दौड कई सारे समुद्री प्रजातिओं को नष्ट कर चुकी है और ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ईन्सान की ईस गुस्ताखी पर रोक लगाने के लिये समंदर में वसनेवाले जीव एकजुट होकर युद्ध की तैयारी करते है. मानव विरुद्ध मत्स्य का ये वैश्विक जंग क्या रंग लाता है ये जानने के लिये आपको 'ऐक्वामैन' देखनी होगी.

एक गंभीर विषय को लेकर आई ईस फिल्म 'ऐक्वामैन' के निर्देशक है ‘जेम्स वॉन’ जिन्होंने ‘कन्ज्युरिंग’ युनिवर्स की होरर फिल्में देकर पूरी दुनिया में तहलका मचा रख्खा है. ये वही जेम्स है जिनके निर्देशन में बनी ‘फ्युरियस 7’ ने भारत में भी बहोत तगडी सफलता हांसिल की थी. जेम्स के हाथो में मानो बोक्सओफिस पे ब्लोकबस्टर फिल्में देने की चाबी आ गई है. उनकी फिल्में एक के बाद एक सफलता के नये नये रिकोर्ड बना रही है. 'ऐक्वामैन' भी जेम्स का मिडास टच लेकर आई है, और ईसका सुपर-डुपर हिट होना पक्का है. फिल्म की कहानी अच्छी है, और प्रस्तुति भी. एक्शन सीन्स लाजवाब है. ईटाली के सिसिलि में घरों की छत पर शूट किया गया चेजिंग सीन हो, या फिर समुद्री तूफान के बीच खौफनाक जीवों से भीडंत वाला द्रश्य हो (ये सीन देखकर आपको ‘तुंबाड’ की हस्तर सेना याद आ जाएगी)… या फिर अन्डरवॉटर युद्ध के द्रश्य हों… 'ऐक्वामैन'का हर एक एक्शन सीन कमाल की एक्शनोग्राफी से लैस है, और एक दूसरे से काफी अलग भी है… चमत्कारी ‘टाइडेन्ट’ (त्रिशूल) को ढूंढने के लिये 'ऐक्वामैन' और ‘मेरा’ (एम्बर हर्ड) जो साहस खेलते हैं, वो भी देखनेलायक है… थेंक्स टु, जेम्स वॉन…

एक्शन का रंग बढ-चढ कर बोलता है क्यूंकी यहां टेकनिकल पासें उतकृष्ट है. बेकग्राउन्ड स्कोर, केमेरा वर्क, कम्प्युटर ग्राफिक्स (ये बडी बडी शार्क मछलीयां, केकडे और अन्य हैरतअंगेज जानवर देखके आप दंग रह जाएंगे) और थ्रीडी इफेक्ट्स जबरजस्त है. ये एक ऐसी फिल्म है जिसका थ्रीडी बहोत ही बहेतरीन है, तो अगर आप ये फिल्म देखने जा रहे हो तो ईसे जरूर थ्रीडी में ही देखें. समंदर के अंदर की दुनियाओं (‘एटलांटिस’ के उपरांत एक से ज्यादा दुनिया दीखाईं गईं है) को देखकर जेम्स केमेरोन की ‘अवतार’ याद आ जाएगी. 'ऐक्वामैन' के थ्रीडी ईफेक्ट्स आपको समदंर के अंदर ले जाकरे रख देगी. बाकी पहलूंओं में मेकअप(सभी समुद्री जीवों के गेटअप अद्भुत हैं), कोस्च्युम्स, सेट डिजाईनिंग भी आला दरज्जे के है.

'ऐक्वामैन' का रोल निभानेवाले जेसन मामोआ की तारीफ करनी पडेगी. उनकी पर्सनालिटी, डायलोग डिलिवरी, हावभाव, बोडी लेंग्वेज, एटिट्युड, गुस्सा, गेटअप, दाढी, लंबे बाल, ढेर सारे टेटू… सभी पूरी तरह से निखरके पर्दे पर दीखते है. फिल्म के डायलोग थोडे कमजोर है, कुछ लाइन्स दर्शकों को हंसाने में कामियाब रहती है और वो सारी की सारी 'ऐक्वामैन' के खाते में आई है. जेसन इतने अच्छे है की 'ऐक्वामैन' के रोल में उनके अलावा कीसी और अदाकार की कल्पना भी नहीं की जा सकती. ‘गेल गेडोट’ को देखके लगता है की वो ‘वन्डर वुमन’ बनने के लिये ही पैदा हुई है, उसी प्रकार जेसन मामोआ मानो 'ऐक्वामैन'बनने के लिये ही जन्मे है.

हिरोइन ‘एम्बर हर्ड’ न केवल खूबसूरत दिखीं है, बलकी उनका काम भी उमदा है. एक्शन सीन्स में भी उन्होंने जेसन को अच्छी टक्कर दी है. 'ऐक्वामैन' की मां ‘अटलाना’ के किरदार में ‘निकोल किडमेन’ खूब जचीं. उनका अभिनय प्रशंसनीय है, हमेशा की तरह. जेसन के साथ उनके केवल दो सीन है लेकिन मा-बेटे के वीच की केमेस्ट्री दिल को छू जाती है. 51 साल की उमर में भी निकोल महज 25-26 की लगती है. ईस ओस्ट्रेलियन अभिनेत्री ने जो एक्शन के जलवे दिखाए हैं, वो भी काबिलेतारीफ है. ‘कन्ज्युरिंग’ फिल्मों में भूतों को पकडनेवाले ‘एड वौरेन’ की भूमिका निभानेवाले ‘पेट्रिक विल्सन’ यहां विलन बने है. ‘ओर्म’ के रोल में उन्होंने ठीकठाक काम किया है, पर उनसे उम्मींदे ज्यादा थीं. वाकी के कलाकारों में डॉफ लंडग्रेन (90 के दशक में उनकी बी-ग्रेड एक्शन फिल्में बहोत चली थीं), विलियम डेफो और याह्या अब्दुल-मटीन ने भी अपने अपने किरदार को न्याय दिया है.

कुल मिलाकर देखें तो 'ऐक्वामैन' एक दिलचस्प एक्शन एडवेन्चर फिल्म है, जिसे पूरी फेमिली के साथ देखा जा सकता है. पर हां, थ्रीडी में देखिएगा. मजा दूगना हो जाएगा. एक अच्छे संदेश को लेकर आई ईस 'ऐक्वामैन' को मेरी तरफ से 5 में से 3.5 स्टार