1. तुटा दिल ?
एक वादे पे हमारी दुनिया उजड गई
हम अब 'तुटा दिल' बन के रह गए.....
तेरी मासुम स्मित ने हमको इस तरह भटकाया
की हम खुद को भी भूल बेठे हम' तुटा दिल 'बनके रह गए...
तेरी तीर छी नजरों ने हम को पैगाम दिया
तुने पहेले हमको ही निशाना बनाया दिया और हम 'तुटा दिल' बनके रह गए....
हमको वफा के बदले में धोखा मिला...
तुमे खुद भी ज्यादा माना हम 'तुटा दिल 'बनके रह गए...
हम से कयां खता हो गई जीसकी तुमने ए तोफा दिया
तुम्हारी बदलती अदा ओने हम 'तुटा दिल '?बनके रह गए....
हमको दुनिया मे तनहाई का जाम पिला कर गए...
तुमको हमने खुदा माना और हमको 'तुटा दिल' बना कर रख दिया...
खुदा तुमको ए दिन न दिखाए,वरना तुमे भी न गुजर ना पडे ए दुवा है हमारी,पर तुमने हमको इंसान और खुदा में फकँ ,बताके हमको 'तुटा दिल 'बना कर रख दिया.....
मेरी आँखों पर दया करो, तुम्हारी याद मे रोती रही....
बेवफा का डर देके तुमने हमको तुटा दिल बनाकर रख दिया....
तुम बोलते रहे हम सुनते रहे,हमने तुमको चाहत का अच्छा सिला दिया हमारे भरोसे को तुटा दिल बना कर रख दिया.....
तेरी सुरत मे हम अेसे उतरे पर मासुम सकल भी अेसी कातील होती है हमको पता चला तब तक हम तुटा दिल बन कर रह गये..
तेरी बातो मे हम अेसे अंघे हो गये, हमको और मत अंघे मत करो, हम दुनिया के सामने तुमने तुटा दिल बना कर रख दिया.......
writen by :Shaimee Prajapati........
2. बारीश
बारीश की बुंदे मेरे दिल जला गइ तेरी यादमे
मुहब्बत रुपी समंदर को ताजा कर गइ हमारे दिल मे कीसीकी छाप छोड गइ.....
बारीश की बुंदे मेरे दिल मे कीसीकी याद ताजा कर गइ..
दिल को कीसीकी आदत लगा गइ....... बारीश की बुंदे मेरे दिल जला गइ हो साथीयां....
बारीश का पानी तन को सुकून दैता हे पर दिल तो रोता है कीसीकी याद में..... बारीश की बुंदे मेरे दिल जला गइ हो साथीयां......
बारीश के मोसम मे गमँ अालम मे कीसी की याद मे हम को रुला गइ ए बारिश कीसीको मिलने की आशा की किरन दे गइ बारीश.दिल मे हलचल मचा गई..... बारीश की बुंदे मेरे दिल जला गइ हो साथीयां.....
बारीश मे तन भीग गया. पर दिल तो कोरा ही रह गया मन उच्छल गया पर दिल तो कीसी को अपना बनाने की चाहत में रोने लगा बारीश की बुंदे मेरे दिल जला गइ हो साथीयां....
writen by shaimee Prajapati gujrat
3 तेरे दो शब्द
तेरे दो शब्द हम शायर से उधार लिए तेरे लिए
तेरे दो शब्द ने जीने की वजह बनता देदी
तेरे दो शब्द ने अपनी राह और मंजिल बदलदी...
तेरे दो शब्द दिल मे चुब गये हैं जीने की वजह बन गये
तेरे दो शब्द दिल मे बस गये हमको मंजील की राह पर चलता शिखा गये..
तेरे दो शब्द जीसकी वजह से हम अपनी जिंदगी लुटा बेठे.....
तेरे दो शब्द हमारा होसला बढा बेठे...
तेरे दो शब्द ने तेरी बातो मे अेसा उलजाया हम खुद लूट गये तेरी चाहत मे...
तेरे दो शब्द हम को तेरी याद दिल मे छपवा गए....
तेरे दो शब्द रब को सिकायत करने पर मजबूर कर दिया.....
तेरे दो शब्द प्यार का इजहार गये.....
तेरे दो शब्द ने हमको साथ देने के ख्वाब देके हमको भीड़ में अकेला छोड गये ....
तेरे दो शब्द हमको मायूस कर गये....
तेरे दो शब्दो ने हमको पागल कर दिया....
तेरे दो शब्द ने हमको दुनिया की पहचान दे गये
तेरे दो शब्द ने हमको जीवन का मरन का भेद दे गये...
तेरे दो शब्द हम प्यार से कबर तक म सफर करा गये.......
writen by. शैमी प्रजापति
5नशा तैरै प्यार का..... ?
नशा आंखों मै था तैरै प्यार हम प्यार मै बावरै हो गए....
तैरै नाम अपनी जिंदगी कर बैठे...हम नादा कया जाने
ऐ दिल तैरै नाम कर बैठे... बडा अजीब था नशा तैरै प्यार का.....
नशा शराब का हो या मुहब्बत होश दोनो में ही खो जाता है
शराब सुला दैती है मुहब्बत सुधार दैती है.... तैरै प्यार मै हम खुद को भी भूल बैठै बडा अजीब था नशा तैरै प्यार का.....
तैरी आंखों मै हम खो गए और दो जवा दिल मिल गयै..
तुझे पानै की ठान ली पर इस नादा दिल को कैसै समजायै
बडा अजीब था नशा तैरै प्यार का.......
तुझे पानै का जुनून चड गया तेरे प्यार कै नशै कै सामने शराब भी शरमा जाए... तैरै साथ हसनै रोनै की जीनै मरनै की कसम कसम खा बैठै. इस बावरै मन को कैसै समजाए की ए सिफँ नशा है और कुछ नहीं....
नैनो सै नैन मिलै दिल से दिल ? लबस लबस मिल गयै बडा अजीब था नशा तैरै प्यार का ......
तैरै प्यार कै समंदर मै डुबकी लगा नै कै बाद हम तुझे अपना मान बैठे. और अै बावरै मन को तो तैरा नशा ही चड गया...
मुहब्बत मै शादी हो न हो कीसीका का नशा जरूर चड जाता है.... अजीब था नशा तेरे प्यार का.....
कोइ कहता है प्यार टाइमपास है कोई कहता टाइम बरबाद करना कीसी कै लिए प्यार नशा बनजाता है पर प्यार दिल से करो तो जीनै की वजह बन जाता है....
...................writen by shaimee Prajapati
6.
इस दिल को तुझे पाने का झुनुन चड गया है
आंखों को तेरी आदत हो गई दिल को तेरे प्यार की लत लग गयी अब इस दिल को तुझे पाने का झुनुन इस दिल को चड गया....
होठो चुप होके नेनो के इसारे कर रहे दिल खामोश होके बेठा हे ओर तेरा ही नाम दिए जा रहा है और कह रहा की ए सिफँ मेरा है अब इस दिल को तुझे अपना बनाने का इस दिल को झुनुन चड गया है.....
तेरी मुहब्बत मे हम बावरे हो गये है हम खुद को भी भूल बेठे इस नादान दिल को तेरी आदत हो गई है अब इस दिल को तुझे अपना बनाने का झुनुन चड गया है......
प्यार मे दो लोग मिले न मिले एक दूसरे को पर एक दूसरे की आदत जरुर लग जाती है तेरे सिवा कुछ न दिखे अब इस दिल को तुझे अपना बनाने का झुनुन चड गया है....
7 सालो के साल बीत जायेगे...
हम तेरी आँखों में अेसे उतरे की इसमे से बहार निकलेगे मे
सालो के साल बीत जायेगे .....
मै तुमे पाने की राह देखने बैठु तो सालो के साल बीत जायेगे
तुमको समजना है बहुत कठीन पल मे रुठ जाओ तुम, तुमे मनाने बैठु तो सालो के साल बीत जायेगे .....
तुम्हारी सुंदरता के हम दिवाने बन गये, हमको इस दरिया मे से बहार निकलेगे तो सालो के साल बीत जायेगे....
नशा तेरी दिवानगी का एसा छा गया वो उतारने बैठु तो
सालो के साल बीत जायेगे.......
कीतने जखम खाये हे दिलने हे दिल साफ नही इसकी जखम करने की बैठु तो सालो के साल बीत जायेगे .....
दिल के टुकडे हो गये है तेरी इनजारी मे टुकडे गीनने बैठु तो
सालो के साल बीत जायेगे ......
तैरी नेनो के जाल मै हम इस तरह केद हो गये इसमे सै आजाद होने बैठु तो सालो के साल बीत जायेगे.......
तुम्हारा मासूम चहेरा मैरै दिल में छोडकर चलो गये मुझे दे गये सिफँ याद में इस पर लिखने बैठु तो सालो के साल बीत जायेगे ???✒??
Shaimee Prajapati
7
कया फकँ पडता है?
नदी का प्रवाह शांत हो या फूल धोध मे क्या फर्क है पडता है?
फुल की खुशबू अच्छी हो तो वो फुल कोनसा है उससे कया फकँ पडता है?
मेरे कदम तो तेरे तरफ ही बढेगे थके हुए हो या चलते कया फकँ पडता है?
समय के तार इन्सान को उसके हिसाब से चलना के शिखाते है दूर हो या पास कया फर्क है पडता है?
हम शब्द को उठा के ही घुमना हो धोधाट हो या निरव कया फर्क पडता है?
बारिश के पानी की बुंद हमारे दिल को सुकून देती है.वो धीरे सी हो या तेजी से कया फर्क पडता है?
इन्सान अनुभव में से ही शिखता है कडवा हो या मीठा कया फकँ पडता है?
सुरज की एक किरन इन्सान को होसले की उम्मीद देती है वो सुयोँदय हो या अस्त कया फर्क पडता है?
पंछी और सजीव सहवासी है पवन के वो तेजी मे हो या मंद में कया फर्क पडता है?
वखत ही इन्सान को बदलता है जब अच्छा दिन हो या बुरा कया फर्क पडता है?
सागर मे सारी नदीयां मिलती है कि खारी पानी की हो या मीठा हो या नदीयां उसे कया फर्क पडता है?
मुहब्बत, प्यार मे दगा करने वाले को सामने वाला कठोर दिल का हो या नमँ दिल कया फर्क पडता है?
...... write by .........शैमी प्रजापति
8 तेरा एक वादा
एक वादा था साथ जीनै का साथ मरने का पर वादा कविता कै पन्ने ना रह गया.
सपनै दैखै हमने वो सपना रह गयै. तेरा एक वादा हमको लूट गया हमको खुद से.... तेरा एक वादा.
दिल को तुमको पाने का नशा जो छा गया था. पर अफसोस वो नशा आवारगी बनकर रह गया. तेरा एक वादा...
ऐसा एक दिन न गया की हम तैरी तलाश मै इस दुनिया में न भटकै हो आैर तैरी मासूम आंखों को दील मै बसा दीया. पर हमको जुदाई की और खीच गया तैरा वादा....
सपनै सजा बठै तेरे साथ हसने रोने का हम तुजको अपना बनाने का तैरा एक वादा वादा बनके ? किताबों में रह गया.
तेरे चाहत मै हम कितना मरतै है अब बस ऐक ही खवाइश ही ए खवाइश मैरी हकीकत बना दै तेरा एक वादा...
मैरा खावाब ऐक मृगजल बन गया तुमे अपनी जिंदगी समज बैठा ए नादा दिल पर कया जानै बावरा मन कया जाने मेरे दिल को और मुझे तोड गया तैरा एक वादा....
एक दिन एसा न गया मैरै प्यासी निगाहो ने तुमे ढुडा न हो
तुमै हमसै हंमेशा तेरा एलग करकर तनहाई रुपी जहर पीला गया तैरा एक वादा.... ????
writen by shaimee Prajapati