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मेरी जींदगी की तीन गलती

मेरी जींदगी की तीन गलती जो मेरा आयना बदल गइ..... 
   
   गलती मे तो इंसान की दुनिया बदल जाती है.गलती कभी इंसान को तोड कर रख देतीहै.कभी गलती इंसान को अंदर से बदल देती है. कभी इंसान को खोखला कर के रख देती है..

     " एक गलती इंसान को क्या शिक्षा देती है, वो वही इंसान जानता है जीनसे  होती है.इंसान को तोड कर रख दिया देती है.इंसान को बहुत कुछ शिखा जाती है.

        हम इंसानों को तो आदत है दुसरे सी कमीयां और गलतीयां ढुढना और खुलेआम  प्रदर्शित करनां  ,बार बार उसे याद कराना ,जब तक की  वो सामने वाला तुट  न जाये .तब तक ,हर बार उसे याद क्याें कराते है?क्यां मिलता है.न जाने उन लोगो को.

          "इंसान जीतना दुःखी गलती करके न होता इतना गलती ओकी गिनती करते करते होता है"

            गलती इंसान को कहा से कहा लाते रख देती है ,इंसान को क्यां कुछ न कराती है,इंसान कभी सोच भी न सकता .
             
            हर गलती यां इंसान को कुछ न कुछ शिखा जाती है. इंसान को सही गलत या फर्क कराती है.

"एक गलती मेरी दुनिया बदल गयी,मुजे दुनिया की। हकिकत का  पता करवा गई, मेरी एक गलती ने तो मुजे कहा से कहा भटका दिया.मुजे सब छोड गये.तब मुझे दुनिया की वास्तविकता को दिखा गई.

   हम ने सोचा न था सी मुहब्बत का नतीजा ए होगा,सब इंसान ने हम भरोसा करते थे, पर हमारी एक गलती हमको सब कुछ शिखा गई. हमको ए दुनिया कि नकाब के अंदर  चेहरा दिखा गई.."

         गलती चाहे जो भी हो इंसान को कुछ न कुछ तो शिखा ही जाती है.इन्सान को बडी मुसीबत मे फँसने  से बचाती है गलती.

        हमको अंदर से हिला कर रख देती है. मे बात करने जा रही हुं एसी गलती यों की ,जो आपका आय ना बदलके  रख दें.कभी कभी एसी गलतीयां होती है जो हमे उलझन मे ला कर खडा कर दे.हम.बहार निकलना चाहे तो भी हम उलटा फँसते ही जाए कोई रास्ता भी न मिले .तब हमे बल से न बल्कि बुद्धि से लेना चाहिए।

       मेरी पहेली गलती ने मुजे हिला के रख दिया. जो मुजे आज भी सर्पदंश सी तरह चुब रही भरोसा करने से भी डर लगता है, भरोसा करे तो कैसे करे और कीसपे करे.

          "हर गलती की माफ़ी होती है
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।"

        हमने  कीसी पे  भरोसा किया ,हमे वफा के बदले धोखा मिला हमे प्यार और भरोसे के बदले धोखा मिला हमे इसका अंजाम भुगदना  पड रहा है. जो कांटे कि तरह चुबता है. वो पल याद करे तो हमे बहुत रोना आ रहा .हमारा चेन खुशी सब न जाने हम खो ही बैठे हो .हमको गेरे ने तो लूटा अपने ने हम को गलती को याद कराते कराते बहुत दुखी कर  दिखा.हमको गम सी राह पर घसीट गए.


       हमारी दुसरी गलती ए थी सी हम ने सगमे मे आके  खुद को खत्म करने की सोची . हम ने इस सगमे  से बहार निकलने का  प्रयत्न कर रहे. हम बहुत डिप्रेशन मे  आ गये थे.करे तो हम करे क्या ?  किसीको पर ए किसी को  मंजुर न है. की। हम को हर बार अपना भूतकाल याद कराते कराते न थकते कोई लोग.हमसे ज्यादा उनको लोगो को चिंता है. पता न लोगों कीसीके  भूतकाल को याद कराने से क्यां आनंद मिलता है.

        

        " मुँह से माफ़ करने में किसी को वक्त नही लगता 
  पर दिल से माफ़ करने में उम्र बीत जाती है.."

       
         कभी कभी  एसा होता है की  हमे अपने भी छोड देते है.कभी कभी धोखा दे जाते है.ए समय का  प्रभाव होता है. हमारे खराब समय मे कोइ न होता है हमारे साथ इस लिए मेरी सलाह है आप लोगो को की  कभी मेरी जैसी गलती न करे .किसी पे  भरोसा करने की। या खुद को खत्म करने सी.

         कभी कभी खराब समय भी हमे इंसान कि परख करवाता है.हमे सही गलत की परख करवाता है.तब कुदरत हमको समजाता  है की समय के रुप मे तब हमे समज  जाना चाहिए। अच्छे समय नें सो होगें पर बुरे समय मे कोई न. होगा इंसान या अच्छा मित्र उसका समय होता है.

      "   रोक लेना कुछ रिश्तो को एक Sorry बोल कर....वो जाते है एक ही बार फिर लौट कर कभी नही आते..!!"
         
           तीसरी गलती के मे इंसान परख ने मे बहुत कच्ची हु  सब लोगों ने मेरा फायदा उठाना चाहा .और बाद मे अपना मतलब निकल जाये तो छोड देना.सब लोग ने मेरी अच्छाई का फायदा उठाना चाहा. और बाद मे मुजे छोड देना सब यही करते थे.मेरे मा बाप ने भी यही किया. की  मेरा फायदा उठाया वो लोग भी बकात  न रहे . तब मुझे सबसे घुटन महेसुस होने लगी .नफरत सी हो गई .अपनें नाम से भी. सब लोग हमसे ऐसा करने लगे.
            
           सब ने हमारा फायदा उठाना चाहा. हमको धमकी और घसीट कर ले गए. मुजे तो कभी कभी जी करता है की भगवान छिपकली नादान सब बनाये पर इंसान बनाने कि गलती न करे.मुझे नफरत सी हो गई इंसान के जन्म से अब , क्याेंकी  एक इंसान ही दुसरे इंसान की गलतीयां ढुंढता है.इंसान खुद सुधरने के जगह दूसरे को तालीम देने मे लगा रहता है.दुसरे सी गलती मे झांकने कि जगह अपने अंदर क्युं नहीं जांखता हर बार दुसरे की गलती  को  क्याें पब्लिक करता है,मुजे तो ए समज न आ रहा.सब लोगो ने कभी अपने अंदर कभी देखा हे किसी ने दील वें हाथ रख कर बोलो.

       हमने कभी अपने अंदर कभी देखा है , हमारे अंदर कितनी कमी है.हम हम मे सा दुसरे को एक्सपोझ करते रहते है.मेरी तीन गलतियाँ ने मेरी दुनियाभर की शिक्षा देती है. इंसान को बदल देती है गलतीयां मेरे साथ भी एसा ही हुआ था. मेरी तीन गलतियाँ मुजे अभी भी ठीक से सोने भी न देती कांटे सी तरह चुबती है.

         " माफी गलतियों की दी जाती है,
जान बुझकर किसी के दिल दुखाने की नही.."


  "  को किसी को ठेस पहुचाकर माफी मागना बहुत ही आसान है ,
पर किसी से ठेस खाकर उसे माफ कर देना बहुत ही कठिन ..!!"
  

हमारे लिए गलती करना आसान है पर किसीकी  गलतीयां भुला कर उसे अपनाना बहुत मुश्किल. हम कभी गलती और भूतकाल से लिखते है हमको गलती को खुलेआम जीक्र करके किसीके पास क्षमा मांगो और खुद को गलती से मुक्त कर दो .तो आप आपके मन को गलती के रोज से हलका पन महेसुस होने का अहसास होगा सी आप या दिमाग फ्री हो जाएगा तनाव से मेरे जैसी  जान गलती लेने कि गलती कोई न करे.हर समस्याओं का उपाय ए न होता है. इसमे आप ही  नुकसान है. इसमे आप ही कायर साबित होगे आप को आपके भूतकाल को ही आपका पेशन 
बनावो.तो आप आगे बढोंगे.


     "वो गलतिंया बहुत दर्द देती है जिनका, 
माफी मांगने का वक्त निकल चुका होता है ।।"

"दूसरों को क्षमा करें इसलिए नहीं कि वे क्षमा के काबिल हैं बल्कि आप शांति के हकदार है।"

(ए मेरी आत्मकथा है जो मेने खुद लिखी है ए सत्य घटित है.मेरे जींदगी के चडाव उतराव पर लिखी है)??

Writen by : shaimee Prajapati morden writer Kajal oza vaidhya fan ?

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