1.
क्या से क्या हो गए देखते देखते.....
एक पल मे हसा गए एक पल मे रुला गए अेसे ही हमके अपने पीछे घायल कर गए क्या से क्या हो गए देखते देखते,
मेने पथ्थर से बनाया वो खुदा बन गए देखते देखते....
हमको वादा देके वे खुद ही हमसे बिछड गए क्यासे क्या हो गए देखते देखते....
कैसी वो रात जब चांद आया था पर तुम न आये हमने तुमे तुमे आंखो से तुमको बुलाया था पर तुम मुझे आंसु दे गए क्या से क्या हो गए देखते देखते......
हम तेरी मासुम चहेरे को याद रखने करते रहै पर तुम हमको जुदाई का ददँ दे गए क्या से क्या हो गए देखते.....
कास अेसा तूफान आ जाये हम तेरी बाहो मे खुद को समा दे सारे डर को भुलाये कुछ अेसा आलम बन जाये की खुदा भी हमको को देखते देखते शमाँ जाये कया से क्या हो गए देखते देखते हैं....
मांगा था उसने एक सितारा हमन जमी पेें सितारों की पुरी लाइन खडी की। वो जीने अपनी आँखों से एक पल जुदा न वो लापता हो होगए देखते देखते .हमने बहुत इश्क कमाया वो क्यासे क्या हो गये। देखते देखते.....
जो हमारी सास होते थे वो हवा बन गये देखते देखते जो हमारे जीने मरने की। वजह थी वो बस याद बन गये रह गये सोचती हु की वो कितने मासुम थे क्या से क्या हो गये देखते देखते....
नशा शीशे अनगरायी लेने लगा बस मीरीन्दा मे सागर घनकने लगे. हसर हे वेसते दिल कि आवारागी हमसे पुछो मोहब्बत की। दिवानगी क्या से क्या हो गये।
जो अक्सर हमसे किसीका पता पुछ्ते थे वो खुद लापता हो गये देखते देखते. हमने क्या वो सोचा था वो क्या निकले क्या से क्या हो गये देखते देखते.....
हमको अपना समजके वादा करो एक वादे पे उम्रे गुजर जायेगि ए दुनिया मे सब कितने गद्दार हे.बेवफा हो गए देखते देखते.जीसे अपना माना वो क्या से क्या हो गये। देखते दखते..
अपनो ने तो हमें छोड दिया लेकीन जीसे अपना माना उसने हमे दुनिया को पहचान ना सीखा या वो क्या से क्या हो गये देखते देखते......
write by shaimee Prajapati
2.
मालुम नहीं था
हमको कोइ अपना होने का झुठा दिलासा देके गमका तोफा दे गया हम इस तरह कीसीकी चाहत में अेसे अंघे होगे हमे मालुम नहीं था........ ?
सब अपना अपना कहने बाद बिछड जाता है. और हमको सब तनहाई का जहर दे जायेगे हमको मालुम नहीं था........ ?
जो हमको हमको बेवकूफ बनाते रहै और हम केसे उनको उस मे अपनी दुनिया बना समज बेठे हमे मालुम नहीं था.... ?
हम जीनको पागलो की तरह अपना मान बैठे, वो हमको इस भीडमे अकेला छोड गयेगे हमे मालुम नहीं था...... ?
उम्मीद और खाब था पर वो ख्वाब इस तरह पानी के बुलबुला बनके रह जायेगा हमे मालुम नहीं था..... ?
कीसीको खोने का ददँ काटा बनके इस तरह दिलको चुभ कर गम देगा हमे मालुम नहीं था....... ?
खा जायेगे धोखा रह जायेगे तनहा कया होता सपने तुटने का ददँ हमे मालुम न था.......... ?
परीवार मे बदनाम कर गया हमको राह भटका गये हमको प्यार के समुन्दर में अेसे फेंक देगे हमे मालुम नहीं था ....?
औरो को अपना सब कुछ समज बेठे खो जायेगा रास्ता पडेगा मरना कोई हमको खुद से लुंटे गे हमे मालुम नहीं था....... ?
कोइ हमको हमसे चुरा ले, ओर एसे अपने आप को भुलाया दे हम रोयेगे इतना हमे मालुम नहीं था...... ?
दिल को कीसीके लिए एक इतना ददँ होगा हमे मालुम नहीं था हमको भराेसे की जगह धोखा प्यार की जगह ददँ हमे मालुम न था........ ?
writen by :shaimee Prajapati
3.
जरुरी था......
जब हम आखिरी बार हम मिलै थे याद है तुमको......
तुमनै जुकी नजर सै तुम्हारी बताया तो याद आया की नजरै जुकाना भी जरूरी था......
तैरै प्यार कै समुंदर में ऐसै डुबै डुबनै कै बाद याद आया की डुबना भी जरूरी था....
जब तुनै वो दीन याद किया था वो दीन जब तुम मैरै सामनै डर डर कर बोल रहै थै तुमै याद होगा नजरे जुका कै हम तुम्हारी वही अदा पै हम मर बैठै... तो याद आया की मरना भी जरूरी था.....
बाबु तुम्हारै दिल सै निकालै हम कहा भटकै..... भटकनै सै याद आया की भटकना भी जरुरी था....
जब तुमनै कीताब खोल कर हमारी या शायरी गझल पढी होगी... तो तुमै लीखनै वाली याद तो आइ होगी तो याद आया की भुलना भी जरूरी था.....
बताअो तुमनै हमारा दील चुराया था चुराइ चीज को तुमनै खुदा का घर बताया था.... तैरै निकालै हम कहा खो गए खो जानै कै बाद याद आया की खोना भी जरुरी था.....
तुमसै दिल लगा बैठै की हम दोनो कहा जाए तुम जब कहतै हो तुमनै बोला की सच ही हम तुमसे दगा करनै सै डरतै हम
हमको याद आया की बीछडना भी जरूरी था....
तैरै पीछै हम रोतै है तैरी याद तो याद आया की रोना भी जरूरी था....
तुम्हारा मासुम चहैरा वही है तुम्हारे डर भरै आवाज और तुमहारी सादगी को हम पहचान न पाए..... तुम्हारी याद आई तो याद आया की तुम्हारै डर भरी आवाज मै उतरना भी जरूरी था....
तुम्हारी बातो और तुम्हारा अदा मै इस तरह हम उतरै तुमने बोला था झुकी नजर सै तब सै हम तैरै पीछै पागल बन बैठै तो याद आया की दिवाना बनना भी जरूरी था....
writen by shaimee Prajapati
4.
मुजे न पता.....
मे क्यु हर पल तुजे ही चुनती हु मुजे न पता....
क्यु मुजे तुजे पाने का ज़ुनुन चडता हे मुजे न पता.....
मे क्यु तेरे काबील बनने मे लगी रहती हु मुजे न पता.....
तु नजाने मुजे क्यु आपना सा लगता हे मुजे न पता........
न जाने ये दिल तुजे पाने काम ख्ववाब देखता है मुजे न पता.,...
मे न जाने तेरे ख्यालो मे कहा खो गई हु मुजे न पता....
तुने जीने क हुन्नर दिया तुने मुजे खमोसि से सहने काम सब्र दिया तुने मुजे एसे भटका दिया मे कहा पहुछुगि मुजे न पता...
धीरे धीरे रिस्तो कि कडी जुड रही है कहाँ तक हमारा सफर होगा मुजे न पता......
तेरे पीछे मे दिवानी बन गई हु मुजे ज न पता... और न जाने मु जे कितने पापड मेलने पडेगे मुजे न पता....मुजे खुद से रुबरु कर रहि हे तेरी ए बेबानिया. तु मेरा होसला तुने मुजे जीना शीखा दिया मरना शीखा दिया. पर हमारा साथ कब तक है मुजे न पता....
तुजमे मुजे क्यु अपनापन लगता है मुजे न पता..
तुजे देखके मेरा दील बोलता है की ए सिर्फ़ ओर सिर्फ मेरा है मुजे न पता....
तेरी चाहत मे ए दिल क्या क्या गुफ्त्गु करेगा मुजे न पता
ए जिन्दगी मेरा कबतक लेगी मुजे न पता.....मुजे मेरी तन्हाइ क्या क्या करवाएगी मु जे न पता
पर ए दील तुजे अपना समज बेठा है.... न जाने मुजे लोग क्यु तेरे नाम से चीडाते...है मेरा मे दील तेरे लीए कितनी हद तक पागलपन हे मुजे न पता
मुजे मेरी तन्हाइ किस तरह मारेगी मुजे न पता......
तेरी वफा ओ ने मुजे इस हद तक काबील बनाया कि मे तुजे ही अपना समज हम दोनो काम साथ कबतक हे मुजे न पता......
मेरा दिल कबतक तडपे गा मुजे न पता पर ए दिल को तुजे पानेका भुत जो चडा है........???????
लि: ~Shaimee Prajapati
5.
तेरा एक वादा
एक वादा था साथ जीनै का साथ मरने का पर वादा कविता कै पन्ने ना रह गया.
सपनै दैखै हमने वो सपना रह गयै. तेरा एक वादा हमको लूट गया हमको खुद से.... तेरा एक वादा.
दिल को तुमको पाने का नशा जो छा गया था. पर अफसोस वो नशा आवारगी बनकर रह गया. तेरा एक वादा...
ऐसा एक दिन न गया की हम तैरी तलाश मै इस दुनिया में न भटकै हो आैर तैरी मासूम आंखों को दील मै बसा दीया. पर हमको जुदाई की और खीच गया तैरा वादा....
सपनै सजा बठै तेरे साथ हसने रोने का हम तुजको अपना बनाने का तैरा एक वादा वादा बनके ? किताबों में रह गया.
तेरे चाहत मै हम कितना मरतै है अब बस ऐक ही खवाइश ही ए खवाइश मैरी हकीकत बना दै तेरा एक वादा...
मैरा खावाब ऐक मृगजल बन गया तुमे अपनी जिंदगी समज बैठा ए नादा दिल पर कया जानै बावरा मन कया जाने मेरे दिल को और मुझे तोड गया तैरा एक वादा....
एक दिन एसा न गया मैरै प्यासी निगाहो ने तुमे ढुडा न हो
तुमै हमसै हंमेशा तेरा एलग करकर तनहाई रुपी जहर पीला गया तैरा एक वादा.... ????
writen by shaimee Prajapati