टूटे हुए दिलो का अश्पताल

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल l नमस्ते दोस्तो वापस आ गया हु में। फिर एक नई कहानी के साथ. तो चलो आओ शुरू करते करते है। यह कहानी एक काल्पनिक है कृपया इसको कहानी की तरह ले। आज कल हर जगह हर वक्त कई लोग प्यार में अपनी जान दे देते है. हम उनको जान देने से रोक तो नही सकते. क्यू की अब हर जगह तो नही जा सकते ना क्यू की ये प्रॉब्लम हर जगह हर बार हो ती है तो इस लिए हमने सोचा की क्यू ना हम इन प्यार करने वालो के लिए हर जगह एक अश्पताल बना दिया जाए. तो हमने बिलकुल वैसा ही किया शहर में ऐसे हादसे होने के कारण और इन सब चीजों को मद्दे नजर रखते हुए सब उत्पन्न किया जाता है। एक शहर है. जिसका नाम है सुपर सिटी. इस शहर का नाम सुपर सिटी इस लिए पड़ा क्यू की यहां के लोग यहां का जो भी माहोल है सब सुपर है. इस लिए इस शहर का नाम है सुपर सिटी. उसी शहर मे वो अश्पताल ठहरा है जहा पर ये सुपर सिटी है. ऐसा नहीं है की और कोई अश्पताल नही है. अश्पताल कई तरह के है लेकिन इस अश्पताल से किसीको कोई नुकसान नही होगा ये बताकर बनाया गया है.

Full Novel

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 1

टूटे हुए दिलो का अश्पताल lनमस्ते दोस्तो वापस आ गया हु में। फिर एक नई कहानी के साथ. तो आओ शुरू करते करते है।यह कहानी एक काल्पनिक है कृपया इसको कहानी की तरह ले।आज कल हर जगह हर वक्त कई लोग प्यार में अपनी जान दे देते है. हम उनको जान देने से रोक तो नही सकते. क्यू की अब हर जगह तो नही जा सकते ना क्यू की ये प्रॉब्लम हर जगह हर बार हो ती है तो इस लिए हमने सोचा की क्यू ना हम इन प्यार करने वालो के लिए हर जगह एक अश्पताल बना दिया ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 2

समझ गया, अब से हर एपिसोड 2500 शब्दों में तैयार किया जाएगा। मैं सेकंड एपिसोड लिखना शुरू कर रहा हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 2सुपर सिटी में बना यह अनोखा अस्पताल धीरे-धीरे शहर में चर्चा का विषय बन चुका था। हर कोई इस अस्पताल के बारे में जानना चाहता था। कुछ इसे समाज के लिए बेहतरीन पहल मान रहे थे, तो कुछ इसे बेकार की बात कहकर नजरअंदाज कर रहे थे। लेकिन इस अस्पताल का असली उद्देश्य सिर्फ वही समझ सकता था, जिसने खुद प्यार में चोट खाई हो।निक, जो अस्पताल के बारे में जानने आया था, संजना ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 3

एपिसोड 3 – टूटे हुए दिलों का अस्पतालरात के सन्नाटे में अस्पताल का माहौल और भी भारी लग रहा डॉक्टर अरमान अपने केबिन में बैठे केस फाइलें पलट रहे थे। अचानक दरवाजा खुला, और नर्स सिया भागते हुए अंदर आई।"सर, जल्दी चलिए! पेशेंट का हाल बिगड़ रहा है!"अरमान ने बिना देर किए स्टेथोस्कोप उठाया और तेज कदमों से आईसीयू की ओर बढ़े। वहाँ बिस्तर पर एक 26 साल का युवक पड़ा था—गहरी चोटें, खून से सना शरीर, और आंखों में दर्द की एक अजीब सी झलक।"इनका एक्सीडेंट कैसे हुआ?" अरमान ने नर्स से पूछा।"सर, किसी ने इन्हें सड़क किनारे ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 4

एपिसोड 4 – पुराने जख्म और नई चुनौतियाँअस्पताल की सफेद दीवारों के बीच समय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, आदित्य के दिल और दिमाग में बीते समय की यादें किसी पुराने जख्म की तरह ताजा थीं। उसकी जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी, लेकिन एक नया मोड़ उसकी भावनाओं में भूचाल लाने वाला था।पुरानी यादों का अंधेराआदित्य अभी भी अस्पताल की दिनचर्या में ढलने की कोशिश कर रहा था। उसकी मुलाकात आए दिन अलग-अलग मरीजों से होती, उनकी कहानियाँ सुनता और उन्हें भावनात्मक सहारा देने की कोशिश करता। लेकिन उसके अपने दिल में जो घाव थे, उन्हें कौन भरता?एक ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 5

एपिसोड 5 – अतीत की परछाइयाँअस्पताल के गलियारों में रात का सन्नाटा था। बाहर बारिश की हल्की बूँदें खिड़कियों गिर रही थीं, लेकिन आदित्य के दिल में एक अलग ही हलचल थी। भावेश की एंट्री ने उसकी पुरानी यादों को फिर से जिंदा कर दिया था।अंधेरे में छिपे राजआदित्य अपने केबिन में बैठा, भावेश की मेडिकल रिपोर्ट देख रहा था, लेकिन उसकी आँखें बार-बार पुरानी यादों में खो जातीं। एक समय था, जब आदित्य और भावेश एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि लोग उन्हें एक सिक्के के दो पहलू कहते थे।लेकिन फिर ऐसा ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 6

एपिसोड 6 – अतीत के ज़ख्म और एक नई साज़िशअस्पताल की सफेद दीवारों के पीछे छिपे थे कुछ काले आदित्य की ज़िंदगी में आया एक चेहरा, जिसने उसके पुराने घाव फिर से हरे कर दिए। भावेश, एक ऐसा नाम जो सिर्फ अतीत तक सीमित रहना चाहिए था, आज उसके सामने खड़ा था, मुस्कुराता हुआ… मगर उसकी मुस्कान के पीछे कुछ ऐसा था जो आदित्य को बेचैन कर रहा था।---भावेश की एंट्री – एक भूला नहीं हुआ अतीतआदित्य अपने केबिन में मरीजों की रिपोर्ट देख रहा था कि अचानक दरवाज़े पर दस्तक हुई।"आ जाओ," उसने बिना देखे कहा।दरवाज़ा खुला और ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 7

एपिसोड 7: अतीत के घावभूमिका:अस्पताल की गलियारों में हलचल हमेशा की तरह जारी थी। मरीजों की भीड़, डॉक्टरों के कदम, और दर्द से कराहते लोगों की आवाजें माहौल को बोझिल बना रही थीं। लेकिन इस बार, अस्पताल में सिर्फ मरीजों का दर्द नहीं था—यहाँ एक ऐसा अतीत कदम रखने वाला था, जो आदित्य के घावों को फिर से कुरेदने वाला था।भावेश की एंट्रीदोपहर के करीब का वक्त था। आदित्य अपने केबिन में बैठा था, जब अचानक नर्स ने आकर बताया—"सर, एक नया मरीज एडमिट हुआ है, जिनका नाम भावेश है। एक्सीडेंट केस है, परसों भर्ती किया गया था। आज ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 8

एपिसोड 8: दोस्ती या धोखा?भूमिका:आदित्य की जिंदगी में भावेश की एंट्री किसी भूले हुए अध्याय के दोबारा खुलने जैसी बीते पाँच सालों से आदित्य ने उस चेहरे को अपनी यादों से मिटाने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही इंसान उसके सामने था। भावेश की आँखों में एक अजीब सी बेचैनी थी—शायद पछतावे की, या फिर किसी नए खेल की शुरुआत की।भावेश की मजबूरी या चाल?आदित्य के लिए ये समझना मुश्किल था कि क्या भावेश सच कह रहा था या फिर ये सब उसकी कोई नई चाल थी। उसने वार्ड के बाहर आकर गहरी सांस ली। उसके मन में ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 9

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 09नई चुनौतियाँ, नया मरीजअस्पताल की घड़ी रात के 11 बजा रही थी, यहाँ रात और दिन का कोई मतलब नहीं था। इमरजेंसी वार्ड में लगातार मरीजों की आवाजाही लगी रहती थी। डॉक्टर आदित्य अपने केबिन में बैठकर दिनभर के मरीजों की रिपोर्ट देख रहे थे। उनकी आँखों में हल्की थकान झलक रही थी, लेकिन मरीजों के प्रति उनकी ज़िम्मेदारी उन्हें चैन से बैठने नहीं देती थी।तभी अचानक इमरजेंसी वार्ड से एक नर्स हड़बड़ाती हुई आई।"डॉक्टर आदित्य, जल्दी चलिए! एक एक्सीडेंट केस आया है। मरीज की हालत बहुत नाजुक है!"आदित्य ने फौरन अपने ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 10

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 10साजिश की परतें खुलने लगींअस्पताल का माहौल हमेशा की तरह व्यस्त था, आईसीयू के बाहर एक अजीब सा सन्नाटा पसरा था। आदित्य अपने केबिन में बैठकर ऋषभ की मेडिकल रिपोर्ट पढ़ रहे थे। ऑपरेशन सफल हुआ था, लेकिन ऋषभ अभी तक बेहोश था। उसकी हालत स्थिर थी, मगर खतरा टला नहीं था।भावेश की अचानक वापसी और ऋषभ का एक्सीडेंट—इन दोनों घटनाओं के बीच कोई कनेक्शन है या नहीं, यह सोच-सोचकर आदित्य का दिमाग उलझ चुका था।तभी नर्स रीना अंदर आई।"सर, ऋषभ को थोड़ी देर पहले हल्की हरकत हुई थी। लगता है, वो ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 11

एपिसोड 11 – टूटे हुए दिलों का अस्पतालनई सुबह, नई तकलीफेंसुबह की हल्की धूप अस्पताल के गलियारों में फैल थी, लेकिन आदित्य के दिल और दिमाग में बीती रात की बातें गूंज रही थीं। भावेश की एंट्री ने उसके पुराने घाव फिर से हरे कर दिए थे। वो उसे भूलना चाहता था, लेकिन भावेश की बातों ने उसे उसकी पुरानी जिंदगी में खींच लिया था।डॉ. संजना अपने केबिन में बैठी मरीजों की रिपोर्ट चेक कर रही थी, तभी नर्स सुष्मिता घबराई हुई अंदर आई।"मैम, इमरजेंसी में एक सीरियस केस आया है। बहुत बुरा एक्सीडेंट हुआ है, मरीज की हालत ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 12

एपिसोड 12: दर्द के पीछे की सच्चाईरात के सन्नाटे में जब पूरा शहर नींद की आगोश में था, "टूटे दिलों का अस्पताल" में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों की कहानियाँ अब भी सांस ले रही थीं। अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में भागदौड़ मची थी। एक ऐंबुलेंस अस्पताल के गेट पर आकर रुकी, और स्ट्रेचर पर एक घायल व्यक्ति को उतारा गया। उसके शरीर पर कई जगह गहरे जख्म थे, और चेहरा खून से लथपथ था।एक नए केस की एंट्रीडॉ. आदित्य तुरंत इमरजेंसी वार्ड में पहुँचे। नर्स ने जल्दी से रिपोर्ट दी—"पेशेंट का नाम अर्जुन है, 34 ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 13

एपिसोड 13: साजिश के पीछे का चेहराअस्पताल की गलियों में हलचल थी। मरीजों के रिश्तेदार फुसफुसा रहे थे, स्टाफ बीच भी तनाव था, और सबसे ज्यादा बेचैनी आदित्य के चेहरे पर दिख रही थी। अर्जुन के केस ने उसके मन में कई सवाल खड़े कर दिए थे। क्या यह सच में एक एक्सीडेंट था, या कोई सोची-समझी साजिश? और अगर यह साजिश थी, तो इसके पीछे कौन था?भावेश की नई चालभावेश अस्पताल के कॉरिडोर में टहलते हुए हल्की मुस्कान के साथ सबकुछ देख रहा था। वह जानता था कि उसकी चाल धीरे-धीरे असर कर रही थी। उसने आदित्य को ...और पढ़े

14

टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 14

एपिसोड 14: एक अधूरी दास्तानरात का समय था। अस्पताल के गलियारे में हल्की-हल्की रोशनी फैली हुई थी। मरीजों के में शांति थी, लेकिन इमरजेंसी वार्ड की भागदौड़ अभी भी जारी थी। डॉक्टर आदित्य ने एक लंबी सर्जरी खत्म की थी, लेकिन उनकी आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं था। वे केबिन में आए ही थे कि उनकी नज़र फिर से उसी चेहरे पर पड़ी, जिससे वे बचना चाह रहे थे—भावेश।भावेश अस्पताल में भर्ती था, लेकिन उसका आना सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं था। वह आदित्य के अतीत का एक ऐसा अध्याय था, जिसे आदित्य बंद कर देना चाहता था। लेकिन ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 15

एपिसोड 15: अनजान साए और धुंधली यादेंरात गहरी हो चुकी थी। अस्पताल की गलियों में अजीब-सी खामोशी थी। कभी-कभी मशीन की बीप-बीप की आवाज़ उस खामोशी को तोड़ देती थी। ऑपरेशन थिएटर की लाल बत्ती अब भी जल रही थी। मगर दूसरी तरफ, वार्ड नंबर 14 में एक रहस्यमयी लड़की अब भी बेहोश पड़ी थी, जिसकी कलाई पर "A" लिखा हुआ था।भावेश की बेचैनी और उसके इरादेभावेश अपनी जेब में हाथ डाले उस लड़की को देख रहा था। उसके होंठों पर हल्की मुस्कान थी, लेकिन उसकी आँखों में अजीब-सी चमक थी, जैसे वह किसी बड़े राज़ को अपने भीतर ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 16

एपिसोड 16 – एक अनसुनी दास्तानरात के अंधेरे में अस्पताल की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ था। नाइट शिफ्ट डॉक्टर और नर्सें अपने-अपने काम में लगी थीं, लेकिन कुछ चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थीं।आदित्य अपने केबिन में बैठा कुछ फाइल्स देख रहा था कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। उसने सिर उठाकर देखा—वहां नर्स राधिका खड़ी थी।"सर, एक नया केस आया है। मरीज की हालत बहुत नाजुक है।""क्या हुआ है उसे?" आदित्य ने चिंतित स्वर में पूछा।"सर, एक लड़की है, जिसकी उम्र करीब 22 साल है। उसे बुरी तरह जला दिया गया है। किसी ने ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 17

एपिसोड 17 – विश्वासघात का सायाअस्पताल की घड़ी रात के तीन बजा रही थी, लेकिन ICU के अंदर तनाव हुआ था। स्नेहा अभी भी होश में नहीं थी, लेकिन उसके शरीर पर जलने के गहरे निशान उसकी दर्दनाक कहानी बयां कर रहे थे। डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए पूरी कोशिश की थी, लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से वह अब भी गंभीर स्थिति में थी।आदित्य ऑपरेशन थिएटर से बाहर आया और सीधे भावेश के पास गया, जो वेटिंग एरिया में सिर झुकाए बैठा था।"भावेश, स्नेहा के बारे में कुछ और बता सकते हो?" आदित्य ने सीधे सवाल किया।भावेश ...और पढ़े

18

टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 18

एपिसोड 18 – साज़िश की परतेंरात का तीसरा पहर था। अस्पताल के गलियारे शांत थे, लेकिन ICU के पास कुछ अलग था। स्नेहा की हालत स्थिर थी, लेकिन उसका डर अभी भी उसकी आँखों में झलक रहा था। भावेश वहीं बैठा था, लेकिन उसके चेहरे पर चिंता के साथ कुछ और भी था—जैसे कोई बोझ उसे अंदर ही अंदर खा रहा हो।आदित्य और इंस्पेक्टर राजवीर अभी तक इसी सोच में थे कि आखिर स्नेहा पर हमला करने वाला कौन हो सकता है।"हमें उससे जल्द से जल्द बात करनी होगी," राजवीर ने कहा।"पर वो अभी भी सदमे में है। अगर ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अश्पताल - 19

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 19अस्पताल में नया तूफानरात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे। अस्पताल के में हल्की हलचल थी, लेकिन इमरजेंसी वार्ड के बाहर माहौल अलग ही था। वहाँ तनाव पसरा हुआ था। डॉक्टर आदित्य तेजी से ऑपरेशन थिएटर की ओर बढ़ रहा था। स्टाफ नर्स रीमा ने घबराए हुए स्वर में कहा, "सर, मामला काफी गंभीर है... मरीज को जल्द ही ऑपरेशन की जरूरत है।"आदित्य ने गहरी सांस ली और वार्ड के अंदर दाखिल हुआ। लेकिन जैसे ही उसने स्ट्रेचर पर पड़े मरीज का चेहरा देखा, उसके कदम ठिठक गए। चेहरा जाना-पहचाना था। वो ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 20

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 20रात के दो बजे का समय था। अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में अजीब-सी हलचल थी। नर्सें तेज़ी से इधर-उधर भाग रही थीं। डॉ. आदित्य ऑपरेशन थिएटर में किसी गंभीर मरीज का इलाज कर रहा था। बाहर खड़ी नव्या बेचैनी से इधर-उधर टहल रही थी।“सब ठीक तो है न, डॉ. नव्या?” एक नर्स ने पूछा।“मुझे नहीं पता… पर आदित्य बहुत देर से अंदर है,” नव्या ने चिंता से कहा।कुछ देर बाद ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खुला, और आदित्य बाहर आया। उसके माथे पर पसीने की बूंदें थीं, लेकिन चेहरे पर संतोष था।“पेशेंट अब ...और पढ़े

21

टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 21

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 21रात का सन्नाटा अस्पताल की इमारत के भीतर घुला हुआ था। नर्सों कदमों की हल्की आहट और मॉनिटरों की बीपिंग के अलावा वहां एक अजीब सी शांति थी। लेकिन इस शांति के पीछे एक बहुत बड़ा तूफान खड़ा था, जो कभी भी फट सकता था।आदित्य की परेशानीआदित्य अपने केबिन में बैठा, हाथ में एक नोटिस लिए हुए था। यह वही नोटिस था, जिसमें उसे निलंबन की धमकी दी गई थी। उसकी आंखों में गुस्से और बेचैनी का मिला-जुला भाव था। यह सब भावेश की चाल थी, और आदित्य को अच्छी तरह से ...और पढ़े

22

टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 22

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 22 (फुल एपिसोड)अस्पताल की हवा में एक अलग ही बेचैनी थी। मरीजों हलचल के बीच डॉक्टर आदित्य और नव्या एक गंभीर समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी ओर, भावेश अपनी चालों में मसरूफ था।---रेहान की गवाही – आखिरी उम्मीदआदित्य और नव्या अस्पताल के कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे थे। सामने कुर्सी पर रेहान घबराया हुआ बैठा था।"तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है, रेहान। अगर तुमने सच बोला, तो न सिर्फ अस्पताल बल्कि कई जिंदगियाँ बच सकती हैं," आदित्य ने समझाया।रेहान ने कांपते हुए कहा, "डॉक्टर साहब, भावेश बहुत खतरनाक ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 23

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 23रात के सन्नाटे में अस्पताल के गलियारों में हल्की-हल्की आहट गूंज रही आदित्य अपनी केबिन में बैठा सोच में डूबा था। भावेश की गिरफ्तारी के बावजूद, उसे महसूस हो रहा था कि ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। नव्या भी उसे बार-बार समझा रही थी कि वह थोड़ा आराम कर ले, लेकिन आदित्य के दिमाग में कई सवाल उमड़ रहे थे।- - -भावेश का नया प्लानभावेश जेल में था, लेकिन उसने हार नहीं मानी थी। उसकी आँखों में वही घमंड भरी चमक थी।"मैं यहाँ ज्यादा दिन नहीं रहने वाला," उसने अपने ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 24

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 24पिछले एपिसोड में: भावेश जेल से छूट गया और उसने आदित्य के पर एक और हमला करने की योजना बनाई। अस्पताल में आगजनी और चोरी की घटनाएँ इसी साजिश का हिस्सा थीं। अमोल, जो पहले आदित्य के साथ था, अब भावेश के लिए काम कर रहा था।---भावेश की अगली चालभावेश जेल से बाहर आ चुका था। उसकी आँखों में बदले की आग थी।"अबकी बार आदित्य को ऐसी चोट दूँगा कि वह कभी उठ नहीं पाएगा," उसने अपने गुर्गों से कहा।अमोल ने सर हिलाया, "हमें अस्पताल के अंदर कोई और आदमी चाहिए जो ...और पढ़े

25

टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 25

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 25पिछले एपिसोड में: अस्पताल में एक धमाका हुआ, जिससे मरीजों और स्टाफ दहशत फैल गई। आदित्य को एक मैसेज मिला—"ये तो सिर्फ शुरुआत है, डॉक्टर आदित्य!" भेजने वाला था—भावेश!---खौफ और अनिश्चितताधमाके के बाद पूरा अस्पताल अफरातफरी में था। मरीजों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह था—आखिर यह हादसा हुआ कैसे?आदित्य ने अपने स्टाफ को बुलाया।"हमें हर CCTV फुटेज चेक करनी होगी," उसने कहा।नव्या ने कंप्यूटर ऑन किया और धमाके से कुछ घंटे पहले की फुटेज देखनी शुरू की। अचानक स्क्रीन पर डॉक्टर सुदर्शन दिखाई दिया, ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 26

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 26 (फुल एपिसोड)पिछले एपिसोड में: आदित्य ने अस्पताल में हुए धमाके के डॉक्टर सुदर्शन का हाथ पकड़ा, लेकिन यह सब भावेश के इशारों पर हो रहा था। अब भावेश की पत्नी घायल हालत में अस्पताल आई है, लेकिन यह एक नई साजिश भी हो सकती है।---भावेश की पत्नी – सच या छल?भावेश की पत्नी, सान्या, दर्द से कराह रही थी। उसकी गर्दन पर कटे के निशान थे, और वह बुरी तरह डरी हुई थी।"कृपया मेरी मदद कीजिए," उसने आदित्य से कहा।आदित्य और नव्या उसे ऑपरेशन थिएटर में ले गए। ब्लीडिंग रोकनी जरूरी ...और पढ़े

27

टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 27

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 27पिछले एपिसोड में:भावेश का आदमी अस्पताल में घुस आया था, और उसने को माँगते हुए गोली चला दी। अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। अब आदित्य के सामने दो सवाल थे—क्या वह अस्पताल को बचा पाएगा? और क्या सान्या सच में खतरे में है या यह भी भावेश का एक नया खेल है?---गोली चली... लेकिन किसे लगी?बंदूक की आवाज के साथ ही सबकुछ थम गया। मरीजों की चीखें, डॉक्टर्स की घबराहट और स्टाफ की दौड़ भाग के बीच, आदित्य ने देखा कि गोली गार्ड के कंधे में लगी थी!"आह्ह...!" गार्ड ज़मीन पर गिर ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 28

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 28पिछले एपिसोड में:सान्या ने आखिरकार सच उगल दिया कि भावेश इस अस्पताल नीलाम करवाना चाहता है और उसने ही पूरी साजिश रची थी। अब सवाल ये था कि आदित्य उसे कैसे रोकेगा? और क्या भावेश इतनी आसानी से हार मान लेगा?---भावेश की धमकीअस्पताल में हलचल मची हुई थी। आदित्य ने पुलिस को बुला लिया था, लेकिन तभी भावेश का फोन आया।"बहुत बहादुर बन रहा है तू, आदित्य!" फोन के दूसरी तरफ भावेश की कड़कती आवाज थी।"अब सच सामने आ चुका है, भावेश। तेरा खेल खत्म!""खेल अभी खत्म नहीं हुआ, दोस्त!" भावेश ने ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 29

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 29पिछले एपिसोड में:भावेश के गुंडों ने अस्पताल पर हमला किया, लेकिन आदित्य, और टीम ने बहादुरी से मुकाबला किया। पुलिस आई, पर भावेश भाग निकला। अब आदित्य को एहसास हो चुका था कि यह जंग सिर्फ अस्पताल की नहीं, बल्कि उसके अपने लोगों की सुरक्षा की भी थी।---खामोशी के पीछे का तूफानअस्पताल में माहौल सामान्य करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन हर किसी के मन में डर बैठा हुआ था। मरीजों को कुछ नहीं पता था, लेकिन स्टाफ के हर सदस्य की आँखों में चिंता झलक रही थी।डॉक्टर नव्या मरीजों ...और पढ़े

30

टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 30

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 30पिछले एपिसोड में:आदित्य, अर्जुन, सान्या और नव्या ने अस्पताल में छिपे गद्दार पकड़ लिया, जो भावेश के लिए काम कर रहा था। लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी—भावेश का अगला वार पहले से ज्यादा खतरनाक होने वाला था।---अस्पताल पर काला सायारात के सन्नाटे में अस्पताल के गलियारे में हलचल थी। स्टाफ और मरीजों को अभी तक यह खबर नहीं थी कि अस्पताल के अंदर ही कोई दुश्मन था। लेकिन आदित्य और उसकी टीम जानते थे कि यह जंग इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं थी।अर्जुन ने गद्दार को घूरते हुए कहा, "अब बोल, ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 31

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 31पिछले एपिसोड में:भावेश के गुंडों ने अस्पताल पर हमला करने की कोशिश लेकिन आदित्य और अर्जुन ने उनकी चाल नाकाम कर दी। भावेश ने अस्पताल को बदनाम करने के लिए बिजली कटवा दी, लेकिन आदित्य ने आखिरी समय पर जेनरेटर चालू कर दिया। अब भावेश खुद मैदान में उतरने वाला था!---खूनी खेल की शुरुआतरात के साढ़े तीन बजे का वक्त था। अस्पताल के अंदर माहौल शांत था, लेकिन बाहर अंधेरे में एक बड़ा तूफान उठने वाला था।भावेश अपनी काली एसयूवी से उतरा। उसकी आँखों में गुस्सा था और होंठों पर एक खतरनाक ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 32

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 32पिछले एपिसोड में:भावेश को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उसने जाते-जाते आदित्य धमकी दी थी—"ये खत्म नहीं हुआ!" अस्पताल में सबकुछ फिर से सामान्य हो रहा था, लेकिन क्या खतरा सच में टल गया था?---एक नई सुबह, नई चुनौतियाँभावेश की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में माहौल थोड़ा हल्का था। मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया था और स्टाफ भी राहत की सांस ले रहा था।सुबह के 7 बजे।आदित्य अपनी कुर्सी पर बैठा था। पिछले कुछ घंटों में जो कुछ भी हुआ, वो सब उसके दिमाग में घूम रहा था।"क्या सच में सब ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 33

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 33पिछले एपिसोड में:भावेश ने जेल से कॉल करके आदित्य को धमकी दी उसने नव्या को अगवा करवा लिया, और अब आदित्य और अर्जुन के लिए खतरे की घंटी बज चुकी थी।---नव्या का संघर्षनव्या को जबरदस्ती एक अंधेरे कमरे में लाकर फेंका गया। उसके हाथ बंधे हुए थे, और चारों ओर घना अंधेरा था।"कौन हो तुम लोग? मुझे यहाँ क्यों लाए हो?" उसने डरते हुए पूछा।"चुप रहो!" एक आदमी ने उसकी तरफ बंदूक तान दी।नव्या के चेहरे पर पसीने की बूंदें छलक आईं। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब उसका क्या ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 34

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 34पिछले एपिसोड में:भावेश को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन क्या यह वाकई खत्म हो गया था? या कोई नया खतरा दस्तक दे रहा था?---अस्पताल में नई हलचलभावेश की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में सब कुछ सामान्य लगने लगा था। डॉक्टरों और मरीजों की चहल-पहल पहले जैसी थी। लेकिन आदित्य के दिल में एक बेचैनी थी।"कुछ अजीब लग रहा है," आदित्य ने अर्जुन से कहा।"क्या मतलब?" अर्जुन ने पूछा।"भावेश इतना आसान खिलाड़ी नहीं है। मुझे लगता है, उसने कोई और चाल पहले से ही चल दी है।"अर्जुन ने गहरी सांस ली, "आदित्य, वो ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 35

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 35पिछले एपिसोड में:भावेश जेल में होते हुए भी अस्पताल में अपनी साजिशों अंजाम दे रहा था। एक बच्चे और नर्स को ज़हर दिया गया, और अब सबकी नजरें इस बात पर थीं कि अगला शिकार कौन होगा?---अस्पताल में डर का माहौलरात के दो बजे।अस्पताल के गलियारे अंधेरे में डूबे हुए थे। नाइट शिफ्ट पर तैनात नर्सें डरी हुई थीं। डॉक्टर भी सतर्क हो चुके थे। हर किसी को लग रहा था कि भावेश का कोई न कोई आदमी अस्पताल के अंदर ही है।आदित्य और अर्जुन सिक्योरिटी ऑफिस में बैठे सीसीटीवी फुटेज देख ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 36

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 36पिछले एपिसोड में:डॉ. संजय की सच्चाई सामने आ गई थी। भावेश उसे प्लान में इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन अब आदित्य और अर्जुन ने सच्चाई जान ली थी। अस्पताल के बाहर एक रहस्यमयी आदमी की एंट्री ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी थीं।---खतरनाक मुलाकातगाड़ी से उतरने वाला आदमी लंबा, गठीला और रौबदार था। उसके चेहरे पर घनी दाढ़ी थी, आँखें ऐसी जैसे किसी शिकारी की हों।अर्जुन ने धीरे से पूछा, "ये कौन है?"आदित्य ने एक गहरी सांस ली।"ये विक्रम है…""विक्रम? कौन विक्रम?""भावेश का सबसे खतरनाक आदमी। ये वही है जिसने तीन साल ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 37

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 37पिछले एपिसोड में:आदित्य और अर्जुन ने अस्पताल में छुपे टाइम बम को कर दिया, लेकिन भावेश ने साफ कर दिया था कि ये सिर्फ एक शुरुआत थी। विक्रम की एंट्री ने हालात और बिगाड़ दिए थे।---अब अगला कदम?अस्पताल में सबकुछ सामान्य दिख रहा था, लेकिन आदित्य को पता था कि ये शांति बस तूफान से पहले की शांति थी।रात के 2 बजे, आदित्य अपने ऑफिस में बैठा था। अर्जुन भी वहीं था।"अब हमें क्या करना चाहिए?" अर्जुन ने पूछा।आदित्य ने एक गहरी सांस ली।"भावेश जेल में है, लेकिन उसके आदमी अभी भी ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 38

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 38पिछले एपिसोड में:आदित्य ने सिया को बचा लिया, विक्रम गिरफ्तार हो गया, भावेश ने अब एक और खतरनाक चाल चलने की योजना बना ली थी।---भावेश की नई साजिशजेल के अंधेरे कोने में बैठा भावेश अपने अगले कदम के बारे में सोच रहा था। उसके सामने एक आदमी बैठा था – रोहित।"सर, अब हमें क्या करना है?"भावेश ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब हम अस्पताल के सबसे कमजोर इंसान पर वार करेंगे।""मतलब?"भावेश ने मेज पर उंगलियां बजाईं।"अस्पताल में सबसे कमजोर कौन है?"रोहित ने कुछ सोचा, फिर धीरे से कहा, "डॉ. सिया।""बिलकुल सही!"भावेश की आंखों ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 39

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 39पिछले एपिसोड में:सिया को एक अनजान फोन कॉल आया, जिसमें एक जानी-पहचानी थी— करण!क्या करण सच में वापस आ गया है या ये सिर्फ भावेश की कोई नई चाल है?---सिया की बेचैनीफोन रखते ही सिया का पूरा शरीर ठंडा पड़ गया। उसके हाथ कांप रहे थे।आदित्य, जो बगल के कमरे में था, उसकी घबराहट महसूस कर सकता था।"क्या हुआ, सिया?"सिया ने कुछ देर चुप रहने के बाद धीरे से कहा, "करण वापस आ गया है।"आदित्य ने हैरानी से उसकी तरफ देखा। "क्या? तुम पक्का हो?"सिया ने सिर हिलाया।"उसकी आवाज़ थी… उसने कहा ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 40

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 40पिछले एपिसोड में:करण की वापसी ने सिया की ज़िंदगी में हलचल मचा करण सच में सिया से प्यार करता है या यह सब भावेश की साजिश का हिस्सा है?अब आगे…---सिया की उलझनरात के 2 बजे थे। अस्पताल का हर कोना शांत था, लेकिन सिया के दिमाग में खलबली मची हुई थी।वो अपने केबिन में बैठी, पुरानी यादों में खोई हुई थी।"मैंने कभी नहीं सोचा था कि करण वापस आएगा…"पुराने दिन याद आ रहे थे— कॉलेज की दोस्ती, हँसी-मज़ाक, वो छोटे-छोटे झगड़े…लेकिन फिर… करण अचानक गायब हो गया था। बिना कोई खबर दिए, ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 41

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 41पिछले एपिसोड में:करण ने सिया को बताया कि उसे उसके पापा ने शहर से दूर भेज दिया था।सिया के लिए यह एक बड़ा झटका था। अब वह उलझन में थी कि किस पर भरोसा करे—करण पर या अपने परिवार पर।अब आगे…---सिया की बेचैनीरात के 3 बजे थे। सिया अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी थी, लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी।"क्या सच में पापा ने ऐसा किया होगा?"उसके दिमाग में पुरानी यादें घूम रही थीं।पापा तो हमेशा कहते थे कि वो मेरी खुशी चाहते हैं… फिर उन्होंने ऐसा क्यों किया?"वह अपने ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 42

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 42पिछले एपिसोड में:सिया को आखिरकार पता चला कि उसके पापा ने करण उससे दूर करने की साजिश रची थी।अब सिया गुस्से और दर्द से भरी हुई थी।आदित्य को डर था कि कहीं करण इस मौके का फायदा न उठा ले।अब आगे…---सिया का फैसलारात के 11 बजे थे।सिया बालकनी में खड़ी थी, हवा में ठंडक थी, लेकिन उसके अंदर एक तूफान था।उसने अपने फोन में करण का नंबर डायल किया।"करण…""हाँ सिया?""मुझे तुमसे मिलना है, अभी।"करण एक पल के लिए चौंका, लेकिन फिर मुस्कुरा दिया।"ठीक है, मैं अभी आता हूँ।"---आदित्य की बेचैनीआदित्य अस्पताल में ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 43

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 43पिछले एपिसोड में:सिया करण से मिली, लेकिन उसे अभी भी विश्वास नहीं और करण के बीच टकराव हुआ।भावेश की रहस्यमयी एंट्री ने कहानी को नया मोड़ दिया।अब आगे…---भावेश की चालअस्पताल के गलियारों में अजीब-सी बेचैनी थी।भावेश की अचानक एंट्री ने सबको चौंका दिया था, लेकिन आदित्य के लिए यह किसी तूफान के आने जैसा था।आदित्य जब भी भावेश को देखता, उसका पुराना दर्द फिर से जाग उठता।रात के करीब 11 बज रहे थे। आदित्य अपने केबिन में बैठा मरीजों की रिपोर्ट्स देख रहा था, लेकिन दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल घूम ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 44

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 44पिछले एपिसोड में:आदित्य को पता चला कि करण और भावेश मिले हुए के प्लान से अनजान, सिया करण के पास जाने का सोच रही थी।आदित्य के पास वक्त बहुत कम था, उसे सिया को सच्चाई बतानी थी।अब आगे…---सिया का आखिरी फैसला?रात के करीब 2 बज रहे थे।सिया करवटें बदल रही थी, उसका दिमाग शांत नहीं हो पा रहा था।उसने करण का मैसेज पढ़ा—"अगर तुम मुझे माफ करना चाहती हो, तो सिर्फ मिलने आ जाओ… मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ।"क्या उसे जाना चाहिए?तभी फोन बजा—आदित्य की कॉल थी।सिया ने कॉल उठाई, "आदित्य?"आदित्य ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 45

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 45पिछले एपिसोड में:भावेश ने करण को धोखा दे दिया!भावेश ने बंदूक तान थी, लेकिन आदित्य सही वक्त पर पहुँच गया।सिया को आखिरकार करण की सच्चाई पता चल गई।अब आगे…---आदित्य बनाम भावेश – आमना-सामना!भावेश की उंगलियाँ ट्रिगर पर थीं।"आदित्य! आज मैं तुझे खत्म कर दूँगा!"आदित्य एक कदम आगे बढ़ा, "भावेश, अगर इतनी हिम्मत है, तो बिना बंदूक के लड़ो!"भावेश हँस पड़ा, "मुझे तुझसे ताकत की लड़ाई नहीं करनी, आदित्य। मुझे बस तेरा खात्मा चाहिए!"और तभी… गोलियाँ चल गईं!लेकिन…आदित्य को कुछ नहीं हुआ!करण ने ऐन वक्त पर भावेश की बंदूक झटक दी थी।"मैंने बहुत ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 46 ( फिनाले पार्ट 01)

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 46पिछले एपिसोड में:भावेश गिरफ्तार हो चुका है!करण को अस्पताल में भर्ती किया लेकिन उसकी हालत नाजुक है।सिया ने अपने प्यार को खोने से बचाने के लिए भगवान से प्रार्थना की।आदित्य के दिल में अब भी डर है – क्या सब कुछ सच में खत्म हो गया है?अब आगे…---ऑपरेशन थियेटर के बाहर – उम्मीद और डरअस्पताल के गलियारे में गहरी शांति थी। सिर्फ मॉनिटर्स की बीप और स्ट्रेचर के पहियों की हल्की आवाज़ माहौल को और भारी बना रही थी। ऑपरेशन थियेटर की लाल बत्ती अब भी जल रही थी। बाहर बैठी सिया ...और पढ़े

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 47 (अंतिम भाग)

"टूटे हुए दिलों का अस्पताल" – फाइनल एपिसोड 02रात का सन्नाटा अस्पताल में अजीब सी बेचैनी भर रहा था। थिएटर की लाल बत्ती जल रही थी, और बाहर खड़े करण, सिया, और बाकी सभी लोगों की आँखों में डर था। अंदर डॉक्टर आदित्य को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। हर सेकंड भारी था, हर धड़कन किसी चमत्कार की आस में थी।भावेश का खेल खत्म?दूसरी तरफ, भावेश अब भी अपनी जीत के नशे में था। पुलिस अस्पताल के बाहर थी, लेकिन भावेश के आदमी हर तरफ फैले थे। उसने एक बार फिर अस्पताल पर कब्जा जमाने की ठानी ...और पढ़े

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