टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 27 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 27

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 27

पिछले एपिसोड में:
भावेश का आदमी अस्पताल में घुस आया था, और उसने सान्या को माँगते हुए गोली चला दी। अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। अब आदित्य के सामने दो सवाल थे—क्या वह अस्पताल को बचा पाएगा? और क्या सान्या सच में खतरे में है या यह भी भावेश का एक नया खेल है?


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गोली चली... लेकिन किसे लगी?

बंदूक की आवाज के साथ ही सबकुछ थम गया। मरीजों की चीखें, डॉक्टर्स की घबराहट और स्टाफ की दौड़ भाग के बीच, आदित्य ने देखा कि गोली गार्ड के कंधे में लगी थी!

"आह्ह...!" गार्ड ज़मीन पर गिर पड़ा।

"कोई पुलिस को फोन करो!" किसी ने चिल्लाया।

आदित्य ने तुरंत मोर्चा संभाला। उसने स्टाफ को इशारा किया कि वे मरीजों को सुरक्षित जगह ले जाएँ। लेकिन हमलावर अभी भी वहीं था—गुस्से से आगबबूला।

"सान्या को मेरे हवाले करो, वरना अगली गोली किसी और को लगेगी!" उसने धमकी दी।


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आदित्य का पलटवार

आदित्य ने ठंडे दिमाग से सोचा। अगर उसने सीधा अटैक किया, तो हमलावर किसी और को घायल कर सकता था। उसने उसे बातों में उलझाने की कोशिश की।

"तुम ये क्यों कर रहे हो? भावेश ने तुम्हें भेजा है, है ना?"

"मुझे सिर्फ सान्या चाहिए।"

"लेकिन क्यों? क्या वह भावेश के राज़ जानती है?"

हमलावर एक पल के लिए रुका। इसी मौके का फायदा उठाकर नव्या ने फायर अलार्म बजा दिया!

अलार्म की आवाज से पूरा अस्पताल गूँज उठा। सिक्योरिटी गार्ड्स सतर्क हो गए और स्टाफ ने मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया।


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सान्या का रहस्य

इसी बीच, सान्या को एक सुरक्षित कमरे में रखा गया था। लेकिन वह वहाँ अकेली नहीं थी—डॉक्टर सुदर्शन भी वहीं थे!

"तुम्हें यहाँ नहीं होना चाहिए," सान्या ने घबराते हुए कहा।

डॉक्टर सुदर्शन ने उसकी तरफ देखा और धीरे से कहा, "तुम्हें सच बताना होगा, सान्या। वरना आदित्य तुम्हें बचा नहीं पाएगा।"

सान्या का चेहरा सफेद पड़ गया।

"लेकिन अगर मैंने सच बताया, तो भावेश मुझे मार देगा!"

"अगर तुमने नहीं बताया, तो वो पूरा अस्पताल बर्बाद कर देगा।"


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अचानक हमला!

इधर, आदित्य और सिक्योरिटी गार्ड्स ने हमलावर को घेर लिया।

"अब तुम भाग नहीं सकते," आदित्य ने कहा।

"लेकिन मैं तुम्हें मार सकता हूँ!" कहते ही हमलावर ने आदित्य पर गोली चला दी।

आदित्य झुक गया, और गोली उसके कान के पास से निकल गई। उसने फुर्ती से एक स्टील की ट्रे उठाई और उसे हमलावर के सिर पर दे मारी!

धड़ाम!

हमलावर ज़मीन पर गिर पड़ा। सिक्योरिटी ने उसे पकड़ लिया।

"अब सच बाहर आएगा," आदित्य ने कहा।


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सान्या का कन्फेशन

जैसे ही हालात थोड़े काबू में आए, आदित्य ने सान्या से सीधे सवाल किए।

"अब सच बताओ, सान्या। ये सब क्या हो रहा है?"

सान्या की आँखों में आँसू थे।

"भावेश... उसने मुझे इस्तेमाल किया।"

"कैसे?"

"वो चाहता था कि मैं अस्पताल में आकर तुमसे मदद माँगू, ताकि वो अपनी साजिश को अंजाम दे सके।"

"क्या साजिश?"

"अस्पताल को बंद कराने की! वो चाहता है कि इस हॉस्पिटल को नीलाम किया जाए और यहाँ उसकी कंपनी का एक नया प्रोजेक्ट खड़ा हो!"

आदित्य हैरान था।

"तो तुम अब तक झूठ बोल रही थी?"

सान्या ने सिर झुका लिया। "हाँ... लेकिन अब मैं इससे बाहर निकलना चाहती हूँ। मैं नहीं चाहती कि और लोग मरें।"


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भावेश की अगली चाल?

सान्या ने भावेश के खिलाफ गवाही देने का फैसला कर लिया था। लेकिन सवाल ये था—क्या भावेश इतनी आसानी से हार मान लेगा?

"अब मैं उसे नहीं छोड़ूँगा," आदित्य ने मन में सोचा।

क्या भावेश का अंत नजदीक है? क्या आदित्य उसे रोक पाएगा?

जानने के लिए पढ़िए – एपिसोड 28!