टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 3 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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टूटे हुए दिलो का अश्पताल - 3


एपिसोड 3 – टूटे हुए दिलों का अस्पताल

रात के सन्नाटे में अस्पताल का माहौल और भी भारी लग रहा था। डॉक्टर अरमान अपने केबिन में बैठे केस फाइलें पलट रहे थे। अचानक दरवाजा खुला, और नर्स सिया भागते हुए अंदर आई।

"सर, जल्दी चलिए! पेशेंट का हाल बिगड़ रहा है!"

अरमान ने बिना देर किए स्टेथोस्कोप उठाया और तेज कदमों से आईसीयू की ओर बढ़े। वहाँ बिस्तर पर एक 26 साल का युवक पड़ा था—गहरी चोटें, खून से सना शरीर, और आंखों में दर्द की एक अजीब सी झलक।

"इनका एक्सीडेंट कैसे हुआ?" अरमान ने नर्स से पूछा।

"सर, किसी ने इन्हें सड़क किनारे बेहोश पाया था। पुलिस भी अभी-अभी पहुँची है, लेकिन इनके साथ कोई नहीं था।"

अरमान ने मरीज की जाँच शुरू की। पल्स रेट तेज थी, लेकिन शरीर अंदरूनी चोटों से जूझ रहा था। उन्होंने तुरंत नर्स को निर्देश दिए, "इन्हें ओटी में ले चलो, हमें अभी सर्जरी करनी होगी!"


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अतीत की परछाइयाँ

सर्जरी के दौरान अरमान का मन कहीं और था। जब भी वह किसी ऐसे मरीज को देखता, जिसे किसी ने बेसहारा छोड़ दिया हो, उसे अपना अतीत याद आ जाता।

छः साल पहले, एक हादसे ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी थी। उसकी मंगेतर रेहा भी ऐसे ही एक एक्सीडेंट का शिकार हुई थी। वह उसे बचा नहीं पाया था। वो हादसा आज भी उसकी यादों में ताजा था।

"क्या मैं इस मरीज को बचा पाऊँगा?" अरमान ने खुद से सवाल किया।


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एक अनजान चेहरा

सर्जरी के बाद, मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। कुछ घंटों बाद उसकी आँखें खुलीं। वह घबराया हुआ था। अरमान पास आया और हल्की आवाज में कहा, "आप सुरक्षित हैं। घबराइए मत।"

उस युवक ने धीरे-धीरे अपने होठ खोले और कहा, "मैं... मैं कहाँ हूँ?"

"आप टूटे हुए दिलों के अस्पताल में हैं," अरमान ने हल्के मुस्कान के साथ जवाब दिया।

युवक की आँखों में आश्चर्य था। उसने चारों ओर देखा और फिर गहरी सांस लेते हुए कहा, "क्या मेरे परिवार से कोई आया?"

अरमान ने सिर झुका दिया। "आपको यहाँ अकेले लाया गया था। पुलिस आपकी पहचान की कोशिश कर रही है। लेकिन आप अपना नाम बता सकते हैं?"

युवक कुछ देर चुप रहा, फिर बोला, "मेरा नाम आदित्य है..."

नाम सुनते ही अरमान को कुछ अजीब सा महसूस हुआ। जैसे यह नाम उसके अतीत से जुड़ा हो। लेकिन कैसे?

"आदित्य, आपको क्या हुआ था? क्या आपको याद है?" अरमान ने पूछा।

आदित्य ने आँखें बंद कीं, और अचानक उसका पूरा शरीर काँपने लगा। उसने धीमी आवाज़ में कहा, "मुझे धोखा दिया गया... जिसे मैं जान से ज्यादा चाहता था, उसी ने मेरी जान लेने की कोशिश की।"

यह सुनकर अरमान का दिल एक पल को रुक सा गया। यह कहानी उसे अपनी ही कहानी जैसी लग रही थी।


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एक नया रहस्य

अरमान ने आदित्य की ओर देखा और महसूस किया कि यह केस सिर्फ एक एक्सीडेंट नहीं था—इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी।

"आदित्य, अगर तुम चाहो तो मुझे सब कुछ बता सकते हो। कभी-कभी टूटे हुए दिलों को बस एक सही सुनने वाले की जरूरत होती है।"

आदित्य ने अरमान की आँखों में देखा और एक गहरी सांस ली।

"मैं बताऊँगा... लेकिन क्या आप मेरी मदद करेंगे?"

अरमान ने उसका हाथ थामते हुए कहा, "मैं डॉक्टर हूँ, लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो दोस्त भी बन जाऊँगा। तुम अकेले नहीं हो, आदित्य।"

आदित्य की आँखों में आँसू थे, लेकिन पहली बार उसे लगा कि शायद वह फिर से जीने की उम्मीद कर सकता है।


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(अगले एपिसोड में: आदित्य का दर्दनाक अतीत और उस हादसे के पीछे छुपे राज़ का खुलासा!)