तेरा...होने लगा हूं - 12 Sony द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरा...होने लगा हूं - 12

"अरे अरे  स्वीटहार्ट अभी से लड़खड़ाने लगी अभी तो जिंदगी भर ठोकर खानी है खुद को अकेले संभालने की आदत डाल दीजिए स्वीटहार्ट क्योंकि कल से आपका यार नहीं होगा आपको संभालने के लिए।"दूर कोने में गाड़ी में बैठा कबीर की तरफ इशारा करते हुए मोक्ष ने कहा और तिरछा स्माइल देकर वहां से जाने लगा।काया वहीं खड़ी गुस्से नफरत और दर्द के साथ  बहते आंसू भर नजरों से उसे देखने लगी और चीख कर बोली"You are sick Mr Shekhawat, आप इस सोसायटी में रहने के लायक नहीं है। आपको तो पागलखाने में रखना चाहिए।"कहकर वो पीछे मुड़कर जाने लगी ।

मोक्ष के होठों पर चलते-चलते एक डेविल स्माइल आ गई थी। वो पीछे मुड़कर तेज कदमों से काया के करीब आकर उसके कमर से पकड़ अपनी और खींच लिया और एक ही झटके में काया पीठ के बल उसके सीने से लग गई।काया गुस्से और नफरत से खुद को उससे छुड़ाने की कोशीस करते हुऐ बोलि,"लिव मि mr सिखावत   वरना"Shhhh, एक दम चुप। मुझे बकवास बिल्कुल पसंद नहीं है दिमाग में हलचल हो जाती है। और सुनामी उठने लगती है, और मेरे दिमाग की हलचल तुम बर्दाश्त नहीं कर पाओगी। और हां अगर इस सोसाइटी में रहने के लायक में नहीं हूं तो मैं इस सोसायटी को  अपने रहने के लायक बनादूंगा। क्यों के बदल ना मोक्ष सिखावत की फितरत नहीं है। उसकेलिये दुनियां खुद को बदलती है।"

कहकर उसने अपने दोनों बाजुओं को काया के कमर के ईद गिर्द कस लिया और अपनी चीन को उसके कंधे पर रखते हुए दबे लफ्जों में बोला"लोग देख रहे हैं तुम्हारी सोसायटी  के,अगर तुम नहीं चाहती कि तमाशा हो तो चुपचाप मेरी बात सुनो और चली जाओ वरना अगर मेरी एक्स वाइफ के तरह तुम्हें भी हर बात पर नौटंकी पसंद है तो आई एम ऑलवेज रेडी।"काया ने एक नजर अपने इर्द-गिर्द लोगों को देखा जो आते जाते उन दोनों को ही देख रहे थे और एक नजर दूर गाड़ी में बैठे कबीर को देखा जो सवालिया नजरों से उन दोनों को ही देख रहा था उसने अपनी आंखें बंद कर ली और चुपचाप खड़ी हो गई।

मोक्ष एक शैतानी स्माइल के साथ गहरी सांस लेकर उसे काया के गर्दन के पास छोड़ते हुए गहरी आवाज में बोला,"मैं पागल मेरा बेटा पागल तो सोच रहा हुं कहां कितनी बार काउंसलर डॉक्टर हॉस्पिटल के चक्कर काटूं क्यों ना हॉस्पिटल को ही घर ले आऊं।और इसलिए मैंने खुद को आज तुम्हारे घर पर इनवाइट किया है । mrs देशमुख से कहना मेरे लिए गाजर का हलवा बनाकर रखें शुगर फ्री वाला। में शार्प  8:00 बजे पहुंच जाऊंगा और हां खुद को सजा कर पलके बिछाए मेरा इंतजार करना ।"कह कर वो खामोश हो गया ।और शांत होकर काया के  गर्दन के पास अपना चेहरा रखकर आंखें बंद किए  बिना किसी हरकत खड़ा रहा। बस उसकी सांसे तेज थी और शायद धड़कन भी बढ़ी हुई थी।

उसे बिना किसी हरकत चुपचाप खड़ा देख काया आंखें खोल कर गुस्से से दांत पीसते हुए"अगर तुम्हारा बकवास खत्म हो गया तो छोड़ो मुझे।"उसकी बात सुनने के बाद भी 5-10 सेकंड तक मोक्ष वैसे ही खड़ा रहा । काया वापस नफरत से भरी हुई आवाज से चिढ़ ते हुए"छोड़ो मुझे घुटन हो रही है तुम्हारे करीब।"मोक्ष की पकड़ ढीली हो गई और एक गहरी आवाज में बोला "मुझे भी होनी चाहिए लेकिन पता नहीं क्यों हो नहीं...

कहकर वो खामोश हो गया और एक ही झटके में काया को दूर धकेलते हुए बोला"शार्प 8.00 स्वीटहार्ट।"

"तेरा मुझे है पहले का नाता कोई 

यूं ही नहीं दिल लुभाता कोई ।

जाने तु या जाने ना 

माने तू या माने ना।"।

गाने की धुन पर whistle बजाते हुए मोक्ष अपने कदमों को कोर्ट की ओर बढा ने लगा ।लेकिन  ये धुन सुनकर काया के माथे पर पसीने आने लगे थे।  अचानक से उसका गुस्सा और नफरत से भरा हुआ चेहरा डर और कंपकंपाहट से भर चुका था ।वो अपने हाथों की मुठिया बनाकर अपने कदमों को पीछे के तरफ ही धकेल ने लगी और दूसरे ही पल एक ही सांस में भाग कर गाड़ी के पैसेंजर सीट पर बैठ गई और गहरी सांस लेने लगी।

कबीर परेशान होकर उसे कुछ पूछने ही वाला था काया चीखते हुए"प्लीज कबीर कुछ भी मत पूछो प्लीज गाड़ी यहां से लेकर चलो अगर तुमने कुछ भी पूछा तो मैं अभी के अभी गाड़ी से उतर जाऊंगी प्लीज।"कबीर कुछ नहीं पूछा और गाड़ी तेजी से आगे बढ़ने लगी। और काया गाड़ी के सीट से टिक कर आंखें बंद करते हुए ना चाहते हुए भी वापस से अपने अतीत के यादों के लपेट में थी।

वहीं दूसरे और जज साहब के  केबिन के पास केबिन के बाहर क्रिश खड़ा एक टक सम्राट को देख रहा था और सम्राट  उसका हाथ पकड़ कर घुटनों के बल बैठे हुए था। सम्राट उसके दोनों नन्हे हाथों को चूमते हुए"Are यू नर्वस बडी?"क्रिश पहले ना में सिर हिला देता है लेकिन फिर हां में हिलाते हुए बोला"थोड़ा सा buddy।"सम्राट उसे हग करते हुए डोंट वरी बस जज अंकल जो पूछे दिल से जवाब देना बाकी मैं संभाल लूंगा बोलकर उसने क्रिश को अंदर जाने के लिए इसारे से कहा।

क्रिश गुस्से से सम्राट की तरफ देखते हुए"कह देना अपने दोस्त से उनकी वजह से इतनी छोटी सी उम्र में मुझे कोर्ट रूम देखना पड़ा, यू नो हाउ एंबर्रासिंग इस दिस।"बोलकर वो जज की केबिन के ओर चला गया और डोर के पास खड़ा होकर knock करते हुए"मे आई कम में जज अंकल?"जज ने नजर उठा कर उसे दिखा मुश्किल से 3 फुट का था  वो , पेट और गाल एक ही  लय में बाहर निकले हुए थे गाल टमाटर जैसे लाल और छोटी सी गुलाबी होंठ जिसपर जीव पहलाए वो बार बार गिला कर रहा था। हल्के सिल्की ब्राउनिश बाल जो माथे पर बिखरे हुए थे जैसे मोक्ष के माथे पर हमेशा बिखरे हुए होते हैं जिसे कि वो हाथों के मदद से सलीके से सेट करने में लगा हुआ था।

जज साहब ने उसे देखा तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। उन्होंने" ya प्लीज कम इन"कहते हुए उसे अन्दर बुलाया। उन्होंने उसे सामने चेयर पर बैठने के लिए बोला ।लेकिन क्रिश बिना बैठे सीधे उनके चेयर के पास जाकर उनके करीब खड़ा होकर बोला"जज अंकल में मैक्सिमम तीन घटे से ज्यादा अपना भूख बर्दाश्त नहीं कर सकता तो आपको जो भी करना है 3 घंटे के अंदर अंदर ही की जिएगा।"

जज आंखें छोटी कर सवालिया नजरों से उसे देखकर"लेकिन आपको भूखे रहने के लिए कहा किसने था?"क्रिश अपने सूखे होठों को गिला करते हुए"पिछले वीकेंड जब में बडी दादी के घर गया था तो दादी ने कहा था कि फास्टिंग करके कोई मन्नत करो तो भगवान जी वो पूरी करते हैं और इसलिए मैंने 3 घंटे की फास्टिंग की है।"

उसकी बात सुनकर जज हंसते हुए"3 घंटे इतनी देर तक wow ।"क्रिश उन्हें बिना भाव देखकर"इससे ज्यादा मुझे भूख बर्दाश्त नहीं होती कहा ना आपसे।"जज साहब सीधी तरह उसे एक सवाल पूछते हुए"आप अपने डैड के साथ क्यों रहना चाहते हैं?

क्रिश उन्हीं की तरह सीधा जवाब देते हुए"मेरे डैड मुझे बहुत प्यार करते हैं ,मेरे लिए सारी सैक्रिफाइस करते हैं, मेरे साथ पूरा टाइम स्पेंड करते हैं, मुझे स्कूल भी छोड़ते हैं और लेकर भी आते हैं ।"कहते हुए वो रुक गया और फिर वापस से बोला"आपको ऐसा लगता होगा कि इसलिए मैं चाहता हूं कि में अपने डैड  के साथ रहूं । लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।"बोलकर वो जज के तरफ़ देखने लगा। और जज उसे अजीब नज़रों से देख रहे थें।

क्रिश एक गहरी सांस लेकर फिर से बोला "बल्कि वो तो मुझे बहुत परेशान करते हैं सबके सामने मुझे बेबी एलिफेंट बोलकर इंसल्ट करते हैं ।मेरे खाने पीने पर रोक लगाते हैं, मुझे उन पर बहुत गुस्सा आता है ।लेकिन वो मेरे डैड है मैं उनका कुछ नहीं कर सकता, मैं बहुत छोटा भी तो हूं ना।"

उसकी बात सुनकर जज उसे बीच में ही टोक ते हुए असमंजस में बोलने लगे"तो क्या वो फोर्स कर रहे हैं आपको अपने साथ रखने के लिए जैसा के आपकी मदर ने कहा था?"क्रिश ना में सिर  हिलाते हुए बोला"नहीं बल्कि उन्होंने तो मुझे कहा है जहां मैं चाहूं मैं वहां रह सकता हूं ।""

"तो फिर आप उनके साथ क्यों रहना चाहते हैं ?"जज ने असमंजस में पुछा।"

बिकॉज़ आई लव हिम। एंड आई know के वो भी मुझसे बहत प्यार करते है और नहीं रह पाएंगे मेरे बिना।" क्रिश बिना एक पल के देरी किए जवाब दिया।जज वापस से पूछते हुए"और आप अपने मदर को प्यार नहीं करते?""आई डोंट नो व्हाट इस द मीनिंग ऑफ़ मदर ।"क्रिश बिना भाव के बोला।

जज थोड़ा कंसर्न दिखा कर पूछते हुए ,"क्योंकि आपके डैड ने कभी भी उन्हें आपसे मिलने नहीं दिया।"क्रिश चिढ़ ते हुए"मेरे डैड ने कभी भी किसी से मुझे मिलने से इनकार नहीं किया ।अगर मैं अभी भी बोलूं कि मुझे उनके एक्स वाइफ के साथ रहना है तो वो मुझे रोकेंगे भी नहीं।"बोलकर वो जज को देखने लगा और वापस से बोला "मिस वेदिका बजाज ने कभी मुझसे मिलने की कोशिश नहीं कि। वो तो बस मुझे अपने पास इसलिए रखना चाहते हैं क्योंकि वो मेरे डैड को परेशान कर सके । आप ने  अगर मुझे उनके साथ भेजा तो भी वो मुझे बोर्डिंग भेज देंगे ।अपने पास नहीं रखेंगे और ये उन्होंने मुझे खुद कहा है।"

क्रिश अपनी पुरी बात बोला और थोडा रुक कार जज से बोला"आप को कुछ और पूछना है या में अभि जाऊं?"जज साहब कुछ पल उसकी नजरों में देखते रहे और ना में सिर हिलाते हुए बोले"नो नीड आप जाइए और अपने सम्राट अंकल से बोलिए आपको कुछ खिला दे। मैं थोड़ी देर के बाद अपना फैसला सुना दूंगा। लेकिन तब तक आप भूखे मत रहिए।।"

क्रिश हां में सिर हिला कर वहां से जाने लगा फिर कुछ सोच कर पीछे मुड़कर बोला"सम्राट buddy ने कहा था बहुत सारा सच और थोड़ा सा झूठ मिला कर बोलने के लिए अब आप मेरी बातों में से बहुत सारा सच और थोड़ा सा झूठ ढूंढ लीजिएगा। लेकिन सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि आई डोंट वांट टू स्टे अवे फ्रॉम माय डैड ,और अगर आपने मुझे उनसे दूर भेजा तो मैं वहां से भाग जाऊंगा आई प्रॉमिस ।"कहकर ही वो दोबारा से जज की तरफ बिना देखे वहां से भाग गया और उसे यूं भागते देख जज के होठों पर एक हलकी मुस्कान खिल गई थी।               


To be continued ❤️

क्रिश की बात सुनकर क्या होगा जज का फैसला जानने केलिए आगे पड़ते रहें।