"डॉक्टर राजशेखर आप कुछ बोलेंगे... या आज फिरसे आपका टाइमपास करने का ही इरादा है?" बहुत देर से चुप बैठे जय को काव्या ने पूछा।
"ही इग्नोर्स.." जैसे ही काव्या ने पूछा तुंरत जय ने कह।
"वॉट.. डू यू... मीन बाय धीस?" काव्या उसकी बात समझ नहीं पाई।
"आकाश श्रेया से ठीक से बात नहीं कर रहा है। उसकी बातो का सही से जवाब नहीं देता। मुझसे भी ठीक से बात नहीं करता।"
उसकी बाते सुन काव्या ने भी हताश होकर कहा, "हो सके उतना अवॉइड करने की कोशिश करता है। न हंसता है न हंसाता है। हमेशा एक ही एक्सप्रेशन।"
जय उसकी ऐसी बाते सुन कर दंग होके उसे देख रहा था।
"क्या हुआ? यही तो वजह थी मेने आपकी हेल्प मांगी, वरना मुझे हेल्प की क्या जरूरत। आई नो श्रेया लव्स हिम। पर आकाश.... पर वो न उसे भुला पा रहा है ... और न उससे प्यार कर पास रहा है। तड़प रहा है बस। पता है में जब कॉलेज गई थी, मेरा फर्स्ट डे... मेने एक देवदास टाइप लड़के को देखा था। बड़ी मुश्किलों से वो नॉर्मल हुआ था। नाऊ आईं रियली डोंट वांट हिम टू गो बैक इन था एरा ऑफ हिम। सो डिप्रेस्ड ही वास। कुछ ज़ख्म वही भर सकता है जिसने जिए हो।"
काव्या एक सांस में सब बोल चुकीं थी। पास में पड़ा पानी का ग्लास लेके पानी पीने के बाद कहा। "लुक, डॉक्टर राजशेखर, ऐसी भी कोई बात नहीं है कि हम श्रेया को लाइक नहीं करते...। शी इस अ नाईस गर्ल। बट में आकाश को फिरसे हर्ट होते हुए भी नहीं देखना चाहती। अगर आपकी दोस्त दो दिन की खुशी चाहती है तो सॉरी मेरा दोस्त फ्री नहीं है... और आप परमेंट रिश्ते की बात कर रहे हो तो... मेरी तरफ से कोशिश करने के लिए हा है।"
"बट पहले उन दोनो के बीच की गलतफहमियां तो दूर होनी चाहिए ना... " जय ने काव्या से कहा।
"जैसा आपने कहा था, में एग्री करती हु। लेट धेम बी। उन्हें अपने फैसले खुद लेने देते है। हम बस मौका बनाने की कोशिश करते है। बाकी सब उनपे ही छोड़ देते है....। प्लीज।"
काव्य की बाते थोड़ी प्रैक्टिकल भी थी और इमोशनल भी। जय उसकी बात में हा में हा मिलते हुए बोला, "चलिए फिर अच्छी प्लानिंग करते है।"
"क्यों नहीं। मेरे पास एक अच्छा प्लान है। में जल्द ही आपको इनफॉर्म करती हु।" काव्या ने कहा।
"वाय नोट। चलिए में आपको आपकी कार तक छोड़ देता हु।" जय ने उसकी व्हीलचेर को पकड़ते हुए कहा।
जय को इस तरह से किसी लड़की के साथ जाते हुए देख, स्टाफ के लॉग गॉसिप करने लगे थे। खास कर फीमेल नर्सेस और डॉक्टर्स। वहां ग्रुप में खड़ी लड़किया उन्हें देखके जेलस भी हो रही थी।
उन में से एक लड़की ने उन दोनो की फोटो बना ली। उन में से एक लड़की ने पूछा, "तूने फोटो क्यों बनाई उनकी?"
उस लड़की ने उसकी तरफ देखकर आंख मारते हुए कहा, "आग लगाने के लिए।" इस वक्त उसके चेहरे पर एक शरारत से भरी मुस्कुराहट थी।
"एक बात पूछू आपसे?" जय ने काव्या से कहा।
"दो पूछिए।" काव्या का मूड बहुत मस्ती भरा हो गया था जबसे जय ने उसकी बात मान ली थी।
"अगर आकाश लोगों से इतनी दूरी बनाके रखता है तो आप दोनों से इतना क्लॉझ कैसे है?"
"हमारे भी कुछ सीक्रेट्स है, डॉक्टर राजशेखर।" काव्या ने उसे शरारती से जवाब दिया।
"आपने दो पूछने को कहा था।" जय ने कहा।
"पूछिए। पूछिए।" काव्या ने हंसते हुए कहा।
"आप बड़ी खुश लग रही है आज?" जय जबसे उसे मिला था तबसे उसने काव्या को इस तरह मजाक मस्ती करते हुए नहीं देखा था।
"दो सवाल खतम हो गए आपके।" काव्या ने कहा। "और रही बात इस सवाल की तो... यस, आई एम हैप्पी टुडे। थैंक्स टू यू।"
"प्लेजर इस माइन, मिस पेशेन्ट।" जय ने उसे ताना देते हुए कहा।
जैसे काव्या ने खड़े होने कि कोशिश की, जय ने उसे रोकते हुए कहा, "आज आप ज्यादा टाइम तक बैठी भी रही है, और एक्सरसाइज भी की है। लेट में हेल्प यू।" जय ने काव्या को हल्के से अपनी बाहों में उठा लिया, और उसे कार में बिठाया। "डोंट लेट एनीवन तो लिफ्ट यू अप सड़नली।"
काव्या अभी भी शोक में थी, उसके साथ आज तक किसी अजनबी ने ऐसे बिहेव नहीं की थी।
काव्या ने होश संभालते हुए जाने से पहले जय से कहा, "वैल.., आई डोंट चिट पीपल। आप मुझे दूसरा क्वेश्चन टेक्स्ट कर सकते हो। बाई।"
जय ने हल्का सा मुस्कुराते हुए उसे बाई कहा।
Continues in the next episode.....
Stay tuned
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