इश्क दा मारा - 20 shama parveen द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क दा मारा - 20

गीतिका की भाभी की बाते सुन कर गीतिका की मॉम को बहुत ही गुस्सा आता है और वो बोलती हैं, "मुझ से इतनी बड़ी बात छुपाई सब ने, मुझे सच में यकीन नहीं हो रहा है, अब देखो मैं क्या करती हूं इस लड़की का, अभी इसके होशो हवाश ठीक करके आती हूं"।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "मॉम आप ये क्या कर रही है, अभी घर में कोई नहीं है और, वैसे भी आपकी बातों का असर गीतिका पर नहीं होने वाला है, जब डैड और आपके बेटे आए उसके बाद आपको जो करना है करना"।

शाम होती हैं.........

यूवी बाहर जा रहा होता है। तभी यूवी की मां बोलती हैं, "यूवी तुम बाहर कहा जा रहे हों बेटा "।

तब यूवी बोलता है, "मां कुछ जरूरी काम है इसलिए मुझे जाना होगा"।

तब यूवी की मां बोलती हैं, "तुम्हारा दिमाग तो ठीक है, तुम जानते नहीं हो कि तुम्हे गोली लगी है और तुम्हारा जख्म भी ताजा है "।

तब यूवी बोलता है,"मैं ठीक हूँ मां "।

तब यूवी की मां बोलती हैं, "तुम क्यों इतना जिद करते हो, क्यों मेरी बात को नहीं मानते हो"।

तब यूवी बोलता है, "जरूरी काम है तभी जा रहा हु, जल्दी ही आ जाएंगा 

तब यूवी की मां बोलती है, "मैं तुम्हे कही पर भी नहीं जाने दूंगी, और मुझे पता है कि तुम्हारा जरूरी काम क्या है"।

तभी वहां पर यूवी का दोस्त बंटी आ जाता हैं और बोलता है, "काकी आपका बेटा गीदड़ नहीं शेर है शेर, और शेर पिंजरे में नहीं रहते, बल्कि बाहर घूमते है "।

तब यूवी की मां बोलती है, "आ गए तुम शादी से घूम कर "।

तब यूवी बोलता है, "तू वहां पर दूसरे की शादी में गया था या फिर खुद की शादी में, जो इतने दिनों बाद आया है"।

तब बंटी बोलता है, "भाई कुछ जरूरी काम आ गया था तो इतना देर हो गया, और मेरे ना होने की वजह से तेरे साथ ये क्या हो गया "।

तब यूवी बोलता है, "यार रास्ते में बताता हूं, तू चल अभी मेरे साथ "।

तब यूवी की मां यूवी को आंखे दिखाती है और बोलती हैं, "तुम कही पर भी नहीं जाओगे, चलो चुप चाप अपने कमरे में "।

तब यूवी अपनी मां का हाथ पकड़ कर उनका माथा चूमता है और बोलता है, "मेरी प्यारी मां, मैं सच बोल रहा हूं कि मुझे कुछ जरूरी काम है, और मेरा जाना बहुत ही जरूरी है और अब तो बंटी भी मेरे साथ है "।

तब यूवी की मां बोलती है, "बेटा तुम क्यों इतनी जिद करते हो, क्यों मेरी बात नहीं मानते हो "।

तब बंटी बोलता है, "काकी मै जिस तरह आपके बेटे को ले कर जा रहा हूं वैसे ही इसे छोड़ कर जाऊंगा, आप भरोसा करो मेरा "।

उसके बाद यूवी जिद करके वहां से चला जाता है।

गीतिका अपने कमरे में पढ़ रही होती है। तभी उसके डैड और मॉम उसके कमरे से आते हैं। तब गीतिका की मॉम बोलती है, "तुम तो अपने आपको बड़ी ही अच्छी बताती थी, कि मुझे आगे पढ़ाई करनी है और अपना करियर बनाना है और मुझे कोई शादी नहीं करनी है"।

तब गीतिका बोलती है, "हा तो मैं अभी भी यही बोल रही हूं "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "बंद करो अपना ये पढ़ाई का ड्रामा, हमे सब कुछ पता चल चुका है कि तुम पढ़ाई के नाम पर क्या कर रही हु"।

तब गीतिका बोलती हैं, "क्या पता चला है आपकों की मैं क्या कर रही हूं पढ़ाई के नाम पर " ।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "अब ज्यादा मासूम बनने की कोई जरूरत नहीं है और ना ही पढ़ने की, क्योंकि अब हम तुम्हारी पढ़ाई छुड़वा रहे है और राजीव से तुम्हारी शादी करवा रहे है............