इश्क दा मारा - 8 shama parveen द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क दा मारा - 8

अपनी डैड की बाते सुनकर राजीव बहुत ही गुस्सा होता है और बोलता है, "डैड गीतिका से मेरी शादी होने वाली है और दुनिया की कोई भी ताकत मुझे उससे मिलने से रोक नही सकती है, तो फिर उसके घर वाले क्या चीज़ है"।

तब MLA साहब गुस्से में बोलते है, "राजीव अपनी औकात मत दिखाओ, पहले भी तुम्हारे इसी रवेये की वजह से तुम्हारे रिश्ते टूटे थे"।

तक राजीव बोलता है, "मुझे आपकी बकवास नही सुननी है मुझे बस गितिका से मिलना है और मै उससे मिल कर रहूंगा"

ये बोलकर राजीव वहा से चला जाता हैं।

उधर गीतिका की भाभी गीतिका की मॉम से बोलती है, "मॉम मुझे गीतिका के लक्षण कुछ ठीक नही लग रहे हैं, कही वो कोई ड्रामा ना करने लगें"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "हा मुझे भी ऐसा ही लग रहा है, क्योंकि उस पर पढ़ाई का भूत जो सवार है"।

तब गितिका की भाभी बोलती है, "उसने तो बस एक ही जिद पकड़ रखी है लंदन जाने की और वहा पर पढ़ने की"।

तब गितिका की मॉम बोलती है, "मगर चाहें जो भी हो जाए गीतिका को ये शादी करनी ही पड़ेगी, क्योंकि इससे हमे बहुत फायदा होगा"।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "मॉम ये बात और और मै जानते हैं, मगर वो नही, की इस शादी से डैड और उसके भाई को कितना फायदा होगा"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "चाहें जो भी हो जाए मैं ये शादी तो करवा कर ही रहूंगी और अगर उसे ज्यादा ही पढ़ने का शौक है तो वो शादी के बाद आराम से पढ़ सकती है"।

उधर यश अपने कमरे मे बैठा रहता है। तभी यूवी उसके कमरे मे जाता हैं और बोलता है, "मजनू भाई आप यहां पर क्या कर रहे हो अकेले, सच में केसे इंसान हो, दो तीन दिन बाद तुम्हारी शादी है और तुम यहां पर मुंह लटका कर बैठे हुए हो"।

तब यश गुस्से में बोलता है, "तो फिर क्या करु जा कर नाचू बाहर"।

तब यूवी बोलता है, "वैसे नाचना तो चाहिए"।

ये सुनते ही यश को गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलता है, "तुम सच में इंसान नही हो, तुम पापा की ही तरह हो, और तुम जो मजाक उड़ा रहे हो ना मेरा और मेरे प्यार का, देखना जिस दिन तुम्हे प्यार होगा ना तब तुम्हें पता चलेगा कि ये प्यार क्या होता है "।

तब यूवी बोलता है, "बददुआ दे रहें हो अपने भाई को "।

तब यश बोलता है, "हा हा हा, मै बददुआ देता हु की तुम्हे भी किसी से प्यार हो और तुम भी उसके लिए तड़पो मेरी तरह "।

ये सुनते ही यूवी हसने लगता है और बोलता है, "दे लो जितनी बददुआ देनी है, मुझ पर तुम्हारी किसी भी बददुआ का कोई असर नही होने वाला है "।

तब यश बोलता है, "मुझे अकेला छोड़ दो और जाओ यहां से "।

उसके बाद यूवी वहा से चला जाता हैं।

शाम होती है.....

गितिका कॉलेज से वापस आ रही होती है। तभी राजीव अपनी गाडी गीतिका के आगे ले कर आ जाता हैं।

तब गीतिका बोलती है, "काका अब कोन हमारे आगे आ गया है"।

तब काका बोलते हैं, "बेटा राजीव की गाडी है"।

ये सुनते ही गीतिका चोक जाती है और बोलती है, "ये इस तरह हमारा रास्ता रोक कर क्यो खड़ा हो गया है......