प्यार बेशुमार - भाग 10 Aarushi Thakur द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

प्यार बेशुमार - भाग 10

अब आगे,
सीरत जो खुद की फीलिंग्स को एक्सप्रेस नहीं करना चाहती थी और तो नितिन के करीब आने से तो सांसे ही थम सी जाती थी ।   बस इसलिए शायद नराज हो कर खुद ही दूर जाना चाहती थी । इसलिए कार रुकवा बाहर आ गयी । 
पर नितिन ऐसे कैसे जाने दे सकता था इसलिए कार से बाहर आया ,, सीरत लिसेन यार .... तुम ऐसे नहीं जा सकती  फिर तुम्हे बहाना मिल जायेगा मुझ मे नुक्स निकालने का  इसलिए वापस कार मे चलो और मै पक्का तंग नहीं करूंगा  ।
सीरत ने आंखे छोटी करके देखा । " पक्का ! " सीरत  ने नितिन को देख कर कहा ।
" हाँ पक्का ,, चलो बैठो ,, " नितिन  ने सीरत से कहा । फिर हाँ मे सर हिला कर  वापस कार मे आकर अंदर बैठ गयी ।  वह् कार से  बाहर की ओर देखने लगी उसने एक बार भी नितिन की और नहीं देखा । पर बिच बिच मे नितिन सीरत को देख लेता । अब कार उसके घर के बाहर आ कर रुकी । सीरत कार से उत्तरी और बिना पीछे देखे लिफ्ट मे चली गयी । वहां उसने थर्ड फ्लोर का बटन प्रेस किया ।
लिफ्ट थर्ड फ्लोर पर आ कर रुकी और वाह अपने फ्लैट की तरफ चली गयी । 

नितिन ने भी अपनी कार मोड़ ली और अपने ऑफिस जाने लगा  खुद मे, "  प्यार तो तुम्हे भी है पर तुम जल्दी मानने वालों मे से नहीं पर कोई ना मेहनत लगेगी  । " 
सीरत अपने घर पर पहुंची  और बेल बजाई ।  दरवाजा कोमल ने खोला और ख़ुशी के साथ कहा , " आ गयी  "

" तू तैयार हो जा फिर, चल आज जा कर तेरा ट्रेनिंग लेटर कॉलेज से कलेक्ट कर ले , " कोमल ने कहा ।
सीरत अंदर आ कर सोफे पर बैठी और बोली , " देख दी मुझे नहीं जाना तू जा रही है तो कलेक्ट कर लेना । "
" पर चल ना  मै तो तेरी वजह से जाती हू मुझे क्या ही काम है वैसे तेरे कॉलेज मे  , " कोमल ने पास बैठके कहा  ।
" प्लीज नहीं जाना यार , तुझे क्यों नहीं काम तू भी तो बी. ऐड कर रही है वहां से " , सीरत ने इतना कहा ।
"पर हाँ मै तो आलरेडी स्कूलिंग की ट्रेनिंग ले रही हू ना  आई मीन टीयूशन क्लासेज लति  हू , अप्रूवल तो तुझे चाहिये, " कोमल ने कहा ।
" दी तुझे जाना है तो जा वरना ना जा पर मै आज तो कही नहीं जाउंगी , " सीरत ने कहा और वहां से उठी और कमरे मे चली गयी ।

कोमल पीछे पीछे कमरे मे आयी और बोली , " क्या हुआ अपसेट लग रही है ।"
" नहीं, वो अभी आयी हू ना तो फ्रेश होने जा रही तू जा मुझे पता सिड से मिलना है तुझे , " सीरत ने कहा  ।

"अच्छा ठीक है मै जा रही हू, तू ध्यान रखना और खाना बना हुआ है  आंटी ने बना दिया था और अंदर से लॉक कर ले " , कोमल आगे और कुछ भी कहती उससे पहले सीरत मुस्कुराते हुए कोमल को बाहर निकलते हुए बोली, " और टाइम पे खाना, खाना है और सोते नहीं रहना जायदा टीवी  नहीं देखना और कुछ । "
सीरत जो की वाशरूम जाने वाली थी  वो वापस बाहर आयी और बोली , " तू जा ना मै कर लुंगी एन्जॉय, बाय " , सीरत ने उसे बाहर निकाल कर अपना हाथ हिलाते हुए कहा बाय और दरवाजा लगा दिया ।
कोमल ये देख मुस्कुरा दी और वहां से लिफ्ट की और चली गयी ।
अंदर सीरत , "आह ! अपना घर अपना ही होता है कितना सकून है यहाँ ।"
सीरत वहां से वाशरूम गयी और अपने कपड़े बदल कर आ गयी ।

दोपहर का समय था, सीरत को भूख लगी हुई थी ।
इसलिए वह किचन मे गयी और अपना खाना निकाल कर वापस से बाहर आकर सोफे पर पैरो को उपर चढ़ा आलथी पालथी मार कर बैठ गयी । प्लेट को अपनी गोद मे रखा और सामने टीवी ऑन कर दिया ।

वह इस वक्त टीवी पर मूवी देख रही थी ।
उसमे वो खोई हुई थी ।

मूवी मे रोमेंटिक सीन देख कर उसे नितिन की याद आ गयी । " कल पूरा दिन आपने परेशान किया और रात को भी । मै ही पागल हूँ जो आपके पीछे पीछे आ जाती हूँ । आहहहह..... । "

दूसरी तरफ,

नितिन मीटिंग रूम मे था , नितिन के साथ वाली चेयर पर मुकुल बैठा था । उसके दूसरी साइड कंपनी का सीनियर मैनेजर था । " वे लोग आपस मे बात कर रहे थे । आप बताये मिस्टर शर्मा क्या हमें कही और से मटेरियल मंगवाना चाहिए?, " नितिन ने अपने सीनियर मैनेजर से पूछा ।

"यस सर आई कलेक्ट इनफार्मेशन ऑफ़ ऑदर कम्पनीज आल्सो एंड मै सोच रहा हू की आप उनसे मीटिंग कर ले" , मिस्टर शर्मा ने कहा ।

" मुकुल तुम्हारी क्या राय है ? " , नितिन ने एक नजर उस फ़ाइल की देख मुकुल को देखा ।

" तुम्हे प्राइस लिस्ट शेयर कर दी है मैंने । और मुझे लगता है की एक बार दूसरी कंपनी को भी ट्रॉय करना चाहिए । वैसे भी उन्होंने किसी भी तरह मानने से मना कर दिया है । तो हमें किसी और को चांस देना चाहिए " , मुकुल ने अपनी बात रखी ।

"हम्म... आई थिंक यू are  राइट वैसे भी वे लोग परसनल ग्रजेस  निकाल रहे है , "  नितिन ने फ़ाइल को बंद कर सामने टेबल पर रखते हुए कहा ।

" ओके आप लोग जा सकते है , " नितिन ने कहा फिर मुकुल और मिस्टर शर्मा वहां से उठ कर मीटिंग रूम से बाहर आ गए ।

नितिन अभी भी वही बैठा हुआ था ।  अपने आप मे मंथन करने लगा हुआ था । फिर वहां से उठ अपने कैफ़े जाने का फैसला किया ।

वह अपने ऑफिस से लिफ्ट मे जा कर ग्राउंड फ्लोर पर आया और  अपनी कार मे जा कर बैठ गया । फिर वहां से निकल गया । 


आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  "
आज के लिए अलविदा  🙏
मिलते है अगले भाग मे ,
प्रणाम  🙏
~ आरुषि ठाकुर  ✍️