You Are My Choice - 16 Butterfly द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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You Are My Choice - 16

"What the hell?" जैसे ही रॉनित ने आकाश की बात सुनी वो गुस्से से खड़ा होते हुए बोला। "ऐसा तो क्या हो गया था?"

"Patience रख थोड़ा।" काव्या ने उसे कहा।

आकाश ने अपनी बात आगे बढ़ाई।

श्रेया का ऐसा बिहेवियर देखके जय तुरंत भागते हुए उनके पास आया।

"What is this Shreya? How can you do this to him? He is our friend."

उसकी बात को बीच में काटते हुए श्रेया ने गुस्से से कहा, "तुम्हे पता भी है.. ये मेरे बारे में कितना गन्दा सोचता है, में बोल भी नहीं सकती।" काव्या ने आकाश की तरफ देखते हुए कहा, "इसे अपना दोस्त बोलने में भी शर्म आती है मुझे। छी..। आज के बाद कभी मुझ से बात मत करना तुम।" श्रेया के पास खड़ी उसकी दोस्त उसका हाथ पकड़ते उसे अपने साथ वहा से ले गई। 

"ब्रो, मुझे लगता है उसे कोई गलतफहमी हुई है। श्रेया को किसीने कुछ गलत बताया होगा।" जय ने आकाश को एक्सप्लेन करने की कोशिश की।

"अगर वो मेरी दोस्त होती तो.." इतना कहके आकाश वहा से चला गया।

हॉस्पिटल (वर्तमान समय)

"वो आखरी बार था जब मेने उन दोनो को देखा था। फिर में उनसे कभी नही मिला। और चेन्नई आ गया। तुम दोनो से मिलने।" आकाश के मन में अब पुरानी यादें चलने लगी थी।

"अक्की, हम दूसरे हॉस्पिटल भी जा सकते है।" काव्या ने दबी हुई आवाज में कहा।

"Kavu, चिल। ऐसा कुछ भी नही है। अब मुझे फर्क नही पड़ता। I'm not 17 now, 26 हो गए। इन बातो को लेके नहीं बैठ सकता में अब।" आकाश ने उसकी तरफ देखते हुए स्माइल के साथ कहा।

"अक्की..." रॉनित ने उसे बुलाते हुए कहा, "भाई, डिनर का क्या सीन है? मुझे लगा था तु लेके आयेगा।"

"मुझे घर पे काम है थोड़ा। तो तुझे ही जाना पड़ेगा। अपने डिनर करके आना और Kavu जो खाना हो उसके लिए ले आना। अंकल भी नही है so.. Help yourself." आकाश इतना बोलके रॉनीत की तरफ मुस्कुराके चला गया। जाके के बाद तुरंत वापिस आया और दरवाजे पे खड़े होके बोला, "कल मॉम आ रही है। बाई Kavu, टेक केयर।" और वहा से चला गया। बाहर जाते ही राहत की सास लेते हुए उसने कहा, "बच गया। वहा रहता, तो दोनो अपने सवालों से मुझे मार डालते।

"आंटी, ऐसे अचानक?" काव्या ने रॉनित से पूछा।

"वो एक दिन अक्की के मुंह से निकल गया था... तो पता चल गया।" रॉनित ने कुछ सोचते हुए कहा।

"टेंशन लेंगी वो एक तो।" रॉनित को इस तरह से सोचता देख बोली, "तू सोच क्या रहा है?"

रोनित ने उंडी सास लेने के बाद बोला, "तुझे ऐसा नहीं लगता की वो आधा सच था।"

"Same here. पर तेरे कहने का मतलब क्या है?" काव्या ने उससे पूछा।

"I guess थोड़ा और बुरा हुआ होगा।" 

"May be." काव्या ने उसकी बात में हामी भरते हुए कहा।

"चल में आता हु, डिनर करके एंड तुझे कुछ खाना ही तो बोल।"

"Nope."

"किसीको भेजू?" रोनित ने अपने कपड़े एडजस्ट करते हुए कहा।

"नही, मुझे थोड़ी देर अकेले रहना है।"

"Noted. Ma'am." में आता हु फिर, कमसे कम दो घंटों में। काव्या का कन्फ्यूज रिएक्शन देखते हुए रॉनित ने कहा, "traffic."

दोनो ने इस बात पे हस दिया।

रॉनित के जाने के थोड़ी देर बाद एक नर्स आई, "आपको कुछ चाहिए माम?"

"नही" जब वो जा रही थी तो उसे रोकते हुए काव्या ने कहा, "सुनो, डॉक्टर राजशेखर को बोल देना की मुझे उनसे अर्जेंट मिलना है।"

"जी, ओके " इतना कहके वो वॉर्ड से बाहर चली गई।

जय अपने केबिन में बैठे श्रेया से फोन पे के रहा था, "में निकलता ही थोड़ी देर में, डायरेक्ट तेरे घर ही आता हु।"

जैसे ही डोर नॉक हुआ उसने अंदर आने की परमिशन दी। नर्स ने उसे काव्या के बारे में बताते हुए कहा कि आज उसने क्या किया। जाते वक्त उसने बताया की काव्या उसे उर्गेंटली मिलना चाहती है।

जय यह सुनके थोड़ा सा हैरान हुआ था लेकिन सोचा कि जाने से पहले एक बार मिल लूंगा।


Countinues in the next episode.....