डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 43 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 43

अब आगे,

 

वही दूसरी तरफ, सिंघानिया विला, बनारस में

 

राजवीर अपने हॉल में अपनी किंग साइज कुर्सी पर किसी राजा की तरह बैठा हुआ था और उस के सामने रखी शीशे की मेज पर एक फाइल रखी हुई थी जो उस का पर्सनल बॉडीगार्ड देव ही लेकर आया था और अब वो भी राजवीर के साइड में ही खड़ा हुआ था...!

 

राजवीर ने कुछ देर तक अपने सामने रखी फाइल पर लिखे नाम को देखा और उस के बाद उस फाइल को उठा कर पढ़ने लगा जिस मे रूही के बारे मे लिखा हुआ था..!

 

साथ में वो फाइल बस 2 पन्ने की ही थी जिसे देख राजवीर अब एक एक शब्द को पढ़ने के इरादे से उस के पहले पन्ने को पढ़ना शुरू किया और पड़ते हुए बोल भी रहा था..!

 

लड़की का नाम - "रूही शर्मा", उम्र 22 वर्ष

 

जब राजवीर ने रूही के नाम को पहली बार अपनी जबान पर लिया तो उस को एक अजीब सा ही सुकून मिल रहा था पर क्यू ये तो खुद राजवीर को भी नही पता था..!

 

अब राजवीर ने रूही के बारे में आगे पढ़ते हुए बोला,

 

रूही के पिता का नाम - "अमर शर्मा", उम्र 55 वर्ष

 

रूही के पिता का नाम पढ़ कर राजवीर ने अपने साइड में खड़े पी ए दीप की ओर देखा तो अब राजवीर के पी ए दीप ने राजवीर से कहा, "हां बॉस, जो आदमी आप को उस कंस्ट्रक्शन साइट पर देख कर डर रहे थे वो रूही मैम के पिता ही है...!"

 

अपने पी ए दीप की बात सुन कर अब राजवीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई जिसे देख राजवीर का पी ए दीप शॉक होकर अब राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव को देख रहा था पर राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव के चेहरे पर कोई भी भाव नजर नही आ रहे थे और वो पूरी तरह से शांत ही था...!

 

अब राजवीर ने रूही के बारे में आगे पढ़ते हुए बोला,

 

रूही की सगी मां का नाम - "सरस्वती शर्मा" और

 

रूही की सौतेली मां का नाम - "कुसुम शर्मा", उम्र 50 वर्ष

 

अब की बार राजवीर ने अपने पी ए दीप को देखा नही था पर उस का पी ए दीप इस बात को अच्छे से जानता था कि राजवीर को हर एक काम परफेक्ट चाहिए होता था और ठीक वैसे ही उस को हर एक चीज के बारे मे सारी जानकारी चाहिए होती थी..!

 

अब राजवीर के पी ए दीप ने राजवीर से कहा, "बॉस, रूही मैम की सगी मां सरस्वती का देहांत उन की पांच साल की उम्र में ही हो गया था और उन के सगे पिता ने करीब 6 महीने बाद, अपनी सगी बहन के कहने पर दूसरी शादी कर ली थी क्योंकि रूही मैम उस समय बहुत छोटी थी, साथ में रूही मैम की सौतेली मां कुसुम, रूही मैम को घर से बाहर तक नही निकलने देती है बस वो अपने घर से कॉलेज और कॉलेज से सीधा घर ही जाया करती है वो भी सिर्फ अपने सगे पिता अमर की वजह से, नही तो रूही की सौतेली मां कुसुम उन को घर की चार दिवारी में ही बंद रखती और वो, रूही मैम के साथ जानवरो से भी बत्तर व्यवहार करती हैं, क्योंकि रूही मैम बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है और उन की खुद की सगी बेटी रीना साबली रंग की है जिस से हर कोई बस रूही मैम को ही देखता रहता है और उन की सगी बेटी रीना को कोई देखता तक नही है और इसी की वजह से भी वो रूही मैम से नफरत करती आई हैं..!"

 

जब राजवीर को रूही की सगी सरस्वती और सौतेली मां कुसुम का कॉन्सेप्ट समझ में आ गया तो अब राजवीर ने रूही के बारे में आगे पढ़ते हुए बोला,

 

रूही की सौतेली बहन का नाम - "रीना शर्मा", उम्र 24 वर्ष

 

अब राजवीर अपने पी ए दीप को नही देख रहा था पर फिर भी राजवीर का पी ए दीप, राजवीर को अच्छे से बता रहा था और अब उस ने राजवीर से कहा, "जब रूही मैम के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बहन के कहने पर दूसरी शादी की थी तो उन की दूसरी पत्नी कुसुम अपने साथ एक लड़की यानी अपने पहले पति से तलाक के बाद अपनी सगी बेटी रीना को साथ में लेकर आई थी जो रूही मैम से दो साल बड़ी है और साथ में इन्होंने और इन की मां कुसुम ने रूही मैम पर बहुत कहर बरसाए है और उन को कही कही दिनों तक खाना भी नही देते हैं और उन्हें बहुत ही ज्यादा मारते भी है और घर के सारे काम भी उन्ही से करवाते हैं पर ये दोनो रूही मैम के सगे पिता अमर के सामने रूही मैम के साथ बहुत ही ज्यादा अच्छा व्यवहार करती हैं...!"

 

अपने पी ए दीप की बात सुन कर, अब राजवीर ने एक गहरी सांस लेते हुए अपने आप से बड़बड़ाते हुए कहा, "अच्छा, फिर तो बहुत मजा आने वाला है...!"

 

अब राजवीर ने रूही के बारे में आगे पढ़ते हुए बोला,

 

रूही का सौतेला भाई - "राजीव शर्मा", उम्र 20 वर्ष

 

राजवीर के बोलते ही राजवीर के पी ए दीप ने अब राजवीर से कहा, "राजीव, रूही के सगे पिता अमर और रूही मैम की सौतेली बहन रीना की सगी मां कुसुम की संतान हैं और साथ में इस को जुए और नशे की लत भी है जिस की वजह से इस की अपने सगे पिता अमर से नही बनती हैं और इसी वजह से घर में बहुत लड़ाई झगडे भी होते है और ये रूही मैम के सगे पिता अमर के घर पर होने पर घर में भी कम ही आता है...!"

 

To be Continued....

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल मातृभारती" पर।