हीर... - 8 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हीर... - 8

अजीत.. अंकिता की राजीव को लेकर करी गयी बातें सुन तो रहा था लेकिन जिस तरीके से अंकिता खुश होते हुये और राजीव की तारीफ़ें करते हुये उसे अपने और राजीव के अतीत के बारे में सारी बातें बता रही थी... उसे अपने मन में एक अजीब सी उलझन सी होने लगी थी, अंकिता के मुंह से राजीव की तारीफ़ उसे अच्छी नहीं लग रही थी लेकिन वो चुप था और बड़े ध्यान से अंकिता की बातों को सुन रहा था!!

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये अंकिता ने कहा- उस दिन के बाद हर गुज़रते दिन के साथ राजीव की दोस्ती क्लास के भी लगभग सारे स्टूडेंट्स के साथ हो गयी थी, वो सबसे बहुत अच्छे और ग्रेसफुल तरीके से बात करता था खासतौर पर लड़कियों के साथ उसका बिहेवियर बहुत बैलेंस्ड और सॉफ्ट रहता था लेकिन लड़कियों में भी उसका बिहेवियर हमें लेकर कुछ जादा ही सॉफ्ट था!!

अपनी बात कहते कहते अंकिता कुछ सेकेंड्स के लिये चुप हो गयी उसके बाद स्माइल करते हुये उसने कहा- वो.. हम अपनी एज से बहुत छोटे लगते हैं ना और उस समय तो हम और भी छोटे लगते थे और चूंकि राजीव की हाइट इतनी जादा थी और पर्सनैलिटी भी इतनी हैवी थी कि हम उसके सामने तो और भी जादा बच्चे लगते थे इसलिये वो हमें बिल्कुल वैसे ही बच्चों की तरह ट्रीट भी करता था, वो हमारा इतना ध्यान रखता था और इतने प्यार से बात करता था जैसे वो हमारा क्लासमेट नहीं बल्कि मम्मी पापा से इतना दूर हमारा ध्यान रखने के लिये हमारा कोई गार्जियन हो!!
सच बोलें तो राजीव की ये केयर हमें बहुत अच्छी लगती थी और उसका साथ पाकर हमने एमबीए बीच में छोड़कर वापस भुवनेश्वर आने का इरादा बिल्कुल ड्रॉप कर दिया था, हम और राजीव इतने अच्छे दोस्त बन गये थे कि हम दोनों क्लास में भी एक दूसरे के अगल बगल ही बैठते थे और पूरा टाइम साथ ही रहते थे...अम्म् वो प्यार था, इन्फैचुयेशन था.. वो क्या था हमें नहीं पता था लेकिन हमें राजीव की आदत हो गयी थी!!
वैसे तो लंच टाइम में हम सारे चार पांच अच्छे दोस्त कैंटीन में जाकर साथ में लंच करते थे लेकिन इत्तेफाक से एक दिन हम और राजीव दोनों कैंटीन में अकेले ही थे उस दिन लंच करते हुये हमने ऐसे ही मजाक मजाक में राजीव से पूछा- यार राजीव एक बात बताओ... दोस्ती तो तुम्हारी बाकी लड़कियों से भी बहुत अच्छी है लेकिन हमें ऐसा क्यों लगता है कि तुम हमारी कुछ जादा ही केयर करते हो, हमारी हर विश पूरी करते हो, हमें इतने प्यार से देखते हो, हमें समझाते हो, हमारा दिल बहलाने के लिये जोकर तक बन जाते हो... ऐसा क्यों?

राजीव स्ट्रेट फॉरवर्ड था.. ऐसा लगता था जैसे हर सवाल का जवाब उसकी जीभ की टिप पर ही रखा रहता था इसीलिये उस दिन भी वो हंसते हुये तपाक से बोला- क्योंकि तुम इडियट हो!!
"अरे.. ऐसे कैसे हम इडियट हैं!!" हमने जब कहा तो वो बोला- इडियट तो हो ही.. तुम्हें ये सवाल करना ही नहीं चाहिये था, कोई किसी की इतनी केयर क्यों करता है यार??

राजीव की ये बात सुनकर हमें पता नहीं क्यों पर मन ही मन बहुत अच्छा सा लगा, ऐसा लगा जैसे एक अजीब सी खुशी हमारे दिल को छूकर निकल गयी हो...

राजीव की ये बात सुनकर हमने रियेक्ट करते हुये बस इतना कहा "म्हम्.. म्हम्!!"

राजीव बोला- क्या म्हम्.. म्हम्... आई लव यू!!

राजीव ने इतनी आसानी से और इतने अचानक से अपने प्यार का इजहार कर दिया था कि हम चौंक गये और हमने चौंकते हुये कहा- अरे... ऐसे कैसे आई लव यू!! कोई तरीका होता है किसी बात का या ऐवंई... बस आई लव यू!!

राजीव बड़ी स्टाइल में अपने माथे पर पड़े बालों में फूंक मारते हुये बोला- ऐसा ही हूं मैं!! बातों की लस्सी बनाना मुझे नहीं आता, सीधी सट्ट एक बात और वो ये कि.. आई लव यू!!

राजीव की बातें सुनकर हमें बहुत क्यूट सी फीलिंग हो रही थी लेकिन हमने उसकी बात का जवाब नहीं दिया और ब्लश करते हुये वहां से क्लास में चले गये...

क्लास में राजीव के बगल में बैठकर उस दिन हमें एक बहुत मीठी मीठी सी फीलिंग हो रही थी शायद वो पहले प्यार का पहला एहसास ही था जिसके चलते हमें राजीव से नज़रें मिलाने में भी शर्म आ रही थी लेकिन राजीव... राजीव ऐसे रियेक्ट कर रहा था जैसे उसे पहले से ही पता हो कि हम उसके प्यार को हंड्रेड परसेंट एक्सेप्ट कर ही लेंगे ऐसे नॉर्मल बिहेव कर रहा था इसलिये हमने सोचा कि राजीव को थोड़ा परेशान करते हैं और इसीलिये हमने उस दिन राजीव से जादा बात नहीं करी और क्लासेज़ खत्म होने के बाद हॉस्टल चले गये... और राजीव भी रोज़ की तरह अपने फ्लैट में चला गया क्योंकि उसने हॉस्टल में कमरा नहीं लिया हुआ था वो कॉलेज के पास ही एक बिल्डिंग में एक रेंटेड फ्लैट में रहता था!!
उस रात हम ये सोचकर ठीक से सो भी नहीं पाये कि जिस लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाने का ड्रीम क्लास की हर लड़की देखती है वो हमारा इतना अच्छा दोस्त है और वो हमसे प्यार भी करता है!!
अगले दिन जब हम कॉलेज गये तो हमने देखा कि राजीव रोज की तरह हमसे पहले ही कॉलेज आ चुका था, उस दिन उसने स्काई ब्लू कलर की चेक की शर्ट और ब्लू जींस पहनी हुयी थी... उसका ड्रेसिंग सेंस बहुत अच्छा था और उस दिन वो हमें कुछ जादा ही अच्छा लग रहा था!!
हम उसे परेशान करने के पर्पस से उसके पास गये और हमने उससे कहा- अम्म्... राजीव कल कैंटीन में तुमने जो हमसे कहा था वो सीरियस था या हमेशा की तरह बस एक मजाक?
हमेशा मजाकिया लहजे में बात करने वाले राजीव ने इस बार बहुत संजीदगी से कहा- लाइफ़ के कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनमें मैं मजाक नहीं करता... I seriously love u ankita!! मैं मजाक नहीं कर रहा था...तुम्हें नहीं पता लेकिन मेरे दोस्तों ने जिस एज में गर्लफ्रेंड्स बनानी शुरू कर दी थीं उस एज में मैंने खुद से एक वादा किया था कि सिर्फ एक लड़की से ही प्यार करूंगा और मरते दम तक उस प्यार को निभाउंगा फिर चाहे मुझे उसकी कितनी भी बड़ी कीमत क्यों ना चुकानी पड़ जाये... और वो लड़की तुम हो अंकिता!!

"लेकिन... हम तुमसे प्यार नहीं करते राजीव!!" हमने राजीव से जब ये कहा तो राजीव का चेहरा बिल्कुल उतर गया... उसकी आंखों में आंसू आ गये, हमेशा हंसते रहने वाले राजीव की आंखों में आये आंसू हमसे देखे नहीं गये और हमने हंसते हुये कहा- हम तुमसे सिर्फ प्यार नहीं करते राजीव क्योंकि हम तुमसे बोहोsssssत जादा प्यार करते हैं!!

अजीत को राजीव के बारे में बताते बताते अंकिता अपने अतीत में इतना खो गयी कि उसे ये ध्यान ही नहीं रहा कि उसके सामने वो शख्स बैठा है जो आज उससे अपने प्यार का इज़हार कर चुका है.. राजीव की बातें करते हुये अंकिता के बदले हुये और एकदम जॉयफुल एक्सप्रेशन्स देखकर अजीत ने अपना गला खखारते हुये कहा- अम्म्... अंकिता मुझे लगता है कि तुम्हें राजीव से बात करके तुम दोनों के बीच में जो भी मिसअंडरस्टैंडिंग्स हैं उन्हें सॉर्टआउट कर लेना चाहिये..!!

अपनी बात कहकर अजीत ने वेटर को आवाज़ लगायी और बिल पे करके अंकिता से बोला- अब हमें चलना चाहिये...

अजीत की तरफ़ से अचानक से आये ऐसे रियेक्शन को देखकर अंकिता थोड़ी देर के लिये स्तब्ध होकर अपनी पूरी खुली आंखों से उसकी तरफ़ देखती रह गयी और फिर परेशान सी होते हुये सोचने लगी कि "ये क्या बेवकूफ़ी कर रही है अंकिता.. राजीव तेरा पास्ट है और अजीत तेरा प्रजेंट और फ्यूचर!! तू उसके सामने राजीव की इतनी तारीफ़ कैसे कर सकती है!!"

क्रमशः