हीर... - 9 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • द्वारावती - 73

    73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच...

  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर र...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भ...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई...

श्रेणी
शेयर करे

हीर... - 9

अजीत के रियेक्शन्स देखकर अंकिता को जब ये महसूस हुआ कि राजीव के बारे में उसे बताते बताते वो राजीव में कुछ जादा ही खो गयी थी और अजीत के सामने उसे ऐसा नहीं करना चाहिये था तब वो अपनी बात सोचते हुये एकदम से सीरियस हो गयी और सीरियस होते हुये वो अजीत से बोली- हमारे और राजीव के बीच में कोई मिस अंडरस्टेंडिंग नहीं है जो भी है वो बिल्कुल साफ़ है!!

अपनी चेयर से लगभग उठ चुका अजीत.. अंकिता की बात सुनकर फिर से चेयर पर बैठ गया और बैठने के बाद बहुत सॉफ्टली उससे बोला- अम्म्.. बुरा मत मानना अंकिता लेकिन जिस तरीके से तुमने अपने और राजीव के रिश्ते के बारे में मुझे बताया है.. उसे सुनकर मुझे ऐसा लगता है कि तुम दोनों के बीच में जो भी प्रॉब्लम्स हुयीं हैं.. तुम दोनों बातचीत करके उन्हें सुलझा सकते हो और जब तुम खुद उसके साथ इतनी कम्फर्टेबल थीं तो मुझे नहीं लगता कि मुझे तुम दोनों के बीच में आना चाहिये और मुझे नहीं लगता कि दो प्यार करने वालों के बीच इतनी बड़ी कोई प्रॉब्लम रही होगी जिसे सॉल्व नहीं किया जा सकता है!!

अजीत ने बात तो एक बहुत समझदार और जिम्मेदार इंसान की तरह करी थी लेकिन अंकिता को शायद उसकी ये बात अच्छी नहीं लगी, उसके एक्सप्रेशन्स देखकर साफ़ समझ आ रहा था कि अजीत की बात सुनकर मन ही मन वो इरिटेट हो रही थी इसीलिये अजीत की बात का जवाब देते हुये उसने कहा- किसी भी रिश्ते की नींव सच पर टिकी हुयी होनी चाहिये अजीत.. इसीलिये हम तुम्हें सब कुछ सच सच बता रहे थे लेकिन तुम शायद सच सुनना नहीं चाहते और झूट की बुनियाद पर हम तुम्हारे साथ इस नये रिश्ते की शुरुवात कर नहीं पायेंगे और रही बात राजीव से बात करने की.. तो वो तो हम जिंदगी में कभी नहीं करेंगे, तुम यहां से चलना चाहते हो ना... चलो, हमें भी तुमसे अब कुछ नहीं बताना!!

इरिटेट होकर अपनी बात कहते हुये अंकिता सुबकने लगी और अपनी आंखों में आये हल्के हल्के आंसुओं को पोंछते हुये उसने अपना बैग उठाया और अपनी चेयर से उठने लगी, अंकिता को ऐसा परेशान और उदास होकर रोते देख अजीत का दिल पसीज गया और वो थोड़ा सा उठकर उसका हाथ पकड़ते हुये बोला- तुम सही कह रही हो यार कि किसी भी रिश्ते की बुनियाद झूट पर नहीं टिकी होनी चाहिये आई एम सॉरी...प्लीज बैठ जाओ, अब मैं बीच में नहीं बोलुंगा और राजीव से बात करने के लिये बिल्कुल नहीं कहूंगा, तुम ऐसे रोते हुये मेरे पास से जाओगी तो मैं चैन से सो भी नहीं पाउंगा प्लीज बैठ जाओ अंकिता!!

अजीत के इस तरह से फोर्स करने पर अंकिता अपनी नज़रें नीची करके सुबकते हुये अपनी चेयर पर वापस बैठ गयी और उसके बाद अपने भरे हुये गले से उसने कहा- तुम्हे क्या लगता है अजीत.. हम उन लड़कियों में से हैं जो प्यार का झूटा नाटक करेंगे और मन भरने पर किसी का साथ छोड़ देंगे!! कोई तो वजह होगी ना जो हम अब राजीव से बात नहीं करना चाहते... कुछ तो किया ही होगा ना उसने या तुम्हें भी यही लगता है कि हम @डी हैं!!

"अरे.. ये क्या बोल रही हो तुम, ऐसे कैसे तुम इस गंदे शब्द का इस्तेमाल अपने लिये कर सकती हो अंकिता!!" अपनी बात कहने के बाद बहुत दुख करके रोने लगी अंकिता को चुप कराते हुये अजीत ने कहा और उसकी हथेली पकड़ कर प्यार से सहलाने लगा....

अंकिता सुबकते हुये अपनी भारी आवाज़ में बोली- हम नहीं बोल रहे.. राजीव ने कहा था कि हम वही हैं जो कभी किसी के साथ तो कभी किसी के साथ सो जाते हैं!!

अजीत ने हैरान होते हुये अंकिता से कहा- अरे पर तुमने ही तो अभी बताया कि वो बहुत कूल था और तुमसे बहुत प्यार करता था फिर ये सब कैसे? वो ऐसा कैसे बोल सकता है!!

अंकिता ने अपने आंसू पोंछते हुये कहा- उसका कूल दिखना, हमसे प्यार की बात करना... सब दिखावा था!!

अजीत ने कहा- अंकिता अगर तुम्हे जल्दी ना हो तो मुझे ठीक से बताओ कि तुम दोनों के बीच ऐसा हुआ क्या जो आज बात यहां तक पंहुच गयी, मैं जानना चाहता हूं कि राजीव ने तुम्हारे साथ क्या किया और उसने तुम्हारे लिये इतनी गंदी बातें क्यों बोलीं?

अंकिता ने कहा- राजीव से हमारी दोस्ती उसके कॉलेज ज्वाइन करने के दूसरे दिन ही हो गयी थी इसलिये हमारी बाकी फ्रेंड्स की तरह उसे भी ये बात अच्छे से पता थी कि हम दिल्ली से बहुत दूर के शहर भुवनेश्वर से हैं और अपने मम्मी पापा की एकलौती संतान हैं, उसे पता था कि दूर होने की वजह से हम अपने मम्मी पापा को मिस करते हैं और कभी कभी अकेलापन फील करते हैं बस उसी वजह से वो हमारा फायदा उठाना चाहता था, वो प्यार का सारा दिखावा इसीलिये था, राजीव बहुत शातिर दिमाग का इंसान था और उसे बहुत अच्छे से पता होता था कि किस लड़की को किस तरीके से हैंडल करना है और जो लड़की उसके इन तरीकों में फंस जाती थी वो उसका फायदा उठाने लगता था और इन्हीं सब हरकतों की वजह से उसने हॉस्टल में रूम ना लेकर अलग से फ्लैट लिया हुआ था ताकि उसकी हरकतों पर कोई ऑब्जेक्शन ना कर सके!! राजीव ने कानपुर में भी कई लड़कियां फंसायी हुयी थीं और वहां उसकी इन घटिया हरकतों की पार्टनर इन क्राइम थी उसकी मिस्ट्रेस... चारू!!

अजीत हैरान होते हुये बोला- आर यू सीरियस अंकिता... मिस्ट्रेस मीन्स र.. रखैल??

क्रमशः