दिल्ली का जाना माना प्रतिष्ठित कॉलेज “ Samriddhi International Institute of Excellence ” जिसमे पढ़ने का हर स्टूडेंट सपना देखता था। उस कॉलेज मे अमीर घरों के बच्चे की पढ़ते थे। बस कुछ ही स्टूडेंट ऐसे होते थे जिनको स्कॉलरशिप बेस पर यहां एडमिशन मिल पता था।
इसी कॉलेज मे एक ऐसा लड़का भी पढ़ता था जो ना ही किसी अमीर घर से था, ना ही उसको स्कॉलरशिप बेस पर एडमिशन मिला था। ये लड़ता था चेतन सोलंकी।
चेतन सोलंकी पहले दिल्ली के ही दूसरे कॉलेज मे पढ़ता था। और साथ मे ही वो एक बहुत अच्छा एथलीट भी था। उसके फर्स्ट सेमेस्टर के बीच मे जब वो अपने कॉलेज की तरफ से wrestling कॉम्पिटिशन खेलने के लिया गया था, वहां पर जब उसने सभी कॉलेज के स्टूडेंट्स को रेसलिंग मे हरा दिया था, तब ( SIIE ), मतलब “Samriddhi International Institute of Excellence” के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट और मैनेजमेंट वालो की नजर उसपर पड़ी।
SIIE की मैनेजमेंट और sports department ने चेतन को मिलने के लिए अपने कॉलेज मे बुलाया। वो लोग ऐसे स्टुडेंट्स जो बहुत ही ज्यादा प्रतिभाशाली होते थे, उन्हे अपने कॉलेज मे स्पेशल कोटा मे एडमिशन देते थे।
चेतन ने जब इस बारे मे अपने घर पर अपने मम्मी पापा को बताया, तो वो सोचने लगे की इतने बड़े कॉलेज वालो ने चेतन को क्यों बुलाया होगा ? वो तो अपने बच्चे को इतने बड़े और महंगे कॉलेज मे पढ़ाने का कभी सपना भी नही देख सकते थे।
जब चेतन SIIE कॉलेज के बुलावे पर उनसे मिलने के लिए गया, तो उन्होंने उसके सामने एक ऐसा ऑफर रख दिया जिसे वो मना नही कर पाया। उन्होंने उससे कहा की वो उसको अपने कॉलेज मे फ्री मे एडमिशन देंगे। उसको फीस के एक भी रूपये देने की जरूरत नही है।
चेतन को उनका ये ऑफर पसंद आया। लेकिन उसको ये टेंशन थी की वो बीच सेमेस्टर मे दूसरे कॉलेज मे ट्रांसफर कैसे लेगा ? लेकिन ये काम भी SIIE की मैनेजमेंट ने संभाल लिया। जल्द ही चेतन का अपने पुराने कॉलेज से SIIE मे ट्रांसफर हो गया।
चेतन का SIIE मे एडमिशन तो हो गया, लेकिन वो थोड़ा घबराया हुआ था। उसको इस बात का डर था की जिस कॉलेज मे सिर्फ अमीर घर के बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं, उसमे वो कैसे adjust होगा !
Monday का दिन था और चेतन का SIIE मे पहला दिन। चेतन जैसे ही कॉलेज मे पहुंचा, कॉलेज के बाकी स्टूडेंट्स उसको देखते ही रह गए। कहां वो ब्रांडेड कपड़े पहन कर और बड़ी बड़ी गाड़ियों मे कॉलेज आते थे, और यहां चेतन एक पुरानी सी बाइक पर सिंपल से कपड़े पहनकर आया था।
चेतन कॉलेज के गेट से अंदर आया और पार्किंग मे अपनी बाइक पार्क करने लगा। वो बाइक करके वहां से जाने को ही था की तभी कुछ लड़के और लड़कियां उसके पास आकर उसको घेरकर खड़े हो जाते हैं।
“ओए फटीचर, तू कहीं रास्ता तो नही भूल गया ? बेटा तू गलती से गलत कॉलेज मे आ गया है। इससे पहले की हम लोग तुझे उठा कर गेट से बाहर फेंक दे, तू अपने इस कबाड़ को उठा, और यहां से फूट ले ।" एक हटा कट्टा सा लड़का, जो की दिखने मे ही अमीर घर का लग रहा था, चेतन का मजाक उड़ाते हुए उससे कहा।
“अरे राहुल, इस फटीचर से इतने प्यार से क्यों बात कर रहे हो ? गेट पर सिक्योरिटी गार्ड है, उसको बुलाओ और इसको बाहर फेंकने के लिए कहो।" वहीं खड़ी एक लड़की ने उस लड़के से कहा, जो चेतन को उसकी बाइक के साथ गेट से बाहर जाने के लिए बोल रहा था, और मजाक उड़ा रहा था।
उस लड़की की बात सुनते ही राहुल नाम के लड़के ने गेट पर ड्यूटी कर रहे सिक्योरिटी वाले को इशारा करके अपने पास आने के लिए कहा। सिक्योरिटी गार्ड , राहुल का इशारा मिलते ही दौड़ता हुआ उसके पास आ गया। “जी राहुल भईया, कहिए क्या बात है ?” उस सिक्योरिटी गार्ड ने मुस्कुराते हुए राहुल से पूछा।
राहुल को पूरा कॉलेज अच्छे से जानता था इसलिए पूरे कॉलेज मे किसी की हिम्मत नही थी की उसको कुछ बोल दें। यहां तक की कॉलेज के प्रोफेसर भी उसको कुछ नही बोल पाते थे। उसका एक बहुत बड़ा कारण था जो थे राहुल के पापा। राहुल के पापा एक बहुत बड़े बिजनेस मैन थे। दिल्ली के साथ साथ पूरे भारत मे उनका बिजनेस फैला हुआ था। और यही नहीं, उनके कॉलेज के फाउंडर से उनकी अच्छी जान पहचान भी थी।
राहुल के पापा राहुल को पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते थे, लेकिन उसकी जिद थी की वो यहीं रहकर पढ़े। राहुल अपने पापा का लाडला था, इसलिए उसके पापा उसकी हर ख्वाहिश पूरी करते थे। इसलिए उसकी जिद के कारण उन्होंने उसका एडमिशन SIIE मे करवा दिया।
सिक्योरिटी गार्ड जैसे ही राहुल के पास आया, राहुल ने उसको देखते हुए पूछा, “तू एक बात बता, तुझे अपनी नौकरी प्यारी नही है क्या ?"
“आप ऐसा क्यों बोल रहे हो राहुल भईया ? मुझसे कोई गलती हो गई है क्या ?" उस सिक्योरिटी गार्ड ने घबराते हुए राहुल से पूछा।
“तू मुझे ये बता, तेरे गेट पर रहने के बावजूद ये फटीचर फकीर कॉलेज के अंदर कैसे आया ?” राहुल ने चेतन को घूरकर देखते हुए उस सिक्योरिटी गार्ड से पूछा।
राहुल की बात सुनकर चेतन को गुस्सा तो बहुत आ रहा था, लेकिन वो अच्छे से जानता था की इस कॉलेज में कितने अमीर घरों के बच्चे पढ़ते थे। अगर वो उनमें से किसी के साथ भी गलती से पंगा ले लेता, तो कॉलेज के अंदर ही नही, वो लोग कॉलेज के बाहर भी उसको नही छोड़ते।
राहुल का सवाल सुनकर सिक्योरिटी गार्ड ने चेतन की तरफ देखते हुए राहुल से कहा, “राहुल भईया वो तो इसी कॉलेज का स्टूडेंट है ना ! देखिए उसके पास इस कॉलेज का student id भी है।"
सिक्योरिटी गार्ड की बात सुनकर राहुल ने जब चेतन के गले पर टंगा हुआ student id card देखा, तो उसको मानो 440 वोल्ट का झटका लग गया हो। उसको तो यकीन ही नहीं हो रहा था की चेतन जैसा फटीचर उनके कॉलेज का स्टूडेंट था। वो ये सोचने लगा की आखिर चेतन को उस कॉलेज मे एडमिशन मिला तो मिला कैसे ?
इससे आगे राहुल, चेतन को कुछ बोल पता, कॉलेज का सायरन बज गया। सायरन की आवाज सुनते ही सभी स्टूडेंट अपनी अपनी क्लास की तरफ भागने लगे। राहुल और उसके साथ वाले भी चेतन को घूरते हुए वहां से चले गए।
चेतन भी अपनी क्लास मे जाना चाहता था लेकिन वहां पर उसका पहला दिन होने की वजह से उसको पता ही नही था की उसकी क्लास थी कहां पर। वो इधर उधर देख ही रहा था की तभी उसको एक प्रोफेसर दिखाई दिए। चेतन ने उनको पीछे से आवाज देते हुए कहा, “Excuse me sir ! क्या आप मुझे बता सकते हैं की B.Sc फर्स्ट ईयर की क्लास कहां पर है ?”
चेतन का सवाल सुनकर पहले तो उस प्रोफेसर ने उसको नीचे से ऊपर तक बड़े गौर से देखा। उसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए उससे कहा, “अच्छा तो तुम new student हो ! चलो मेरे पीछे आओ।"
उस प्रोफेसर की बात सुन चेतन उनके पीछे पीछे चलने लगा। चलते चलते वो लोग एक क्लास मे पहुंच गए। जैसे ही वो लोग क्लास के अंदर गए, सभी स्टूडेंट्स ने खड़े होकर एक साथ कहा, “गुड मॉर्निंग सर।"
“गुड मॉर्निंग बच्चों, बैठ जाओ।” उस प्रोफेसर ने सभी स्टूडेंट्स को बैठने को कहने के बाद चेतन को देखते हुए बोले, “बेटा यही है B.SC फर्स्ट ईयर की क्लास, और मैं हूं इस क्लास का प्रोफेसर, ‘गोविंद राव’ ।”
इसके बाद प्रोफेसर ने सभी स्टूडेंट्स से चेतन का इंट्रो करवाया। उसके बाद उसको बैठने का बोल दिया। चेतन एक खाली बेंच पर बैठने ही जा रहा था की तभी उसकी नजर एक लड़के पर पड़ी। वो उसको देखते ही अपनी जगह पर रूक गया।
“ये तो वही लड़का है जो मुझे फटीचर बोलकर कॉलेज से बाहर निकलने के लिए बोल रहा था।” चेतन ने उस लड़के को देखते हुए अपने आपसे मन ही मन कहा। चेतन जिस लड़के को देखकर रूक गया था वो कोई और नहीं बल्कि राहुल था।
“क्या हुआ चेतन ! कोई प्राब्लम है क्या ?” चेतन को खड़ा देख प्रोफेसर ने उससे पूछा।
“नही सर कोई प्राब्लम नही है।” चेतन ने प्रोफेसर को देखते हुए कहा, उसके बाद वो उस खाली बेंच पर बैठ गया। उसके बेंच पर बैठते ही सभी स्टूडेंट उसको ऐसे देखने लगे, जैसे उनके बीच कोई अजूबा आकर बैठ गया हो।
राहुल और उसके दोस्तों ने जब चेतन को देखा , उनका तो दिमाग ही खराब हो गया। उन्होंने कभी उम्मीद भी नही की थी की जिस लड़के को वो लोग गेट से बाहर फेकना चाहते थे, वो उन्ही को क्लास का स्टूडेंट होगा।
क्लास को प्रोफेसर पढ़ा ही रहे थे की तभी एक चपरासी दरवाजे पर आया और प्रोफेसर को देखते हुए बोला, “सर...! आपकी क्लास मे कोई चेतन सोलंकी नाम का स्टूडेंट है क्या ? उसको college sports department वाले दुबे सर ने बुलाया है।"
उस चपरासी की बात सुनकर गोविंद सर भी सोच मे पढ़ गए की चेतन को Sports डिपार्टमेंट वाले दुबे सर ने क्यों बुलाया था ? असल मे उन्हे इस बात की खबर ही नहीं थी की चेतन को उस कॉलेज मे उनकी कॉलेज की Sports department और मैनेजमेंट वालो ने ही बुलाया था।
चेतन , गोविंद सर की परमिशन लेने के बाद उस चपरासी के साथ वहां से चला गया। चेतन के जाने के बाद राहुल और उसके साथ साथ पूरी क्लास को भी समझ नही आ रहा था की आखिर Sports डिपार्टमेंट वालों ने चेतन को क्यों बुलाया होगा?
कॉलेज के बाद जब राहुल अपनी गाड़ी से अपने घर जाने के लिए निकलने ही वाला था की तभी उसकी नजर चेतन पर पड़ी। वो एक स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट वाले सर के पीछे पीछे जा रहा था।
राहुल जानना चाहता था की आखिर चेतन जैसा फटीचर लड़के को उनके कॉलेज मे एडमिशन कैसे मिल गया ? जब की उस कॉलेज मे तो ऐसे किसी का एडमिशन होना पॉसिबल ही नही था। ऊपर से उसको याद आया की जब क्लास चल रही थी तब एक चपरासी चेतन को बुलाने के लिए आया था। उसको ये भी याद था की उस चपरासी ने कहा था की स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट वाले दुबे सर ने चेतन को बुलाया था।
राहुल ये देखने के लिए चेतन के पीछे पीछे जाने लगा की आखिर उसकी असलियत क्या है, और वो उन सर के साथ कहां जा रहा था?
कुछ देर बाद राहुल ने देखा की चेतन और वो सर एक बड़े से ट्रेनिंग हाल के अंदर चले गए। जब राहुल ने वहां जाकर देखा, तो बहुत से स्टीडेंट वहां पर wrestling यानी कुश्ती की ट्रेनिंग कर रहे थे। राहुल हॉल के अंदर गया और एक तरफ बेंच पर बैठ गया। वो देखना चाहता था की चेतन वहां पर क्यों आया था ?
थोड़ी देर बाद चेतन अपने wrestling singlet, यानी की कुश्ती वाले कपड़े पहन कर वहां पर आकर वहां बनी रिंग मे खड़ा हो गया। उसके 2 मिनट बाद एक और लड़का भी wrestling singlet पहनकर वहां आया और चेतन के सामने उस रिंग मे खड़ा हो गया।
अब तक राहुल इतना तो समझ ही गया था की चेतन एक wrestler था, लेकिन वो देखना चाहता था की वो इसमे कितना अच्छा था?
कुछ देर बाद वहां पर एक रेफरी आए, और फिर चेतन और उस लड़के की कुश्ती शुरू हो गई। कुश्ती के शुरू होते ही चेतन उस लड़के पर हावी हो गया। और कुछ ही देर मे उसने उस लड़के को बिना एक भी प्वाइंट दिए हरा दिया। राहुल ने जब ये देखा तो वो दंग रह गया। उसने तो सोचा भी नही था की चेतन कुश्ती मे इतना माहिर होगा।
चेतन की जब ट्रेनिंग खत्म हो गई और वो घर चला गया। उसके बाद राहुल ने वहां मौजूद दुबे सर से उसके बारे मे पूछा। तब जाकर चेतन को पता चला की चेतन जैसे लड़के को वहां पर एडमिशन कैसे मिल गया। SIIE वाले अक्सर ऐसे स्टूडेंट्स को स्पेशल कोटा मे एडमिशन देते थे जो चेतन की तरह प्रतिभाशाली होते थे। लेकिन चेतन जैसे स्टूडेंट बहुत कम ही मिल पाते थे।
कॉलेज के बाद जब चेतन अपने घर पहुंचा, तो उसकी मम्मी ने उससे पूछा, “बेटा चेतन...! कैसा रहा तेरा पहला दिन उस कॉलेज मे?"
“अरे मां तू दिन कैसा गया वो छोड़, ये बताता हूं की कॉलेज कितना बड़ा है !” इतना कहते हुए चेतन अपनी मां को अपने कॉलेज के बारे मे बताने लगा।
चेतन से उसके कॉलेज का सुनकर तो उसकी मां हैरान रह गई। वो दोनो बैठ कर बातें कर ही रहे होते हैं की तभी चेतन के पापा भी काम से घर आ जाते हैं। चेतन और उसकी मां को बात करता देख उसके पापा उन दोनो से पूछते हैं, “अरे भाई क्या बात हो रही है दोनो मां बेटे मे ? मुझे भी बताओ जरा।”
“अरे पापा मैं मम्मी को अपने नये कॉलेज के बारे मे बता रहा था की मेरा नया कॉलेज कैसा है !" चेतन ने मुस्कुराते हुए अपने पापा से कहा।
“अच्छा तो ये बात है ! बेटा तेरे कॉलेज के बारे मे तो मुझे भी जानना है। मुझे भी बता कुछ अपने कॉलेज के बारे मे।” चेतन के पापा ने उससे पूछा। इसके बाद चेतन ने अपने कॉलेज के बारे मे अपने पापा को भी बताया।
चेतन से उसके कॉलेज के बारे मे जान लेने के बाद उसके पापा ने उसको समझाते हुए कहा, “देख बेटा, वहां पर सिर्फ अपनी पढ़ाई और अपने खेल पर ध्यान देना। गलती से भी वहां के किसी बच्चे से मत उलझना। और अगर कभी ऐसा समय आ भी गया, तो आगे होकर उनसे माफी मांग लेना।"
चेतन के पापा अच्छे से जानते थे की SIIE कॉलेज कितना बड़ा कॉलेज था, और वहां पर कितने बड़े बड़े घरों के बच्चे पढ़ने आते थे। उनको इस बात की खुशी तो बहुत थी की उनके बेटे का उस कॉलेज मे एडमिशन हो गया था, लेकिन उनको इस बात की चिंता भी थी की कहीं किसी कारण से उनके बेटे पर किसी तरह की मुसीबत ना आन पड़े।
अपने पापा की बात सुनकर चेतन मुरकुराते हुए उनसे बोला, “आप चिंता मत कीजिए पापा, मैं ऐसा कुछ भी नही करूंगा जिससे किसी को मेरे वजह से कोई दिक्कत हो।”
चेतन अपने पापा मम्मी से बात कर ही रहा था की तभी घर के बाहर से किसी की आवाज आई, “अरे प्रकाश भाई ! शांति भाभी ! कोई घर पर है या नही ?"
‘ प्रकाश ’ चेतन के पापा का नाम था और ‘ शांति ’ उसकी मम्मी का नाम। इस आवाज को सुनते ही चेतन अपनी जगह से खड़ा हुआ और फिर दरवाजा खोला तो देखा, उनके पड़ोसी मनमोहन वर्मा वहां पर खड़े थे। चेतन ने उनको देख कर मुस्कुराते हुए कहा, “अरे मनमोहन अंकल आईये।"
“अरे बेटा चेतन ! मैने सुना है तेरा एडमिशन समृद्धि इंटरनेशनल कॉलेज मे हो गया ?" मनमोहन ने हैरान निगाहों से चेतन को देखते हुए पूछा।
मनमोहन का सवाल सुनकर चेतन मुस्कुराते हुए बोला, “जी अंकल, आपने सही सुना। अभी कुछ दिन पहले ही मेरा एडमिशन वहां पर हुआ है।" इसके बाद मनमोहन घर के अंदर आया और चेतन के मम्मी पापा से बात करने लगा।
“अरे प्रकाश भाई ! मुझे एक बात समझ नही आई, जिस कॉलेज मे हम जैसे लोग अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना तक नही देख सकते , उसमे चेतन को एडमिशन कैसे मिल गया ? और उससे भी बड़ी बात, आप उसकी कॉलेज की फीस कैसे भरेंगे ?” मनमोहन ने हैरानी से चेतन के पापा को देखते हुए उनसे पूछा।
इससे पहले की चेतन के पापा उनसे कुछ कहते, चेतन बीच मे आया , और उन्हें सब कुछ बताने लगा। चेतन से सब कुछ जान लेने के बाद मनमोहन उसको समझाते हुए बोले, “बेटा चेतन वहां के बच्चों से संभलकर रहना। सभी जानते हैं की उस कॉलेज मे सिर्फ अमीर घरों के बच्चे ही पढ़ने जाते हैं। देखना कहीं किसी से उलझ मत जाना।"
मनमोहन की बात सुनकर चेतन के पापा ने उनसे कहा, “मनमोहन भाई अभी थोड़ी देर पहले मैं भी उसको यही समझा रहा था।” थोड़ी देर बात करने के बाद मनमोहन अपने घर चला गया।
अगले दिन जब चेतन सारी classes खत्म होने के बाद ट्रेनिंग हॉल मे कुश्ती की ट्रेनिंग ले रहा था तब वहां पर राहुल अपने दोस्तों के साथ पहुंच गया। उसने अपने दोस्तों को पहले ही बता दिया था की चेतन को उनके कॉलेज मे उसके कुश्ती के खेल की ही वजह से एडमिशन मिला था।
राहुल से चेतन के बारे मे जानकर उसके दोस्तों का भी ये देखने का मन हो रहा था की आखिर चेतन इतना कितना अच्छा था कुश्ती मे जो उसको इतनी आसानी से इतने बड़े कॉलेज मे एडमिशन मिल गया ?
जब उन लोगों ने चेतन की कुश्ती देखी, तो वो लोग भी हैरान रह गए। उनको तो यकीन ही नहीं हो रहा था की चेतन कुश्ती मे इतना अच्छा होगा ! अब जाकर उनको उसके इस कॉलेज मे एडमिशन मिलने के पीछे का कारण समझ आया।
कुछ दिनों बाद हर साल की तरह SIIE कॉलेज इस साल भी "Intercollegiate Sports Competition" मे हिसा लेने वाला था। और यही नहीं, इस साल का “ Intercollegiate sports competition ” SIIE मे ही होने वाला था। इस sports competition मे बहुत से अलग अलग कॉलेजों के बच्चे भाग लेने वाले थे।
“Intercollegiate sports competition” होने मे बहुत कम समय बाकी था। चेतन पूरे जोर शोर से अपने competetion की तैयार मे जुट गया था। उसके कोच भी उसपर खास ध्यान दे रहे थे। उनको उससे बहुत उम्मीदें थी।
चेतन जब अपनी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अपने घर के लिए निकल रहा था, तब उसके कोच दामोदर दुबे के पास बास्केटबॉल टीम के कोच आकर खड़े हो गए। वो चेतन को जाते हुए देख दामोदर दुबे से बोले, “क्या बात है डूबे सर ! बहुत जोर शोर से कॉम्पिटिशन की तैयारी चल रही है ? वैसे ये बताइए, आपको पक्का यकीन है की ये लड़का कुश्ती कंपटीशन जीत पाएगा ?"
“देखिए अग्रवाल जी मैं पक्का तो ये नही कह सकता की ये लड़का इस कॉम्पिटिशन को जीत पाएगा या नहीं ? लेकिन इतना यकीन से कह सकता हूं की अगर ये इस कॉम्पिटिशन मे जीता नही पाया तो पहले सेमेस्टर में ही कॉलेज से बाहर जरूर कर दिया जायेगा।" दामोदर डूबे ने उस बास्केटबॉल कोच से इतना कहा और फिर वो दोनो हंसने लगे।
चेतन को उस कॉलेज मे एडमिशन देने के पीछे का कारण यही था की वो उनके कॉलेज को कुश्ती कॉम्पिटिशन मे जीत दिला सके। क्योंकि उनका कॉलेज अधिकतर स्पोर्ट्स मे अच्छा था, लेकिन हर साल कुश्ती कंपटीशन मे हार जाता था। यही कारण था की उन्होंने चेतन को इस कॉलेज मे एडमिशन दिया था। वहीं चेतन को तो इस बात की भनक भी नही थी की अगर वो इस कॉम्पिटिशन मे हार गया, तो उसको कॉलेज से भी निकाल दिया जायेगा।
SIIE कॉलेज मे पहले भी कई बार ऐसा हो चका था। वो लोग किसी आम परिवार के लड़के या लड़कियों को तभी एडमिशन देते थे जब वो किसी स्पोर्ट्स मे अव्वल होते थे। जब कभी भी वो अपने कॉलेज की जीता नही पाते थे, उनको कोई ना कोई वजह बताकर कॉलेज से निकाल दिया जाता था। इतना ही नहीं, इस कॉलेज से निकलने के बाद उनको दूसरे कॉलेजों मे एडमिशन मिलना भी मुश्किल हो जाता था।
जल्द ही intercollegiate sports competition का दिन भी आ गया। बहुत से colleges के स्टूडेंट्स इस कॉम्पिटिशन मे भाग लेने के लिए आए हुए थे। वहीं चेतन भी अब पूरी तरह से तैयार था।
Intercollegiate sports competition मे बारी बारी सभी खेल होने के बाद अब बारी थी कुश्ती कॉम्पिटिशन की। चेतन पूरी तरह से तैयार बैठा था। रेफरी के इशारे के बाद चेतन कुश्ती के रिंग मे जाकर खड़ा हो गया। उस रिंग मे उसका opponent पहले से ही खड़ा था। वो दिखने मे चेतन से भी ज्यादा हट्टा कट्टा लग रहा था।
रेफरी की सिट्टी बजते ही कुश्ती का खेल शुरू हो गया। दोनो खिलाड़ी एक दूसरे पर दाव लगाने की कोशिश करने मे लगे हुए थे। सभी लोग बड़े गौर से कुश्ती देख रहे थे। अचानक से चेतन पर सामने वाला खिलाड़ी दाव लगाने की कोशिश करता है, लेकिन चेतन पलटकर उसपर ही दाव लगा देता है। जिससे उसको 2 point मिल जाते हैं। इसके थोड़ी ही देर बाद चेतन का opponent खिलाड़ी भी उसपर दाव लगाकर दो points ले जाता है।
दोनो खिलाड़ी एक दूसरे पर पूरा जोर लगाने मे लगे हुए थे। अचानक से चेतन उस खिलाड़ी पर एक दाव लगाकर उसको पटक देता है जिससे उसको 5 प्वाइंट मिल जाते हैं। अब सभी को लग रहा था की अब तो चेतन हो जीतेगा। लेकिन अभी भी कुश्ती खत्म होने मे काफी समय बचा था ।
कुछ देर के बाद चेतन का opponent , चेतन पर दाव लगाकर और 2 point हासिल कर लेता है। अभी भी चेतन ज्यादा प्वाइंट के साथ बढ़त बनाए हुए था। इसके कुछ सेकेंड के बाद चेतन का opponent उसपर दाव लगाने ही वाला होता है की तभी रेफरी की सीटी बज जाती है, और मैच वहीं पर खत्म हो जाता है। चेतन ने उस मैच को जीतकर ये साबित कर दिया था की जिस वजह से उसको इस कॉलेज मे एडमिशन देने का फैसला किया गया था, कॉलेज का वो फैसला बिल्कुल सही थी।
कॉम्पिटिशन के बाद सभी लोग चेतन को जानने लगे थे। लेकिन इसके बावजूद भी पूरे कॉलेज मे एक भी स्टूडेंट ऐसा नही था जो चेतन को पसंद करता हो। उनके हिसाब से वो उस कॉलेज मे पढ़ने लायक नही था।
कुछ दिनों बाद कॉलेज के exam शुरू हो गए। Exam के पहले दिन ही चेतन को कुछ ऐसा पता चला , जिसने उसको हिला कर रख दिया। जब वो exam का पहला पेपर देकर क्लास रूम से बाहर निकल रहा था, तब उसने कुछ लोगों को बातें करते सुना। चेतन एक कोने मे छुपकर उनकी बातें सुनने लगा।
“सर ये लीजिए 5 लाख रूपये, ध्यान रखिएगा, नंबर देने मे कोई कमी ना हो।" एक स्टूडेंट एक प्रोफेसर को पैसे देते हुए कह रहा था।
“अरे तुम उसकी चिंता मत करो। वैसे मैंने सुना है की तुमने राठी सर को एक पेपर के 6 लाख रूपये दिए हैं !" उस प्रोफेसर ने उस स्टूडेंट से कहा। चेतन एक तरफ छुपकर ये सब देख और सुन रहा था। उसको लगा की वो लोग जो कर रहे थे वो गलत था, इसलिए उसने अपने मोबाइल से उनकी वीडियो बना ली।
जैसे ही उन लोगों की बात खत्म हुई, वो लोग वहां से चले गए। चेतन को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की इतने बड़े और प्रतिष्ठित कॉलेज मे ये सब भी होता है। चेतन वहां से थोड़ा आगे चला ही था की उसने किसी और को भी इसी तरह की बातें करते हुए सुना। इसके बाद वो वहीं पर छिप गया। उसने जब उन लोगों को देखने की कोशिश की, तो वहां पर 3 प्रोफेसर खड़े थे, और राहुल उनके सामने खड़ा था।
चेतन ने जब राहुल को उन professors को पैसे देते हुए देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। उसको पहले तो लग रहा था की इस कॉलेज मे एक दो ही ऐसे प्रोफेसर होंगे। लेकिन यहां का नजर देख कर वो समझ चुका था की यहां पर पढ़ाई किस तरह से हो रही थी।
चेतन उनकी वीडियो बनाने के बाद वहां से जाने को ही था की तभी राहुल की बात सुनकर उसके कदम अपने आप रूक गए। “डूबे सर...! मुझे ये चेतन बिल्कुल भी पसंद नही है। आप कुछ ऐसा करो जिससे उसको इस कॉलेज से निकाला जा सके। ऐसे फटिचरों को तो कॉलेज के आस पास भी भटकने नही देना चाहिए।" राहुल ने एक प्रोफेसर से कहा।
“अरे राहुल तुम तो जानते हो की उसको इस कॉलेज मे किस वजह से एडमिशन दिया गया है। हमारा कॉलेज पिछले कई सालों से दूसरे कॉलेजों के स्टूडेंट्स से कुश्ती कॉम्पिटिशन मे हारता आ रहा है, जबकी कुश्ती हमारे कॉलेज का मैन स्पोर्ट है। अगर वो अभी हुए intercollegiate sports competition मे नही जीतता, तो उसको भी उन स्टूडेंट की तरह कॉलेज से बाहर कर दिया जाता जिनको उनके हुनर के बेस पर कॉलेज मे एडमिशन मिला था, और जब वो अच्छा रिजल्ट नही दे पाए तो उन्हे कॉलेज से बाहर निकाल दिया गया।” दुबे सर ने हंसते हुए राहुल से कहा।
दुबे सर की ये बात सुनकर चेतन की आंखे फटी की फटी रह गई। अब उसको समझ मे आ रहा था की इस कॉलेज का इतना नाम कैसे हुआ था।
दुबे सर की पूरी बात सुनने के बाद राहुल बोला, “ये बात तो आपने बिलकुल सही कही सर। पापा ने मुझे इस बारे मे एक बार बताया था की ये कॉलेज ऐसे स्टूडेंट्स की तलाश करता है जो sports मे अव्वल हों और इस कॉलेज का नाम ऊंचा कर सके, और जब वो स्टूडेंट ऐसा नही कर पाते तो उनको कॉलेज से निकाल दिया जाता है। मैने तो ये भी सुना है की उन पर कुछ ना कुछ इल्जाम लगा कर उनको blacklist तक कर दिया जाता है !"
“तुमने सही सुना है राहुल, अब तक जितने भी ऐसे स्टूडेंट्स को कॉलेज से निकाला गया है, उनको blacklist कर दिया गया है। यहां से निकलने के बाद उनको किसी भी कॉलेज मे एडमिशन नही मिलता।" डूबे सर ने राहुल से कहा। डूबे सर की इस बात ने चेतन को हिला कर रख दिया। उसने तो कभी सोचा भी नही था की इतने बड़े कॉलेज मे ऐसा घोटाला चल रहा था।
चेतन और वो professors वहां से जाने को ही थे की तभी राहुल को ऐसा लगा जैसे कोई छुपकर उनकी बातें सुन रहा है। उसने उन प्रोफेसरों को वहां से जाने के लिए कहा, उसके बाद अपने दोस्तों को इशारा कर दिया। उसका इशारा मिलते ही उसके दोस्त इधर उधर देखने लगे। इससे पहले की वो चेतन को देख पाते, चेतन उनसे बचते हुए वहां से निकल गया।
“राहुल भाई लगता है आपको कोई गलतफैइमी हो गई थी। यहां पर तो हमारे अलावा और कोई भी नही है।” राहुल के एक दोस्त ने उससे कहा।
“चलो ठीक है, चलो अब यहां से चलते हैं।” राहुल ने अपने दोस्तों से कहा, उसके बाद वो लोग भी वहां से चले गए।
घर पहुंचकर चेतन ने अपने पापा मम्मी को पूरी बात बताई और उन्हें वो वीडियो भी दिखाए जो उसने रिकॉर्ड किए थे। चेतन के पापा मम्मी को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की इतने बड़े कॉलेज मे इस तरह का घोटाला चल रहा था ।
अगले दिन चेतन उन videos के साथ सीधा प्रिंसिपल के पास पहुंचा गया। उसने वो videos प्रिंसिपल को दिखा दिए। प्रिंसिपल भी वो videos देखकर हैरान नजर आ रहे थे। उन्होंने उन videos को देखने के बाद चेतन से पूछा, “चेतन बेटा, इस बारे मे और किस किस को पता है ?”
“सर इस बारे मे सिर्फ मुझे ही पता है, और मैने इस वीडियो को आपके अलावा किसी को नही दिखाया।" चेतन ने प्रिंसिपल से कहा।
“अच्छा बेटा इस वीडियो की कोई कॉपी तो नही बनाई न तुमने ! क्योंकि अगर कॉपी बनाई है तो तुम मुसीबत मे फंस सकते हो। बहुत बड़े बड़े लोग इस कॉलेज के साथ जुड़े हुए हैं। इन सबूतों की वजह से वो तुम्हारे पीछे पड़ सकते हैं।” प्रिंसिपल ने चेतन को समझाते हुए पूछा।
“नही सर इस वीडियो की कोई भी कॉपी नहीं है।" चेतन ने प्रिंसिपल से कहा।
चेतन की बात सुनने के बाद प्रिंसिपल ने उससे कहा, “अच्छा बेटा तुम ये मोबाइल मेरे पास छोड़कर जाओ, इस सबूत की मदत से मैं उन सभी को सजा दिलवाऊंगा जो इन सब घोटालों मे शामिल हैं।"
“जी ठीक है सर।” चेतन ने प्रिंसिपल से कहा, उसके बाद प्रिंसिपल ने उसको वहां से जाने के लिए बोल दिया। चेतन अपना मोबाइल वहीं छोड़कर वहां से चल गया। उसको यकीन था की उसके इस सबूत की वजह से ये घोटाले बंद हो जाएंगे , और आगे कभी भी ऐसा कुछ नही होगा।
चेतन के वहां से आने के बाद प्रिंसिपल सर ने अपने ऑफिस के लैंडलाइन फोन से किसी को फोन करके अपने ऑफिस मे आने के लिए कहा। कुछ ही देर के बाद वहां पर wrestling coach दुबे वहां पर आ गए। प्रिंसिपल सर ने दुबे सर को गुस्से से देखते हुए कहा, “तुम लोगों की वजह से ये कॉलेज कहीं का नही रहेगा। तुम लोगों को छोटा सा काम दिया गया था वो भी तुमसे ठीक से नही हुआ ! तुम एक काम करो, आज के आज अपना इस्तीफा दे दो।"
प्रिंसिपल की बात सुनकर और उनको इतने गुस्से मे देखकर दुबे सर ने घबराते हुए उनसे पूछा, “बात क्या है सर ! आप ऐसे अचानक मुझे इस्तीफा देने के लिए क्यों बोल रहें हैं ? मुझसे कोई गलती हो गई है क्या ?"
दुबे सर का सवाल सुनकर प्रिंसिपल सर ने उनकी तरफ चेतन का फोन सरकाते हुए गुस्से मे कहा, “तुम पहले इस फोन मे जो वीडियो है वो देखो, तुम्हे खुद पता चल जायेगा की मैं तुम्हे इस्तीफा देने के लिए क्यों बोल रहा हूं।"
प्रिंसिपल सर के कहने पर जब दुबे सर ने चेतन के फोन मे वो videos देखी, तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई। अब उसको पता चला की प्रिंसिपल सर उसपर इतने गुस्सा क्यों थे। उससे पहले की वो प्रिंसिपल सर को कोई सफाई देते, प्रिंसिपल सर ने उनके हांथ से वो फोन लेते हुए कहा, “तुम्हारा ये फैलाया हुआ रायता अब मुझे साफ करना होगा। तुम अब बस एक काम करो, कोई ऐसा वजह पैदा करो जिससे चेतन को इस कॉलेज से blacklist करके निकाला जा सके। और ये काम जल्द से जल्द हो जाना चाहिए।"
“जी ठीक है सर, मैं जल्द से जल्द करता हूं।" दुबे सर ने प्रिंसिपल से कहा। इसके बाद प्रिंसिपल सर ने उनको वहां से जाने के लिए कह दिया।
अगले दिन जब चेतन कॉलेज जाने के लिए घर से निकलने ही वाला था की तभी उसने देखा, एक पुलिस की गाड़ी उसके घर के सामने आकर रूक गई। पुलिस वाले गाड़ी से उतरे और चेतन के पास आकर बोले, “मिस्टर चेतन, आपको अपने कॉलेज के important documents चोरी करने के इल्जाम मे गिरफ्तार किया जाता है।"
“पर सर मैने तो ऐसा कुछ किया ही नहीं, मैं तो उल्टा उस कॉलेज मे हो रहे घोटाले का पर्दाफाश करना चाहता था। सर मेरा विश्वास कीजिए, मैने उन घोटाले के सबूत भी कॉलेज के प्रिंसिपल सर को दिए थे।" चेतन ने उस पुलिस वाले से कहा।
“तुम्हारे नाम की रिपोर्ट प्रिंसिपल सर ने ही लिखवाई है। अब तुम्हे जो भी कहना है वो पुलिस स्टेशन चलकर कहना।" पुलिस वाले ने चेतन से इतना कहकर उसको हथकड़ी पहना दी।
“साहब मेरे बेटे ने ऐसा कुछ भी नही किया। वो तो उस कॉलेज मे चल रहे गलत काम को रोकना चाहता था।” चेतन की मां ने उस पुलिस वाले से कहा, लेकिन उस पुलिस वाले ने चेतन की मां की एक नही सुनी, और चेतन को गाड़ी मे बिठाकर पुलिस स्टेशन जाने के लिए निकल गया।
वहीं दूसरी तरफ SIIE कॉलेज के प्रिंसिपल अपने ऑफिस मे कुछ लोगों के साथ बैठ कर बात कर रहे थे। उनके साथ कोच दुबे भी बैठे हुए थे। “बहुत शोक था ना उस चेतन को हमारे कॉलेज का पर्दाफाश करने का। अब वो जेल की सलाखों के पीछे सड़ता रह जायेगा।" प्रिंसिपल सर ने अपने साथ बैठे लोगों को देखते हुए कहा और फिर हंसने लगे। उनके साथ बैठे सभी लोग उनके साथ हंसने लगे।
अचानक से प्रीसिपल सर ने हंसना बंद करके कोच दुबे को देखते हुए कहा, “डूबे...! आजके बाद याद रखना की ऐसी गलती फिर कभी नही होनी चाहिए। और आगे से ऐसे किसी को एडमिशन दो तो इस बात का खयाल रखना की उनको हमारे कॉलेज की इस बात का पता बिल्कुल ना चले।"
“जी सर, मैं आगे से इस बात का ध्यान रखूंगा।” कोच दुबे ने प्रिंसिपल से कहा। यहां ये लोग इस बात की खुशी मना रहे थे की उनके कॉलेज का भांडा फूटने से बच गया, वहीं दूसरी तरफ पुलिस स्टेशन मे चेतन पुलिस वालों को बोल बोलकर थक चुका था की वो बेकसूर है, उसने ऐसा कुछ नही किया। लेकिन पुलिस वाले उसकी एक भी सुनने को तैयार नहीं थे।
चेतन ने एक पुलिस वाले को देखते हुए पूछा, “सर क्या मैं एक फोन कर सकता हूं ?"
चेतन की बात सुनकर उसके सामने बैठे पुलिस वाले ने चेतन को उसके पास मे रखे फोन की तरफ देखते हुए फोन करने का इशारा कर दिया। चेतन ने वहां रखे फोन से किसी का नंबर डायल किया और फिर बोला, “मैने तुझे जो करने के लिए कहा था ना, वो करने का समय आ गया है। अभी के अभी वो कर दे।" इतना कहने के बाद चेतन ने फोन रख दिया।
फोन पर बात करने के बाद चेतन के चेहरे पर अचानक से एक अजीब सी मुस्कान आ गई। जब उसको ऐसे मुस्कुराते हुए उस पुलिस वाले ने देखा, तो उसने उससे पूछा, “तू तो ऐसे मुस्कुरा रहा है जैसे तुझे अभी कोई बड़ी खुशखबरी मिलने वाली हो ?"
“सर थोड़ी देर इंतजार कीजिए, आप भी खुश हो जाओगे ।” चेतन ने उस पुलिस वाले से कहा, और फिर वहां चल रही टीवी की ओर देखने लगा।
थोड़ी ही देर के बाद टीवी पर एक ऐसी news चलने लगी जिसको देखकर चेतन उस पुलिस वाले से बोला, “सर आपने पूछा था ना की मैं वैसे क्यों मुस्कुरा रहा था ? वो देखिए news मे, आप खुद समझ जाओगे।"
चेतन की बात सुनकर उस पुलिस वाले ने news मे जो देखा, उसको देखकर उसकी आंखे फटी की फटी रह गई। News पर वो वीडियो दिखाया जा रहा था जो चेतन ने अपने मोबाइल से कॉलेज मे रिकॉर्ड किया था। इतना ही नहीं, उसके आगे ये भी दिखाया गया की चेतन ने कैसे प्रिंसिपल को अपने पास मौजूद सबूत दिए थे और प्रिंसिपल ने उसको भरोसा दिलाया था की वो उस कॉलेज मे चल रहे घोटाले का पर्दाफाश करके रहेंगे।
असल मे चेतन को इस बात का शक था की इन घोटालों का पर्दाफाश करने के चक्कर मे वो भी फंस सकता था, इसलिए उसने एक पेन कैमरा से अपनी और प्रिंसिपल सर की बात की भी वीडियो बना ली थी। आगे जाकर ऐसी नौबत ना आए इसलिए उसने पहले ही उन सभी videos की कॉपी बना ली थी, और अपने खास दोस्त को वो videos देकर समझाया था की अगर ऐसा कुछ हुआ तो वो उन videos को सोशल मीडिया पर वायरल कर दे। और उसके दोस्त ने ऐसा ही किया। जैसे ही उसको पता चला की पुलिस ने चेतन को पकड़ लिया है, उसने वो सभी videos सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
कुछ ही मिनटों मे पूरे प्रदेश ने उन videos को देख लिया। जिस कॉलेज का इतना नाम था, अब उसका नाम मिट्टी में मिल चुका था। पूरे प्रदेश के साथ साथ पूरे देश को उस कॉलेज की हकीकत पता चल चुकी थी की कैसे वो लोग टैलेंटेड बच्चों को फ्री एडमिशन देते थे, और काम निकल जाने पर ब्लैकलिस्ट करके कॉलेज से बाहर निकाल देते थे।
SIIE कॉलेज के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद जैसे ही news channels को पता चला की जिस चेतन सोलंकी ने इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया था उसको पुलिस ने पकड़ रखा है, तो उन सभी के reporters ने एक साथ मिलकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। उसी समय बहुत से बड़े बड़े पुलिस अधिकारियों के उस पुलिस स्टेशन मे फोन आने लगे। उन्होंने जल्द से जल्द चेतन सोलंकी को रिहा करने के लिए कहा।
चेतन को जैसे ही पुलिस ने छोड़ा, और जब वो पुलिस स्टेशन से बाहर आया, उसको news reporters ने घेर लिया। उनके पूछने पर चेतन ने उनको बताया की कैसे SIIE कॉलेज इतने सालों से ऐसा घोटाला करता आ रहा था। वो टैलेंटेड बच्चों को फ्री एडमिशन देते थे, और फिर जब वो स्टूडेंट अच्छा परफॉर्मेंस नही दे पाते थे तो उनको ब्लैकलिस्ट करके कॉलेज से निकाल दिया जाता था।
एक अकेले चेतन ने वो कर दिखाया था जो कोई और इतने सालों मे नही कर पाया था। इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने की वजह से चेतन सोलंकी रातों रात पूरे देश मे फेमस हो चुका था। उसको इस काम की वजह से सरकार की तरफ से पुरस्कार भी दिया गया।
स्कूल और कॉलेजों को हम शिक्षा का मंदिर मानते हैं। पढ़ाई का महत्व केवल अच्छे नंबर पाने तक ही सीमित नहीं है। यह व्यक्ति के जीवन को दिशा देता है, सोचने-समझने की शक्ति बढ़ाता है, और समाज में एक सफल और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करता है। पढ़ाई से हमें ज्ञान मिलता है, जो हमारे व्यक्तित्व को निखारता है और हमारे भविष्य को उज्जवल बनाता है। लेकिन समय के साथ साथ पढ़ाई एक व्यापार भी बन चुका है। बहुत से स्कूल कॉलेजों मे फीस इतनी ज्यादा होती है की हर किसी के लिए इन स्कूल और कॉलेजों मे पढ़ना मुम्किन नही। और अगर अच्छे स्कूल से पढ़कर ना निकले हों, तो अच्छे कॉलेज मे एडमिशन नही मिलता। और यदि अच्छे कॉलेज से पढ़ाई ना की हो, तो नौकरी भी मिल पाना मुश्किल हो जाता है।