डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 38 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 38

अब आगे,

 

अपनी सौतेली बहन रीना की आवाज सुन कर अब रूही रसोई घर में ही खड़ी होकर अपनी सौतेली बहन रीना से कहने लगी, "हां, अभी लाती हु...!"

 

अब रूही ने अपने सगे पिता अमर के लिए खाने की प्लेट लगाने के बाद वही रखी हुई मेज पर ही रख दिया और अब रूही की सौतेली बहन रीना ने अपनी सगी मां कुसुम को आवाज लगाते हुए उन से कहा, "मां, इधर तो आना, तुम को कुछ दिखाना है..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "एक मिनट, रुक जा पहले मै चाय छान लू...!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब रूही की सौतेली बहन रीना ने फिर से अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "अरे आओ तो सही कुछ बहुत बढ़िया सा दिखाना है तुम्हे...!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब की बार रूही की सौतेली मां कुसुम ने धीरे से रूही से कहा, "सुन पहले अपने बाप के लिए चाय छान ले और उस के बाद मेरी सगी बेटी रीना के लिए एक गिलास ठंडा पानी लेकर आ..!"

 

अपनी सौतेली मां कुसुम की बात सुन कर अब रूही ने अपना सिर हां मे हिला दिया और वही अब रूही की सौतेली मां कुसुम अपनी सगी बेटी रीना के पास पहुंच गई और अपनी सगी बेटी रीना से पूछने लगी, "क्या हो गया है जो तू, मुझे इतनी जल्दी बुला रही थी..?"

 

अब रूही ने अपने सगे पिता अमर के लिए एक कप में चाय छान ली और फिर उस को वहा रखी हुई मेज पर रात के खाने के साथ रख दिया और फ्रिज से ठंडे पानी की बोतल निकाल कर एक गिलास में अपनी सौतेली बहन रीना के लिए पानी निकल लिया..!

 

और अब रूही की सौतेली बहन रीना, अपनी सगी मां कुसुम को अपने स्मार्ट फोन पर किसी की वीडियो दिखा रही थी और साथ में अब रूही की सौतेली बहन रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "ये देखो ये है इंडिया के सबसे अमीर और मोस्ट बैचलर बिजनेसमैन जो आज हमारे बनारस में आए थे साथ में इनके साथ कितने सारे बॉडीगार्डस और ब्लैक बुलेट प्रूफ लक्जरी कार चल रही है...!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना के हाथ से उस का स्मार्ट फोन ले लिया और उस वीडियो को अच्छे से देखने लगी और साथ मे अब रूही की सौतेली मां कुसुम की आंखो में चमक आ गई और साथ मे अपनी सगी बेटी रीना से कहने लगी, "अगर ये आदमी (राजवीर) तेरी जाल में फंस जाए तो हमारी तो चांदी ही चांदी हो जायेगी...!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना भी हसने लगी और फिर रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से पूछा, "और ये लड़की कौन है जो इस आदमी के साथ मौजूद हैं और इस का चेहरा भी सही से नही दिख रहा है क्योंकि ये आदमी बिलकुल ही उस पर झुक सा गया है...!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर उस की सगी बेटी रीना ने अब अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "होगी कोई और मुझे तो लगता है इस लड़की ने ही जानबूझ कर ही कोई सीन क्रिएट किया होगा तभी तो खुद इतने बड़े "बिजनेसमैन द राजवीर सिंघानिया" ने इस लड़की को किस किया होगा वो भी सारे आम, साथ में ये सब बनारस के हाइवे वाली रोड पर ही तो हुआ है...!"

 

रूही की सौतेली बहन रीना ने अपनी बात कही ही थी कि अचानक से कुछ गिरने की आवाज आई जिसे सुन कर जब रूही की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना गुस्से से अपनी सौतेली बेटी और बहन रूही को ही घूर रहे थे क्योंकि रूही ने जिस हाथ में कांच का गिलास को पकड़ा हुआ था वो अब जमीन पर गिर चुका था..!

 

और ये सब होने की वजह सिर्फ और सिर्फ "राजवीर" ही था जिस की उस हरकत से रूही बहुत ज्यादा ही घबरा गई थी और इसी वजह से जब रूही ने अपनी सौतेली बहन रीना के मुंह से "राजवीर" के बारे मे सुना तो उस का दिमाग पूरी तरह से ब्लैंक ही हो गया..!

 

अब रूही की सौतेली मां कुसुम, अपनी सौतेली बेटी रूही को कुछ कहने ही वाली थी कि वहा रूही के सगे पिता अमर आ गए और अपनी सगी बेटी रूही को कांच वाली जगह से हटाते हुए उस से कहने लगे, "अरे मेरी बच्ची आज भी इतने छोटे से चूहे को देख डर गई, तू तो सच में आज भी बहुत डरपोक है...!"

 

अपनी बात कह कर रूही के सगे पिता अमर ने अपनी सगी बेटी रूही को हंसते हुए अपने गले से लगा लिया क्योंकि जब वो अपने कमरे से बाहर आए तो उन्होंने वहा सोफे के पीछे एक चूहे को जाते हुए देख लिया था...!

 

इसलिए ही उन को लग रहा था कि रूही ने चूहे को देख लिया तभी उस के हाथ में कांच का गिलास छूट कर गिर गया क्योंकि रूही को बचपन से ही चूहे से बहुत ज्यादा डर लगता है..!

 

और अब रूही के सगे पिता अमर ने अपनी सौतेली बेटी रीना से कहा, "रीना बेटा जल्दी से कांच के टुकड़े साफ कर दो नही तो किसी के भी लग जायेगा..!"

 

अपनी बात अपनी सौतेली बेटी रीना से कह कर अब उन्होंने अपनी सगी बेटी रूही से कहा, "आजा मेरी बच्ची रूही अब तू जल्दी से टीवी चालू कर जिस से मै पूरे दिन की खबरे एक देख सकू...!"

 

अपने सगे पिता अमर की बात सुन कर रूही अपने होश में वापस आ गई और टीवी चालू करने लगी, वही रूही की सौतेली बहन रीना बहुत ही गुस्से मे अपनी सौतेली बहन रूही को घूर रही थी..!

 

तो रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना को शांत करवाते हुए उस से कहा, "अभी उस करमजली के बाप को जाने दे उस के बाद तुझे उस के साथ जो करना है कर लेना मै तुझे नहीं रोकूंगी पर अभी अपनी गुस्से पर काबू रख..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब रूही की सौतेली बहन रीना ने कुछ नही कहा और और वो दोनो साथ मिल कर कांच के गिलास के सारे टुकड़े उठाने लगी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।