डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 15 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 15

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 15 

 

"तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी हो..!" 

अब आगे,

जब रिया ने कहा कि उसको रुद्रांश से कुछ खास चाहिए तो रिया की बात सुनकर अब रुद्रांश उसको प्यार से देखता है तो रिया उसको कसकर गले से लगा लेती हैं..!

सरला जी, पूरे सिंघानिया परिवार से कहती हैं,

" चलो अब सब जाकर अच्छे से तैयार होकर हॉल में आ जाओ..!"

सरला जी की बात सुनकर, रिया अब रुद्रांश से अलग हो जाती हैं और अपनी टॉवल लेकर बाथरूम की तरफ जाने लगती है जिसे देख समीर उसको रोकते हुए कहता है,

" अरे अपनी ड्रेस तो लेकर जा...!"

समीर की बात सुनकर, रिया देखती है कि उसने अपने कपड़े तो लिए ही नही है इसलिए अब पीछे आकर समीर के हाथ से अपने कपड़े ले लेती हैं और साथ में समीर को अपने दात दिखाते हुए वहा से भागकर बाथरूम में घुस जाती हैं..!

रिया की इस हरकत पर समीर अपने मन में कहता है,

" ये लड़की पूरी पागल है मगर तुम जैसी भी हो सिर्फ और सिर्फ मेरी हो..!"

अपनी बात कहकर समीर के चेहरे पर एक स्माइल आ जाती हैं जिसे वो जल्द ही छुपा भी लेता है, क्योंकि अभी रिया के कमरे में पूरा सिंघानिया परिवार जो खड़ा था..!

रिया के जाने के बाद, अब संजीव जी हंसते हुए सबसे कहते है,

" अरे चलो भई हम लोगो को भी तो तैयार होना है, नही तो फिर सुनाने लग जायेगी कि हम उसके बर्थडे के साथ साथ तैयार होना भी भूल गए..!"

संजीव जी की बात सुनकर, शिवानी जी अब संजीव जी को टोंट मारते हुए कहती है,

" हां, क्यू नही ये लड़की बिलकुल आप पर जो गई है..!"

शिवानी जी की बात सुन कर, संजीव जी उनसे हंसते हुए कहते है,

" हां तो भई वो मेरी ही बेटी है तो जाहिर सी बात है मुझ पर ही तो जायेगी ना..!" अपनी बात कहकर हसने लगते हैं..!

संजीव जी की बात सुनकर, अब शिवानी जी उनको घूरने लगती हैं..!

अब सरला जी, संजीव जी और शिवानी जी को ऐसे लड़ते झड़ते देखकर, उन दोनो से कहती है,

" अरे बस भी करो तुम दोनो, जब देखो लड़ना शुरू कर देते हो...!"

जब सरला जी, संजीव जी और शिवानी जी को सुना रही होती हैं तो वहा खड़े सिद्धार्थ, समीर, यश, अमृत और खुद विनोद जी भी मजे ले रहे होते है जिसे देख अब सरला जी उनको डाटते हुए कहती है,

" और तुम सब को क्या अलग से इन्विटेशन दू तब जाकर तैयार होंगे जाओगे..!"

सरला जी की बात सुनकर, अब सब अपने अपने कमरों की तरफ बढ़ जाते है पर संजना जी अभी भी वही पर खड़ी हुई होती हैं जिसे देख अब सरला जी उनसे पूछती है,

" क्या हुआ संजना, तुम इतनी उदास क्यों खड़ी हो...?"

सरला जी की बात सुनकर, अब संजना जी उनसे कहती है,

" मां आज सब मेरी बच्ची अपने ही घर में ऐसे चीखी तो मेरा दिल ही बैठ गया था और जब सिद्धार्थ ने यश को चाटा मारा तो मेरे दिल में किसी ने कुछ चुभु दिया ऐसा लगा, मै आज रिया के होश में आने पर खुश भी हु और यश के साथ ये सब होने की वजह से दुखी भी...!"

संजना जी की बात सुनकर, सरला जी उनसे कहती हैं,

" बेटा, जो होना था वो हो चुका है और हम उसको बदल भी नही सकते हैं शिवाए उसको अपनाने के या फिर भूल जाने के, इसलिए इन सब बातो को अपने दिमाग से निकल दो और जाकर रिया के बर्थडे पार्टी के लिए तैयार हो जाओ..!"

अपनी बात कहकर अब सरला जी भी अपने कमरे की तरफ चली गई और संजना जी अपने कमरे में चली जाती हैं..!

करीब आधा घंटे बाद,

रुद्रांश अभी तक सिंघानिया मेंशन के हॉल में अपने फॉर्मल थ्री पीस सूट में ही खड़ा हुआ होता है क्योंकि वो अपने कमरे में अपने कपड़े बदलने गया ही नहीं था..!

अब सरला जी अपने कमरे से निकल कर सीढ़ियों से उतरकर नीचे हॉल की तरफ आ रही होती हैं तो वो वहा रुद्रांश को खड़ा देखकर उससे कहती हैं,

" देखो रुद्रांश, रिया और यश दोनो की उम्र में ज्यादा अंतर नही है और ऊपर से यश भी अभी बच्चा ही है तो उस बात को भूल जाओ और वैसे भी तुम उसको सजा तो दे ही चुके हो जिस के खिलाफ पूरे सिंघानिया परिवार में से कोई भी नही गया क्यूंकि जाने अनजाने में ही सही मगर यश ने गलती तो की थी तो अब इस बात को यही पर खतम कर देना..!"

सरला जी की बात सुन कर, रुद्रांश उनसे कुछ नही कहता है क्योंकि वो भी इस बात को समझ रहा होता है कि यश ने ये सब रिया से अपना बदला लेने के लिए ही करा था जिसकी शुरुआत खुद रिया ने ही करी थी बस इसी वजह से अब रुद्रांश कुछ नही कहता है..!

अब तक पूरा सिंघानिया परिवार अपने सिंघानिया मेंशन के हॉल में खड़ा हो जाता है, और आज सब ने ब्लैक एंड व्हाइट कॉम्बिनेशन ड्रेस पहनी हुई होती है जिसमे सब एक से बढ़ कर एक सुंदर लग रहे होते है और रिया के अभी तक न आने पर, शिवानी जी, संजीव जी से कहती है,

" ये लो पूरा सिंघानिया परिवार यहां हॉल में आकर खड़ा हो चुका है और जिसका बर्थडे है वही नजर नही आ रही है...!"

शिवानी जी की बात सुनकर, संजीव जी उनसे कहते है,

" अरे भई आज मेरी बच्ची का बर्थडे है तो आज थोड़ा ज्यादा समय लगेगा न तैयार होना मे..!"

संजीव जी की बात सुनकर, शिवानी जी उनसे कहती हैं,

" आप तो रहने ही दो, जब देखो उसकी तरफदारी करते रहते हो..!"

अपनी बात कहकर शिवानी जी अपना मुंह बना लेती हैं वही उन्हे ऐसा करते देख संजीव जी हसने लगते हैं..!

तो अब देखेंगे कि जब रुद्रांश को पता चलेगा कि समीर, रिया को पसंद करता है तो उसका क्या रिएक्शन होगा और क्या समीर, कभी रिया को को अपना बना पाएगा या फिर वो, अभिमन्यु की ही होकर रह जायेगी..?

To be Continued.....

इस चैप्टर पर अपने लाइक करे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और साथ में इस नॉवेल पर अपने रिव्यू और रेटिंग देना न भूले और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी नॉवेल "डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ" अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।