किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 16 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 16

अब आगे,

अभय, जब तनवी के हाथ से फर्स्ट एड बॉक्स ले लेता है तो तनवी पहले उस को घूर के देखती है और फिर अभय से पूछती है,

" अब आप को क्या हुआ अभय भैया...?"

तनवी की बात सुन, अभय उस से कहता है,

" तुम, आकाश की मरहम पट्टी नही कर सकती हो...!"

अभय के बात सुन, वहा किसी को कुछ समझ नहीं आता है तो तनवी खड़े होकर और अपने हाथ बांधते हुए, अभय से पूछती है,

"अभय भैया, जरा आप बताएंगे कि मै क्यू नही कर सकती हूं आकाश भैया की मरहम पट्टी...?"

तनवी को ऐसे अपने हाथ बांधते देख, अभय जल्द से तनवी के हाथ को खोलते हुए उस से कहता है,

"बच्चा, क्योंकि तुम्हे तुम्हारे हाथ पर आकाश से भी ज्यादा चोट लगी है, और ऐसे में तुम अपनी मरहम पट्टी करवाने की बजाए अगर आकाश की मरहम पट्टी करोगी तो तुम्हे ही रात को अपने हाथो में ज्यादा दर्द होगा तो, फिर मुझसे मत कहना की मैने बताया नही...!"

अभय की बात सुन, तनवी सोफे पर वापस से बैठ जाती हैं और अब अभय खुद उस के हाथ पर मरहम पट्टी करने लगता है और साथ में राज से कहता है,

" और तुम, आकाश की मरहम पट्टी कर दो...!"

अभय की बात सुन, राज अपना सिर हां मे हिला देता है और आकाश की हाथ पर मरहम पट्टी करने लगता है..!

अभय, तनवी के हाथ की मरहम पट्टी करते हुए सोच रहा होता है,

"अभी कुछ देर पहले मुझे क्या हो गया था क्या मुझे आज अपने ही पी ए आकाश से जलन हो रही है जिस तरह मुझे हॉस्पिटल में राज से हो रही थी, पर ये आज से पहले कभी क्यू नही हुआ...!"

अभय को कुछ समझ में ही नही आ रहा होता है तभी तनवी, उस के चेहरे के आगे अपना दूसरा हाथ हिला रही होती है और साथ में उस से कहती है,

" क्या हुआ, अब किस के ख्यालो मे खो गाए आप...!"

तनवी के ऐसे करने से अभय अपनी सोच से बाहर आ जाता हैं और तनवी से कहता है,

" कुछ भी तो नहीं...!"

अभय की बात सुन, तनवी उस से कहती है,

" क्या भैया आप बता क्यू नही देते हो कौन है वो लड़की जो आप को पसंद आ गई और बार बार आप उस के ख्यालों में खो जाते हो...!"

तनवी की बात सुन, अब राजपूत विला के हाल में खड़े सारे लोग अभय को देखने लगते है और जब अभय को अपने ऊपर इतने लोगो की नजर महसूस होती हैं तो वो, तनवी से कहता है,

" क्या अब भूख नही लग रही है तुम्हे, जिस के लिए तुम ने मुझे काम तक करने नही दिया था...!"

अभय की बात सुन, तनवी चिड़ते हुए कहती हैं,

" काम, काम और काम इसके अलावा भी जिंदगी होती हैं अभय भैया और आप दुपहर से रात होने को आ गई आप का वो थोड़ा सा काम पूरा नहीं हुआ....!"

अब तनवी, अभय को डाटते हुए उस से कहती है,

" और दुनिया के लोगो की जिंदगी में थोड़ा सा काम होता है और आप के काम में थोड़ी सी जिंदगी है...!"

तनवी से डाट खाने के बाद, अभय का मुंह देखने लायक होता है और अभय के पी ए आकाश, पर्सनल बॉडीगार्ड राज और ड्राइवर रवि का हसने का दिल कर रहा होता है..!

वही अभय उन तीनो को अपनी खा जाने वाली नजरो से देख रहा होता है। तो वो तीनो अपना सिर नीचे कर लेते हैं..!

तनवी को देखने के बाद, अभय उस से कहता है,

" हो गया तुम्हारा तो खाना खाए या ऐसे ही भूखे पेट सोने का इरादा है...!"

अभय की बात सुन, तनवी उस से कहती है,

" अरे नही मुझे बहुत तो बहुत भूख लगी है...!"

और अब तनवी सोफे पर से खड़ी हो जाती हैं और अभय का हाथ पकड़ कर डाइनिंग टेबल तक जाने लगती है..!

थोड़ी आगे बड़ी ही होती हैं तो तनवी रुक जाती हैं जिसे देख अभय उस से कुछ पूछ पता उस से पहले ही तनवी, पीछे मुड़ कर आकाश, राज और रवि को देखते हुए उन से कहती है,

"अब आप लोगो को क्या हुआ है जल्दी से आ जाओ आप तीनो, नही तो खाना ठंडा हो जायेगा फिर खाने में मजा नही आयेगा और आज हम सब एक साथ डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खायेंगे...!"

तनवी की बात सुन, आकाश, राज और रवि तीनो एक दूसरे का चेहरा देखने लगते है और उन्हे अपने कानो पर विश्वास ही नहीं होता है कि क्या सच में तनवी उन तीनो को अपने साथ बैठ कर खाने को बोल रही है, जब की तनवी को नौकरों का अपने साथ बैठना तो दूर पास खड़ा होना भी मंजूर नहीं था...!

वो तीनो अपने अपने सोच मे ही होते है कि तनवी, अभय को देखते हुए कहती हैं,

" अब इन तीनों भैया को भी आप की जैसी ही बीच बीच में खो जाने की आदत लग चुकी है पर आप अपने ख्यालों में जाते हो तो समझ में आता भी है पर अब ये तीनों भी अपने अपने ख्यालों में चले गए हैं तो इस का मतलब आप तीनो ने भी मेरे लिए....!"

तनवी आगे बोल पाती उस से पहले ही आकाश, रवि और राज एक साथ चिल्लाते हुए कहते है,

"न...नही....!"

उन तीनो को ऐसे चिल्लाता देख अभय तो अपना हाथ मुंह पर रख कर हंस रहा होता है। और तनवी उन तीनो को घूर के देख रही होती है जैसे कह रही हो एक छोटी सी खुशी नही दे सकते हैं ये सब भैया मुझे...!

तनवी का चेहरा देख, अभय हंसते हुए तनवी से कहता है,

" चले अब, खाना खाने...!"

अपनी बात कहकर अभय डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ जाता हैं और अभय की बात सुन, अब तनवी अभय के पीछे पीछे चलने लगती हैं और तनवी के पीछे पीछे आकाश, राज और रवि जाने लगते है..!

अब वो पांचों डाइनिंग टेबल के पास पहुंच जाते है और अब अभय डाइनिंग टेबल की किंग साइज कुर्सी पर बैठ जाता हैं और तनवी, आकाश को साथ लेकर अभय के लेफ्ट साइड में बैठ जाती हैं..!

और राज और रवि अभी भी खड़े हुए होते है तो तनवी, राज और रवि की तरफ देखते हुए कहती है,

" आप दोनो अभी भैया के राइट साइड की कुर्सी कर बैठ जाओ...!"

तनवी की बात सुन, राज उस से पूछता है,

" ये अभी भैया कौन है, तनवी मैम...!"

तनवी को तनवी मैम बोलने पर आकाश अब राज को देख रहा होता है..!

राज की बात सुन, तनवी उस से थोड़े गुस्से से कहती है,

" पहली और आखरी बार आप तीनो को समझा रही हु, अब से आप मुझे तनवी मैम की जगह तनवी ही बुलाओगे, समझ लो जितनी जल्दी समझ सकते हो...!"

तनवी उन सब से ही आगे कहती है,

" और दूसरी बात कि मैंने अभय भैया को निक नेम दिया है अभी भैया क्योंकि ये मुझे बच्चा बच्चा कहकर बुलाया करते हैं और अब से मै उनको अभी भैया ही कहकर बुलाया करूंगी...!"

तनवी की बात सुन कर, अभय तनवी को देखता ही रह जाता हैं तो तनवी उस से पूछती हैं,

" अब क्या हो गया है जो मुझे देख रहे हो...!"

तनवी की बात सुन, अभय उस से कुछ नही कहता है क्योंकि अभय अब तक ये तो समझ चुका था कि वो अपनी बहन से बातो में नही जीत सकता है इसलिए बस चुप चाप खाना खाने लगता हैं..!

तो अब आगे क्या क्या करने वाली हैं तनवी...? और क्या तनवी को कभी पता चलेगा कि अभय किस के बारे मे अपने पर्सनल डायरी में लिखता है..?

To be Continued....❤️✍️


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