किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 15 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 15

अब आगे,

तनवी ने 3 तक गिनती बोली ही होती हैं कि वो उस तेज धार वाले चाकू को अपने हाथ पर रखने ही वाली होती हैं और वो जैसे ही अपने आप को चोट पहुंचाने वाली ही होती हैं तभी अभय, तनवी का नाम चिल्लाते हुए, आकाश का हाथ छोड़ कर चार कदमों में ही अपना और तनवी की दूरी पूरी करते हुए उस के पास पहुंच जाता हैं और उस के हाथ से तेज धार वाला चाकू लेकर दूर फेक देता है और उस पर गुस्सा करते हुए कहता है, "पागल हो गई हो तुम, अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो...!"

अभय के ऐसे गुस्से से चिल्लाने से तनवी की आंखो में अंशु आ जाते है और वो किसी मासूम बच्ची की तरह रोने हुए अभय से कहती है, " आप बहुत बुरे हो भैया, और आप ने मुझे डाटा...!"

तनवी को देख, अभय हंसते हुए तनवी को अपने गले से लगा लेता है और उस से कहता है, "बच्चा, जब काम ही तुम डाट खाने वाले करोगी तो मैं भी क्या कर सकता हु, बताओ मुझे...!"

अभय, तनवी से आगे कहता है, "और खबरदार तुम ने आज के बाद ऐसी कोई भी हरकत करी भी तो, मुझ से बुरा कोई नही होगा...!"

अभय की बात सुन कर, तनवी उस की बात पर चिड़ते हुए धीरे से कहती है, " आप से बुरा कोई है भी नहीं...!"

वैसे तो तनवी ने धीरे से ही बोला था मगर अभय ने उस की बात सुन ली थी इसलिए अब वो तनवी को घूर रहा होता है और जब तनवी, अभय को अपने आप को घूरता देखती है तो तनवी, अभय को अपने दात दिखाने लगती है और फिर उस से मासूम से शकल बनाते हुए कहती है, "अब मेरे हाथ में दर्द हो रहा है, पट्टी बांध दो...!"

तनवी की बात सुन, अभय कुछ देर तक तनवी को घूर के देखता है और फिर अपने पर्सनल बॉडीगार्ड से कहता है, " राज, जाओ जाकर फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आओ...!"

अभय की बात सुन, राज भाग कर फर्स्ट एड बॉक्स लेने चला जाता है और फिर अभय, तनवी से कहता है, "आज तुम ने जो किया है आज के बाद कभी मत करना क्योंकि इस दुनिया में तुम ही मेरा सब कुछ हो, और मैं, तुम्हे कभी भी खोना नही चाहता हु...!"

अभय की बात सुन, तनवी उस से कहती है, " अच्छा ठीक है आज के बाद मै ऐसा कभी नहीं करूंगी मगर आप को मेरी सारी बाते माननी पड़ेगी और कोई भी बात को टाल नही सकते हो, समझ में आया आप को...!"

तनवी की बात सुन, अभय उस को ऐसे ही हां नही कर सकता था क्योंकि अगर उस ने ऐसा किया तो तनवी उस को फिर कही भी जाने ही नही देगी और खास कर जब उस को अपनी इंपोर्टेंट मीटिंग के लिए दिल्ली जाना है तो वो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता है इसलिए वो, तनवी से कहता है, "मै, तुम्हारी वो ही बाते मानूंगा जो मानने लायक होंगी, समझ में आया तुम्हे...!"

अभय की बात सुन, अब तनवी, अभय को घूरने लगती हैं तो अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वही राजपूत विला में मौजूद सारे नौकर तनवी की हरकत से ही अब तक सदमे से बाहर नही आए थे और वही अभय को मुस्करा कर देखने से तो वो सभी लोग डबल शॉक हो जाते है।

और अब तक अभय का पर्सनल बॉडीगार्ड राज फर्स्ट एड बॉक्स ले आता है और अभय को देने लगता है वही तनवी, अभय से दूर हट कर अब भाग के आकाश के पास पहुंच जाती हैं और उस के हाथ को धीरे से पकड़ कर देखने लगती हैं तो वो, अभय से कहती है, " अभय भैया, आप ने कितनी जोर से आकाश भैया का हाथ पकड़ा था, देखो पूरा लाल हो गया है और आप की उंगलियों के निशान तक छाप से गए हैं....!"

अब तनवी, आकाश को राजपूत विला के हॉल में बड़े बड़े सोफे होते है उस पर बिठाते हुए आकाश से कहती हैं, " क्या आकाश भैया, महादेव ने आप के पास बस तनवी मैम, जी बॉस बोलने के लिए ही आवाज दी है जो बस यही बोलने के लिए अपना मुंह खोलते हो और जब अभय भैया आप का हाथ इतनी जोर से पकड़ रहे थे तो मुंह में दही जमा रखा था...?"

आकाश, तनवी की बात का जवाब देता उस से पहले ही तनवी, आकाश से दुबारा कहती है मगर थोड़े गुस्से के साथ धमकाते हुए कहती हैं, " और हां, एक बात आप अच्छे से अपने दिमाग में बैठा लो, और अगर अब आप ने मुझे तनवी की जगह तनवी मैम बोला ना तो आज जिस सीढ़ियों से आप को बचाने के लिए खुद को चोट लगा ली है, तो कल उसी सीढ़ियों से खुद धक्का दे दूंगी, समझ में आया या नहीं....!"

तनवी की धमकी सुन, अभय भी हैरान रह जाता हैं जो लड़की अभी इतनी फिकर दिखा रही थी कि आकाश को बचाने के लिए खुद के चोट पहुंचा ली फिर आकाश के लिए ही अभय से लड़ गई और फिर आकाश के लिए ही अपने आप को दुबारा से चोट पहुंचाने तक के लिए तैयार हो गई और अब वो ही आकाश को धमखा भी रही है।

आकाश अपने मन में कहता है, "सही मे तनवी मैम बहुत ज्यादा ही बदल गाई है अपनी याददाश जाने पर और अब से मुझे तनवी मैम के सामने खुद को तनवी मैम बोलने से रोकना पड़ेगा, नही तो पता चले मै ही अगले दिन हॉस्पिटल में नजर आऊं...!"

आकाश को अपने ख्यालो मे देख, तनवी उस के चेहरे के सामने हाथ हिलाने लगती है और उस से कहती है, " कहां खो गए आकाश भैया, और जो मैंने कहा उस को याद रखना, ठीक है...!"

तनवी की बात सुन, आकाश अपने ख्यालो से बाहर आता है और अपना सिर झट से हां मे हिला देता है। तो तनवी, अब आकाश के गाल पकड़ के खींचने लगती हैं और उस से कहती है, " गुड बॉय...!"

तनवी के ऐसे करने से अभय, राज, रवि और खुद आकाश की चेहरे पर ही मुस्कान आ जाती हैं और वही लोग बस तनवी को हैरानी से देख रहे होते है क्योंकि उन्हे नही पता है कि तनवी की याददाश चली गई है शिवाए अभय के पर्सनल बॉडीगार्ड राज, ड्राइवर रवि और पी ए आकाश को छोड़ कर...!

अब तनवी, अभय के पर्सनल बॉडीगार्ड राज को देखती है और उस से कहती है, " राज भैया, आप मुझे फर्स्ट एड बॉक्स दे दो...!" तनवी की बात सुन, राज उस को फर्स्ट एड बॉक्स दे देता है।

और अब तनवी खुद फर्स्ट एड बॉक्स में से दवाई निकल कर आकाश के हाथ पर लगाने लगती हैं जिस से अभय को पता नही क्या होता है कि वो तनवी के साथ से दवाई के कर राज को पकड़ा देता है जिस से तनवी उस से कहती है, "अब आप को क्या हुआ...?" और अभय, आकाश को घूर के देख रहा होता है।

क्या हुआ होगा अभय को जो तनवी को के साथ ऐसा क्या होगा ? और अब अभय, आकाश को क्यू घूर के देख रहा होगा...?

To be Continued....❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी नोवेल और अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।