डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 25 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 25

अब आगे,

शिवानी का राजवीर को ऐसे छूने से उस का गुस्सा अब अपनी लिमिट क्रॉस कर चुका होता है, और वही शिवानी का पति राहुल शर्म से पानी पानी हो रहा होता है वो उस मीटिंग हॉल से बाहर जाना चाहता है वही राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव उस को पकड़े हुए होता है।

वही शिवानी, राजवीर से कहती है, " मै तो तुम्हारी दीवानी हु, ये राहुल तो तुम तक पहुंचने का एक जरिया मात्र है बस, और मै आप बस तुम्हारी होना चाहती हू, वो भी पूरी तरह से...!"

अब राजवीर, राहुल से कहता है, "लगता है तू अपनी बीबी को खुश नही रख पा रहा है..?"

वही राहुल ने जब सुना कि शिवानी ने उस का इस्तेमाल किया है वो भी राजवीर तक आने के लिए तो वो, शिवानी से कहता है, " तुम मेरे साथ ऐसा केसे कर सकती हो, जबकि तुम ने खुद ही तो मुझे प्रपोज्ड किया था...!"

शिवानी, राजवीर के बहुत करीब खड़ी थी और राजवीर उस को कुछ नही कह रहा होता है तो शिवानी, राहुल से कहती है, " हां, किया मैने तुम्हारा इस्तेमाल, राजवीर तक पहुंचने में तो क्या हुआ और वैसे भी राजवीर, तुम से बहुत ज्यादा अमीर और बहुत बड़ा बिजनेसमैन है, तुम्हारी तो इस के सामने कोई औकात भी नही है...!"

अपनी ही बीबी शिवानी की बात सुन, राहुल राजवीर से कहता है, " मिस्टर राजवीर सिंघानिया, मै तुम से एक बात कहना चाहूंगा कि इस औरत को इस की औकात जरूर से दिखा देना क्योंकि जो मेरी न हो सकी जिस के लिए मैने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, वो तुम्हारी क्या ही हो जायेगी...!" और अपना हाथ राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव से छुड़ा कर उस मीटिंग हॉल से बाहर निकल जाता है।

राहुल के ऐसे कहने से शिवानी को कोई फर्क नही पड़ता है और वो राजवीर से कहती है, " चलो ना कही बाहर चलते हैं बेबी...!"

शिवानी के ऐसे कहने से ही राजवीर का खून खौल रहा होता है वो कुछ बोलता उस से पहले ही राजवीर का दोस्त अभय प्रताप सिंह गुस्से से राजवीर से कहता है, "यार तेरे को इस के साथ जो करना है जल्दी कर हमें बनारस के लिए भी निकालना है और मै इस की नौटंकी देख देख कर थक चुका हु...!" अपनी बात कहकर अभय वही कुर्सी पर बैठ जाता हैं।

अभय की बात सुन, राजवीर अपनी पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहता है, " लगता है इस से इसकी जवानी संभल नही रही हैं तो जरा इस का उपचार तो कर दो...!"

राजवीर की बात सुन, उस का पर्सनल बॉडीगार्ड देव उस की बात समझ जाता है और उस के एक कॉल पर कुछ बॉडीब्यूल्डर आदमी वहा आ जाते है और राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव उन से कहता है, " ले जाओ इस को यहां से और जब मन भर जाए तो भूखे शेर के आगे छोड़ देना...!" अपनी बात कहकर राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव, शिवानी को धाका दे देता है।

और जब शिवानी ने राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव की बात सुनी होती हैं तो उस के होश ही उड़ जाते है और वो रोते हुए राजवीर से कहती है, " प्लीज राजवीर मेरे साथ ऐसा मत करो...!"

शिवानी बोले जा रही होती हैं वही उस मीटिंग हॉल में खड़े राजवीर को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा होता है पर राजवीर का दोस्त अभय प्रताप सिंह गुस्से से राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहता है, " अरे जल्दी मेरी आंखो के सामने से इस को हटा ले नही तो...!"

राजवीर के दोस्त अभय प्रताप सिंह की बात सुन, राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव वहा से अपने बॉडीब्यूल्डर आदमियों को वहा से शिवानी को घसीट कर के जाते है।

अब राजवीर, अपने पी ए दीप से कहता है, " मै फ्रेश हो कर आता हूं तुम बनारस चलने के लिए सारी तैयारियां कर लो...!

राजवीर की बात सुन, उस का पी ए दीप उस से कहता है, " ओके बॉस...!"

वही दूसरी तरफ, बनारस में, रूही का घर,

रूही की सौतेली बहन रीना, अपनी मां कुसुम के कहने पर बाथरूम में पड़े कपड़े छत पर सुखाने के लिए लेने चली जाती हैं वही जब वो अपने घर के बाथरूम में पहुंचती हैं तो वहा रखे कपड़ो को देख गुस्से से अपने आप से कहती है, " ये इतने सारे कपड़ो को वो बूढ़ा (रूही के पिता अमर) मुझ से कह रहा था कि बस थोड़े से ही कपड़े है..!"

जबकि वहा ज्यादा कपड़े नही रखे हुए थे और बस रूही के मां कुसुम और उस के खुद के ही सारे कपड़े थे और रूही तो इतने सारे और इस से भी ज्यादा ही कपड़ो को रोज ही धोकर छत पर सुखाने जाती और फिर लेकर भी आती और फिर प्रेस करके रखा भी करती थी।

To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।