डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 17 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 17

अब आगे,

राजवीर की बात सुन, अभिमान और तनवी, राजवीर के केबिन से निकल जाते है और बाहर आकर तनवी, अभिमान से कहती है, "भाई, मुझे लगता है आप राजवीर भैया के लिए कोई लड़की ढूंढनी पड़ेगी, नही तो वो ऐसे ही काम करते करते अपनी पूरी जिंदगी निकल देंगे...!"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है, "हां, और पर भाई की शादी नही हुई तो फिर मेरा नंबर केसे आएगा...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस को टोंट मारते हुए कहती है, "घर बसा नही और लुटेरे पहले ही आ गए...!"

अभिमान को तनवी के कहने का मतलब समझ नही आता है और वो उस से पूछता है, "मतलब क्या है तेरा..?"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से कहती है, "पहले कोई लड़की राजवीर भैया को पसंद तो आने दो तब कही जाकर हम उनकी शादी करवा पाएंगे...!"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है, " हां, ये बात तो है और कोई भी लड़की भाई को सिर्फ देखने भर से पसंद कर सकती हैं पर हमारे भाई को कोई लड़की पसंद आ जाए वो बहुत बड़ी बात होगी...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं, "वही तो, और मै सोच रही हूं कि किसी डेटिंग साइट पर राजवीर भैया का बायोडाटा डाल देते है...!"

तनवी की बात सुन, अभिमान के तो होश ही उड़ जाते हैं और वो थोड़ा तेज आवाज में तनवी से कहता है," पागल हो गई है क्या...!" उस के ऐसे कहने से राजवीर के ऑफिस का पूरा स्टाफ उस को ही देख रहा होते है।

तो अभिमान, तनवी को अपने केबिन में ले जाता है और उस से कहता है,"तुझे पता भी है तूने अभी क्या कहा है और अगर इस बारे मे भाई को कुछ भी पता चला ना तो तेरा तो पता नही पर मुझे जरूर से मार देंगे...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से कहती हैं," क्या भाई आप भी इतना क्यू डर रहे हो और वैसे भी आप को बस मेरे साथ डेटिंग साइट पर राजवीर भैया का बायोडाटा डालना है और जो भी लड़की हम दोनो को प्रोफाइल वाइज अच्छी लगेगी उस के एक लिस्ट बना लेंगे...!"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है," माना हम ये भी कर लेंगे पर उन को किसी भी लड़की के साथ डेट पर जाने के लिए तैयार केसे करेंगे, अब बता मुझे...?"

अभिमान की बात सुन, तनवी इतराते हुए उस से कहती हैं,"वो सब आप मुझ पर छोड़ दो, क्योंकि मै राजवीर भैया की जान जो हु, और वो मेरी बात कभी नही टालेंगे...!"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है, "तो फिर ठीक है उस से पहले मेरी एक शर्त है...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से पूछती हैं, "कैसी शर्त...?"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है, "पहले तुम्हे मेरी फाइल प्रोजेक्ट कंप्लीट करवाना होगा फिर ही तो मै अपने काम से फ्री होकर तुम्हारी मदद कर पाऊंगा ना...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से पूछती है, " पर मै तो एक आर्ट्स स्टूडेंट हु और आप ने एमबीए करा है तो मै आप की क्या मदद कर पाऊंगी...?"

तनवी की बात सुन, अभिमान उस से कहता है, "टाइपिंग तो आती है ना तुझे बस वही करना है तुझे..!"

अभिमान की बात सुन, तनवी उस से कहती है, "ठीक है, अब राजवीर भैया के लिए इतना तो कर ही सकती हु...!"

तनवी की नौटंकी देख, अभिमान उस से कहता है, "बस बस बहुत हुआ, चल अब मेरे साथ काम करने मे लग जा क्योंकि बहुत काम पढ़ा हुआ है...!"

अभिमान की बात सुन, तनवी एक गहरी सांस लेती है और उस के साथ काम करवाने में लग जाती हैं।

वही दूसरी तरफ, रूही का घर,

आज रूही के पापा अमर अपने घर आए हुए थे और वो सुबह सुबह ट्रैफिक ना होने की बजाए से जल्दी ही आ जाते हैं। और उनके ऑफिस का काम भी जल्दी ही खतम हो गया था। जब उन्होंने शर्मा निवास का दरवाजा होता है तो उन्हे उनके घर के बाहर बनी छत पर जाने की सीढ़ियों से पानी आता हुआ दिखता है तो वो अपना सामान शर्मा निवास की दहलीज पर ही रख कर सीढ़ियों से छत की ओर बढ़ जाते है।


To be Continued......❤️✍️

इस चैप्टर पर अपने रिव्यू दे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी कहानी अगला एपिसोड सिर्फ मातृभारती पर।