सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 3 Tripti Singh द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 3

बहुत देर तक भी जब अखंड नहीं चुप हुआ तो सभी लोग परेशान हो गए थोड़ी देर बाद बुआ जी में कुछ सोचा और फिर अखंड को अपनी गोद में लेकर बाहर आ गई फिर उन्होंने बाहर टहलते हुए ही त्रिवेणी की मामी जी के पास फोन मिला दिया थोड़ी देर तक रिंग जाने बाद के फोन उठा और उसके बाद मामी जी ने घबराते हुए तुरंत ही जल्दी-जल्दी बोलना शुरू कर दिया "नमस्कार बहन जी क्या हुआ आप लोग अभी तक बारात लेकर आए क्यों नहीं क्या हमसे कोई भूल हुई.... तभी बुआ जी ने मामी जी की बातों को बीच मे काटते हुए कहा "नहीं बहन जी ऐसी कोई बात नहीं है, वो दरअसल मैंने किसी और वजह से फोन किया है" बुआ जी ने धीरे से कहा तब कहीं जाकर मामी जी थोड़ी शांत हुई और उन्होंने कहा "जी बहन जी कहिए क्या बात है" बुआ जी थोड़ा हिचकीचाते हुए बोली "वो बहन जी मुझे त्रिवेदी बहू से कुछ बात करनी है। क्या आप थोड़ी देर के लिए बात कर सकती हैं मेरी," मामी जी ने जल्दी से कहा "हां बिल्कुल अब तो हमारी त्रिवेणी आपकी ही है भला पूछने की क्या जरूरत है मैं अभी फोन देती हूं उसे इतना कहकर मामी जी ने त्रिवेदी को आवाज देते हुए ही उसके पास पहुंच गई और, "कहा त्रिवेणी ले फोन बात कर तेरी बुआ सास है और अच्छे से बात करना"।


उसके बाद त्रिवेणी ने भी घबराते हुए फोन को कान से लगाया और बोली" ह.. हेलो जी प्रणाम बुआ जी बुआ जी ने कहा सदा खुश रहो और सदा सौभाग्यवती भवः इसके बाद त्रिवेणी ने थोड़ा घबराते हुए कहा "जी बुआ जी कहिए क्या बात करनी है आपको मुझसे" फिर बुआ जी ने धीरे से कहा "वह बहू मैं कह रही थी"........... कि तभी उनकी बात बीच में ही काटते हुए त्रिवेदी ने परेशान होते हुए कहा बुआ जी यह अखंड बच्चा रो क्यों रहा है क्या हुआ वह ठीक तो है ना" इधर बुआ जी त्रिवेदी की इस प्रतिक्रिया से बेहद खुश हो गई क्योंकि त्रिवेणी जो अखंड की रोने की आवाज सुनकर इतनी परेशान हो गई थी


फिर उन्होंने उसकी बात का जवाब देते हुए "कहा पता नहीं बहू इसे क्या हो गया है यह बहुत देर से ऐसे ही रोए जा रहा है हमने इसे चुप करने की बहुत कोशिश की लेकिन यह चुप ही नहीं हो रहा" त्रिवेदी ने कहा "शायद इसे भूख लगी हो बुआ जी" तब हुआ जी ने कहा नहीं बहू मैंने इसे दूध पिलाने की बहुत कोशिश की लेकिन यह वह भी नहीं पी रहा इतना सुनते ही त्रिवेणी और भी चिंतित और परेशान हो गई तभी बुआ जी ने अचानक ही कहा "बहू एक काम करो तुम इसे चुप कराने की कोशिश करो शायद चुप हो जाए त्रिवेदी ने कहा "लेकिन बुआ जी मैं कैसे यहां से"...... तभी बुआ जी ने कहा "अरे तुम वहीं से बोलो तुम्हारी आवाज सुनकर शायद ही चुप हो जाए फिर त्रिवेणी ने कुछ सोचते हुए कहा "जी बुआ जी" फिर बुआ जी ने फोन स्पीकर पर डाल दिया और त्रिवेदी को बोलने के लिए कहा फिर त्रिवेणी ने प्यार से बोलना शुरू किया "क्या हुआ मेरे बच्चे को क्यों रो रहा है चुप - चुप ऐसे नहीं रोते" त्रिवेदी अभी कह ही रही थी। कि तब तक अचानक ही अखंड का रोना बंद हो गया यह देखते इधर बुआ जी ने हैरानी से से फोन देखना शुरू कर दिया और उधर त्रिवेणी भी हैरान हो गई लेकिन फिर दोनों ही बहुत खुश हो गई,

फिर बुआ जी ने कहा "देखा इसीलिए मैंने तुम्हें फोन किया था कि शायद तुम्हारी आवाज सुनकर यह चुप हो जाए और देखो यह चुप भी हो गया" इधर त्रिवेणी भी उनकी बात सुनकर बहुत खुश हो गई।
बुआ जी ने फिर कहा "ठीक है बहू अब तुम भी जाओ और बारात के लिए तैयार हो जाओ हम भी बारात लेकर निकलते हैं और तुम्हें जल्दी से अपने घर लाना है क्योंकि अब से यह शैतान तुम्हारी ही सुनेगा और अब तुम्हें ही अपने बेटे को संभालना है"
इतना कहकर बुआ जी ने फोन रख दिया।

कुछ भी गलत हुआ हो तो माफी चाहूँगी। 🙏

यहां तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, कृपया रेटिंग अवश्य दे। 🙏