डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 10 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 10

अब आगे,

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "क्या जरूरत पड़ गई थी तुझे, राजू के मुंह लगने की, जबकि तुझे पता तो है, उस को लड़कियों का ज्यादा बोलना पसंद नहीं, फिर तू क्यों उस के सामने बातामीजी से बात कर रही थी..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर, उस की सगी बेटी रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "एक तो आप के उस लाडले बेटे राजीव ने मुझे चाटा मार दिया और ऊपर से मुझे सौतेली बोल रहा था और साथ में उस बदनसीब रूही से मेरी तुलना कर रहा था और तुम कह रही हो मैं उस से बातामीज़ी से बात कर रही थी..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर, अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "बेटा, मैने तुझे जन्म दिया है और बहुत अच्छे से जानती हूं, तूने कुछ तो कहा ही होगा मेरे राजू को नही तो वो ऐसा कभी करता और तू ही बता इस घर में वो करमजाली रूही भी तो रह रही है, राजू ने उस पर तो कभी भी हाथ नही उठाया बस हां, उस को परेशान जरूर से करता है और कभी कभी गलियां भी देता है पर उस ने कभी भी उस करमजली रूही पर हाथ नही उठाया है..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना ने गुस्से से झल्लाते हुए अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "हां तो मेरा मोबाइल बिना मेरी परमिशन के छू रहा था इसलिए अपने उस लाडले बेटे राजीव को बोला था बस और इतने में उस ने मेरे ऊपर हाथ उठा दिया, ये तक नही सोचा कि मैं उस की बड़ी बहन हू..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर, उस की सगी मां कुसुम ने अब अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "तो क्या हो गया अगर तेरे छोटे भाई राजू ने तेरा फोन छू भी लिया तो और तुझे मै आखरी बार कह रही हू, राजू से कम ही बोला कर, लड़की जात है तू, राजू के मुंह मत लगा कर, जो भी कहे बस चुप चाप कर दिया कर, और तू एक बात अच्छे से समझ ले ये मर्द जात का एक बार हाथ उठ जाता हैं न तो दुबारा उठाने में देर नहीं लगती इसलिए तू उस के मुंह कम ही लगा कर..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर, अब रीना ने गुस्सा करते हुए अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "अपने लाडले बेटे राजीव को डाटने के बजाए मुझे क्यों समझा रही हो और तुम शायद भूल रही हो मैं, तुम्हारी पहली और सगी औलाद हू..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर, अब उस की सगी मां कुसुम ने अब अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "अगर तुझे मैंने अपनी कोख से जन्म दिया है ना तो अपने बेटे राजीव को भी अपनी ही इस कोख से ही जन्म दिया है और साथ में तू तो एक दिन अपने घर ससुराल चली जायेगी मगर मुझे तो उस रूही के बाप और अपने सगे बेटे राजीव के साथ ही तो रहना है ना तो उस से तो बना कर रखनी पड़ेगी या फिर ये कहूं कि मेरा सगा बेटा राजीव ही तो मेरे बुढ़ापे का सहारा है और तेरे लिए मै अपने बुढ़ापे की लाठी को छोड़ तो नही सकती ना और इसलिए ही तो मैने उस करमजली रूही के बाप से शादी करी थी कि तेरी धूम धाम से शादी कर दूंगी, अपने बेटे राजीव की बहु ले आऊंगी और उस करमजाली रूही को जिंदगी भर के लिए अपने इस घर में ही नौकरानी बना कर रखूंगी..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "रखो अपने बुडापे का सहारा और अपनी उस नौकरानी रूही को अपने पास और मुझे कुछ रुपए दो मेरी दोस्त का आज जन्मदिन है और मुझे फेशियल करवाने भी जाना है क्योंकि आप के लाडले बेटे राजीव ने मेरे चेहरे का नक्शा ही बिगड़ के रख दिया है..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर,अब उस की सगी मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "अभी दो दिन पहले ही तो ब्यूटी पार्लर गई थी अब फिर जाना चाहती हैं..!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर, अब रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "हां तो क्या ऐसे जाऊंगी उस के जन्मदिन पर और उस के लिए कुछ गिफ्ट भी तो लेना पड़ेगा ना तो उस के भी अलग से रुपए दे दो..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर, उस की सगी मां कुसुम ने अब अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "ये ले पांच सौ रुपए इस से ज्यादा कुछ नही है मेरे पास अब, क्योंकि उन दो हजार रुपए में से यही बचे हैं मेरे पास, इस मे से ही अपना जो करवाना है वो करवा और अपनी दोस्त के लिए कोई सस्ता सा गिफ्ट ले लियो या फिर इतना मेकअप का सामान पड़ा हुआ है तेरे पास उस मे से ही कुछ कर लेना अपना मेकअप...!"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उस की सगी बेटी रीना जो रुपए मिल रहे थे वही ले लेती हैं क्योंकि उस को पता था कि अगर मना कर दिये तो जो मिल रहे है वो भी छीन जायेंगे.!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।