मूर्ख मेंढक मुरली
एक घने और सुंदर जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें तरह-तरह के जलचर और जीव रहते थे। इस तालाब में एक मजेदार और थोड़ा मूर्ख मेंढक रहता था, जिसका नाम था मुरली। मुरली अपने दोस्तों में सबसे अधिक शरारती और नटखट था, लेकिन उसकी मूर्खता के कारण अक्सर मुश्किल में पड़ जाता था। तालाब के सभी जीव उसकी हरकतों से परेशान रहते थे, लेकिन मुरली को अपनी मूर्खता का अहसास नहीं था।
### मुरली की मूर्खताएँ
मुरली को हमेशा कुछ नया और मजेदार करने का शौक था, लेकिन उसकी हरकतें अक्सर मूर्खता भरी होती थीं। एक दिन, मुरली ने सोचा कि वह उड़ने की कोशिश करेगा। उसने तालाब के किनारे एक पेड़ पर चढ़ने का फैसला किया और अपने पंखों की तरह अपने हाथों को फैलाकर कूदने लगा। लेकिन जैसे ही उसने कूद मारी, वह सीधे नीचे तालाब में गिर पड़ा और सबको हंसी आ गई।
"मुरली, तुममें पंख नहीं हैं, तुम उड़ नहीं सकते!" मछली मैना ने हंसते हुए कहा।
"हां, तुम सही कह रही हो। लेकिन मुझे लगा कि मैं कोशिश कर सकता हूँ," मुरली ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा।
### तालाब की परेशानी
तालाब में एक बड़ा संकट आने वाला था। गर्मियों का मौसम था और तालाब का पानी धीरे-धीरे सूख रहा था। सभी जीव चिंता में थे कि अगर पानी सूख गया तो वे कैसे जीवित रहेंगे। मछली, कछुए, बत्तख और सभी जलचर इस समस्या का समाधान खोजने में लगे थे। लेकिन मुरली को इस बात की कोई चिंता नहीं थी, वह अपनी ही दुनिया में मस्त रहता था।
### मुरली की नई योजना
एक दिन, मुरली ने सुना कि तालाब का पानी सूखने वाला है। उसे समझ नहीं आया कि इसे कैसे रोका जाए, लेकिन उसने सोचा कि वह तालाब के सभी जीवों को खुश कर सकता है। उसने सभी को बुलाया और कहा, "दोस्तों, मैं एक शानदार योजना लेकर आया हूँ। हम सब मिलकर तालाब में एक बड़ा सा नृत्य कार्यक्रम करेंगे और इससे पानी वापस आ जाएगा।"
सभी जलचर उसकी बात सुनकर हैरान हो गए। मछली मैना ने कहा, "मुरली, नृत्य से पानी वापस नहीं आएगा। हमें कुछ और सोचना पड़ेगा।"
लेकिन मुरली ने अपनी बात पर अड़ा रहा और तालाब के सभी जीवों को नृत्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मना लिया। सभी ने सोचा कि अगर नृत्य से कुछ नहीं भी हुआ, तो कम से कम थोड़ा मनोरंजन हो जाएगा।
### नृत्य का कार्यक्रम
मुरली ने तालाब के किनारे एक बड़ा मंच तैयार किया और सभी जीवों ने मिलकर नृत्य कार्यक्रम की तैयारी की। बत्तख, कछुए, मछलियाँ, और मेंढक सबने अपनी-अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। सभी ने खूब मजा किया और हंसी-मजाक का माहौल बन गया। लेकिन जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ, तालाब का पानी और भी कम हो गया।
### संकट का समाधान
नृत्य कार्यक्रम के बाद सभी जलचर एक बार फिर चिंता में थे। उन्होंने महसूस किया कि उन्हें अब असली समस्या का समाधान खोजना होगा। मछली मैना ने सुझाया कि वे तालाब के पास एक गहरा कुआं खोदें, ताकि पानी का स्रोत बना रहे और तालाब में पानी की कमी न हो।
सभी जलचर इस सुझाव से सहमत हो गए और उन्होंने मिलकर कुआं खोदना शुरू किया। मुरली भी इस बार अपनी मूर्खता को छोड़कर मेहनत में शामिल हो गया। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम किया और अपनी सारी ताकत लगाई।
### मुरली का बदलना
काम करते-करते मुरली को एहसास हुआ कि उसकी मूर्खताएँ दूसरों के लिए समस्या बन रही थीं। उसने सोचा कि अब उसे अपनी हरकतें बदलनी होंगी और सभी की मदद करनी होगी। उसने मेहनत से काम किया और अपने दोस्तों का समर्थन किया।
कुछ दिनों की मेहनत के बाद, सभी जलचर मिलकर एक गहरा कुआं खोदने में सफल हो गए। कुएं से पानी निकलने लगा और तालाब में पानी की कमी पूरी हो गई। सभी जलचर खुश थे और उन्होंने मिलकर मुरली की तारीफ की।
### मुरली की समझदारी
मुरली ने समझा कि उसकी मूर्खताएँ दूसरों के लिए समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। उसने तय किया कि अब वह अपनी हरकतों को समझदारी से करेगा और अपने दोस्तों की मदद करेगा। उसने सभी से माफी मांगी और वादा किया कि वह हमेशा सही काम करने की कोशिश करेगा।
### तालाब में खुशी
तालाब में एक बार फिर खुशी और समृद्धि लौट आई। सभी जलचर मुरली की समझदारी और मेहनत से खुश थे। मुरली ने साबित कर दिया कि वह भी समझदार और मेहनती हो सकता है। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर तालाब को सुरक्षित और सुंदर बनाए रखने का वादा किया।
### समाप्ति
मुरली की कहानी ने सभी को यह सिखाया कि हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए। मुरली ने अपनी मूर्खताओं को पीछे छोड़कर समझदारी और मेहनत से सभी की मदद की और तालाब में खुशी और शांति वापस लाने में सफल हुआ।
समाप्त।