जंगल का संघर्ष और सीख MB (Official) द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जंगल का संघर्ष और सीख

एक बार की बात है, एक विशाल और घने जंगल में बाघों और भालुओं के दो बड़े समूह रहते थे। दोनों समूह अपने-अपने क्षेत्रों में शांति से रहते थे, लेकिन उनके बीच हमेशा एक अनकही प्रतिस्पर्धा रहती थी। बाघ अपने बल और तेजतर्रारी के लिए जाने जाते थे, जबकि भालू अपनी ताकत और धैर्य के लिए प्रसिद्ध थे। 

### संघर्ष की शुरुआत

जंगल में सभी जानवर अपनी-अपनी जिंदगी शांति से बिता रहे थे, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने सबकी जिंदगी बदल दी। बाघों के समूह के मुखिया, राजा बाघराज, और भालुओं के समूह के नेता, भीम भालू, के बीच एक छोटा सा विवाद हुआ। यह विवाद जंगल के एक बड़े फलदार पेड़ को लेकर था, जो दोनों समूहों के क्षेत्र के बीच में स्थित था। 

बाघराज और भीम भालू दोनों ने उस पेड़ को अपने क्षेत्र का हिस्सा माना और इस पर अपने अधिकार का दावा किया। बात-बात में यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों समूहों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। दोनों पक्षों ने अपने-अपने सदस्यों को बुलाया और लड़ाई के लिए तैयार हो गए। 

### संघर्ष का चरम

एक दिन, दोनों समूह जंगल के मध्य में एक बड़े मैदान में आमने-सामने आ गए। बाघ और भालू दोनों अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार थे। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया। बाघ अपनी तेज धार वाले नाखूनों और दांतों से हमला कर रहे थे, जबकि भालू अपनी भारी ताकत और पक्की पकड़ से लड़ रहे थे।

यह संघर्ष कई दिनों तक चलता रहा और जंगल के बाकी जानवर भयभीत होकर यह सब देख रहे थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि इस लड़ाई का अंत कैसे होगा और किसकी जीत होगी। 

### एक बूढ़ा हाथी की समझदारी

जंगल के एक कोने में, एक बहुत ही बुद्धिमान और बूढ़ा हाथी रहता था, जिसका नाम था बुद्धिमान गणेश। गणेश ने इस संघर्ष को बहुत ध्यान से देखा और उसने सोचा कि अगर यह लड़ाई इसी तरह चलती रही, तो पूरा जंगल नष्ट हो जाएगा। उसने निर्णय लिया कि उसे कुछ करना होगा।

गणेश ने सभी छोटे और बड़े जानवरों को एकत्र किया और उन्हें समझाया कि इस संघर्ष का कोई लाभ नहीं है। उसने कहा, "अगर हम इसी तरह लड़ते रहेंगे, तो हमारे जंगल का सौंदर्य और शांति खत्म हो जाएगी। हमें इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कुछ करना होगा।"

### समाधान की ओर

गणेश ने सभी जानवरों को साथ मिलकर बाघराज और भीम भालू के पास जाने का प्रस्ताव दिया। उसने कहा कि हम सभी मिलकर उनसे बात करेंगे और इस समस्या का समाधान खोजेंगे। सभी जानवर गणेश की बात से सहमत हुए और वे सभी मिलकर बाघराज और भीम भालू के पास गए।

गणेश ने बाघराज और भीम भालू से कहा, "दोस्तों, इस लड़ाई का कोई अंत नहीं है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा। हम सभी इस जंगल के निवासी हैं और हमें मिलकर शांति और सद्भाव से रहना चाहिए।"

### संवाद और समाधान

गणेश की बातों ने बाघराज और भीम भालू के दिलों को छू लिया। उन्होंने समझा कि इस संघर्ष का कोई लाभ नहीं है और यह सिर्फ विनाश की ओर ले जाएगा। उन्होंने तय किया कि वे मिलकर इस समस्या का समाधान खोजेंगे। 

दोनों ने गणेश की बात मानी और सभी जानवरों के साथ मिलकर एक समाधान खोजने की कोशिश की। उन्होंने तय किया कि वे उस फलदार पेड़ को साझा करेंगे और उसका उपयोग सभी जानवरों के लिए करेंगे। इस तरह, उस पेड़ के फलों का आनंद सभी जानवर ले सकेंगे और कोई भी इस पर अकेले अधिकार नहीं करेगा।

### शांति और सद्भाव

इस समाधान ने जंगल में फिर से शांति और सद्भाव ला दिया। बाघराज और भीम भालू ने समझा कि सहयोग और समझदारी से ही समस्याओं का समाधान हो सकता है। उन्होंने अपने समूहों को भी यह सिखाया कि आपसी समझ और सहयोग से ही हम सभी एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जी सकते हैं।

### जंगल का पुनर्निर्माण

इसके बाद, जंगल के सभी जानवर मिलकर अपने जंगल का पुनर्निर्माण करने में जुट गए। उन्होंने मिलकर नए पेड़ लगाए, जल स्रोतों की देखभाल की और जंगल को फिर से सुंदर और हरा-भरा बना दिया। बाघ और भालू दोनों ने मिलकर अपने जंगल की रक्षा करने का संकल्प लिया और इस बात की गारंटी दी कि वे कभी भी एक-दूसरे से लड़ाई नहीं करेंगे।

### सीख और प्रेरणा

इस संघर्ष और समाधान ने जंगल के सभी जानवरों को एक महत्वपूर्ण सीख दी। उन्होंने समझा कि लड़ाई और संघर्ष से कुछ भी हासिल नहीं होता, बल्कि सहयोग और समझदारी से ही हम सभी सुखी और सफल जीवन जी सकते हैं। 

बाघराज और भीम भालू ने अपने अनुभव से सीखा कि अधिकार और ताकत का प्रदर्शन करना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना और मिलकर काम करना ही सच्ची शक्ति है। 

### समाप्ति

इस तरह, बाघों और भालुओं के संघर्ष ने पूरे जंगल को एक महत्वपूर्ण सीख दी और सभी जानवरों ने मिलकर शांति और सद्भाव से रहने का संकल्प लिया। 

गणेश की समझदारी और धैर्य ने सभी को यह सिखाया कि अगर हम एक-दूसरे की बात सुनें और समझदारी से काम करें, तो कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं होती कि उसका समाधान न हो सके। 

जंगल में फिर से खुशहाली और शांति का माहौल बना और सभी जानवरों ने मिलकर एक नया, सुंदर और हरा-भरा जंगल बनाया, जहां सभी जानवर मिलजुल कर सुख और शांति से रहते थे।

समाप्त।