कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 28 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • कोन थी वो?

    वो इक खाब है या हकीकत ये लफ्जों में बयान ना कर सकता है पता न...

  • क से कुत्ते

    हर कुत्ते का दिन आता है, ये कहावत पुरानी है,हर कोई न्याय पात...

  • दिल से दिल तक- 7

    (part-7)अब राहुल भी चिड़चिड़ा सा होने लगा था. एक तो आभा की ब...

  • Venom Mafiya - 1

    पुणे की सड़कों पर रात की ठंडी हवा चल रही थी। चारों ओर सन्नाटा...

  • बारिश की बूंदें और वो - भाग 6

    तकरार एक दिन, आदित्य ने स्नेहा से गंभीरता से कहा, "क्या हम इ...

श्रेणी
शेयर करे

कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 28

"कॉन्ट्रैक्ट मैरिज दिल जिद्दी


मॉल ...

सिराज सीसीटीवी कैमरे कि फुटेज पर अक्षा और माणिक मल्होत्रा को देख रहे थे और अपने वायरलेस वॉकी-टॉकी पर रणविजय से कॉन्टैक्ट कर बात कर रहा था ...

रणविजय इस वक्त मॉल के पार्किंग पर अपनी मर्सडीज जगुआर पर बैठे सिराज कि बात सुन रहा था ...

सिराज ने कहा " प्रेसिडेंट आप आ जाइए यहां सिर्फ स्टाफ के कुछ लोग हैं मैंने सारा इंतजाम कर दिया है...

माणिक मल्होत्रा श्रीजी को गोद में लिया था श्रीजी ने एक टॉय शॉप देखकर अपने डैड के गोद में उछलने लगी और तोतली भाषा में बोली" डैड वो देखो बहुत छे टॉय है ,मुझे भी न्यू टॉय चाहिए चलिए ना ,अक्षा श्रीजी को देखकर मुस्कुरा रही थी टॉय शॉप से पंद्रह बीस शॉप के बाद लेडिस वियर सेक्शन था और माणिक ने श्रीजी को ज़िद करते देखकर कहा " मिस अक्षा आप अपने लिए कपड़े देखो मैं श्री को टॉय दिला कर आता हुं ....


अक्षा मुस्कुरा कर सिर हिला दिया और जाने लगी ,अक्षा लेडिस सेक्शन के दरवाजे पर पहुंची थी रणविजय एलिवेटर से ऊपर आ गया और अक्षा पर नजर गया वो लेडिस सेक्शन में जा रही थी फिर वो भी गया ....


लेडिस सेक्शन बहुत बड़े हॉल में था और एक सेल्स गर्ल थी वो अक्षा को यहां के कलेक्शन के बारे में बात रही थी कि कुछ दूर पर अनारकली सूट कि कलर अक्षा को अपनी ओर आकर्षित किया और अक्षा उस सेल्स गर्ल को एस्क्यूसमी बोलकर वहां गईं ..

सेल्स गर्ल अन्य बिखरे हुए कपड़ों को एक जगह उठाकर रख रही थी तभी रणविजय अक्षा को देख कर उसके पास गया...

अक्षा मुस्कुरा कर खुद से बड़बड़ा रही थी " उम्म ये कलर मुझे अच्छा नहीं लगेगा पर इसकी वर्क बहुत अच्छा है और ये ब्लू का कपड़े का टेक्सचर अच्छा है पर ...उसे लगा कोई उसके पास खड़ा है जो उसे देख रहा है वो देखी और भौंचक्का हो गई और झट से कपड़ों के आड़ में खींच लिया और...

वो जैसे रणविजय को लेडिस सेक्शन में देखी अपने करीब खड़े हुए तो आश्चर्य से आंखें फैल गई और धीरे से बोली झिड़क कर" आप यहां ... फिर रणविजय को कोई ना देख सके इसलिए बहुत से लेडीज अनारकली सूट जिसे वो देख रही थी तो कपड़ों के बीच रणविजय के सीने पर हाथ रखकर धक्का दिया छुपाने के लिए ..

हां मैं.... अब मैंने फैसला कर लिया है हर दिन तुमसे मुलाकात करने कि , रणविजय मुस्कुराते हुए कहा

रणविजय के बात सुनकर अक्षा अपने आसपास देखी दूर खड़ी दो स्टाफ गर्ल आपस में बात करते हुए कपड़ों को तरतीब से मोड़ रही थी तो उसके तरफ से अक्षा राहत महसूस किया फिर अगले ही पल में वो आंखें फैलाकर प्रश्नों के बौछार लगा दी धीरे धीरे आवाज़ में " आप यहां क्यों आए हैं और भी जगह है मिलने के लिए , ऊपर से आज मॉल में भीड़ भी नहीं है आपको यहां मिस्टर माणिक ने देखा तो ठीक नहीं होगा , आप यहां से जाओ और क्यों रोज आपको मिलना है मुझसे मेरी प्रॉब्लम बढ़ाने के लिए उसकी भौंहें तन गई थी बोलते हुए ..

रणविजय के एकदम करीब खड़ी थी अक्षा रणविजय तो सिर्फ अक्षा को देख रहा था और सुन रहा था मुस्कुराते हुए आज उसे अक्षा को परेशान करने में मज़ा आ रहा था उसने फैसला करके आया था कि अब उसे वो कोई भी बुरी बात नहीं बोलेगा बस उसके रिश्ते का एहसास दिलाने के मकसद से वो मिलना चाहता था ,वो अक्षा के हिलते होंठों पर निगाह थी उस समय ....

तभी ...

स्टाफ सेल्स गर्ल अक्षा के तरफ आते पूछने लगी " मैम अगर वहां आपके पसंदीदा ड्रेस नहीं मिल रही है तो दूसरे सेक्शन चले ....

अक्षा स्टाफ सेल्स गर्ल को आते देखकर कपड़ों को देखते हुए बोली" नहीं मैं अभी देख रही हुं आप अपना काम कीजिए ,अक्षा एक हाथ से रणविजय को दीवार पर सट दिया था और खुद एक्टिंग कर रही थी कपड़े देखने कि ताकि स्टाफ सेल्स गर्ल को शक ना हो ....

श्रीजी के खिलखिला कर हंसने कि आवाज पास सुनाई दिया तो अक्षा और डर गई और रणविजय के एकदम करीब खड़ी हुई बोलते हुए " प्लीज़ यहां से जाओ माणिक सर सवाल करेंगे तो जवाब नहीं दे पाऊंगी आप मेरी मजबूरी क्यों नहीं समझ रहे है...!!

रणविजय और अक्षा एक दूसरे के गर्म सांसें महसूस कर रहे थे रणविजय तो खो गया था अक्षा के हिलते और लरजते होंठों पर वो धीरे से अपने दोनों हाथों को अक्षा के कमर पर रखा और अपने से सटा लिया ..

आज पहली बार दोनों इतने करीब थे जहां हवा आने जाने कि गुंजाइश ही नहीं थी

अक्षा का आंखें फैल गई और दिमाग काम करना बंद हो कर दिया रणविजय के छुने से , उसके शरीर मे झुरझरी उठी और दिल तेजी से धड़कने लगी आज पहली बार रणविजय उसके एकदम करीब था वो विशाल दिख रहा था ,अक्षा का होंठ कांप रही थी उसके मुंह से कुछ बोल नहीं फुटा ...


रणविजय झुका धीरे धीरे तो अक्षा आंखें बंद कर ली रणविजय मुस्कुरा कर कान के पास आया और कहा " कुछ हो रहा है क्या मेरे छुने से ....

अक्षा ने आंखें खोली ओह तो किस करने नहीं झुका था फिर बोली" मु...मु.. मुझे क्या होगा , नहीं मुझे कुछ भी फील नहीं हो रहा वो चेहरे को रणविजय के अपोजिट फेर लिया...!!

रणविजय अक्षा के गाल पर अपनी नाक रब करते हुए कहा" पर मुझे हो रहा है कि मैं तुम्हें कसकर गले लगा लूं और हमेशा हम ऐसे ही रहे हमारे बीच सब सही हो जाए इसलिए मिलने आया हुं कि लोगों को शक हो हम पर हमारे बीच चल क्या रहा है ,वो कुटिल मुस्कान दे रहा था...


तभी

माणिक आवाज देते हुए सेक्शन में आया " मिस अक्षा आपका ड्रेस सलेक्ट हो गया है तो चले ,वो धीरे-धीरे सेक्शन के अंदर आने लगा श्रीजी अपनी नई टॉय से खेलते हुए आ रही थी ...


अक्षा नू अब रोनी सूरत बना लिया वो खुद से बड़बड़ाई "ओह गॉड कहां फंस गई आज , वो भी बहुत बुरे तरीके से उसने आंखें मीच ली थी ..

रणविजय में मुस्कुरा रहा था अक्षा को देखकर वो तो चाहता है कि माणिक मल्होत्रा को उसके रिश्ते के बारे में पता चले ....



शेष अगले भाग में



प्लीज़ कमेंट करे अपनी ओपिनियन दीजिए

जय श्री कृष्णना 🙏