कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 27 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 27

रात आठ बजे माणिक मल्होत्रा के घर पर....

अक्षा श्रीजी छुपा छुपाई खेल रही थी जहां श्रीजी छुपी हुई थी और अक्षा ढूंढ रही थी, श्रीजी चुपके से लिविंग हॉल में आई और सोफे के पीछे छिप गई अक्षा इस रूम से उस रूम तो कभी पर्दे के पीछे श्रीजी को ढूंढ रही थी..." टनटनान...श्री ... यहां भी नहीं है...

श्रीजी अपना मुंह हाथ में दबाए हंस रही थी और अक्षा कि आवाज सुन रही थी ...

उसी समय माणिक मल्होत्रा घर आया और जब अंदर आया लिविंग हॉल में तो पहली नजर श्रीजी पर पड़ी जो छुपे हुए मुंह में हाथ दबाए हंस रही थी फिर माणिक भी मुस्कुरा कर चुपके-चुपके श्रीजी के पास जाकर बैठा और बोलने वाला था कि श्रीजी देखी और अपने एक उंगली को मुंह में रखकर इशारा से बोली " शशशशश..चुप ....वो धीरे से फुसफुसाई"अक्षा दीदी मुझे देख लेगी ...


माणिक भी छुपा घुटनों के बल बैठा और धीरे-धीरे फुसफुसाया " दीदी क्यों ढूंढ रही है ...??


श्रीजी भी मुस्कुरा कर फुसफुसाई" हम हाईडेंछी खेल लहे है डैड , बड़ा मज़ा आ लहा है दीदी मुझे ढूंढ नहीं पा रही है ...!!


माणिक ने मुस्कुराते हुए बोला " ओह अच्छा.....तभी

अक्षा भी धीरे धीरे चुपके-चुपके चलकर आई और सोफे पर बैठ कर पीछे देखते हुए बोली " ओह सच में....!!उसकी आंखें माणिक को देखी और चौंक गई फिर माणिक भी पलकें उठाकर देखा और एक दूसरे के सीधे आंखों में देखे एक दो सेकंड तक.... श्रीजी अपने डैड को देखने लगी अक्षा के बात सुनकर मुंह उतर गई क्योंकि श्रीजी को अक्षा ढूंढ लिया था...

माणिक के आंखों में देखी तो अक्षा और तुरंत नजरें फेर लिया और खड़े हो कर बोली " श्री बाहर आ जाओ मैंने तुम्हें देख लिया है ।।

श्रीजी सोफे के पीछे खड़ी हुई अक्षा के तरफ सामने होकर फिर माणिक भी खड़े हुआ और बोला " चलो अब गेम ओवर हुआ है डिनर करते हैं मुझे बड़ी भूख लग रही है वो बोलते हुए अपने कमरे जाने के लिए सीढ़ियां चढ़ने लगा...

श्रीजी अक्षा के पास आई और तोतली भाषा में बोली " दीदी आपको कैछे पता चला मैं छोफे के पीछे छुपी हुं जलूल डैड कि बात छुनकर आई हो ना ...

अक्षा श्रीजी को गोद में उठाकर वाशबेसिन के तरफ लेकर जाते हुए बोली " नहीं.. मैंने कोई आवाज नहीं सुनी आपकी और आपके डैड कि ..

श्रीजी अक्षा के गोद में ही अपना हेडवॉश किया और ऊपर मिरर के पास लगे टावेल से हाथ पोछी वो बहुत खुश थी फिर अक्षा श्रीजी को गोद से उतारते बोली आप जाओ डायनिंग टेबल पर बैठो मैं भी अपना हेडवॉश करके आई ...

श्रीजी गोद से उतर कर डायनिंग टेबल पर आई तो मेड ने उसे चेयर पर बैठाई ...

अक्षा भी आ गई डायनिंग टेबल पर और माणिक भी आ गया ,अक्षा अब मन सोची "डायनिंग टेबल पर माणिक सर जरूर उससे रणविजय के बारे में पूछेंगे क्या बताऊंगी ....


माणिक ने कहा " क्या हुआ मिस देसाई उषा ने खाना परोस दिया है खाना खाओ और मेरी प्रिंसेस आज क्या क्या किया किंडरगार्टन में क्या सीखा ..

श्रीजी को उषा खाना खिला रही थी और अपने आज का दिन कि खेल कूद के बारे में बताई ...


माणिक ने फिर अक्षा को देखा और बोला " मिस देसाई कल हम विपिन वालिया के पार्टी में जाएंगे वहां अधिकतर फिल्म इंडस्ट्री से लोग आएंगे और हम अपनी एल्बम के प्रमोशन करेंगे साथ कुछ लोगों को इन्वाइट भी करेंगे एल्बम तैयार हो गई है तो चार दिन बाद एल्बम रीलिज करने के लिए एक ग्रैंड पार्टी होगी , तुम्हारे पास पार्टीवियर नहीं होंगे कल हम शॉपिंग पर चलेंगे ओके...


अक्षा ने सिर हिला दिया हां बोलकर..!!


इधर ....


रणविजय दस बजे मीटिंग खत्म किया जब मीटिंग खत्म हुई तो वो अपने ऑफिस के केबिन में आया अपने चार खास अस्सिटेंट और सिराज के साथ कुछ हिदायत देते हुए...

पांचों शांत और कान खोलकर रणविजय कि एक एक बात सुनकर सिर हां में हिला रहे थे और मुंह से "यस प्रेसिडेंट ..यस प्रेसिडेंट बोल रहे थे....

थोड़ी देर बाद अस्सिटेंट चले गए और सिराज वहीं खड़े रहे और बोले " प्रेसिडेंट रणविजय घर चलना है रात के 10 :30 हो चुके हैं...


रणविजय ने कहा " सिराज आज मुझे घर जाने का मन नहीं हो रहा है आज मैं यही स्टेय करूंगा तुम डिनर ऑर्डर करो ... फिर वो उठा और एक गुप्त कमरे में प्रवेश किया यहां उसकी एमरजेंसी बेडरूम हैं कभी लेट होने पर यहीं स्टेय करता है ,इस कमरे में एक बिग साइड बेड है बड़े-बड़े वॉडरोब जिसमें रणविजय के कपड़े से लेकर बिजनेस सूट , शूज़ वा अन्य जरूरी चीजें रखा है बड़ी-बड़ी शेल्फ जहां बुक और कीमती फाइल रखा है , बैठने के लिए काउच , मेज़ है ,दीवार पर एक बिग साइज टीवी है , पूरे तरह से आराम दायक कमरा था , रणविजय वाशरूम जाकर शावर लेते हुए अक्षा को याद करने लगा जब तक सिराज मेस से खाने का ऑर्डर दिया ...

रणविजय शावर लेते हुए अक्षा के बातों को याद कर रहा था

अक्षा के होंठ हिलते हुए " मेरा सडनली उस घर को छोड़ना मुश्किल होगी .....

आपके पैरेंट्स ज़िद करें तो हम आपस में सुलह करके डिवोर्स ले सकते हैं..

रणविजय अपने आंखें बंद किए मुठ्ठी भींच लिया और जल्दी से पानी के धार से बेतरतीब हो रहे बालों को अपने दोनों हाथों को उठाकर फेरते हुए कहा " नो ..नो चांस फोर डिवोर्स.. हां हम दोनों ने भले ही बिना सोचे इस शादी में आए हैं पर अब ये रियल हो चुका है ,तुम मुझे जानती नहीं हो अक्षा कि मेरी जिद्दी पन कितना सनक भरी है जब अपने पर उतर आऊं तो एक मिनट भी नहीं लगेगा तुम्हें मेरे पास आने में , शायद तुम रणविजय रावत को लाइटलिय ले रही हो , उसने आंखें खोली और शावर ऑफ किया और टावेल लेकर पोंछा गिले शरीर को फिर वो टावेल को कमर पर लपेट लिया और दरवाजे पर खड़े हुआ तो शावर रुम कि शीशे का दरवाजा स्लाइड होते हुए आटोमेटिक खुला और रणविजय बाहर आया,उसने वाशबेसिन के मिरर के पास टंगे बाथरोप निकाला और टावेल कमर से निकाला फिर सुखा टावेल लेकर गिले बाल पोंछते हुए वाशरूम से बाहर आया और कलोजेट रूम आया अपने लिए एक सिम्पल सा गुंची का टी शर्ट और लोवर निकाल कर पहना फिर कमरे में आया जहां मेज़ पर गरमागरम खाना सिराज प्लेट पर सर्व कर रहा था ...

रणविजय काउच में बैठा और बोला " सिराज कल से अक्षा पर और माणिक मल्होत्रा पर नजर रखो मेरे पास हर खबर होनी चाहिए अक्षा का ...

सिराज ने सिर हिला कर कहा "यस प्रेसिडेंट...


मल्होत्रा मेंशन में....


अक्षा खिड़की पर खड़ी रणविजय का दिया ड्रीम कैचर (विंड चाइम ) के हाथ में लेकर देखते सोचने लगी " मिस्टर रावत मुझे आपका दिल दुखाना अच्छा नहीं लगा , आप मुझसे नाराज़ हुए तो नहीं है, फिर वो एक लंबी सांस लेकर छोड़ी और बोली " मैं जस्ट अभी-अभी तो सिंगिंग में कदम रखी हुं , वो भी मिस्टर माणिक मल्होत्रा के दया करम पर ये मौका मैं खोना नहीं चाहती , ओबेसली मेरा सपना है सिंगर बनना तो किस तरह से मिल रहा है ये मैं नहीं सोचना चाहती ,और कोई राज नहीं छुपता तो मिस्टर रावत हमारी शादी कि बात भी लोगों के बीच एक दिन आ जाएगी पर अभी नहीं मैं अकेले रहना पसंद करूंगी और कैरियर बनाना चाहती हुं किसी बिजनेसमैन कि बीवी बनकर नहीं रहना चाहती !! आपने कहा कि आपके पैरेंट्स आपके लिए रिश्ता देख रहे हैं तो अच्छी बात है ना , हो सकता है वो लड़की बड़े खानदान से हो और मुझसे भी सुंदर हो जो आपको पसंद आ जाए फिर आप खुद मुझे डिवोर्स देना चाहे , तब तक ऐसे ही छोड़ दो धागों को ...

अगले दिन...

माणिक मल्होत्रा अपनी बेटी और अक्षा के साथ बड़ी सी मॉल आए थे यहां आने से अक्षा को हैरानी हुई माणिक से बोली " सर आज मॉल में कोई भी नहीं है आज कहीं मॉल बंद होने का दिन तो नहीं है ..??

माणिक मल्होत्रा भी थोड़ा शॉक्ड था वो इधर-उधर देखते हुए कहा" हां मैं भी यही सोच रहा हुं कि मुंबई कि सबसे पॉश मॉल है , यहां सिर्फ ब्रांडेड कपड़े ही मिलते हैं तो लोग यहां क्यों नहीं है या हो सकता है किसी अमीरजादे ने पूरी मॉल खाली करवाई हो अपने सिक्योरिटी के लिए वो दोनों बात करते हुए स्टएयर्स में चढ़ने लगे फिर वो लेडी सेक्शन के तरफ आए ...


सिराज सीसीटीवी कैमरे कि फुटेज पर अक्षा और माणिक मल्होत्रा को देख रहे थे और अपने वायरलेस वॉकी-टॉकी पर रणविजय से कॉन्टैक्ट कर बात कर रहा था ...

रणविजय इस वक्त मॉल के पार्किंग पर अपनी मर्सडीज जगुआर पर बैठे सिराज कि बात सुन रहा था ...

सिराज ने कहा " प्रेसिडेंट आप आ जाइए यहां सिर्फ स्टाफ के कुछ लोग हैं ...

रणविजय ने तिरछी मुस्कान दिया और कहा" ओके ...


कहानी जारी है....

पाठकों जब तक आपकी कहानी को लेकर कमेंट नहीं आएंगे पार्ट देर से अपलोड होगी , हमें यहां कोई आमदनी नहीं होती है हम सिर्फ पाठक के कमेंट्स के भूखे हैं तो कृपया कमेंट करें नेक्स्ट पार्ट के लिए

जय श्री कृष्णना 🙏