खुराना मेंशन - रात नौ बजे
"डायनिंग टेबल में सभी डिनर के लिए बैठे हुए खाना खाते,,,
संजय खुराना ने अपने डैड से बोला, "आपके लिए एक न्यूज़ हैं,
जगत खुराना ने चम्मच से बिरियानी को अपने मुंह तरफ बढ़ाते हुए संजय को देखकर बोला , " हां..बोलो ..??
संजय खुराना ने कहा ," डैड रणविजय रावत को रणधीर रावत का पोजिशन और पावर मिल गया है ,और बनारस में पंडित जी का वो जमीन मिला है हमारे आदमी का फोन आया था कि रणविजय से कुछ अंदरुनी बातचीत हुई और जमीन का दारोमदार रणविजय की हुई है पंडित जी की बेटी इस समय मुंबई आई है हमारे पार्टनरशिप वाली संगीत युनिवर्सिटी में..!!
जगत खुराना ने कहा ,"ये अच्छी खबर है , लेकिन रणविजय को इस तरह से आगे बढ़ेगा मैंने सोचा नहीं था अब उसकी पावर बड़ी होगी तो हमारे हाथ से बहुत से कॉंन्ट्रैक्ट छिन सकता है अभी तो उसने मुंबई और बनारस की ही जमीन चली गई..उसी समय
हेलो एवरीवन आज क्या खास हैं मॉम खाने में ...सक्षम डायनिंग टेबल के चेयर खिसकाकर बैठते हुए बोला ..!!
मिसेज शीतल खुराना ने मुस्कुराते हुए कहा,"बेटा आज सभी के पसंद का कुछ ना कुछ बना है तुम भी देखो अपने पसंदीदा खाना को ..!!
सक्षम खुराना ने कहा मुस्कुराते हुए,"हां मॉम और अपने लिए प्लेट सामने रखा और बाउल उठाकर खाना सर्व करने लगा ..!!
सनाया संजय की पत्नी ने कहा," डैड , कल दोपहर को मिनिस्टर से लंच में मुलाकात होगी स्लम एरिया के रिनोवेशन के टेंडर के लिए बात होगी ,आप मिनिस्टर को चुनाव के लिए पैसा के बारे में भी बात कीजिएगा ..!!
संजय ने कहा ," मिनिस्टर सज्जन पांडे है तो तुम भूल जाओ वो रणविजय का खास है ..!!
शीतल खुराना ने कहा ," ठीक है लेकिन कोशिश करने में क्या जाता है..!!
सक्षम ने कहा ," उसका भतिजा मेरे क्लास मेट है तो मैं कोशिश करू??
सनाया ने सक्षम से बोली ," नहीं तुम रहने दो डैडी जी को डायरेक्ट साथ बैठकर बात करेंगे बस रणविजय को इस मीटिंग के बारे में पता नहीं चलनी चाहिए
शीतल ने थोड़ा गुस्सा करते बोली ," तुम लोग खाने के समय भी बिजनेस की बात लेकर बैठ जाते हो..!!
सक्षम ने कहा ,"मुझे समझ नहीं आया की रणविजय हमेशा हमारे कामों के बीच डेविल की तरह क्यों आता है ..!!
शीतल ने कहा,"दरसअल तुम्हारी दीदी नीलम और रणविजय एक दूसरे को पसंद करते थे लेकिन तुम्हारे डैड और रणधीर रावत के दुश्मनी के वजह से हमने नीलम की शादी तुम्हारे जीजा सिद्धांत मल्होत्रा से कर दिया वो अमेरिका मे बड़े बिजनेसमैन हैं और उसने नीलम से शादी की इच्छा जाहिर किया था तो हम लोगों ने फैसला किया कि नीलम की शादी उसके साथ करना है ये सब तुम्हें नहीं बताया क्योंकि तुम दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे तुम्हें सबसे दूर रखा था हम लोगों ने ..!!
सक्षम ने कहा,"ओह .. इसलिए रणविजय दुश्मनी निभा रहा है ..!!
सनाया ने कहा ,"हां..उसने डैड को खुली चेतावनी दिया है उसके बिजनेस को बढ़ने से वो रोकेगा इसलिए हमारे पीछे पड़ा है हमारी डील के बारे में पता चलता है तो वो मुश्किल पैदा करता है , जैसे अभी हाल ही में बनारस में एक अच्छी जमीन जो पंडित मनोहर देसाई की पता चला था हम वहां होटल की बिजनेस करने वाले थे पर रणविजय ने कुछ गडबड किया और पंडित जी ने रणविजय से हाथ मिला लिया ..!!
सक्षम को याद आया पंडित मनोहर देसाई की पोती अक्षा देसाई मुंबई में है फिर उसने कहा,"भाभी पंडित जी की कोई पोती है क्या ..??
संजय ने जवाब दिया,"हां .. हमारे आदमियों को पता चला है कि उसकी पोती हमारी पार्टनरशिप वाली संगीत युनिवर्सिटी में एडमिशन लिया है जहां तुम जाते हो ..!!
सक्षम खुराना ने कहा,"हां एक न्यू एडमिशन अक्षा देसाई बनारस से आई है ..!!
सनाया - "वाव, सक्षम तो समझदारी से काम लो फिर ताकि जमीन वापस हमारे पास आए क्योंकि करोड़ों की जमीन है और अरबों पैसा देगी वो ..!!
सक्षम ने कहा खुरापाती मुस्कान देते हुए,"हां भाभी जरूर ,वो जमीन अब दौड़कर आएगी ...!!
संजय ने कहा ," सक्षम हमारी बिजनेस बढ़े तो हमारे लिए ही अच्छा है ..!!
सक्षम ने कहा,"ओके मेरा खाना हो गया मैं चला बाय ..!!
शीतल - कहां??
सक्षम जाते हुए ," पब जा रहा हूं..!!
जगत खुराना जो सक्षम सनाया और संजय की बात सुन रहा था वो बोला ," खाना खा के कौन जाता है..??
सक्षम ने मुस्कुराते हुए कहा ," मैं जाता हूं डैड वो क्या है ना मुझे बाहर की खाना हज़म नहीं होती "बाय एवरी वन
आई एम गोइंग,,,
जगत खुराना मुस्कुराते हुए कहा ," "अगर सक्षम ने पंडित की पोती को अपने दोस्त बनाकर उस जमीन को हमारे तक लाया तो हमारे लिए बहुत बड़ी जीत होगी और रणविजय को मात देने शुरूआत होगी ..!!
संजय ने कहा ,"सक्षम अगर समझदारी से काम लेगा तो जरूर होगा डैड ..!!
सनाया ने कहा ,"सक्षम जो भी ट्रीक लगाए वो काम आया तो बहुत तेज दौड़ेगी हमारी किस्मत..!!
रात हो रही थी
अक्षा गाने में धुन थी .. तभी रणविजय ऑफिस से आया और सीढ़ियों पर चढ़ने लगा चढ़ते हुए उसने एक बेहद प्यारी मीठी आवाज सुनाई दिया ... रणविजय अक्षा के कमरे तक आया दरवाजा हल्का खुला था ....
गाना....
"अजनबी कौन हो तुम, जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम...
तुम तो हर गीत में शामिल थे, तरन्नुम बन के
तुम मिले हो मुझे फूलों का तबस्सुम बन के
ऐसा लगता है के बरसों से, शनासाई है
अजनबी कौन हो तुम...
(रणविजय दरवाजा खोला तो सामने अक्षा खिड़की पर खड़े गाना
गा रही थी और खिड़की पर लगे विंडचाइम्स को उंगलियों से घुमा रही थी )
गाना....
ख़्वाब का रंग हक़ीक़त में नज़र आया है
दिल में धड़कन की तरह कोई उतर आया है
आज हर साँस में शहनाई सी लहराई है
अजनबी कौन हो तुम...
कोई आहट सी, अंधेरों में चमक जाती है
रात आती है, तो तनहाई महक जाती है
तुम मिले हो या मोहब्बत ने ग़ज़ल गाई है
अजनबी कौन हो तुम... ये आखिरी लाइन गाते हुए पीछे पलटकर देखी तो सामने रणविजय था अक्षा आंखें फैला कर देखने लगी और अपने मुंह पर हाथ रख लिया..
रणविजय मुस्कुराते हुए धीरे धीरे कदम लेते हुए कहा,"सॉरी .. मैं तुम्हारे गाने के मीठी आवाज में चला आया , मुझे इस तरह से नहीं आना चाहिए था पर डोंट वरी डरो नहीं मैं जा रहा हुं अगली बार दरवाजा बंद करके गाना गाना सॉरी वो बोला और वापस चला गया ..!!
अक्षा दौड़कर दरवाजा लगाने आई और अपने सिर को चपत लगाई और बोली,"कैसी भूलकड़ हुं इस तरह से अचेत रहना सही नहीं है
कहानी जारी है...
जय श्री कृष्णना 🙏